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7 Strategies for Success in Career

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1.करियर में सफलता के लिए 7 रणनीति (7 Strategies for Success in Career),अभ्यर्थियों के लिए करियर में सफलता की 7 बेहतरीन टिप्स (7 Best Tips for Career Success for Candidates):

  • करियर में सफलता के लिए 7 रणनीति (7 Strategies for Success in Career) के आधार पर आप करियर में सफलता तो प्राप्त कर ही सकते हैं,साथ ही आपकी प्रतिभा निखरेगी और आप यश,मान,प्रतिष्ठा भी प्राप्त कर सकेंगे।यों करियर में सफलता के लिए अनेक आर्टिकल इस साइट पर मिल जाएंगे,उनको पढ़ेंगे तो उनसे भी आपको मदद मिलेगी।
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2.हर दिन आत्मनिरीक्षण करें (Introspect every day):

  • रोजाना रात को सोते समय 5-10 मिनट अपने आपका आत्मनिरीक्षण करें।आपने अपना टास्क पूरा किया या नहीं।टास्क पूरा नहीं हुआ तो क्यों नहीं हुआ।क्या आपने अपनी क्षमता से अधिक टास्क ले लिया या फालतू गपशप करने में वक्त खराब कर दिया अथवा टास्क में कोई नई परेशानी खड़ी हो गई जिसको सॉल्व करने में समय व्यतीत हो गया अथवा पब्लिक डीलिंग अधिक हो गई या बॉस ने एक्स्ट्रा वर्क करने के लिए दे दिया अथवा सहकर्मी की मदद करने की वजह से टास्क पूरा नहीं हुआ आदि।इस प्रकार अपने आपका रोजाना आत्मनिरक्षण करेंगे तो अपनी कमजोरी और क्षमता को पहचान पाएंगे।
  • हर दिन कोई न कोई नई समस्या आ सकती है लेकिन टास्क को पूरा करने के लिए आपको एक्स्ट्रा समय देना चाहिए।ऐसी सोच न रखें कि मुझे ओवरटाइम तो दिया नहीं जाता है तो फिर एक्स्ट्रा टाइम देकर क्यों काम करूं।कभी-कभी एक्स्ट्रा समय में टास्क को पूरा करने में हर्ज नहीं है।नई मुश्किलें सामने आ जाए या कोई अप्रत्याशित घटना के कारण आप टास्क को पूरा नहीं कर पाएं तो अपने अनुभव से उसको सॉल्व करने की कोशिश करें।पूरे दिन के टास्क को छोटे-छोटे टुकड़ों में बाँटे और उनके लिए समय निर्धारित कर लें कि अमुक कार्य इस समय तक कर लेना है।ऑफिस में जाने से पहले ही उसकी समरी लिख लें और उसके अनुसार काम को निपटाएँ।एकाग्रचित्त होकर पूर्ण समर्पण के साथ अपने काम को करेंगे तो कितना ही बड़ा लक्ष्य या जिम्मेदारी हो,आप उसको कर पाएंगे।आप अपने जॉब को लेकर इरिटेट (चिड़चिड़ापन) महसूस नहीं करेंगे।
  • अपने टास्क की समरी किसी नोटबुक पर लिख लें और उसको सामने रखकर अपने कार्य को अंजाम दें।आप इस तरह के बदलाव से खुद महसूस करेंगे कि काम को निपटाना कितना आसान हो गया है।जाॅब को निपटाने में प्रोफेशनल नजरिया रखें अर्थात् जो टास्क सामने है उसको खूबसूरती से और समय पर निपटा दें।मूड को थोड़ा हल्का-फुल्का करने के लिए सहकर्मियों से संवाद कर सकते हैं,बीच में ब्रेक भी मिलता ही है।
  • अपने आप को उत्साहित करने के लिए अपनी उपलब्धियों पर नजर डालें और साथ ही इस पर भी चिंतन-मनन करें कि टास्क को और भी बेहतर तरीके से कैसे किया जा सकता है या किया जा सकता था।अपने काम को जिंदादिली से करने के लिए सहकर्मियों तथा बाॅस से कनेक्टिविटी रखिए।व्यक्तिगत तथा अनौपचारिक संबंध के बजाय प्रोफेशनल कनेक्टिविटी रखेंगे तो आपकी हर मुश्किल आसान हो जाएगी।आप काम करने में बोरियत महसूस नहीं करेंगे।करियर में सफल होने के लिए केवल कड़ी मेहनत और स्किल ही काम नहीं करती है बल्कि अनेक ऐसे औपचारिक और अनौपचारिक फैक्टर होते हैं जो आपकी सफलता सुनिश्चित करते हैं।लेकिन दरअसल हम इन चीजों को नजरअंदाज करते हैं और सफलता से वंचित रह जाते हैं।

3.टेक्नोलॉजी पार लगाएगी (Technology will transcend):

  • आधुनिक युग में मैन्युअल वर्क के बजाय कंप्यूटर और आधुनिक टेक्नोलॉजी से कार्य बहुत तीव्र गति से निपटाया जाता है।हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि आपको टेक्नोलॉजी का ज्ञान है तो आपका बेड़ा पार हो जाएगा।टेक्नोलॉजी के कितने ढोल-नगाड़े बजाए जाएं परंतु वह मानव की सोचने-विचारने,चिंतन-मनन करने का विकल्प नहीं हो सकती है।आपमें माननीय गुण,चिंतन-मनन,ईमानदारी,चारित्रिक गुण तो होने ही चाहिए साथ ही टेक्नोलॉजी का ज्ञान भी होगा तो सोने पे सुहागा का काम हो जाएगा।आपके गुण उस तरह से शोभायमान हो जाएंगे जैसे रत्नजड़ित स्वर्ण की शोभा बढ़ जाती है।समस्याओं को समझने,उनको सॉल्व करने के लिए चिंतन-मनन करने की क्षमता होनी चाहिए,आपको एक सक्सेस एम्प्लाॅई बनने के लिए जरूरी है।इन गुणों के कारण आपमें फ्लैक्सिबिलिटी का गुण विकसित होता है।जरूरी नहीं कि आप करियर में हर समस्या का समाधान कर ही सकते हों,कुछ अनसुलझी समस्याएं भी होती हैं अतः उनसे परेशान होने की जरूरत नहीं है।आप रात-दिन एक करके समस्याओं को सुलझा भी देंगे तो भी बहुत सी समस्याएं पेंडिंग रह जाएंगी।टेक्नोलॉजी का ज्ञान अवश्य लेते रहें,इससे आपको काम को आसान करने और शीघ्रता से निपटाने में मदद मिलेगी।
  • यदि आप पर टीम का दायित्व है तो आपमें नेतृत्व करने की स्किल भी होनी चाहिए।टीम को आप तभी आगे बढ़ा सकते हो जब आप एम्प्लॉइज को प्रेरित करते रहेंगे और उनके सामने आने वाली प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने के तरीके बताएंगे।एक नेता में अनेक गुणों की आवश्यकता होती है,प्रशिक्षण और अनुभव से उन्हें विकसित करते रहें।रचनात्मक सोच,मुश्किल समय में सकारात्मकता बहुत काम आती हैं।अतः अपने अंदर इन गुणों को विकसित करें।टेक्नोलॉजी तथा नई स्किल्स को आप यूट्यूब पर वीडियो देखकर या विभिन्न वेबसाइट्स से फ्री में या शुल्क भुगतान करके सीख सकते हैं।दोनों तरीके के वीडियो और वेबसाइट्स मिल जाएंगे।सीखने की ललक होगी तो आपको रास्ते भी मिल जाएंगे,लेकिन जो कुछ आपका सीखा हुआ है उसी से संतुष्ट रहेंगे तो अपनी स्किल को अपडेट या अपग्रेड नहीं कर पाएंगे।जबकि अपनी स्किल को अपडेट व अपग्रेड करते रहना आज के तकनीकी और विज्ञान के युग में बहुत जरूरी है।
  • कोडिंग की जानकारी,कंप्यूटर की विभिन्न भाषाएं,AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आदि का सीखना और भविष्य में आने वाली तकनीकी को सीखने के लिए अपने आप को तैयार रखना बहुत जरूरी है।
    अपने सहयोगियों और सबोर्डिनेट से केवल औपचारिक संबंध ही न रखें,बल्कि उनके साथ भावनात्मक जुड़ाव भी रखें।किसी एंप्लॉई के साथ कोई दुर्घटना घटित हो गई तो संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करना,हिम्मत बँधाना,उसको संभल प्रदान करना आज के युग में बहुत जरूरी है।
  • अपने सबोर्डिनेट एम्प्लॉइज की स्किल और प्रतिभा व योग्यता को पहचानें और उनकी काबिलियत का पूरा सदुपयोग करें।आप सही एम्प्लाॅई को उसके हुनर के अनुसार टास्क देंगे तो वह उसे करने में दिलचस्पी रखेगा।

4.विचारों को व्यक्त करने की कला सीखें (Learn the art of expressing ideas):

  • आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में किसी भी एंप्लॉई तथा व्यक्ति के लिए अपने विचारों,भावों,ज्ञान को अभिव्यक्त करने की कला भी सीखनी चाहिए।विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में परीक्षार्थी का इंटरव्यू इसलिए लिया जाता है कि वह अपनी बात को प्रकट करने में कितना सिद्धहस्त है।किस प्रकार किसी समस्या का सामना करने पर उसे सॉल्व कर पाएगा।हालांकि इस विषय में हमने एक लेख पूर्व में भी पोस्ट किया हुआ है।अभिव्यक्ति की कला कितनी जरूरी है और कैसे अभिव्यक्त करें आदि उसमें बताया हुआ है।यहां प्रसंगवश फुटकर रूप से कुछ नई जानकारी प्रस्तुत की जा रही है।
  • इंटरव्यू में ही नहीं बल्कि एक एम्प्लॉई दूसरे एम्प्लाॅई से या एक एम्प्लॉई अपने बाॅस से या बाॅस अपने एम्प्लाॅई से कैसे वार्ता करे यह आपकी करियर की उड़ान को निश्चित करती है।आप आपस में वार्ता करना जानेंगे,अपने विचारों और ज्ञान को प्रकट करना जानेंगे तभी तो मीटिंग में या आपसी व्यवहार में कुछ कह पाएंगे,अपनी बात को सलीके से रख पाएंगे।आपको बहुत ज्ञान है या आप बहुत टैलेंटेड है परंतु उसको व्यक्त नहीं कर सकते तो ऐसा ज्ञान किस काम आएगा?आपका व्यक्तित्व प्रभावी तभी बन सकता है जब आप ज्ञान को प्रकट करना जानते हैं और उसको व्यावहारिक धरातल पर करके भी दिखाते हैं।अगर आपके अंदर बहुत ज्ञान भरा पड़ा है और आप उसको व्यक्त करना नहीं जानते तो दर्पण के सामने खड़े होकर बोलें या मोबाइल फोन पर आवाज को रिकॉर्ड करके उसे सुनें।जहां आवश्यक हो सुधार करें।आप अपने मित्रों के साथ वार्ता करके भी इस स्किल को विकसित कर सकते हैं।बेहतर है कि आप विद्यार्थी काल से इस कला को विकसित करें।विद्यालय में विभिन्न महापुरुषों की जयंतियाँ,सांस्कृतिक कार्यक्रम,वार्षिकोत्सव आदि आयोजित किए जाते हैं उनमें भाग लें।
  • यदि आप इस कला (अभिव्यक्ति) को विकसित करने में कामयाब हो गए,तो इसके आधार पर आप अपने संपर्क का दायरा बढ़ा सकते हैं जिससे करियर में आपको नए-नए अवसर मिलने के चांसेज बढ़ जाएंगे।आपके विचारों और कार्य करने की शैली में स्पष्टता आएगी।अपने आप पर काबू रख पाएंगे,ऑफिस वर्क से तनावग्रस्त व चिड़चिड़े नहीं होंगे।कैसी भी विकट परिस्थिति हो अपने अंदर के भावों को व्यक्त करने की कला सीख जाएंगे तो अपने आप को शांत,संतुलित महसूस करेंगे।
    अक्सर एम्प्लॉई एक-दूसरे से वार्ता करने में कुछ भी अनाप-शनाप बकते रहते हैं,अपने शब्दों पर नियंत्रण नहीं रखते,ऐसे एम्प्लाॅई की बात को कोई भी गंभीरता से नहीं लेते हैं और न वे दूसरों पर अपने वक्तव्य द्वारा दूसरों पर कोई छाप छोड़ते हैं।अतः कुछ भी अनर्गल न बोलें।सारगर्भित और सार्थक ही बोलेंगे तो आपकी बात का प्रभाव भी पड़ेगा और सहकर्मी तथा बाॅस आपको गंभीरता से सुनेंगे और उस पर विचार करेंगे।

5.छात्र-छात्राओं के लिए सुझाव (Suggestions for students):

  • अब उक्त विवरण से यह बात तो समझ में आ गई होगी कि करियर में सफलता के लिए क्या कुछ करना जरूरी है।अतः छात्र-छात्राओं को विद्यार्थी काल से ही कुछ स्किल और योग्यताओं को विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए।सबसे जरूरी बात है अपना सही लक्ष्य का चुनाव करना।यदि आपने सही लक्ष्य का चुनाव कर लिया तो समझ लें कि आधा मैदान मार लिया।सही लक्ष्य या करियर का चुनाव करने के लिए अपने मित्रों,माता-पिता,शिक्षकों से परामर्श लें।ये आपके सबसे अच्छे काउंसलर है क्योंकि आपके बारे में जितना ये जानते हैं और कोई इतना नहीं जान सकता है और सबसे बढ़कर आप स्वयं अपने आप को जानते हैं।यदि किसी प्रोफेशनल करियर काउंसलर की मदद भी लेते हैं तो भी अंतिम निर्णय अपने दिल की आवाज से करें।दिल की आवाज कभी गलत नहीं होती है।आपके लक्ष्य या करियर के चुनाव में आपकी प्रतिभा,योग्यता,क्षमता,रुचि और वातावरण को ध्यान में रखना चाहिए।मार्केट की डिमांड को भी ध्यान रखें।अपना लक्ष्य फ्लैक्सिबल रखें क्योंकि कई बार जो हम चाहते हैं वह नहीं बन नहीं पाते हैं।मसलन आप सेकंड ग्रेड के गणित टीचर बनना चाहते हैं,परंतु कड़ी मेहनत करने के बावजूद आपका चयन नहीं हो पाता है।अब यदि आपको टीचिंग करना ही पसंद है तो प्राइवेट सेक्टर में टीचर बन सकते हैं,ऑनलाइन टीचिंग करा सकते हैं,यूट्यूबर या ब्लॉगर बनकर टीचिंग करा सकते हैं।
  • एक बात ध्यान रखें कि आज हर क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है,कोई भी ऐसा सपाट प्लेटफार्म नहीं मिलेगा जिसमें आपको अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष न करना पड़े।अतः संघर्ष,कठिनाइयों से घबराकर अपना लक्ष्य बदलना ठीक नहीं है।हां,यह अवश्य है कि कड़ी मेहनत,संघर्ष करने के बावजूद मनोवांछित पद प्राप्त नहीं हो रहा है तो उसके अनेक विकल्प होते हैं जैसा कि ऊपर बताया गया है।
  • आपको विद्यार्थी काल से कोई ना कोई स्किल,ऑनलाइन कोर्सेज,व्यावहारिक ज्ञान की बातें,अपने चारित्रिक गुणों को विकसित करने एवं सीखने में कुछ समय अवश्य देना चाहिए।केवल डिग्री प्राप्त करने पर ही अपना ध्यान केंद्रित रखेंगे तो बाद में सीखना बहुत मुश्किल कार्य है।डिग्री लेकर अनेक युवक-युवतियाँ भटकते रहते हैं,उन्हें कोई धर्म सांटे तो नहीं पूछता।साथ ही योग,मेडिटेशन,प्राणायाम,मन को एकाग्र करने का अभ्यास करने पर भी ध्यान दें।

6.करियर में इन बातों को करने से बचें (Avoid doing these things in career):

  • अक्सर एम्प्लाॅई जाने-अनजाने ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो उसके करियर में बाधक बन जाती है,आगे बढ़ने के चांस खत्म हो जाते हैं।यों प्रतिभाशाली अनेक युवक-युवतियाँ होते हैं जो अपने एकेडमिक समय में शीर्ष पर होते हैं परंतु करियर और शैक्षणिक क्षेत्र में जमीन-आसमान का फर्क होता है।आपमें कितनी ही प्रतिभा हो परंतु आप ऐसी गलतियां कर बैठते हैं तो पदोन्नति के रास्ते,सफलता के रास्ते बंद हो जाते हैं।
  • कुछ एम्प्लॉई अपने काम से काम रखते हैं,ना किसी से कनेक्टिविटी रखते हैं,न स्वयं किसी की मदद करते हैं और न किसी की मदद लेते हैं।आज के प्रोफेशनल माहौल में ऐसी शैली रखने से ना तो आप कुछ सीख पाते हैं और न आपसे कोई सीख पाता है।अतः अपने सहकर्मियों से,बाॅस से थोड़ा-बहुत जुड़ाव रखना चाहिए।हां,यह अवश्य ध्यान रखें कि वह आपके गुण,कर्म,स्वभाव से समानता रखता हो अन्यथा ऐसी कनेक्टिविटी जी का जंजाल बन जाएगी।
  • अपने कार्य का फीडबैक भी लेते रहना चाहिए।आपका कार्य पसंद किया जा रहा है या नहीं।यदि कोई कमी है तो उसमें कैसे सुधार करना चाहिए।परंतु कुछ एम्प्लाॅई फीडबैक लेने से बचते हैं।
  • कुछ एम्प्लाॅई अपने साथ हो रहे अन्याय को सहते रहते हैं।ऐसा करने से आप हंसी के पात्र बन जाते हैं।आपकी योग्यता की कद्र नहीं होती है।आप अपने अधिकारों के प्रति सजग न रहेंगे,अपने विचारों और जरूरतों को साझा नहीं करेंगे तो आपकी अहमियत खत्म होती जाएगी।जो आपकी सफलता में बड़ी रुकावट बन सकती है।यदि आपके साथ कुछ गलत हो रहा है तो आत्मविश्वास और विनम्रता के साथ अपने लिए आवाज़ उठाएं।इस पर विचार करें कि जब आप अपने लिए आवाज नहीं उठाएंगे तो दूसरों के लिए तो आवाज उठाना नामुमकिन है।
  • अपनी पहचान केवल एम्प्लॉई के रूप में रखना भी आपके लिए नुकसानदायक है।आपकी व्यक्तिगत पहचान भी होनी चाहिए।ऐसा तभी हो सकेगा जबकि आपमें मानवीय गुण होंगे,आप व्यवहारकुशल होंगे,आप परिवार को भी समय देंगे यानी संतुलित जीवन शैली होनी चाहिए।
  • अपने लिए ऐसा जॉब चुनना जो आपकी पसंद,योग्यता और क्षमता के अनुसार नहीं है।ऐसा करके आप माता-पिता को खुश कर सकते हैं परंतु आप स्वयं खुश नहीं रहेंगे।जब आप खुश नहीं रहेंगे तो जाॅब को दिल से नहीं कर पाएंगे।ऐसी स्थिति में जाॅब और कस्टमर के साथ न्याय नहीं हो पाएगा।अतः अपने दिल की सुने और उसी के अनुसार कैरियर का चुनाव करें।
  • एक बार जाॅब मिल जाए फिर सीखने की क्या जरूरत है? यह सोच आपके करियर की ग्रोथ को रोकती है।अतः हमेशा सीखते रहें,सीखने की मानसिकता रखें,जिससे भी,जहां से भी सीखने को मिले,सीखें और सीखते रहें।अकेले-अकेले जाॅब को करते रहना,भले ही आप बिल्कुल थक जाते हों।यह गलत बात है,अतः जहां आवश्यक है,वहाँ दूसरों से सहयोग लेने में नहीं हिचके।लेकिन सहयोग उसी से लें जो नेक,सज्जन,दिल का साफ हो।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में करियर में सफलता के लिए 7 रणनीति (7 Strategies for Success in Career),अभ्यर्थियों के लिए करियर में सफलता की 7 बेहतरीन टिप्स (7 Best Tips for Career Success for Candidates) के बारे में बताया गया है।

Also Read This Article:जाॅब कुशलता में सुधार के लिए 4 रणनीतियाँ

7.एम्प्लॉई को गिफ्ट (हास्य-व्यंग्य) (Gift to Employee) (Humour-Satire):

  • निखिल (मधुसूदन से):अरे,तुमने ऑफिस में कड़ी मेहनत की,पूरे साल अन्य कर्मचारियों के बजाय पूरी ईमानदारी और निष्ठा से ऑफिस का काम निपटाया है।बताओ बाॅस ने दीपावली पर क्या गिफ्ट दिया।
  • मधुसूदन:मुझे मोबाइल फोन बहुत पसंद था,इसलिए बॉस ने मोबाइल फोन का खिलौना गिफ्ट दिया।

8.करियर में सफलता के लिए 7 रणनीति (Frequently Asked Questions Related to 7 Strategies for Success in Career),अभ्यर्थियों के लिए करियर में सफलता की 7 बेहतरीन टिप्स (7 Best Tips for Career Success for Candidates) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.युवक किस तरह का व्यवसाय करें? (What kind of business should young people do?):

उत्तर:महंगे या छल-कपटपूर्ण व्यवसाय से कस्टमर को सुख नहीं होता।अतः राष्ट्र के कर्णधारों का कर्त्तव्य है कि वे सोच-समझकर व्यवसाय करें।

प्रश्न:2.क्या जॉब कष्टदायक नहीं है? (Isn’t the job painful?):

उत्तर:जाॅब,व्यवसाय में कष्ट उठाने पड़ते हैं लेकिन आलस्य,कामचोरी तो एम्प्लाॅई का विनाश कर देता है।

प्रश्न:3.क्या करियर में ग्रोथ स्किल से आती है? (Does career growth come from skill?):

उत्तर:करियर में ग्रोथ स्किल और कठिन परिश्रम से ही नहीं आती है बल्कि आपस में अनौपचारिक संबंधों,मानवीय गुणों,एक-दूसरे के प्रति सहयोग की भावना से भी आती है।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा करियर में सफलता के लिए 7 रणनीति (7 Strategies for Success in Career),अभ्यर्थियों के लिए करियर में सफलता की 7 बेहतरीन टिप्स (7 Best Tips for Career Success for Candidates) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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