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9 Techniques to Increase Growth in Job

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1.जाॅब में ग्रोथ बढ़ाने की 9 तकनीक (9 Techniques to Increase Growth in Job),कम्पनी में ग्रोथ बढ़ाने की 9 तकनीक (9 Techniques to Increase Growth in Company):

  • जाॅब में ग्रोथ बढ़ाने की 9 तकनीक (9 Techniques to Increase Growth in Job) के आधार पर एम्प्लाॅई जान सकेंगे कि अपनी तरक्की के लिए क्या फन्डे अपनाएं? किस रणनीति पर अमल करें जिससे उसकी समय-समय पर तरक्की होती रहे।
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2.जाॅब में आगे कैसे बढ़ें? (How to Move Forward in Jobs?):

  • आधुनिक युग प्रतियोगिता का युग है अतः आज जो तकनीक है कल वह ओल्ड और आउटडेटेड हो जाती है।अतः पुरानी स्किल्स के साथ काम करना अच्छी बात है परन्तु नई स्किल्स भी सीखें।यदि आप पुरानी स्किल को ही पकड़े रहेंगे और नई स्किल्स की जानकारी नहीं रखेंगे तो आपकी नौकरी के जाने के खतरे बढ़ जाएंगे।कंपनियां ऐसे एम्प्लॉइज की छँटनी कर देती है और नई टेक्नोलॉजी को सीखने वाले को यथावत रहने देती है।नए एम्प्लॉइज को मौका देती है जो नई स्किल्स की जानकारी रखते हैं।अतः आपको भी नई स्किल्स,नई तकनीक सीखते रहना चाहिए जिससे आप डिमांड में बने रहेंगे,आपकी जरूरत महसूस की जाती रहेगी।उदाहरणार्थ इस समय AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की जरूरत महसूस की जा रही है।अतः आपको भी समय रहते इसे सीख लेना चाहिए।
  • नई स्किल्स सीखकर ही चुपचाप न बैठ जाएं बल्कि अपने बॉस को इससे रूबरू करायें और जहां आवश्यक हो वहाँ उसका रिप्रेजेंटेशन करके दिखाएं ताकि आपके टैलेंट का,आपके ज्ञान का ऑफिस के अधिकारियों को पता चल सके,जिससे यह आपके तरक्की का आधार बन सके।
  • चुनौतियों से दूर भागने के बजाय उसका सामना,समाधान करें।चुनौतियां वे होती है जिन्हें आप हैंडल नहीं कर चुके हैं,जिनका सॉल्यूशन आपको पता नहीं है,ऐसी समस्याओं को आप अपने ज्ञान तथा अनुभव के आधार पर सॉल्व कर सकते हैं।यदि आप अपनी कमजोरी प्रकट करेंगे,बाॅस को कहेंगे कि वह इसके बारे में कुछ नहीं जानता है तथा वह इसका समाधान नहीं कर सकता है या नहीं करेगा।ऐसी स्थिति में आपकी नेगेटिव पिक्चर बनेगी और आपकी ग्रोथ नहीं हो सकेगी।चुनौतियों का समाधान करने से आपकी कार्य क्षमता बढ़ती है और इससे आपमें आत्मविश्वास बढ़ता है।आप ज्यों-ज्यों चुनौतियों का सामना करते हैं और उन्हें हल करते जाते हैं तो आपको नए-नए मौके मिलते हैं।इस खूबी के कारण आप कंपनी की गुड बुक में शामिल हो जाते हो।खतरे उठाने और उनसे बाहर निकल जाने से व्यक्तित्व में परिपक्वता आती है।

3.कंपनी की गोपनीयता भंग ना करें (Do not breach company confidentiality):

  • आज के युग में हर कंपनी चाहती है कि उसकी साख बढ़े,दूसरी कंपनी को शिकस्त देकर शीर्ष पर पहुंचना चाहती है।ऐसी स्थिति में आप जिस भी कंपनी में एम्प्लाॅई हैं तो उस कंपनी के प्रति वफादार रहें।यदि आप कंपनी के किसी वर्क की जानकारी अन्य कम्पनी के कर्मचारी के साथ शेयर करेंगे तो दूसरी कंपनी वही वर्क पावरफुल तरीके से,समय से पहले मार्केट में उतार सकती है।इस प्रकार की आदत से आपकी विश्वसनीयता घटती है,आपने दूसरे एंप्लॉई के साथ जो जानकारी शेयर की थी उसके पीछे मंशा गलत नहीं थी।परंतु आपके द्वारा जानकारी बताने से आपकी कंपनी को नुकसान हुआ न।अतः आपका कितना ही घनिष्ठ मित्र हो तब भी यदि वह दूसरी कंपनी में कार्यरत है तो गोपनीयता का ध्यान रखें और कोई ऐसी जानकारी का रहस्य उसके साथ साझा न करें।
  • अगर आपसे कोई अनजाने में ऐसी गलती हुई है तो भी उसके लिए बाॅस से अपनी गलती स्वीकार करें और भविष्य में ध्यान रखें कि ऐसी गलती दोबारा ना हो।यदि आप बार-बार ऐसी गलती करते हैं तो आपको जाॅब से हाथ धोना पड़ सकता है और इससे आपको अन्यत्र कहीं भी जाॅब मिलने में परेशानी हो सकती है क्योंकि दूसरी कंपनी आपकी पूरी जांच पड़ताल करके ही रखना चाहेगी।

4.टीम को जॉब के लिए प्रेरित करें (Motivate the team to get the job):

  • यदि टीम का आपको दायित्व दिया गया है तो केवल अपनी परफॉर्मेंस बेहतर रखना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि पूरी टीम को आपका नेतृत्व करना है।पूरी टीम का नेतृत्व करने के लिए आपको कुछ खास बातों पर फोकस करना चाहिए।सबसे पहले तो टीम का लक्ष्य जानें और प्रत्येक टीम के सदस्य को उस लक्ष्य के बारे में बताएं और उस लक्ष्य को किस विधि से प्राप्त किया जा सकता है इसकी जानकारी भी दें।
  • टीम के सदस्यों के सामने कई बार अनपेक्षित कठिनाइयाँ आ जाती हैं,समस्याएं खड़ी हो जाती हैं और जब उनके प्रयास करने पर भी हल नहीं हो पाती हैं तो वे हतोत्साहित हो जाते हैं अतः ऐसे समय में उन्हें प्रेरित करते रहने की आवश्यकता है,उन्हें प्रेरित करें।साथ ही एम्प्लाॅई का दायित्व निश्चित करें।कौन-सा काम कौन-सा एम्प्लाॅई कर सकता है यह तय करके ही काम का सही डिस्ट्रीब्यूशन करें ताकि वे तन-मन से काम को संपन्न कर सकें।
  • काम की प्रक्रिया समझाएं और यदि उन्हें कहीं दिक्कत आती है तो उनका सहयोग करें।ऐसा आप तभी कर सकेंगे जब आपको काम की छोटी-छोटी बातें पता होंगी,आप काम को प्रैक्टिकली करना जानते हो अर्थात् आपको काम को करने का सैद्धांतिक ज्ञान ही नहीं हो बल्कि प्रैक्टिकल रूप से करने का भी ज्ञान हो।सही तरीके से ही काम को करने के तरीके बताएं,न कि गलत तरीके से काम को करने के तरीके बताएं।
  • टीम को जो भी लक्ष्य दिया गया है उसकी सबसे पहले रूपरेखा (योजना) बनानी होगी।कौन-सा काम कब और किसके द्वारा किया जाएगा।कैसे आपस में तालमेल रखकर काम करें।कार्य की योजना इस तरह बनाएं कि वह कार्य समय से पहले ही तैयार हो जाए ताकि उसमें कुछ भी सुधार या परिवर्तन करना हो तो बचे हुए समय में उसमें सुधार या संशोधन किया जा सके।काम करते समय कुछ ना कुछ कमी रह जाती है या समय के अनुसार कुछ बदलाव महसूस किया जाता है।इस प्रकार की कमी या बदलाव को समय रहते सुधार कर लिया जाता है तो काम अधिक श्रेष्ठ व सुंदर तरीके से संपन्न हो जाता है।

5.अपनी वीकनेस और स्ट्रांग क्वालिटी को पहचानें (Recognize Your Weakness and Strong Quality):

  • हर एम्प्लाॅई में कुछ कमजोरियाँ होती है तो उनमें कुछ स्ट्रांग क्वालिटीज भी होती हैं अतः इन्हें पहचानने की कला सीखें।यदि आपने अपनी कमियों और शक्तियों को पहचान लिया तो किसी जॉब में आधी सफलता मिल जाती है।अपनी खूबियों और कमजोर पक्ष को पहचानना इसलिए जरूरी है क्योंकि तभी कमियों में सुधार करके इंप्रूवमेंट कर सकते हो और अपनी शक्तियों को दमदार तरीके से इस्तेमाल कर सकते हो।इसका अर्थ यह नहीं है कि कमजोरियाँ पहचानते ही एकदम छूमंतर हो जाएंगी और स्ट्रांग पक्ष एकदम से शक्तिशाली बन जाएगा।धीरे-धीरे ही कमियाँ दूर होंगी,इसलिए जल्दबाजी न करके धैर्य रखने की जरूरत है।छोटे-छोटे टारगेट सेट करके अपनी कमियों में सुधार करें।
  • कमजोरियाँ किसी भी टास्क को करने से दूर होंगी और आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।सबल पक्ष और अधिक मजबूत होगा तो आत्मविश्वास बढ़ता जाएगा।आत्मविश्वास बढ़ेगा तो किसी भी टास्क को करने में घबराहट नहीं होगी,आप में परिपक्वता आएगी।आपकी तरक्की,पदोन्नति और वेतन बढ़ने के चांसेज बढ़ जाएंगे।
  • कोई भी एम्प्लाॅई या व्यक्ति काम करने की कला माँ के पेट से सीखकर नहीं आता है।सबकुछ जन्म लेने के बाद ही सीखना पड़ता है,आपके पूर्व संस्कार हैं तो भी उन्हें आपको जगाना पड़ेगा।यह संसार कर्मभूमि है,यहीं पर लोट-पड़कर,विपत्तियों से टक्कर लेकर व्यक्ति आगे बढ़ता है।यदि वह विपत्तियों,समस्याओं से घबराकर हथियार डाल देता है तो गई गुजरी स्थिति में पड़ा रहता है।यदि संघर्ष करता है,विपत्तियों से टक्कर लेता है तो आगे बढ़ता चला जाता है।

6.सुझाव व आइडिया कैसे दें? (How to give suggestions and ideas?):

  • यदि आपके पास कंपनी के काम को आगे बढ़ाने के आइडियाज हैं तो उन्हें उचित प्लेटफार्म पर और उचित समय पर ही दें।हर मीटिंग का एक निश्चित एजेन्डा होता है अतः यदि उससे संबंधित कोई बढ़िया आईडिया है तो जरूर दें,लेकिन बाॅस या मीटिंग को संचालित करने वाले से आज्ञा लेकर ही।यदि बार-बार और बीच-बीच में बिना इज्जत आप बोलेंगे तो यह अशिष्टता होगी क्योंकि इस प्रकार हर कोई एम्प्लाॅई बोलने लग जाएगा तो मीटिंग को किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंचाया जा सकता और अव्यवस्था हो जाएगी।
  • मीटिंग को सुचारू रूप से तभी संचालित किया जा सकता है जबकि उसके नियम और अनुशासन का हम पालन करेंगे।यदि मीटिंग के एजेंडे से हटकर आपके पास आइडिया है तो अपने बॉस से समय लेकर बताएं।इस प्रकार से कही गई आपकी बात या सुझाव का वजन भी होगा और यह शिष्टाचार भी है।कुछ भी बोलना या मीटिंग के एजेंडे से हटकर बोलने से मीटिंग अपने उद्देश्य से भटक जाती है और उसका कुछ भी निष्कर्ष नहीं निकलेगा।उसका दोषी आपको ही माना जाएगा।
  • यदि कोई अन्य बोल रहा हो तो बीच में टोकाटोकी ना करें,उसे भी आपकी तरह बोलने का पूरा हक है।हो सकता है जो वह बोल रहा है उसके विचारों से आप सहमत न हों या आपके विरुद्ध ही कुछ बोल रहा हो।परंतु उसकी पूरी बात सुनें और फिर बाॅस से इजाजत लेकर अपनी बात रखें।यदि उसने आपके विरुद्ध कुछ कहा है तो उसका जवाब तर्क और युक्ति से दें परंतु विनम्रतापूर्वक।आवेश में आकर कही गई आपकी सही बात को भी गलत समझा जा सकता है,हो सकता है आपके अशिष्टतापूर्वक बात कहने से आपकी बात को तवज्जो ही नहीं दी जाए।अपनी बात को मधुर और स्पष्ट शब्दों में कहेंगे तो आपकी बात सुनी भी जाएगी और उस पर गौर भी किया जाएगा।

7.वार्षिक परफॉर्मेंस रिपोर्ट (Annual Performance Report):

  • हर एम्प्लाॅई तथा अधिकारी की वार्षिक परफॉर्मेंस रिपोर्ट (APR) भरी जाती है।उसमें एम्प्लाॅई द्वारा अच्छे कार्यों तथा नकारात्मक कार्यों का विवरण दर्ज किया जाता है।यह एपीआर पदोन्नति के समय पर (सभी वर्षों की) देखी जाती है और तब पदोन्नति की जाती है।यदि आपकी एपीआर में नकारात्मक कार्यों का विवरण अधिक अंकित है तो आपको पदोन्नति नहीं मिल पाएगी।अतः जब भी एपीआर भरी जाए तब उसको ध्यान से देखें और यदि उसमें आपके विरुद्ध गलत लिखा गया है या आपके कार्यों की समीक्षा साधारण ढंग से की है जबकि आपने उत्कृष्ट कार्य किया है तो बाॅस को विनम्र शब्दों में अपनी आपत्ति बताएं।
  • कई बार एपीआर को दिखाकर एंप्लॉई को रिवाइज करने का समय भी दिया जाता है।अतः रिवाइज के समय जो भी गलत रिपोर्ट अंकित हुई है,उसमें सुधार करवायें।अपने पक्ष में जो भी बात कहें वह तर्क,युक्ति और प्रमाण के साथ कहें,अगर कोई डॉक्यूमेंट प्रस्तुत करना जरूरी है तो प्रस्तुत करें।आपने इस दौरान कोई विशेष योग्यता,डिग्री प्राप्त की है,स्किल सीखी है तो उसको भी एपीआर में मेंशन करवायें।
  • ध्यान रहे एपीआर एम्प्लाॅई द्वारा नहीं भरी जाती है बल्कि बाॅस द्वारा एम्प्लाॅई की भरी जाती है।आपको अपनी बात कहने का हक है,उस पर विचार करना,उसको दर्ज करना बाॅस पर निर्भर करता है।यदि बाॅस द्वारा परफॉर्मेंस रिपोर्ट सही नहीं भरी है,आपकी बात को सुना नहीं जाता है या सुना जाता है परंतु गौर नहीं किया जाता है,आपके टैलेंट की कद्र नहीं की जाती है,आपके द्वारा बार-बार ध्यान आकर्षित करने पर भी अवहेलना की जाती है तो दूसरा रास्ता (अन्य कंपनी में जाॅब) अपनाना चाहिए।

8.नकारात्मक बातें न करें (Don’t talk negatively):

  • ऑफिस में अपने साथी एम्प्लाॅई के साथ नकारात्मक बातें न करें।ऑफिस को अपनी व्यक्तिगत बातें करने का अड्डा ना बनाएं,भले एम्प्लाॅई के साथ आपकी मित्रता हो।यदि जरूरी ही है तो एकांत में या रेस्ट रूम में जाकर बात करें क्योंकि सबके सामने बातें करने से ऑफिस का माहौल खराब होता है।इस पर विचार करें कि सभी आपकी तरह करने लग जाएंगे तो अन्य एम्प्लाॅईज डिस्टर्ब होंगे,ऑफिस का काम प्रभावित होगा,आपका स्वयं का काम भी प्रभावित होगा।
  • हां,यदि आपके जाॅब से संबंधित कोई बात पूछनी है तो अपने सहकर्मी या बाॅस से चर्चा कर सकते हैं।क्योंकि यह वार्ता ऑफिस के जाॅब को निपटाने के लिए की जा रही है।हर एम्प्लाॅई हर कार्य में दक्ष नहीं होता है,अपने जाॅब की सभी बातों को जानने में पारंगत नहीं होता है।जाॅब से संबंधित नियमों में कुछ ना कुछ बदलाव होता रहता है,अतः आपस में कुछ बातों पर वार्ता करने से जॉब में आने वाली कठिनाई सुलझ जाती है।ऐसी वार्ता जाॅब को बेहतर तरीके से और समय पर निपटाने के लिए की जाती है,अतः जरूरी है।
  • कुछ एम्प्लाॅई अपने घर-परिवार की समस्याओं का रोना रोते हैं,इससे ऑफिस का काम प्रभावित होता है।अथवा अनावश्यक बातों का सिलसिला शुरू करते हैं तो रुकते ही नहीं और शुरू हो जाते हैं।आप यह न समझें कि ऐसी बातें बॉस के पास पहुंचती नहीं है,बॉस के प्रति वफादार एम्प्लाॅई आपकी इन बातों को अवश्य पहुंचा देते हैं।आपके द्वारा काम कैसे किया जाता है,क्या बातें की जाती हैं,आप अच्छा काम करते हैं या काम में लापरवाही करते हैं,आप बातें अधिक करते हैं और काम कम करते हैं,या काम अधिक करते हैं तथा बातें कम करते हैं,आप किसी काम को कितनी अधिक कुशलता से निपटाते हैं,आपकी जॉब पर कितनी पकड़ है,आप अन्य एम्प्लॉइज को उनके काम में कितना सहयोग करते हैं आदि आपकी सभी बातों को बाॅस तक पहुंचाया जाता है।
  • इस प्रकार आपकी एपीआर (annual performance report) या एपीए (annual performance appraisal) तैयार होती है और उसमें औपचारिक तथा अनौपचारिक रूप से बॉस के पास पहुंची इन बातों के आधार पर निर्णय लिया जाता है कि क्या-क्या मेंशन करना हैं।हालांकि बॉस के पास आपकी गलत रिपोर्ट भी भेजी जा सकती है परंतु बाॅस भी आपके काम की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्वयं भी जांच करते हैं,केवल एम्प्लॉइज द्वारा पहुँचाई गई बातों से ही निर्णय नहीं ले लेते हैं।आपको स्वयं भी सजग रहना चाहिए कि आपके कौन हितैषी हैं,कौन आपसे ईर्ष्या करते हैं।आपके विरुद्ध कोई षड्यंत्र तो नहीं रचा जा रहा है,यदि ऐसा कोई षड्यंत्र रचा जा रहा है तो उसे जड़ से समाप्त कर दें।
  • कुछ एम्प्लाॅई वाकई में मेहनती होते हैं,अपने काम से काम रखते हैं,इधर-उधर की बातें नहीं करते,ना किसी की नुक्ताचीनी करते हैं।इस प्रकार के एंप्लॉई के अनेक विरोधी हो जाते हैं,उसे ऊपर चढ़ते हुए नहीं देख पाते हैं।उन्हें अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है,तब कहीं जाकर उन्नति करते हुए ऊपर चढ़ते हैं।इस पूरी प्रक्रिया में अनेक उनके सहकर्मी,ऑफिसर नाराज हो जाते हैं और उनकी आलोचना करना प्रारंभ कर देते हैं।कहते हैं कि आलोचना उसी की होती है जिसमें कोई गुण होता है।जब अन्य एम्प्लाॅईज आपकी आलोचना प्रारंभ कर दें तो यह मान लो कि आप तरक्की कर रहे हो,आपकी जॉब करने की दिशा सही है,सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।आलोचना तो कोई भी कर सकता है पर जाॅब को एक्सीलेंट तरीके से कुशल और गुणी एम्प्लाॅई ही कर सकता है।
  • अतः कभी भी अन्य एंप्लॉईज को खुश करने के लिए बेकार,फालतू और नकारात्मक बातों में बर्बाद ना करें।अपने जॉब में निष्ठा रखें और पूर्ण ईमानदारी तथा निष्ठा के साथ अपने कर्त्तव्यों का पालन करें।सही एम्प्लाॅई की पहचान देर से होती है,लेकिन एक बार एम्प्लाॅई अपने उसूलों पर डटने का निश्चय कर ले और उसी पर चलता रहे तो आपकी तरक्की भी होगी,आपके काम की पहचान भी बनेगी और आपकी आलोचना करने वाले,षड्यंत्र रचने वाले व्यक्ति बेनकाब हो जाएंगे।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में जाॅब में ग्रोथ बढ़ाने की 9 तकनीक (9 Techniques to Increase Growth in Job),कम्पनी में ग्रोथ बढ़ाने की 9 तकनीक (9 Techniques to Increase Growth in Company) के बारे में बताया गया है।

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9.जाॅब छोड़ दूंगा (हास्य-व्यंग्य) (I will Quit Job) (Humour-Satire):

  • विमलःअगर बॉस ने अपने शब्दों को वापस नहीं लिया तो मैं जॉब छोड़ कर चला जाऊंगा।
  • रवि:क्या कहा था बाॅस ने तुम्हें,जो तुमने उसको दिल पर ले लिया।
  • विमल:बॉस ने कहा था कि तुमसे यह काम नहीं होता है और यही रवैया रखोगे तो जाॅब छोड़कर चले जाओ, तुम्हारी आवश्यकता नहीं है।

10.जाॅब में ग्रोथ बढ़ाने की 9 तकनीक (Frequently Asked Questions Related to 9 Techniques to Increase Growth in Job),कम्पनी में ग्रोथ बढ़ाने की 9 तकनीक (9 Techniques to Increase Growth in Company) से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.बाॅस नाराज हो तो तो क्या करें? (What to do if the boss is angry?):

उत्तर:एंप्लॉई को यह जानने की कोशिश करनी चाहिए कि बाॅस क्यों नाराज हैं।बाॅस से खुलकर बात करें और उनको यदि कोई गलतफहमी हुई है या किसी ने शिकायत की है तो उसे दूर करने का प्रयास करें।

प्रश्न:2.दूसरी जगह जॉब करने के लिए क्या करें? (What to do to get a job elsewhere?):

उत्तर:अपनी तरक्की और उच्च वेतनमान के लिए कई बार एक नौकरी छोड़कर दूसरी जगह नौकरी करने का निर्णय लेते हैं।परंतु कई बार यह निर्णय गलत हो जाता है,अतः पुरानी कंपनी में वापसी का रास्ता बंद ना करें।

प्रश्न:3.तरक्की के लिए और कौन से तरीके अपनाएं? (What other methods to promote?):

उत्तरःकंपनी के नियम और अनुशासन का पालन करें।किसी से लड़ाई-झगड़ा न करें,सभी से शिष्ट व्यवहार करें।अपने काम को दिल से करें,कस्टमर का पूरा ख्याल रखें।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा जाॅब में ग्रोथ बढ़ाने की 9 तकनीक (9 Techniques to Increase Growth in Job),कम्पनी में ग्रोथ बढ़ाने की 9 तकनीक (9 Techniques to Increase Growth in Company) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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