Golden Tips for students Part-2 in hindi
1.छात्रों के लिए स्वर्ण टिप्स का परिचय (Introduction to Golden Tips for students part-2),जीवन के लिए सबसे अच्छे टिप्स (Best Tips for life):
- छात्रों के लिए स्वर्ण टिप्स (Golden Tips for students part-2),जीवन के लिए सबसे अच्छे टिप्स (Best Tips for life):स्वर्णिम टिप्स छात्र-छात्राओं के न केवल व्यावहारिक जीवन में उपयोगी है बल्कि अध्ययन-मनन-चिंतन चिन्तन करने में भी समान रूप से उपयोगी हैं।ये स्वर्णिम टिप्स व्यावहारिक इस लिए हैं कि इनका आसानी से पालन किया जा सकता है।छात्र-छात्राओं को इन टिप्स पर गम्भीर चिन्तन-मनन करना चाहिए।
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2.छात्रों के लिए स्वर्ण टिप्स (Golden Tips for students part-2),जीवन के लिए सबसे अच्छे टिप्स (Best Tips for life):
- हंसी मजाक वही उचित है जो दूसरों के दिल को खुश करें।ऐसी हंसी मजाक करना उचित नहीं जो किसी को ठेस पहुंचाये।
अपने मित्रों,सहपाठियों और परिचितों की भावनाओं का ख्याल रखें।उनकी भावनाओं को चोट पहुंचाने वाले कार्य न करें। - न तो ज्यादा बोले और न ज्यादा चुप रहे क्योंकि ज्यादा बोलने वाले को लोग बड़बोला तथा न बोलने वाले को गूंगा समझते हैं।
यदि आपके मित्र,साथी-सहपाठी कोई अच्छा कार्य करते हैं तो उसकी प्रशंसा करें और अच्छा कार्य करने के लिए उन्हें उत्साहित करें। - आज का काम आज ही निपटाएं उसे कल पर टालना ठीक नहीं है क्योंकि कल पर टालने से काम इकट्ठा होता जाता है और उसे हम नहीं निपटा पाते हैं।
- किसी का कोई उपकार किया हो तो उससे बदले में प्रत्युपकार अर्थात अपना स्वार्थ साधने की आशा न रखें।
- कोई भी कार्य करने तथा बोलने से पहले उस पर भली-भांति,ठीक प्रकार से सोच-विचार करें जिससे बाद में पछताना न पड़े।
- मन में बुरे विचारों को न आने दें यदि आए तो उन्हें भगा दें अर्थात् बुरे विचारों को कंपनी (Company) न दें।हालांकि यह कार्य है तो कठिन परन्तु निरन्तर अभ्यास से यह संभव है।
- कुछ समय मनोरंजन,खेल कूद के लिए भी निकालें हमेशा ही पढ़ते न रहे जिससे आप पर तनाव हावी न हो सके।
मित्रों व सहपाठियों से वाद-विवाद बढ़ने पर उसे प्रतिष्ठा का प्रश्न न बनाएं। - यदि आगे बढ़ना चाहते हैं और अपनी उन्नति चाहते हैं तो झूठ-पाखंड का सहारा न लें।अपनी अंतरात्मा की आवाज सुने और अपनी कमजोरियों को दूर करते रहें।
- अपना कौन है? पराया कौन है? इसकी परख जाने और समझे।
- मन में हमेशा अच्छे,शुभ व शुद्ध विचारों को ही कंपनी (Company) दे।अशुभ व बुरे विचारों को कंपनी (Company) न दें।अर्थात् उनको भगा दे।
- हमेशा पुरुषार्थ अर्थात् कठोर परिश्रम करते रहे परमात्मा भी पुरुषार्थी की मदद करता है।
- अच्छा आचरण एक साथ हमारे व्यवहार में नहीं आता है धीरे-धीरे अभ्यास करने व धैर्य धारण करने से हमारा व्यवहार व आचरण सदाचार युक्त होता जाएगा।
- शिक्षा,सत्संग,स्वाध्याय और अच्छी पुस्तकें पढ़ने को अपने जीवन का अंग बनाएं।
- संकट व हानियों से सीख लें कहा भी गया है कि संकट तथा हानि के बाद मनुष्य ओर अधिक विनम्र हो जाता है।
शत्रु भी अच्छा कार्य करें तो उसकी प्रशंसा करें।प्रशंसा से शत्रु को भी मित्र बनाया जा सकता है।
अपना फोकस हमेशा अपने लक्ष्य पर रखें।
- दुर्जनों से दूर रहें।दुर्जनों से न तो दोस्ती अच्छी है और न दुश्मनी क्योंकि कोयले को हाथ में ले तो हाथ काले कर देता है तथा आग से धधकता कोयला हो तो हाथ जला देता है।
- धर्म का पालन करें।धर्म का मतलब संप्रदाय नहीं है बल्कि इस लोक अर्थात् वर्तमान जीवन तथा परलोक अर्थात् आगामी जीवन में ऐसे सत्कर्मों से हैं जिनसे सुख मिले।
- आध्यात्मिकता को अपनाएं तथा अनासक्त कर्मयोग को समझ कर उसी के अनुसार आचरण करने का प्रयास करते रहे।एक दिन ऐसा आएगा कि इसमें आपको सफलता अवश्य मिलेगी।
- उपर्युक्त आर्टिकल में छात्रों के लिए स्वर्ण टिप्स (Golden Tips for students part-2),जीवन के लिए सबसे अच्छे टिप्स (Best Tips for life) के बारे में बताया गया है।
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