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continuity of functions of 2 variables

1.दो चरों वाले फलन की सांतत्यता (continuity of functions of 2 variables)-

(1.)फलन (Function)-
  • मान लीजिए X तथा Y दो अरिक्त समुच्चय है और किसी नियम के अनुसार X के प्रत्येक अवयव Y की संगति में Y का एक अद्वितीय अवयव Y निर्धारित हो जाता है।x तथा y के इस प्रकार के सभी क्रमित युग्मों (x,y) के समुच्चय को X से Y पर एक फलन कहते हैं।X को फलन का प्रांत और Y को उसका सहप्रांत कहते हैं।यदि f एक फलन है और \left( x,y \right) \in f तो y को x का प्रतिबिम्ब कहते हैं।सभी प्रतिबिम्बों के समुच्चय को f का परिसर कहते हैं।इसे y=f(x) से प्रकट करते हैं।प्राय: f को निर्धारित करने वाले नियम को भी फलन कहते हैं।
(2.)फलनों की प्रकृति (Nature of functions)-
  • (i) धनात्मक एवं ऋणात्मक फलन (Positive and Negative Functions)-
    संवृत्त अन्तराल [a,b] में परिभाषित फलन f धनात्मक या ऋणात्मक होगा यदि f\left( x \right) \ge 0 या f\left( x \right) \le 0,\forall x\in \left[ a,b \right]
  • (ii)संवृत्त अन्तराल [a,b] में परिभाषित फलन f सम या विषम होगा यदि f(-x)=f(x) या f(-x)=-f(x) \forall x\in \left[ a,b \right]
    उदाहरणार्थ f\left( x \right) ={ x }^{ 2 } सम फलन तथा f(x)=x विषम फलन है।
    (iii) परिबद्ध फलन (Bounded function)-
    अपने प्रान्त D में फलन f परिबद्ध फलन कहलाता है यदि फलन का परिसर (Range) परिबद्ध हो अन्यथा फलन अपरिबद्ध (unbounded) कहलाता है।
    (iv)निम्नक (Infimum)-
    फलन f के परिसर के निम्न परिबन्धों के उच्चतम मान को फलन f का अपने प्रान्त D में निम्नक या उच्चतम निम्न परिबन्ध कहते हैं।
    (v)उच्चक (supremum)-
    फलन f के परिसर के उपरि-परिबन्धों के न्यूनतम मान को फलन f का अपने प्रान्त D में उच्चक या न्यूनतम उपरि-परिबन्ध कहते हैं।
    (vi)एकदिष्ट वर्धमान फलन (Monotonically Increasing Function)-
    फलन f जिसका प्रान्त D है एकदिष्ट वर्धमान फलन कहलाता है यदि x<y\Rightarrow f\left( x \right) \le f\left( y \right) ,\forall x,y\epsilon D
    फलन f निरन्तर वर्धमान (Strictly Increasing) कहलाता है यदि x<y\Rightarrow f\left( x \right) <f\left( y \right) ,\forall x,y\epsilon D
    (vii)एकदिष्ट हृासमान फलन (Monotonically Decreasing Function)-
    फलन f जिसका प्रान्त D है,एकदिष्ट हृासमान फलन कहलाता है यदि x<y\Rightarrow f\left( x \right) \ge f\left( y \right) ,\forall x,y\epsilon D
    फलन f निरन्तर हृासमान (Strictly Decreasing ) कहलाता है यदि x<y\Rightarrow f\left( x \right) >f\left( y \right) ,\forall x,y\epsilon D
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2.फलनों की सीमा (Limit of functions)-

  • दो चरों वाले फलन की सांतत्यता (continuity of functions of 2 variables) के लिए फलनों की सीमा को भी जानना आवश्यक है।
    (i)सीमा (Limit)-
    किसी फलन के सन्दर्भ में कोई ऐसी संख्या जिसका उस फलन से संख्यात्मक अन्तर जितना चाहे कम किया जा सकता है जबकि स्वतन्त्र चर का मान किसी निर्दिष्ट मान के अत्यन्त निकट आ जाता हो परन्तु उसके बराबर न हो जाता हो या फिर ये मान धन या ऋण दिशा में पर्याप्तत: बृहद् हो जाता है। उदाहरणार्थ की सीमा 2a है जब x का मान a की ओर प्रवृत्त होता है।
    (ii)वाम पक्षीय सीमा (Left Hand Limit or LHL)-
    l को फलन f(x) (जब x,a की ओर प्रवृत्त होता है),की वामपक्षीय सीमा कहते हैं।यदि निर्दिष्ट धनात्मक संख्या (चाहे जितनी छोटी हो) के संगत कोई अन्य संख्या \delta >0 इस प्रकार विद्यमान है कि \left| f\left( x \right) -l \right| <\epsilon   जबकि a-\delta <x<a
    इसको निम्न संकेतों के माध्यम से भी प्रकट किया जा सकता है-
  • \underset { x\rightarrow { a }^{ - } }{ lim } f\left( x \right) ,\underset { x\rightarrow a-0 }{ lim } f\left( x \right) ,f\left( a-0 \right) =l
    (iii) दक्षिण पक्षीय सीमा (Right Hand Limit)-
    m को फलन f(x),(जब x ,a की ओर प्रवृत्त होता है),की दक्षिण पक्षीय सीमा कहते हैं।यदि निर्दिष्ट धनात्मक संख्या \epsilon (चाहे जितनी छोटी हो) के लिए कोई अन्य संख्या  \delta >0 इस प्रकार विद्यमान है कि \left| f\left( x \right) -m \right| <\epsilon जबकि a<x<a+\delta
    इसको निम्न संकेतों के माध्यम से भी प्रकट किया जा सकता है-
  • \underset { x\rightarrow { a }^{ + } }{ lim } f\left( x \right) ,\underset { x\rightarrow { a }+0 }{ lim } f\left( x \right) ,f\left( a+0 \right) =m
    यदि किसी फलन f(x) के लिए
  • \underset { x\rightarrow { a }^{ - } }{ lim } f\left( x \right) =\underset { x\rightarrow { a }^{ + } }{ lim } f\left( x \right)
    हो तो \underset { x\rightarrow a }{ lim } का अस्तित्व होता है।

3.दो चरों वाले फलन की सीमा (Limit of function of two variables)


(i)युगपत और पुनरावृत्त सीमा (Simultaneous and Iterated Limits)-
यदि f(x,y) कोई दो चरों x एवं y का फलन हो जो कि प्रान्त S\subset { R }^{ 2 } पर परिभाषित है तथा \left( { x }_{ 0 },{ y }_{ 0 } \right) , S का सीमा बिन्दु हो तो हमें निम्न प्रकार की सीमाएं होती है:

\underset { x\rightarrow 0\\ y\rightarrow 0 }{ lim } f\left( x,y \right) ,\underset { \left( x,y \right) \rightarrow \left( { x }_{ 0 },{ y }_{ 0 } \right) }{ lim } f\left( x,y \right) ,\\ \underset { x\rightarrow { x }_{ 0 } }{ lim } \underset { y\rightarrow { y }_{ 0 } }{ lim } f\left( x,y \right) ,\underset { y\rightarrow { y }_{ 0 } }{ lim } \underset { x\rightarrow 0 }{ lim } f\left( x,y \right)
प्रथम प्रकार की सीमा को युगपत् सीमा तथा अन्तिम दो प्रकार की सीमाओं को पुनरावृत्त सीमा केवल सीमा की सीमा ही है एवं इसे एक चर के फलन की सीमा प्राप्त करने की विधि से ज्ञात किया जा सकता है जबकि युगपत् सीमा का सिद्धान्त भिन्न है।
(ii) युगपत् सीमा (Simultaneous Limit)-किसी फलन f(x,y) की युगपत् सीमा \underset { x\rightarrow 0\\ y\rightarrow 0 }{ lim } f\left( x,y \right) =l कहलाएगी।
यदि प्रत्येक \epsilon >0 (चाहे \epsilon कितना छोटा हो) के लिए एक संख्या \delta >0 का अस्तित्व इस प्रकार हो कि \left( { x }_{ 0 },{ y }_{ 0 } \right) के सामीप्य (Neighbourhood) में स्थित x एवं y के प्रत्येक मान के लिए,जो कि \left| x-{ x }_{ 0 } \right| <\delta ,\left| y-{ y }_{ 0 } \right| <\delta से परिभाषित है \left| f\left( x,y \right) -l \right| <\epsilon   अर्थात् f\left( x,y \right) \in \left( l-\epsilon ,l+\epsilon \right) \forall \left( x,y \right) \in S
[केवल \left( { x }_{ 0 },{ y }_{ 0 } \right) को छोड़कर यदि सम्भव हो]
यहां सम्बन्ध \left| x-{ x }_{ 0 } \right| <\delta ,\left| y-{ y }_{ 0 } \right| <\delta सम्बन्ध { x }_{ 0 }-\delta <x<{ x }_{ 0 }+\delta
और  { y }_{ 0 }-\delta <y<{ y }_{ 0 }+\delta के तुल्य (equivalent) होता है अतः \left( { x }_{ 0 },{ y }_{ 0 } \right)   का सामीप्य एक खुला वर्ग होता है जो रेखाओं { x=x }_{ 0 }-\delta .x={ x }_{ 0 }+\delta ,y={ y }_{ 0 }-\delta ,y={ y }_{ 0 }+\delta से परिबद्ध है,जिसका केन्द्र \left( { x }_{ 0 },{ y }_{ 0 } \right)   है।

उपर्युक्त कथन द्वारा दो चरों वाले फलन की सांतत्यता (continuity of functions of 2 variables) को समझा जा सकता है।

4.असांतत्य (Discontinuity)-

फलन f के प्रान्त D का कोई बिन्दु a फलन f का असांतत्य बिन्दु कहलाता है यदि इस बिन्दु पर फलन संतत् नहीं हो।
यदि फलन किसी अन्तराल के प्रत्येक बिन्दु पर असंतत हो तो फलन दिए गए अन्तराल में पूर्णरूपेण असंतत (Totally discontinuous) कहलाता है।
(1.)असांतत्य के प्रकार (Kinds of Discontinuity)-
(i)प्रथम प्रकार का या साधारण असांतत्य (Discontinuity of first kind or simple Discontinuity)-
यदि \underset { x\rightarrow { a }^{ + } }{ lim } f\left( x \right) एवं \underset { x\rightarrow { a }^{ - } }{ lim } f\left( x \right) दोनों विद्यमान हैं परन्तु वे बराबर न हो अर्थात्

\underset { x\rightarrow { a }^{ + } }{ lim } f\left( x \right) \neq \underset { x\rightarrow { a }^{ - } }{ lim } f\left( x \right)
तो फलन बिन्दु a पर प्रथम प्रकार का असांतत्य कहलाता है।
(ii)निराकरणीय (अपनेय) असांतत्य ( Removable Discontinuity)-
यदि दोनों सीमाएं \underset { x\rightarrow { a }^{ + } }{ lim } f\left( x \right) तथा \underset { x\rightarrow { a }^{ - } }{ lim } f\left( x \right)   विद्यमान परिमित एवं बराबर हों परन्तु f(a) से भिन्न हो अर्थात् \underset { x\rightarrow { a } }{ lim } f\left( x \right) \neq f\left( a \right) जब फलन f बिन्दु a पर निराकरणीय असांतत्य कहलाता है। स्पष्ट है कि फलन के मान को इस प्रकार परिभाषित कर दें जिससे \underset { x\rightarrow { a } }{ lim } f\left( x \right) =f\left( a \right) ,तो फलन के निराकरणीय असांतत्य बिन्दु को सरलता से हटाया जा सकता है।
(iii) द्वितीय प्रकार का असांतत्य (Discontinuity of second kind)-
यदि फलन f के बिन्दु a पर \underset { x\rightarrow { a }^{ + } }{ lim } f\left( x \right)   तथा \underset { x\rightarrow { a }^{ - } }{ lim } f\left( x \right)   दोनों का अस्तित्व न हो तो फलन f बिन्दु a पर द्वितीय प्रकार का असांतत्य कहलाता है।
(iv) अपरिमित असांतत्य (Infinite Discontinuity)-
जब \underset { x\rightarrow { a }^{ + } }{ lim } f\left( x \right)   या  \underset { x\rightarrow { a }^{ - } }{ lim } f\left( x \right) दोनों अपरिमित है,तो फलन f(x) बिन्दु a पर अपरिमित असांतत्य कहलाता है।
(v)दोलन असांतत्य (Oscillatory Discontinuity)-
जब फलन f ,बिन्दु a के एक या दूसरी ओर दोलन करे तो बिन्दु a के किसी एक प्रतिवेश में परिबद्ध हो तो दोलन परिमित कहलाता है।यदि फलन किसी भी प्रतिवेश में अपरिबद्ध हो तो दोलन अपरिमित कहलाता है।

उपर्युक्त कथन द्वारा दो चरों वाले फलन की सांतत्यता (continuity of functions of 2 variables) को समझा जा सकता है।

5.दो चरों वाले फलनों की सांतत्यता के उदाहरण (Examples of continuity of functions of 2 variables)-

सीमा की परिभाषा का प्रयोग करते हुए (\epsilon -\delta तकनीक), सिद्ध कीजिए कि-
Example-1.\underset { \left( x,y \right) \rightarrow \left( 1,2 \right) }{ lim } f\left( 3x+2y \right) =7
Solution-\underset { \left( x,y \right) \rightarrow \left( 1,2 \right) }{ lim } f\left( 3x+2y \right) =7
प्रत्येक \epsilon >0 के लिए  \exists \delta >0जो कि पर निर्भर है इस प्रकार प्राप्त करना है कि
\left| 3x+2y-7 \right| <\epsilon जबकि 0<\left| x-1 \right| <\delta तथा 0<\left| y-2 \right| <\delta
माना f\left( x,y \right) =3x+2y\\ \left| f\left( x,y \right) -7 \right| =\left| 3x+2y-7 \right| \\ =\left| 3\left( x-1 \right) +2\left( y-2 \right) \right| \\ \Rightarrow \left| f\left( x,y \right) -7 \right| \le \left| 3 \right| \left| x-1 \right| +\left| 2 \right| \left| y-2 \right|
अब  \delta >0 इस प्रकार माना कि

0<\left| x-1 \right| <\delta ,0<\left| y-2 \right| <\delta \\ \Rightarrow \left| f\left( x,y \right) -7 \right| <3\delta +2\delta \\ <5\delta
को इस प्रकार चुनते हैं कि 5\delta =\epsilon या
\delta =\frac { \epsilon }{ 5 }\\ \therefore \left| f\left( x,y \right) -7 \right| <\epsilon
फलत: प्रत्येक \epsilon >0 के लिए \exists \delta >0 इस प्रकार है कि

\left| f\left( x,y \right) -7 \right| <\epsilon जबकि 0<\left| x-1 \right| <\delta ,0<\left| y-2 \right| <\delta
अतः \underset { x\rightarrow 0,y\rightarrow 0 }{ lim } f\left( x,y \right) =\underset { \left( x,y \right) \rightarrow \left( 1,2 \right) }{ lim } f\left( 3x+2y \right) =7
जो कि फलन 3x+2y का बिन्दु (1,2) पर मान है।

उपर्युक्त सवाल के हल द्वारा दो चरों वाले फलन की सांतत्यता (continuity of functions of 2 variables) को समझा जा सकता है।

Example-2.\underset { \left( x,y \right) \rightarrow \left( 1,1 \right) }{ lim } { y }^{ 2 }+2x=3

Solution-\underset { \left( x,y \right) \rightarrow \left( 1,1 \right) }{ lim } { y }^{ 2 }+2x=3
प्रत्येक \epsilon >0 के लिए \exists \delta >0 जो कि पर निर्भर है इस प्राप्त करना है कि
\left| { y }^{ 2 }+2x-3 \right| <\epsilon जबकि 0<\left| x-1 \right| <\delta
तथा 0<\left| y-1 \right| <\delta
माना \left| f\left( x,y \right) -3 \right| =\left| { y }^{ 2 }+2x-3 \right| \\ =\left| { y }^{ 2 }-1+2\left( x-1 \right) \right| \\ \Rightarrow \left| f\left( x,y \right) -3 \right| \le \left| \left( y-1 \right) \left( y+1 \right) +2\left( x-1 \right) \right| \\ \le \left| y-1 \right| \left| y+1 \right| +\left| 2 \right| \left| x-1 \right|[त्रिभुज असमिका से]
\delta =1 लेने पर \left| y-1 \right| <\delta \Rightarrow \left| y-1 \right| <1\\ \left| y+1 \right| =\left| y-1+2 \right| \le \left| y-1 \right| +\left| 2 \right| <1+2=3
अब  \delta इस प्रकार चुन लेते हैं कि 0<\left| x-1 \right| <\delta ,0<\left| y-1 \right| <\delta \\ \Rightarrow \left| f\left( x,y \right) -3 \right| <\delta \left( 3 \right) +2\delta \\ \Rightarrow \left| f\left( x,y \right) -3 \right| <5\delta
\delta को इस प्रकार चुनते हैं कि 5\delta <\epsilon \\ \delta <\frac { \epsilon }{ 5 }\\ \therefore \left| f\left( x,y \right) -3 \right| <\epsilon ,अभीष्ट \delta =\left\{ 1,\frac { \epsilon }{ 5 } \right\} का अस्तित्व होगा कि 
\left| f\left( x,y \right) -3 \right| <\epsilon जब \left| x-1 \right| <\delta तथा \left| y-1 \right| <\delta

अतः \underset { \left( x,y \right) \rightarrow \left( 1,1 \right) }{ lim } f\left( x,y \right) =\underset { \left( x,y \right) \rightarrow \left( 1,1 \right) }{ lim } \left( { y }^{ 2 }+2x \right) =3

जो कि फलन { y }^{ 2 }+2x का बिन्दु (1,1) पर मान है।

उपर्युक्त सवाल के हल द्वारा दो चरों वाले फलन की सांतत्यता (continuity of functions of 2 variables) को समझा जा सकता है।

Example-3.फलन f\left( x,y \right) =\frac { x+y }{ y-2x } की द्विक एवं पुनरावृत्ति सीमाओं का मान बिन्दु (0,0) पर ज्ञात कीजिए।
(Find the simultaneous and Iterated limits of the function f\left( x,y \right) =\frac { x+y }{ y-2x } at the point (0,0).
Solution-f\left( x,y \right) =\frac { x+y }{ y-2x } \\ \underset { x\rightarrow { 0 } }{ lim } \underset { y\rightarrow { 0 } }{ lim } f\left( x,y \right) =\underset { x\rightarrow { 0 } }{ lim } \underset { y\rightarrow { 0 } }{ lim } \frac { x+y }{ y-2x } \\ =\underset { x\rightarrow { 0 } }{ lim } \left( \frac { x }{ -2x } \right) \\ =\underset { x\rightarrow { 0 } }{ lim } \left( \frac { 1 }{ -2 } \right) \\ =\frac { 1 }{ -2 }
तथा  \underset { x\rightarrow { 0 } }{ lim } \underset { y\rightarrow { 0 } }{ lim } f\left( x,y \right) =\underset { x\rightarrow { 0 } }{ lim } \underset { y\rightarrow { 0 } }{ lim } \frac { x+y }{ y-2x } \\ =\underset { y\rightarrow { 0 } }{ lim } \frac { y }{ y } \\ =\underset { y\rightarrow { 0 } }{ lim } 1\\ =1
अतः पुनरावृत्ति सीमा में दोनों विद्यमान है परन्तु दोनों बराबर नहीं है। अतः पुनरावृत्ति सीमा का अस्तित्व नहीं है।
युगपथ सीमा के मूल्याकंन के लिए (x,y) को (0,0) की ओर उपगमन पथ,रेखा y=mx के अनुदिश एक पथ है तब \underset { x\rightarrow 0,y\rightarrow 0 }{ lim } f\left( x,y \right) =\underset { x\rightarrow 0,y\rightarrow 0 }{ lim } \frac { x+y }{ y-2x } \\ =\underset { x\rightarrow 0,y\rightarrow 0 }{ lim } \frac { x+mx }{ mx-2x } \\ =\underset { x\rightarrow 0,y\rightarrow 0 }{ lim } \frac { 1+m }{ m-2 }
जो कि m पर आधारित है अर्थात् m के विभिन्न मानों के लिए भिन्न-भिन्न होगी। इसलिए सीमा उपगमन पथ पर निर्भर करती है अतः युगपथ सीमा का अस्तित्व नहीं है।

उपर्युक्त सवाल के हल द्वारा दो चरों वाले फलन की सांतत्यता (continuity of functions of 2 variables) को समझा जा सकता है।

Example-4.सिद्ध कीजिए कि\underset { \left( x,y \right) \rightarrow \left( 0,0 \right) }{ lim } विद्यमान है जहां
(Prove that \underset { \left( x,y \right) \rightarrow \left( 0,0 \right) }{ lim } does exist where)

f\left( x,y \right) =\frac { x{ y }^{ 2 } }{ { x }^{ 2 }+{ y }^{ 4 } } ,\left( x,y \right) \neq \left( 0,0 \right)

Solution-माना कि उपगमन पथ रेखा y=mx के अनुदिश (0,0) की ओर अग्रसित होती है।
अब जबx\rightarrow 0 तब y=mx से y\rightarrow 0  \\ \underset { x\rightarrow 0,y\rightarrow 0 }{ lim } f\left( x,y \right) =\underset { x\rightarrow 0,y\rightarrow 0 }{ lim } \frac { x{ y }^{ 2 } }{ { x }^{ 2 }+{ y }^{ 4 } } \\ =\underset { x\rightarrow 0 }{ lim } \frac { x{ \left( mx \right) }^{ 2 } }{ { x }^{ 2 }+{ \left( mx \right) }^{ 4 } } \\ =\underset { x\rightarrow 0 }{ lim } \frac { { x }^{ 3 }{ m }^{ 2 } }{ { x }^{ 2 }+{ m }^{ 4 }{ x }^{ 4 } } \\ =\underset { x\rightarrow 0 }{ lim } \frac { { x }^{ 3 }{ m }^{ 2 } }{ { x }^{ 2 }\left( 1+{ m }^{ 4 }{ x }^{ 2 } \right) } \\ =\underset { x\rightarrow 0 }{ lim } \frac { { x }{ m }^{ 2 } }{ \left( 1+{ m }^{ 4 }{ x }^{ 2 } \right) } \\ =0
जो कि m पर निर्भर नहीं है। अतः \underset { \left( x,y \right) \rightarrow \left( 0,0 \right) }{ lim } \frac { x{ y }^{ 2 } }{ { x }^{ 2 }+{ y }^{ 4 } } का अस्तित्व है।
उपर्युक्त सवालों के हल द्वारा दो चरों वाले फलन की सांतत्यता (continuity of functions of 2 variables) को समझा जा सकता है।

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