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Simultaneous Differential Equation

युगपत अवकल समीकरण का परिचय (Introduction to Simultaneous Differential Equation):

  • युगपत अवकल समीकरण (Simultaneous Differential Equation):इससे पूर्व आर्टिकल में हमने उन अवकल समीकरणों का अध्ययन किया है जिनमें दो चर राशियाँ हुआ करती थी।अब हम समीकरणों का अध्ययन करेंगे जिनमें दो से अधिक चर राशियाँ होंगी।इस प्रकार के अवकल समीकरण या तो साधारण (ordinary) या आंशिक (Partial) होंगे।साधारण समीकरणों में एक स्वतन्त्र चर राशि होती है जबकि आंशिक समीकरणों में एक से अधिक चर राशियाँ होती है।
    इस आर्टिकल में हम उन साधारण अवकल समीकरणों का अध्ययन करेंगे जिनमें युगपत समीकरणों की संख्या आश्रित चर राशियों की संख्या के बराबर होती है तथा समस्त समीकरण रैखिक होते हैं।इस प्रकार के समीकरण अचर गुणांकों वाले युगपत रैखिक अवकल समीकरण (Simultaneous Linear Differential Equations With Constant Coefficients) कहलाते हैं तथा इन्हें प्रतीकात्मक रूप में निम्न प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है:
    f_{1}(D)x+f_{2}(D)y=\phi(t)
    तथा g_{1}(D)x+g_{2}(D)y=\psi(t)
    जहाँ f_{1},f_{2},g_{1}\text{ तथा },D में बहुपद (Polynomials) है और \phi(t)\text{ तथा }\psi(t) स्वतन्त्र चर t के फलन हैं।यहाँ x और y स्वतन्त्र चर राशियाँ हैं।
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Also Read This Article:Simultaneous equations model

युगपत अवकल समीकरण (Simultaneous Differential Equation):

  • युगपत अवकल समीकरणों को हल करने की विधि (Method of Solving Simultaneous Differential Equations)
    प्रतीकात्मक विधि (Symbolic Method):युगपत अवकल समीकरणों को हल करने की विधि कुछ-कुछ उसी प्रकार की है जैसी कि युगपत बीजीय समीकरणों को हल करने के काम में ली जाती है।यहाँ पर भी हम विलोपन विधि से केवल एक आश्रित चर एवं उनके अवकलजों में समीकरण प्राप्त करते हैं जिनमें एक स्वतन्त्र चर होता है।इस समीकरण को पिछले आर्टिकल्स में बतायी गयी विधियों से हल हम इसमें प्रयुक्त दो चरों मेँ सम्बन्ध प्राप्त करते हैं।इसके पश्चात उपर्युक्त प्रकार से विलोपन एवं समाकलन कर या प्राप्त सम्बन्ध से दिए गए किसी एक समीकरण में प्रतिस्थापन द्वारा आश्रित चर एवं स्वतन्त्र चर में सम्बन्ध प्राप्त करते हैं।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में युगपत अवकल समीकरण (Simultaneous Differential Equation) के बारे में बताया गया है।
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