How to Become Successful Entrepreneur?
1.सफल उद्यमी कैसे बनें? (How to Become Successful Entrepreneur?),सफल एंटरप्रेन्योर बनने की 8 रणनीतियाँ (8 Strategies to Become Successful Entrepreneur):
- सफल उद्यमी कैसे बनें? (How to Become Successful Entrepreneur?) अर्थात् क्या-क्या क्वालिटी,किन-किन बातों की जानकारी होनी चाहिए जिससे आप एक सफल एंटरप्रेन्योर बन सकें।बिजनेस या स्टार्टअप खड़ा करने के लिए एक छोटा-सा आईडिया आपके लिए टर्निंग पाइन्ट बन सकता है।आपके दिमाग में कोई भी आईडिया हो तो उसको अप्लाई करने से पहले उसकी जरूरत,मार्केट डिमांड,कंज्यूमर बेस को समझना बहुत जरूरी है।
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2.लक्ष्य तय करें (Set goals):
- स्टार्टअप की सफलता या विफलता काफी हद तक एंटरप्रेन्योर (उद्यमी) पर निर्भर करती है।जैसे रेल का इंजन और ड्राइवर रेल को चाहे तो अपने गंतव्य तक पहुंचा सकता है और चाहे तो उसे किसी खाई में गिरा सकता है अथवा किसी से टकराकर उसे चकनाचूर कर सकता है।एंटरप्रेन्योर भी अपने गुणों के साथ चाहे तो स्टार्टअप,बिजनेस को सफलता के मुकाम तक पहुंचा सकता है अथवा उसको गर्त में गिरा सकता है।बिजनेस की सफलता और विफलता के लिए काफी हद तक उसकी आदतें,उसके गुण,उसकी काबिलियत जिम्मेदार होते हैं।
- किसी भी स्टार्टअप या बिजनेस को शुरू करते समय लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए।बिना लक्ष्य के बिजनेस खड़ा करना वैसे ही है जैसे अंधेरे में तीर चलाना।बिजनेस या स्टार्टअप ही नहीं बल्कि किसी भी क्षेत्र में (चाहे आप टेक्नोलॉजी सीख रहे हों,शिक्षा प्राप्त कर रहे हो या व्यावसायिक डिग्री हासिल कर रहे हों आदि) सफलता पाने के लिए लक्ष्य का निर्धारण करना अत्यंत आवश्यक है।
- यदि आप एक बेहतरीन योजनाकार हैं,योजना का क्रियान्वयन करने की दक्षता आपमें मौजूद है तो बिजनेस को ऊँचाइयों तक पहुंचा सकते हैं।योजना,योजना का क्रियान्वयन और व्यवस्थित काम करना किसी भी एंटरप्रेन्योर के लिए जरूरी है।
- लक्ष्य निर्धारण में आपकी एक गलती आपके बिजनेस प्लान को,आपके जीवन को निराशा में डाल सकती है।आपकी योग्यता,क्षमता,आपकी शक्तियां आपको अपना लक्ष्य निर्धारित करने में सहायता करती हैं।यदि आप लोगों से,कर्मचारियों से काम लेना जानते हैं तो आप बिजनेस को चला सकते हैं।
- आपको,अब तक जितने भी कार्य किए हैं उन पर नजर डालने की जरूरत है।स्कूल,कॉलेज या यूनिवर्सिटी तथा यूनिवर्सिटी या टेक्निकल कॉलेज या टेक्निकल यूनिवर्सिटी के बाद की लाइफ में जितने भी कार्य किए हैं,जो भी जिम्मेदारी आपको दी गई है उन पर विचार करें और निष्कर्ष निकालें कि आपकी सफलता की दर कितनी रही है।अपने आपका आकलन करें,इससे आपको यह पता चलेगा कि आप लक्ष्य को प्राप्त करने में कितने सक्षम हैं?
- लक्ष्य को प्राप्त करने में कई अप्रत्याशित बाधाएँ सामने आ जाती हैं उनको आप किस खूबी से दूर करते हैं? कोई व्यक्ति कितना ही बुद्धिमान और कल्पनाशील हो लेकिन लक्ष्य को प्राप्त करने में आनेवाली बाधाओं का शत-प्रतिशत अनुमान नहीं लगा सकता है।बिजनेस में सफल होने के लिए यह जानना जरूरी है कि लक्ष्य से दूर हुए बिना आप अपने काम को किस तरह जारी रखते हैं।इन सबके बारे में फुटकर रूप से तो आप अपने पारिवारिक,शैक्षिक दायित्वों के द्वारा जान सकते हैं।
3.आइडियाज को व्यावहारिक रूप दें (Put ideas into practice):
- बिजनेस या स्टार्टअप को सफलता तक पहुंचाने के लिए नए-नए आइडियाज के बारे में सोचने की जरूरत है बल्कि उससे ज्यादा जरूरी है उनको व्यावहारिक रूप देना और क्रियान्वित करना।दुनिया में दो तरह के लोग असफल होते हैं:पहले वे जो सोचते रहते हैं तथा उसको क्रियान्वित नहीं करते हैं,दूसरे वे लोग जो कार्य करते रहते हैं परंतु उसके बारे में बिल्कुल भी विचार नहीं करते हैं।
- पहले परंपरागत लघु उद्योग या उद्योग धंधों में ज्यादा कुछ बदलाव देखने को नहीं मिलता था परंतु अब स्टार्टअप या किसी भी क्षेत्र में तकनीक का न केवल इस्तेमाल हो रहा है बल्कि तकनीक में बदलाव तीव्र गति से हो रहा है।अब हर कार्य हाईटेक होते जा रहे हैं।लोगों की रुचियों,आदतों,सोचने-विचारने के रंग-ढंग में बदलाव देखने को मिल रहा है।
- यानी आपको अपने बिजनेस या स्टार्टअप से संबंधित आपके चारों तरफ क्या हो रहा है,क्या बदलाव हो रहा है और उस परिस्थिति में आपके विचार क्या हैं,उस परिस्थिति में आपका व्यवहार कैसा रहता है इस पर विचार-चिंतन करने की,ध्यान देने की जरूरत है।अपने चारों ओर के माहौल के प्रति न केवल सजग व सचेत रहने की आवश्यकता है बल्कि उसके अनुकूल यदि आवश्यक हो तो बिजनेस की रणनीति में बदलाव लाने की भी जरूरत है।
- आपके दिमाग में बिजनेस से संबंधित किस प्रकार के आईडिया आते हैं और उनका इस्तेमाल आप किसी भी प्रॉब्लम का सॉल्यूशन निकालने में कैसे करते हैं यह मायने रखता है।यदि आप बिजनेस में आने वाली प्रॉब्लम्स को पूरी दक्षता,ईमानदारी से सॉल्व करने में कुशल हैं तो आप कामयाबी हासिल कर सकते हैं।हालांकि कामयाबी किसी एक ही फैक्टर को मजबूत बनाने,सॉल्व करने पर निर्भर नहीं करती हैं बल्कि कई फैक्टर्स जुड़े होते हैं।
- आपके आइडियाज का महत्त्व तभी है जबकि उनको आप व्यावहारिक रूप प्रदान कर सकते हों,जमीनी हकीकत से मेल खाते हुए होने चाहिए।यह सोचें कि आईडिया को कैसे और इंप्रूव कर सकते हैं।ज्यादातर हम यही गलती कर बैठते हैं।छोटा-सा आईडिया दिमाग में आने पर उनकी स्ट्रांग प्लानिंग पर फोकस नहीं करते।नतीजा,स्टार्टअप धीरे-धीरे दम तोड़ने लगता है।यदि विचारों को मजबूत आधार प्रदान करेंगे और जमीनी हकीकत से तालमेल बिठाते हुए विचार करेंगे तो इस तरह से आप आइडिया को टर्निंग पॉइंट में बदल पाएंगे और सफलता दर को आसानी से बढ़ा भी सकेंगे।
- जब भी आईडिया पर कम करें तो यह देखें कि उसे कैसे अधिकतम ऑडियंस के पास पहुंचाएं।उस प्रोडक्ट को एक कंज्यूमर से दूसरे कंज्यूमर तक कैसे पहुंचा सकते हैं।उसे कैसे माउथ पब्लिसिटी के लायक बना सकते हैं इस पर विचार करें और चिंतन करें तथा अप्लाई करें।
- अधिकतर सफल एंटरप्रेन्योर में यह खासियत होती है कि वे आइडियाज को हकीकत में बदलना जानते हैं याकि हकीकत में बदलते हैं परंतु असफल एंटरप्रेन्योर आईडियाज को हकीकत में बदलना तो दूर रहा वे उन्हें इग्नोर करते हैं।
4.कम्युनिकेशन स्किल (Communication Skills):
- बिजनेस में एकांतप्रिय,अपने तक ही सीमित रहने वाला व्यक्ति सक्सेस नहीं होता है बल्कि जो न केवल सही और अच्छा बोलने बोलने वाला होना चाहिए वही सक्सेस होता है।कम्युनिकेशन स्किल भी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।सोशल मीडिया पर आपकी उपस्थिति कितनी है यह आपकी रियल पर्सनालिटी का पार्ट नहीं हो सकता जबकि बिजनेस में आपकी रियल प्रजेंस सबसे अधिक प्रभाव डालती है।
- आप अपनी बात को कर्मचारियों व कंज्यूमर को कितने अच्छे से समझा सकते हैं और संतुष्ट कर सकते हैं यह मायने रखता है।आप कितने अच्छे वक्ता हैं और आपके शब्द,आपकी बात कितनी वजनदार हैं तथा लोगों को कितना आकर्षित कर सकते हैं आदि बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- आपका प्रोडक्ट कितना ही गुणवत्तापूर्ण हो परन्तु यदि उसके बारे में आप लोगों को संतुष्ट नहीं कर सकते हैं,लोगों को आकर्षित नहीं कर सकते हैं तो आपका प्रोडक्ट आपके ऑफिस में पड़ा रह जाएगा।
- अतः आपमें बोलने का कौशल भी होना चाहिए।वक्तृत्व कौशल के बिना आप प्रोडक्ट के प्रति लोगों का रुझान पैदा नहीं कर सकते हैं।आपके स्टार्टअप या बिजनेस की सफलता के दो मुख्य आधार स्तंभ हैं:प्रोडक्ट की गुणवत्ता और कंज्यूमर।यदि प्रोडक्ट की गुणकता अच्छी है परंतु कंज्यूमर सपोर्ट नहीं मिल रहा है तो स्टार्टअप या बिजनेस सफल नहीं हो सकता है।
- कंज्यूमर को स्टार्टअप से जोड़ने के लिए आपका वक्तृत्व कौशल ही काम आ सकता है।कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाना हो तथा कंज्यूमर से आपके कर्मचारी किस तरह का व्यवहार करें,इसके लिए उन्हें आप समझाएंगे और बताएंगे।अतः आपको एक अच्छा वक्ता होना चाहिए।
5.अलग हटकर करें (Stand out):
- एक सफल एंटरप्रेन्योर न केवल अपने नजरिए से दुनिया को देखता है अपितु उसमें कुछ हासिल भी किया।क्या आप खुद को उस दुनिया में रख पाते हैं? हालांकि ऐसा करने के बाद हमेशा सफलता ही मिले यह जरूरी नहीं है,लेकिन क्या आपने कुछ ऐसा करने का प्रयास कभी किया है।क्योंकि एक सफल एंटरप्रेन्योर वही होता है जो लीक से अलग कुछ करने का प्रयास करे।बिजनेस में सफल होने के लिए प्रतिदिन नए आइडिया और उन्हें सफलतापूर्वक लागू करने की जरूरत होती है।आपके कई आइडियाज परफेक्ट हो सकते हैं और आपको सफलता मिल सकती है।इसलिए खुद पर विश्वास बनाए रखें और पूरे मन से अपना प्रयास करें।
6.अपने फील्ड से संबंधित अनुभवी व्यक्ति से सुझाव लें (Get suggestions from an experienced person related to your field):
- किसी भी स्टार्टअप की शुरुआत करते वक्त उस फील्ड से जुड़े अनुभवी या एंटरप्रेन्योर की सलाह जरूर लें।उनसे यह समझने की कोशिश करें कि कहां-कहां पर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।इस तरह जब आप अपना प्लान तैयार करते हैं तो उन बातों को ध्यान में रखते हुए समस्या से निपटने के लिए प्लान-बी भी शामिल करते हैं इसलिए उनकी बात को ध्यान से सुनें और समझें।अगर मन में कोई सवाल हो तो उसे पूछने में बिल्कुल भी न झिझकें।ऐसे मौके पर कोशिश करें कि आप और आपका एंटरप्रेन्योर पार्टनर वहाँ मौजूद हो,ताकि दोनों मिलकर ऐसा प्लान बनाएं जो भविष्य में सफल स्टार्टअप की नींव रखे।
7.वादा पूरा करें और कस्टमर का पूरा ध्यान रखें (Fulfill the promise and take full care of the customer):
- किसी भी कस्टमर या कर्मचारी से जो भी वादा करें,उसे पूरा करने की कोशिश करें।इससे विश्वसनीयता विकसित होती है जो जरूरी है।
- अपने प्रोडक्ट में कुछ ऐसा शामिल करें जो कस्टमर ढूंढ रहे हैं।इस तरह आप भीड़ में तो अलग दिखेंगे ही,कस्टमर भी आपको ढूंढते हुए पहुंचेंगे।बेहतर प्रोडक्ट होगा तो माउथ पब्लिसिटी के जरिए आपको सफलता का रास्ता तय करना आसान हो जाएगा।
- हर कस्टमर हमारे लिए जरूरी है।इसके साथ ही यह बात उन्हें भी महसूस होनी चाहिए।उनकी हर बात को ध्यान से सुनें और पूरी विनम्रता के साथ जवाब देने की कोशिश करें।आपका प्रोडक्ट ऐसा हो जो कस्टमर की जरूरतों को पूरा करे।उन्हें लंबे समय तक याद रहे।वो इसे दूसरों को रिकमेंड कर सके।कस्टमर से खुद को कनेक्ट करने की कोशिश करें।उनसे उनके अनुभव पूछें।उनकी समस्याएं समझें,इसके आधार पर धीरे-धीरे चीजों में सुधार करने की कोशिश करें।
8.उद्यमी के असफल होने के कारण (Reasons for the Entrepreneur’s Failure):
- संबंधित फील्ड की जानकारी और अनुभव की कमी से असफलता मिलती है किसी भी स्टार्टअप की शुरुआत करने से पहले उस फील्ड को ठीक से समझने की जरूरत होती है।इसके लिए उस फील्ड से जुड़े लोगों से बात करें और उनके अनुभवों को समझें।अनुभव से पता कर पाते हैं कि कहां-कहां पर गलती होती है और कैसे उनसे बचा जा सकता है।ताकि जब आप उस फील्ड में उतरकर स्टार्टअप की शुरुआत करें,तो ये गलतियां ना हों और रिस्क फैक्टर को काफी हद तक कम किया जा सके।
- मार्केट की डिमांड को ठीक से ना समझ पाना भी स्टार्टअप की विफलता की बड़ी वजह होती है।ऐसे में आपके प्रोडक्ट मार्केट में अपनी जगह नहीं बना पाते।इसलिए मार्केट की डिमांड समझें और प्रोडक्ट में बदलाव करें।
- स्टार्टअप की शुरुआत के बाद भी इसके कई हिस्सों को मजबूत करने के लिए फंडिंग की जरूरत होती है।लेकिन कई बार बजट स्टार्टअप के लॉन्चिंग तक के लिए तैयार किया जाता है।नतीजा बाद में कई चीजों के लिए पैसा कम पड़ जाता है।
- स्टार्टअप के लिए एनर्जी और लोगों के बीच तालमेल जरूरी है।फिर चाहे वह को-फाउंडर्स क्यों ना हों।इसलिए अगर दो लोग मिलकर किसी स्टार्टअप को शुरू कर रहे हैं तो जरूरी है कि दोनों की सोच-समझ के बीच तालमेल हो।शुरुआत में पहले ही हर मुद्दे पर खुलकर साफ-साफ बात कर लें ताकि बाद में मतभेद की वजह से स्टार्टअप फेल न हो।यानी को-फाउंडर्स में तालमेल नहीं होने से भी स्टार्टअप फेल हो जाता है।
- स्टार्टअप की शुरुआत में तो जोश और जुनून बरकरार रहता है,लेकिन जैसे ही वह थोड़ा चल पड़ता है वैसे-वैसे ही जोश में कमी आने लगती है।इस तरह फोकस धीरे-धीरे हटता चला जाता है और नए-नए क्रिएटिव आइडियाज में कमी आना स्टार्टअप के फेल होने की वजह बनती है।समय-समय पर उपभोक्ताओं की जरूरतों में बदलाव आता है।उन बदलाव को समझना और उसके मुताबिक अपनी रणनीति में बदलाव करना अनिवार्य होता है।इसलिए जोश और जुनून को लगातार बनाए रखना जरूरी है।
- उपर्युक्त आर्टिकल में सफल उद्यमी कैसे बनें? (How to Become Successful Entrepreneur?),सफल एंटरप्रेन्योर बनने की 8 रणनीतियाँ (8 Strategies to Become Successful Entrepreneur) के बारे में बताया गया है।
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9.गणित शिक्षक को तकलीफ (हास्य-व्यंग्य) (Trouble for Math Teacher) (Humour-Satire):
- शिक्षक छात्र की जांच करते हुए,तुम सुबह-सुबह कौनसी पुस्तक पढ़ना पसंद करते हो गणित,विज्ञान,अंग्रेजी,….?
छात्र:रहने भी दीजिए,सर।आपको बेकार ही तकलीफ होगी।
10.सफल उद्यमी कैसे बनें? (Frequently Asked Questions Related to How to Become Successful Entrepreneur?),सफल एंटरप्रेन्योर बनने की 8 रणनीतियाँ (8 Strategies to Become Successful Entrepreneur) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.स्टार्टअप के लिए फंडिंग कैसे कर सकते हैं? (How can you fund a startup?):
उत्तर:फंडिंग दो तरह से होती है।एक्सटर्नल और इंटरनल।इंटरनल फंडिंग के तरीकों में पर्सनल सेविंग,क्रेडिट कार्ड,फैमिली या फ्रेंड से रुपये उधार लेकर शुरुआत करना शामिल है।एक्सटर्नल फंडिंग में स्मॉल बिजनेस लोन,व्यापार के लिए मिलने वाली सरकारी मदद,क्राउड फंडिंग,एंजल इन्वेस्टर और वेंचर कैपिटल का विकल्प अपना सकते हैं।फंडिंग के इन विकल्पों को अपनाते समय अपनी जरूरत,स्टार्टअप का प्रकार और कैसे उसे वापस करेंगे,एक बार इन सभी बातों पर गौर कर लें।
प्रश्न:2.क्या स्टार्टअप में जल्दी अमीर बन जाते हैं? (Do startups get rich quickly?):
उत्तर:कई स्टार्टअप ऐसे हुए हैं जिन्होंने फाउंडर्स को कम समय के अंदर अमीर बना दिया,लेकिन हर बार ऐसा हो यह जरूरी नहीं होता।इसलिए सफलता और विफलता के लिए तैयार रहें।एक सफल बिजनेस खड़ा होने में समय लगता है।
प्रश्न:3.क्या स्टार्टअप को सफल बनाने के लिए कई घंटे काम करने की जरूरत होती है? (Does a startup need to work long hours to be successful?):
उत्तर:स्टार्टअप को सफल बनाने के लिए हार्ड वर्किंग होना जरूरी है,लेकिन जरूरी नहीं की आपको घंटों काम करना ही पड़े।सबसे जरूरी बात है कि आपकी सोच कितनी प्रोडक्टिव है।आप समस्या का हल निकाल पा रहे हैं या नहीं।
प्रश्न:4.स्टार्टअप का पंजीकरण कैसे करवाएं? (How to register a startup?):
उत्तर:स्टार्टअप इंडिया वेबसाइट के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने व्यवसाय को पंजीकृत कर सकता है।www.starupindia.in पर लॉग इन कर खाता बनाएं और उद्यम से संबंधित जानकारी दर्ज करें।इस तरह व्यवसाय को पंजीकृत करके,व्यापार मालिकों के पास निवेशकों,सलाहकारों,इनक्यूबेटरों आदि से जुड़ने का अवसर होता है।
- उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा सफल उद्यमी कैसे बनें? (How to Become Successful Entrepreneur?),सफल एंटरप्रेन्योर बनने की 8 रणनीतियाँ (8 Strategies to Become Successful Entrepreneur) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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Satyam
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