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7 Golden Tips to Increase Memory Power

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1.स्मरणशक्ति बढ़ाने के 7 स्वर्णिम टिप्स (7 Golden Tips to Increase Memory Power),छात्र-छात्राओं के लिए स्मरणशक्ति बढ़ाने के 7 अचूक मंत्र (7 Surefire Spells to Increase Memory Power for Students):

  • स्मरणशक्ति बढ़ाने के 7 स्वर्णिम टिप्स (7 Golden Tips to Increase Memory Power) के आधार पर आप स्मरणशक्ति बढ़ाने के गुर जान सकेंगे।वस्तुतः छात्र-छात्राओं के लिए सद्बुद्धि का जितना महत्त्व किसी परीक्षा में सफलता अर्जित करने का है,उससे कम महत्त्व स्मरणशक्ति का भी नहीं है।
  • आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के आर्टिकल को शेयर करें।यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार आए हैं तो वेबसाइट को फॉलो करें और ईमेल सब्सक्रिप्शन को भी फॉलो करें।जिससे नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन आपको मिल सके।यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए।आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं।इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

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2.स्मरणशक्ति से सम्बन्धित आर्टिकल (Articles related to memory):

  • स्मरणशक्ति से संबंधित यों तो कई आर्टिकल इस वेबसाइट पर पोस्ट किए जा चुके हैं परंतु स्मरणशक्ति या कोई भी महत्त्वपूर्ण गुण को विकसित करने के लिए एक-दो उपाय बता देने से उस गुण को विकसित करने का संपूर्ण विवरण समाहित नहीं किया जा सकता है।इस लेख के पढ़ने के साथ-साथ आप उन लेखों को पढ़ेंगे तो आप समझ सकेंगे कि स्मरणशक्ति बढ़ाने के लिए क्या-क्या उपाय करने होंगे।
  • मसलन,परीक्षा में स्मरणशक्ति कैसे बढ़ाए? (How to increase memory in examination) में बताया गया है कि (1.)ध्यान व योग करें,(2.)स्वयं को कम न आँके (नकारात्मकता का त्याग), (3.)रोज अपना मूल्यांकन करें,(4.)क्रोध पर नियंत्रण रखें।अपनी याददाश्त बढ़ाने के लिए बेस्ट 8 टिप्स (Best 8 Tips to improve your memory) में उल्लेख किया गया है कि (1.)योगासन-प्राणायाम करें,(2.)ध्यान व योग करें,(3.)संतुलित भोजन करें,(4.)पर्याप्त नींद लें,(5.) चिंता व तनाव से मुक्त रहें,(6.)मल्टी टास्किंग से बचें,(7.)लिखकर याद करें,(8.)मस्तिष्क को चुनौतीपूर्ण कार्य में व्यस्त रखें,(9.)याद की गई बातों की पुनरावृत्ति करें।
  • गणित में स्मरणशक्ति बढ़ाने की 6 बेहतरीन टिप्स (6 Best Tips to increase memory in math) वाले लेख में वर्णित है कि (1.)ध्यान व योग करें, (2.)गणित का बार-बार अभ्यास करें,(3.)रोजाना योगासन व प्राणायाम करें,(4.)गणित पढ़ने की जिज्ञासा व लगन रखें,(5.)विद्यार्थियों को न करने योग्य कार्य आदि।स्मरणशक्ति बढ़ाने की 3 बेहतरीन टिप्स (3 Best Tips to increase memory) में (1.)स्मरणशक्ति बढ़ाने के उपाय,(2.)स्मरणशक्ति बढ़ाने की कुछ अन्य टिप्स,(3.)स्मरणशक्ति का दृष्टांत के बारे में विस्तार से समझाया गया है।स्मरणशक्ति बढ़ाने की 4 बेहतरीन तकनीक (4 Best Techniques to increase memory) में (1.)स्मरणशक्ति बढ़ाने का परिचय,(2.)विस्मरण होने के कारण,(3.)स्मरण शक्ति बढ़ाने के उपाय द्वारा स्मरणशक्ति बढ़ाने के उपाय बताए गए हैं।
  • आप वेबसाइट पर अंग्रेजी में उक्त आर्टिकल के हैडिंग से या memory से सर्च करेंगे तो आपके सामने ये आर्टिकल प्रकट हो जाएंगे और इन्हें आसानी से पढ़ सकेंगे।सर्च बॉक्स में अंग्रेजी कीवर्ड से सर्च करने से संबंधित टॉपिक आपके सामने प्रदर्शित हो जाएगा।कारण यह है कि किसी भी टॉपिक की हैडिंग अंग्रेजी में ही बनानी पड़ती है क्योंकि टैग्स और सर्च इंजन अंग्रेजी के कीवर्ड ही स्वीकार करता हैं।url भी अंग्रेजी में बनाना पड़ता है।ऐसी बात नहीं है कि हिन्दी कीवर्ड से सर्च नहीं किया जा सकता है परन्तु अंग्रेजी कीवर्ड से सटीक टाॅपिक सर्च किया जा सकता है।टेक्नोलॉजी का विकास पाश्चात्य देशों विशेषकर विकसित देशों में ही हुआ है और उनकी मुख्य भाषा अंग्रेजी ही है।उदाहरणार्थ search box में How to increase memory in examination या memory टाइप करें और Enter key दबा देंगे तो आपके सामने उक्त आर्टिकल सामने आ जाएगा।अब इस आर्टिकल में स्मरणशक्ति बढ़ाने के कुछ अन्य उपाय बताये जा रहे हैं जिनसे स्मृति क्षमता को बढ़ा सकते हैं।

3.स्मरणशक्ति के बारे में दो शब्द (Two words about memory):

  • स्मरणशक्ति अच्छी और तेज रहे इसके लिए हमें मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ,सबल और निरोग रहना होगा।मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ और सशक्त हुए बिना अपनी स्मृति को भी अच्छी और बलवान नहीं रख सकते हैं।आप एक बात ठीक से याद रखें कि हमारी याददाश्त हमारे ध्यान पर और मन की एकाग्रता पर निर्भर करती है।हम जिस तरफ जितना ज्यादा और एकाग्रता पूर्वक ध्यान देंगे उसी तरफ हमारी मानसिकता और विचारशक्ति केंद्रित हो जाएगी।इस कार्य में जितनी अधिक तीव्रता,स्थिरता और शक्ति लगाई जाएगी उतनी गहराई और मजबूती से वह वस्तु हमारे स्मृति-पटल पर अंकित हो जाएगी।
    जरा सोचिए,क्या होगा यदि हम अचानक अपनी स्मृति खो बैठें? जरा ठहरिए और दो मिनट के लिए इस बिंदु पर विचार कीजिए।द्वितीय विश्वयुद्ध में कई सिपाही बमों के धमाकों से अपनी स्मृति खो बैठे थे।जो लोग डूबने ही वाले थे और बचा लिए गए थे,उन्होंने बताया था कि एक सेकंड में उनका संपूर्ण जीवन पूर्ण विस्तार के साथ उनके मस्तिष्क के आगे आ गया था।इस उदाहरण से यह ज्ञात होता है कि कैसे स्मृति अनुभवों (impression) को भली-भाँति संग्रहित करती है।
  • हमारा मस्तिष्क एक विशाल पुस्तकालय जैसा होता है,जिसमें लाखों पुस्तकें तो हों परंतु कोई पुस्तक सूची (catalogue) ना हो,पुस्तकों का कोई क्रम ना हो।यदि एक ऐसे पुस्तकालय से आपको अपनी पसंद की एक पुस्तक को ढूंढना हो,तो क्या तरीका संभव होगा? हां,पुस्तक सूची रहित पुस्तकालय से एक पुस्तक को ढूंढने का एक तरीका यह है कि एक-एक करके सभी पुस्तकों को देखा जाए यह जानने के लिए कि अमुक पुस्तक तो वहाँ विद्यमान है या नहीं।ऐसे तरीके से आप उस पुस्तक को ढूंढ निकाल भी सकते हैं और नहीं भी।यदि आप उसे ढूंढ निकालने में असफल हो जाते हैं तो आप यही कहेंगे कि वह पुस्तक पुस्तकालय में विद्यमान नहीं है,लेकिन सच्चाई यह है कि आप उस पुस्तक को ढूंढ निकालने में असफल रहे हैं।
  • ऐसी ही बात हमारे मस्तिष्क के मामले में है।वह प्रत्येक वस्तु जिसे हमने देखा,सुना या अनुभव किया है,हमारे मस्तिष्क के किसी न किसी भाग में स्थायी रूप से सुरक्षित रहती है।लेकिन कभी-कभी हम उस सामग्री या विचार को ढूंढ निकालने में असमर्थ रहते हैं या कहां वे स्थित हैं यह नहीं बता पाते और तब हम यह कहते हैं कि हम भूल गए हैं।उदाहरणार्थ आप कक्षा 10 गणित के विद्यार्थी हैं और आपसे पूछा जाए कि त्रिभुज के तीनों कोणों का योग कितना होता है तो आप झट बता देंगे क्योंकि इसे आप आठवीं,नवीं में भी पढ़ चुके हैं।परंतु यदि चक्रीय चतुर्भुज की विशेषता पूछी जाए तो शायद आप न बता पाएँ।परंतु यदि आपको चार विकल्प दिए जाएं:सम्मुख कोण संपूरक कोण होते हैं,सम्मुख कोण पूरक कोण होते हैं,चक्रीय चतुर्भुज का प्रत्येक कोण समकोण होता है,चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोण आपस में बराबर होते हैं तो तुरंत कह देंगे कि चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोण संपूरक होते हैं।
  • इससे प्रतीत होता है कि आप चक्रीय चतुर्भुज की विशेषता को भूलें नहीं है,लेकिन केवल समस्या यह थी कि अपनी स्मृति में से उसे ढूंढकर निकाल नहीं सके थे।ऐसा इसलिए होता है,क्योंकि आप कोई मानसिक सूची नहीं रखते।
  • जब कभी हमें कोई चीज याद करनी होती है तो हम अपने मस्तिष्क रूपी पुस्तकालय में इधर-उधर ढूंढना आरंभ कर देते हैं,और जिस क्षण हम उसे ढूंढ निकालने में असफल हो जाते हैं,तभी यह मान बैठते हैं कि हम उस विशेष चीज को भूल गये हैं।
    इसका अर्थ यह हुआ कि तुरंत संदर्भ के लिए हमें एक मानसिक सूची (mental catalogue) की आवश्यकता है जिससे हमारा स्मरण कर पाना और याद रखना कुशल और प्रभावी बन सके।

4.मस्तिष्क की रचना (Brain Composition):

  • हम अपने मस्तिष्क को दो भागों में विभाजित कर सकते हैं-बायां और दायां।’बायां’ भाग बोलने,तार्किक विश्लेषण,गणन करने,क्रमानुसार सोचने और अमूर्तिकरण (abstraction) के लिए उत्तरदायी होता है।इसका प्रयोग शिक्षकों,वक्ताओं और प्राध्यापकों द्वारा किया जाता है जो अपना संपूर्ण शिक्षण शब्दों द्वारा करते हैं चाहे वह कोई भी विषय हो,जैसे गणित,विज्ञान,भौतिक विज्ञान,अर्थशास्त्र,राजनीति शास्त्र,प्रबंध,तर्कशास्त्र,दर्शन,मनोविज्ञान या धर्मशास्त्र।
  • ‘दायां’ भाग देखने,कलाओं (चित्रकारी,पेंटिंग,मूर्तिशास्त्र,ड्रामा,संगीत,नृत्य,साहित्य जिससे उसे आनंद और प्रशंसा प्राप्त होता है) के लिए उत्तरदायी होता है।
  • यह चीजों को मूर्त और पूर्णरूप में देखने से संबंधित होता है।शिक्षक,वक्ता और अध्यापक इस भाग को विकसित करने में बहुत कम सहायता करते हैं।और उनमें से कई मस्तिष्क के दाएं भाग की किसी भी क्रिया को हेय-दृष्टि से देखते हैं जिसका परिणाम यह होता है कि विद्यार्थियों को बहुत हानि होती है।
  • कोई गणितज्ञ किसी प्रमेय को एक बार ही पढ़कर समझ लेता है और याद कर लेता है,हो सकता है वह आपको और आपके नाम को याद न कर पाये,और कोई व्यक्ति आपसे हुई पहली मुलाकात के दस वर्ष बाद भी आपका नाम बोलकर आपको आश्चर्यचकित कर सकता है,हो सकता है वह उस गणित की प्रमेय को जिसे उसने एक दर्जन या कई बार सुना हो,पुनः याद न कर पाए।आप ऐसे कथन को अपने मिलने-जुलने वालों में से कई के बारे में सत्य पा सकते हैं।आपको किसी भी ऐसे व्यक्ति का विश्वास नहीं करना चाहिए जो आपको यह कहे कि उसकी स्मृति आश्चर्यजनक है या वह अपनी स्मृति पर कतई विश्वास नहीं कर सकता।आप प्रतिदिन इस प्रकार के कथन सुनते होंगे,लेकिन ये अर्थहीन होते हैं।हम अपने परिचितों की स्मृति के बारे में बहुत कुछ नहीं जान सकते जब तक कि वे इस प्रकार के बहुत से प्रश्नों के उत्तर न दें।
  • (1.)नामों और चेहरों के लिए आपकी स्मृति कितनी अच्छी है?
  • (2.)अंकों और संख्याओं के लिए आपकी स्मृति कितनी अच्छी है?
  • (3.)मुलाकातों,विशेष कर जो आपके व्यापार से संबंधित ना हों,के लिए आपकी स्मृति कितनी अच्छी है?
  • (4.)क्या आप एक पढ़ी हुई पुस्तक या देखी गयी फिल्म की विषयवस्तु को याद रख सकते हैं?
  • (5.)क्या आप उस कार्ड को याद कर सकते हैं,जो एक ब्रिज के खेल या अन्य किसी कार्ड के खेल में खेला गया था?
  • (6.)क्या पिछले माह और दस वर्ष पूर्व घटित होने वाली वस्तुओं को याद रखने में आपकी योग्यता में कोई अंतर है?
  • (7.)अपना सर्वेक्षण पूर्ण कर लेने के बाद आप पाएंगे कि कोई भी व्यक्ति इन प्रश्नों के सकारात्मक उत्तर नहीं दे सकता जब तक कि आप किसी ऐसे व्यक्ति से ना मिलें जो स्मृति प्रशिक्षण प्राप्त कर चुका है।
  • हमारी स्मृति के कार्य का अंतिम उद्देश्य असामान्य योग्यताओं को बनाने के बजाय अपनी स्मृति को सामान्यतया एक उच्चतम स्तर तक लाना है।एक प्रशिक्षित और एक अप्रशिक्षित स्मृति के बीच का अंतर इस बात में निहित नहीं होता है कि
  • शब्दों,संख्याओं,पुस्तकों या मुलाकातों के समय या व्यापार संबंधी तथ्यों को याद रखा जा सके,अपितु यह उन सभी चीजों को याद रखने की क्षमता के रूप में प्रकट होता है,जिन्हें हमें अपने कामों को सुचारू रूप से करने के लिए जानना आवश्यक होता है।
  • हमारा बहुत सा ज्ञान स्मृति पर आधारित होता है।आप इस लेख को नहीं पढ़ पाएंगे और मैं इस लेख को नहीं लिख पाऊंगा यदि हम वर्णमाला के अक्षरों और शब्दों तथा वाक्यों के अर्थों को याद नहीं कर पाते।स्मृति के बिना सभ्यता या संस्कृति में कोई प्रगति होना संभव नहीं होता,क्योंकि प्रत्येक नया अविष्कार पूर्व अर्जित और याद किए गए ज्ञान पर निर्भर होता है।उदाहरणार्थ यदि अवकलज,अवकलन गणित,स्पर्श रेखाओं आदि के बारे में महान वैज्ञानिक एवं गणितज्ञ न्यूटन (Newton) व लेबनीज (G. W. Leibnitz) को ऐसी ही अनेक बातों का पता नहीं होता तो समाकलन गणित का आविष्कार नहीं हुआ होता।निस्संदेह; सभी याद की हुई बातों से परे उसके आविष्कार में बहुत सारी कल्पना और इच्छाशक्ति लगी होगी।

5.कल्पना और स्मरणशक्ति (Hypothesis and memory):

  • स्मरणशक्ति का उपयोग करने के लिए हमें कल्पना का सहारा भी लेना पड़ता है।यहाँ कल्पना से तात्पर्य वैज्ञानिक कल्पना से है।जब हमारे सामने कई विकल्प होते हैं तो उनमें से सही को ढूंढना कल्पना के आधार पर ही संभव है।परन्तु हर प्रकार की कल्पना वैज्ञानिक कल्पना नहीं होती है,कल्पना शब्द का प्रयोग साधारण भाषा में एक अन्य अर्थ में भी होता है।अपने उस अर्थ में कल्पना एक निराधार,अयथार्थ मानसिक उड़ान है,एक हवाई किला बनाना है।यहाँ किसी वैज्ञानिक आतुरता से किसी अज्ञात तथ्य की व्याख्या के लिए एक संभावित अंदाज नहीं लगाया जाता बल्कि यों ही बिना व्याख्या और बौद्धिक नियंत्रण के एक निराधार मानसिक उड़ान लिया जाता है;जैसे एक अनपढ़ व्यक्ति रास्ते चलते हुए अपने दिमाग में हवाई किला बनाता जा रहा हो कि कुछ खास-खास सिद्धियाँ प्राप्त करके वह भी एक दिन पक्षियों की तरह आकाश में उड़ने लगेगा,तो यह उसकी एक निराधार कल्पना है जिसे हम वैज्ञानिक कल्पना नहीं कह सकते।इसे वैज्ञानिक कल्पना (Hypothesis) नहीं,बल्कि हवाई कल्पना (imagination or day dream) कहा जा सकता है।परंतु यदि कोई गणित का छात्र चक्रीय चतुर्भुज की विशेषता की खोज में चार विकल्पों का निरीक्षण कर तब तक के लिए एक अंदाज लगा लेता है कि चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोण सम्पूरक होते हैं तो चूँकि उसकी यह अटकल वास्तविक निरीक्षक तथा व्यवस्थित बौद्धिक नियंत्रण पर आधारित है और उस अटकल के पीछे एक निश्चित तथ्य का पता लगाने का लक्ष्य है,इसलिए इसे वैज्ञानिक कल्पना यानी हाइपोथेसिस (hypothesis) कहेंगे।
  • वस्तुतः कल्पना को अटकलबाजी या हवाई कल्पना से रोकने के लिए एक विद्यार्थी,गणित का विद्यार्थी या शिक्षक अपने पुराने अनुभवों की,ज्ञान की और बुद्धि की सहायता लेता है।जब कल्पना और बुद्धि का सही तालमेल होता है तो कारण का पता लगा लिया जाता है।जैसे पीछे चक्रीय चतुर्भुज की विशेषता के लिए चार विकल्प दिए हुए हैं:दूसरा विकल्प है कि चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोण पूरक कोण होते हैं इस आधार पर चक्रीय चतुर्भुज के चारों कोणों का योग 180° होता है जबकि चतुर्भुज के चारों कोणों का योग 360° होता है अतः यह विकल्प सही नहीं हो सकता।यदि प्रत्येक कोण को समकोण माना जाए तो वह वर्ग या आयत होगा परंतु चक्रीय चतुर्भुज केवल आयत या वर्ग ही नहीं होता है।सम्मुख कोण बराबर होने पर वह पतंग,आयात या वर्ग हो सकता है।इस प्रकार हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोणों का प्रत्येक युग्म संपूरक होता है।
    दरअसल हमारी स्मृति में मान्यताएं,गलत और सही जानकारी,अज्ञान की बातें भी होती हैं।इन सबमें से सही जानकारी को ढूंढना हम अपने अनुभव सिद्ध ज्ञान और बुद्धि तथा कल्पना के बल पर ही करते हैं।
  • कल्पना को सही प्रमाणित करने के लिए यह दिखलाना आवश्यक है कि जिस घटना के लिए कल्पना का निर्माण हुआ हो उसकी व्याख्या के लिए वही एकमात्र कल्पना (only hypothesis) है तथा किसी दूसरी कल्पना से उस घटना की व्याख्या नहीं हो सकती।सही कल्पना करने के लिए कोई नियम नहीं बताया जा सकता परंतु उसके लिए सूझ और बुद्धि की आवश्यकता है ताकि यथार्थ कल्पना की जा सके यानी सूझ,अंतर्दृष्टि और बुद्धि हर व्यक्ति की अलग-अलग होती है अतः स्मरणशक्ति भी अलग-अलग व्यक्तियों के लिए अलग-अलग होती है।इस प्रकार कल्पना और स्मरणशक्ति का आपस में घनिष्ठ संबंध है और सही जानकारी को स्मृति में से ढूंढने में कल्पना का प्रयोग कर सकते हैं,किया जाता है और करते हैं।

6.दृढ़ इच्छाशक्ति और स्मरणशक्ति (Strong will and memory):

  • अक्सर आपने सुना होगा कि हमारे दुःखों का कारण इच्छाएं हैं।इच्छाओं के पूरी न होने पर असंतोष और निराशा उत्पन्न होती है।इच्छाएँ अनंत होती हैं और अनंत इच्छाओं को सीमित जीवन में पूरा नहीं किया जा सकता है।अतः इच्छाओं को तो त्यागना ही होगा तभी हम सुखी रह सकते हैं।परंतु यह भी तो कहा जाता है कि जहां चाह होती है वहाँ राह भी है।यानी मनुष्य की जैसी इच्छा होती है,वह वैसा ही बनता चला जाता है।इसका मतलब है कि आपके जीवन का कोई लक्ष्य तो होगा ही और उस लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रबल इच्छा भी होनी चाहिए क्योंकि लक्ष्य सामने होता है तो विद्यार्थी अपनी समस्त शक्तियों को प्राप्त करने के लिए अपने आपको झोंक देता है और उसमें सफल होता है।कोई विद्यार्थी गणितज्ञ,प्राध्यापक,अध्यापक,इंजीनियर,डॉक्टर या आईएएस आदि में से जो कुछ बनना चाहता है,अपनी क्रियाशक्ति को उसी दिशा में मोड़ देता है और अपनी शक्तियों को एकाग्र करके उसमें लगा देता है,परिणामस्वरूप वह वही बन जाता है।
  • विद्यार्थी अपने भविष्य बनाने का निश्चय करता है और उसे प्राप्त करने की इच्छा उसके स्वभाव में आ जाती है।इसलिए दृढ़ इच्छा करना सीखों और उस पर दृढ़ बने रहो।इस तरह अपने अनिश्चित जीवन को निश्चित बनाकर उन्नति का मार्ग प्रशस्त करो।विद्यार्थी यदि अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल नहीं हो रहा है तो वह इच्छाशक्ति का अभाव है,जिसे उसे दूर करना है।दृढ़ इच्छाशक्ति नहीं होगी तो हमारी शक्तियाँ सुप्त पड़ी रहेंगी,तो हम कुछ भी करने में कैसे समर्थ होंगे? पहले अपनी इच्छाशक्ति को दृढ़ करें तभी आपको पता चलेगा कि हम मुर्दों की तरह नहीं बल्कि जिन्दों की तरह जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
  • विद्यार्थी कितना ही दूरदर्शी और कल्पनाशील हो परंतु किसी कार्य में सामने आनेवाली कठिनाइयों का शतप्रतिशत अनुमान लगा लेना संभव नहीं है।किसी लक्ष्य पर चलने के लिए अनेक ऐसी कठिनाइयां सामने आती हैं,जिनकी हमने कल्पना भी न की थी।बस मन विचलित हो जाता है।हमें ऐसी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।कार्यसिद्धि के मार्ग में न जाने कौन सी बाधा कहां से आ जाए,अस्तु उसका सामना धैर्य पूर्वक करना चाहिए,तभी दृढ़ इच्छाशक्ति बनी रह सकती है।
  • दृढ़ इच्छाशक्ति का स्मरणशक्ति से क्या संबंध है? यदि हमारे अंदर किसी विषय को धारण करने,स्मरण रखने की इच्छाशक्ति नहीं होगी तो वह विषय विस्मरण हो जाएगा अर्थात् उसे हम जल्दी ही भूल जाएंगे।अतः दृढ़ इच्छाशक्ति किसी भी विषयवस्तु को स्मरण करने में मदद करती है और हमारी स्मरणशक्ति को बढ़ाने में योगदान देती है।इसके अलावा मानसिक सतर्कता,सजगता,रुचि,संयम,अनुशासन,लगन आदि भी हमारी स्मरणशक्ति को बढ़ाती है।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में स्मरणशक्ति बढ़ाने के 7 स्वर्णिम टिप्स (7 Golden Tips to Increase Memory Power),छात्र-छात्राओं के लिए स्मरणशक्ति बढ़ाने के 7 अचूक मंत्र (7 Surefire Spells to Increase Memory Power for Students) के बारे में बताया गया है।

Also Read This Article:How to increase memory in examination?

7.मेमोरी बढ़ाने का तरीका (हास्य-व्यंग्य) (How to Increase Memory) (Humour-Satire):

  • गणित शिक्षक (छात्र से):गणित का सवाल गलत क्यों किया?
  • छात्र:सर,मेमोरी कमजोर है।
  • गणित शिक्षक:अभी मेमोरी बढ़ा देता हूं और दायें मस्तिष्क की तरफ मारने के लिए तैयार होते हैं।
  • छात्र:सर,बांये मस्तिष्क पर मारें,इसे एक्टिव करें,गणित जैसी विषयों को पढ़ने के लिए बायां मस्तिष्क एक्टिव रहना चाहिए।

8.स्मरणशक्ति बढ़ाने के 7 स्वर्णिम टिप्स (Frequently Asked Questions Related to 7 Golden Tips to Increase Memory Power),छात्र-छात्राओं के लिए स्मरणशक्ति बढ़ाने के 7 अचूक मंत्र (7 Surefire Spells to Increase Memory Power for Students) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.स्मरणशक्ति नष्ट क्यों होती है? (Why is memory lost?):

उत्तर:गपशप करने,फालतू सोच विचार करने,चिंता करने,ज्यादा बोलने,फालतू बातें करने,झूठ बोलने या बहानेबाजी करने तथा व्यर्थ के कामों में उलझे रहने से स्मरणशक्ति नष्ट होती है।

प्रश्न:2.क्या एकाग्रचित्त से स्मरणशक्ति बढ़ती है? (Does concentration improve memory?):

उत्तर:अच्छी स्मरणशक्ति के लिए एकाग्रचित्त और मन का स्थिर होना बहुत जरूरी है।आप जितनी एकाग्रता से कोई बात याद करेंगे वह उतनी मजबूती से आपकी स्मृति का हिस्सा बन जाएगी।

प्रश्न:3.स्मरणशक्ति को बढ़ाने का मुख्य उपाय क्या है? (What is the main way to increase memory?):

प्रश्न:3.स्मरणशक्ति को बढ़ाने का मुख्य उपाय क्या है? (What is the main way to increase memory?):
उत्तर:मन को एकाग्र रखना तो जरूरी है ही इसके साथ ही पढ़े हुए को समझकर लिखना,बार-बार पुनरावृत्ति करना,बार-बार अभ्यास करना और करते रहने यानी रिवीजन करना।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा स्मरणशक्ति बढ़ाने के 7 स्वर्णिम टिप्स (7 Golden Tips to Increase Memory Power),छात्र-छात्राओं के लिए स्मरणशक्ति बढ़ाने के 7 अचूक मंत्र (7 Surefire Spells to Increase Memory Power for Students) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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