Menu

What is need for innovation in maths education?

1.गणित शिक्षा में नवाचार की क्या आवश्यकता है? (What is need for innovation in maths education?):

  • गणित शिक्षा में नवाचार की क्या आवश्यकता है? (What is need for innovation in maths education?):इस आर्टिकल में बताया गया है कि शिक्षा की गुणवत्ता के सुधार के लिए नवीन तकनीक का प्रयोग किया जाना चाहिए । गणित शिक्षा वही है जो प्रगतिशील एवं परिवर्तनशील हो तथा आधुनिक युग की आवश्यकताओं की पूर्ति करती हो ।आधुनिक युग में तीव्र गति से जनसंख्या बढ़ रही है । अतः सभी को पुराने तरीकों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना संभव नहीं है ।नवीन तकनीकी के माध्यम से पाश्चात्य देशों ने गणित शिक्षा उपलब्ध कराना बहुत पहले से ही प्रारंभ कर दिया है । जैसे कंप्यूटर, प्रोजेक्टर, ऑनलाइन ,सोशल मीडिया, वीडीओ द्वारा गणित शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है।विद्यार्थी एकमात्र विद्यालय के ऊपर निर्भर नहीं है ।यह आवश्यक भी है कि शिक्षा संस्थानों की मोनोपोली खत्म होती जा रही है ।आज विद्यार्थी द्वारा गणित शिक्षा अर्जित करने के कई प्लेटफार्म है जिनसे वह अपने घर बैठे गणित शिक्षा अर्जित कर सकता है ।
  • यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए ।आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं। इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
  • (1.)आज बाल केंद्रित शिक्षा प्रणाली में बालक की अभिरुचि, शारीरिक एवं मानसिक क्षमता के अनुरूप ही शिक्षण कार्य संपादित करना होता है ।अपारंपरिक शिक्षण साधनों के बढ़ते चरण व लोकप्रियता के फलस्वरूप शिक्षक को अपनी भूमिका बरकरार रखने हेतु गणित शिक्षण की पूर्व तैयारी आवश्यक है ।गणित में जो भी टॉपिक पढ़ाना हो उसकी पूर्व से ही ठीक तरह से तैयारी करके ,विद्यार्थियों को पढ़ाना चाहिए ।
  • (2.)शिक्षण प्रक्रिया जटिल होती है ।शिक्षण का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थी के व्यवहार में परिवर्तन लाना होता है। यह तभी संभव है जब शिक्षण नियोजन में ऐसी प्रक्रिया का समावेश हो जिससे विद्यार्थी में जिज्ञासा बनी रहे ।प्रक्रिया सोपान में यह निर्णय लेना होता है कि गणित शिक्षण के समय गणित के टॉपिक की विभिन्न अवस्थाओं में किन युक्तियों ,विधियों ,सहायक सामग्री का प्रयोग कब ,कहां ,कैसे किया जाए ,मूल्यांकन का स्वरूप क्या हो? शिक्षण में रोचकता व निरंतरता बनी रहे तथा विद्यार्थियों द्वारा गणित शिक्षा को ग्रहण करने की क्षमता में वृद्धि होती हो।

Also Read This Article-How to make India a leading country in mathematics?

  • (3.) नवाचार स्फूर्त परिवर्तन नहीं है, वरन् यह योजनाबद्ध परिवर्तन है।इसका उद्देश्य गुणात्मक सुधार करना होता है और अपेक्षित उद्देश्य प्राप्त करना होता है।यह विचारित और उद्देश्य को ध्यान में रखकर प्रयास किया जाता है ताकि श्रेष्ठ परिणाम प्राप्त किया जा सके ।
  • (4.) नवाचार में उन गणित की शिक्षण विधियों का प्रयोग किया जाता है जो वैज्ञानिक अध्ययन का फल होती है और जिनका उद्देश्य,लक्ष्य तथा साधन के बीच सर्वोत्तम सामंजस्य स्थापित करना तथा यह सुनिश्चित करना होता है कि प्रत्येक प्रयत्न से सर्वाधिक फल मिले।इसी भांति गणित शैक्षिक नवाचार को शैक्षिक परिवर्तन के महत्वपूर्ण घटक के रूप में ,नए तत्व के समावेश के रूप में एक प्रेरक शक्ति एवं स्थापित व परंपरागत रूप से भिन्न व्यावहारिक राय के रूप में परिभाषित किया जाता है ।
  • (5.) गणित शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार मूलतः प्रयोग के बाद प्रयोग एवं गणित शिक्षा प्रणाली का अंग बनने के पहले की स्थिति है ।यदि किसी तत्व, तकनीक,अवस्था का कारक का प्रभाव ज्ञात करने की योजना बनाई जाती है तो यह योजना ही प्रयोग कहलाती है। स्पष्ट है कि प्रयोग का क्षेत्र छोटा होगा।प्रयोग के अनुभव से लाभ उठाकर ही उसका क्षेत्र विस्तृत किया जाएगा ।
  • (6.) गणित शिक्षक को अपने काम में सुधार की ललक, शिक्षा स्तर उन्नत करने की उनकी अभिलाषा ही नवाचार की ओर प्रेरित करती है।दृढ़ इच्छाशक्ति तथा निश्चय ही नवाचार की रीढ़ है। इस प्रकार शैक्षिक नवाचार शैक्षिक प्रगति का रथ माना जा सकता है। शैक्षिक नवाचार शिक्षक को इस बात में मदद करते हैं कि उनके प्रयत्न व्यर्थ न जाए तथा उनका अधिकाधिक सुफल मिले।
  • (7.)जिस प्रकार एक शल्य चिकित्सक मरीज का ऑपरेशन करने से पूर्व बीमारी से संबंधित सभी पक्षों पर विचार करता है ,सभी उपकरणों की सफाई करता है और आत्मविश्वास से ऑपरेशन कक्ष में प्रवेश करता है। ठीक उसी प्रकार शिक्षक को भी बालक का व्यवहार परिवर्तन करने हेतु कक्षा में प्रवेश से गणित के टाॅपिक का अध्ययन उसकी प्रस्तुति पर तर्कपूर्ण मनन,विद्यार्थी अधिगम प्रवृत्ति का ज्ञान,अधिगम स्थापना के विभिन्न सोपान की तैयारी करना अपेक्षित है।
  • (8.) वर्तमान तकनीकी युग में अनेक ऐसे माध्यम हैं जिनसे बालक अच्छी गणित शिक्षा ग्रहण कर अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकता है ।आज के संदर्भ में अनुभव पर आधारित अथवा अभिनव प्रयोग का अधिक महत्त्व है ।कारण स्पष्ट है कि आज ज्ञानार्जन का क्षेत्र इतना विशिष्ट हो गया है कि परंपरागत गणित शिक्षा, गणित शिक्षण पद्धतियां ज्ञान संप्रेषण का सशक्त माध्यम सिद्ध नहीं हो सकती है। अतः गणित शिक्षण में अभिनव प्रयोगों का अधिक महत्व है।

Also Read This Article-College students get benefits of pursuing BSc course

  • (9.)अतः समय की मांग के अनुसार शिक्षक व शिक्षण पद्धतियों को परिवर्तन के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने हेतु अपनी मंद गति को तिलांजलि देकर राॅकेट की-सी गति से चलना होगा। आज का विद्यार्थी अधिक सक्रिय ,अध्ययन एवं चिंतनशील है। अतःजितना संभव हो कक्षा कक्ष में तकनीकी कारणों से गणित शिक्षा देने हेतु कई उपकरणों का प्रयोग करना होगा यथा कंप्यूटर,इंटरनेट,टेलीविजन,टेपरिकॉर्डर आदि आज की शिक्षा के अंग बन रहे हैं। इस परिवर्तनशील गणित शैक्षिक स्वरुप में गणित व  शिक्षण पद्धतियों का जीर्णोद्धार परम आवश्यक है।
    दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना है तो नवीन तकनीक के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गति को तीव्र करने की जरूरत है।

2.शिक्षा में नवीन तकनीक के लिए 128 शिक्षकों को दिया गणित, पर्यावरण का प्रशिक्षण (128 teachers given mathematics, environment training for new technology in education)[What is need for innovation in maths education?]:

  • Bharatpur News – बयाना. निष्ठा शिक्षक प्रशिक्षण शिविर में मौजूद संभागी शिक्षक-शिक्षिकाएं।|बयाना शिक्षा…
    Dec 20, 2019
  • बयाना. निष्ठा शिक्षक प्रशिक्षण शिविर में मौजूद संभागी शिक्षक-शिक्षिकाएं।
    शिक्षा विभाग की ओर से कस्बे के वेयर हाउस रोड स्थित व्यापार मंडल धर्मशाला में गुरुवार से पांच दिवसीय निष्ठा (नेशनल इनिशिएटिव फॉर स्कूल हेड्स एंड टीचर्स होलिस्टिक एडवांसमेंट) शिक्षक प्रशिक्षण गैर आवासीय शिविर की शुरुआत हुई। शिविर के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि सीबीईओ कप्तान सिंह रहे तथा अध्यक्षता प्रधानाचार्य लखनपाल सिंह ने की। विशिष्ट अतिथि एसीबीईओ डॉ. कुंवर सिंह व आरपी दिनेश सिंह तंवर विशिष्ट अतिथि रहे।
    शिविर का उद्घाटन करते हुए अतिथियों ने शिविर में भाग ले रहे शिक्षकों से विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए नवाचारों का उपयोग करने को कहा। उन्होंने बताया कि शिविर के तहत प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यालय प्रमुखों और शिक्षकों की समग्र प्रगति के लिए राष्ट्रीय पहल एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षा में सुधार के लिए क्षमता व दक्षता का निर्माण करना है। निष्ठा कार्यक्रम के तहत देशभर में 42 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। शिविर में भाषा, गणित एवं सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, पर्यावरण अध्ययन तथा लीडरशिप मोड्यूल, शिक्षण अधिगम प्रक्रिया का मास्टर ट्रेनरों ने प्रशिक्षण दिया। शिविर में 128 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लिया। इस अवसर पर आरपी सुरेशचंद्र जाटव, श्रीभान सोलंकी, विनोद सोनी, कविता शर्मा, अतरसिंह, संतोष गुप्ता, मोहनलाल रछोईया, मुकेश मीना, रामेश्वर प्रसाद, वीरेश सिंह, प्रहलाद शर्मा, तुलसीराम गुर्जर, सुरेश दीक्षित, हीराशंकर शर्मा, किशन शर्मा, गुलाबसिंह, मोनिका गुप्ता आदि मौजूद रहे।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में गणित शिक्षा में नवाचार की क्या आवश्यकता है? (What is need for innovation in maths education?) के बारे में बताया गया है.
No. Social Media Url
1. Facebook click here
2. you tube click here
3. Twitter click here
4. Instagram click here
5. Linkedin click here

What is need for innovation in maths education?

गणित शिक्षा में नवाचार की क्या आवश्यकता है?
(What is need for innovation in maths education?)

What is need for innovation in maths education?

गणित शिक्षा में नवाचार की क्या आवश्यकता है? (What is need for innovation in maths education?):
इस आर्टिकल में बताया गया है कि शिक्षा की गुणवत्ता के सुधार के लिए नवीन तकनीक का प्रयोग किया जाना चाहिए ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *