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How Can New Year 2025 Be Best?

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1.नववर्ष 2025 सर्वश्रेष्ठ कैसे हो सकता है? (How Can New Year 2025 Be Best?),छात्र-छात्राओं के लिए नववर्ष 2025 श्रेष्ठ कैसे हो सकता है? (How Can New Year 2025 Be Best for Students?):

  • नववर्ष 2025 सर्वश्रेष्ठ कैसे हो सकता है? (How Can New Year 2025 Be Best?) यानी ऐसी क्या रणनीति अपनायी जाए जिससे वर्ष 2025 के 12 महीनों में आप उन्नति,तरक्की,रचनात्मक,उत्पादक,खुश स्वस्थ रह सकते हों।वर्ष 2025 में आपकी वे इच्छाएँ पूरी हो सकती हैं जिन्हें आप अब तक टालते या भूलते रहे हैं।
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2.नववर्ष में आप क्या करते हैं? (What do you do in the New Year?):

  • अक्सर जो विद्यार्थी पूरे वर्ष अध्ययन को शुरू करने का मानस बनाते हैं,आज नहीं कल से अध्ययन करेंगे।इस वर्ष (2024-25) अधिक मेहनत करके अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होऊँगा।जाॅब की तलाश करने वाले अभ्यर्थी  प्रवेश परीक्षा या प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने का संकल्प लेते हैं।12वीं परीक्षा के साथ अथवा अगले वर्ष जेईई-मेन तथा जेईई-एडवांस्ड को क्रैक करना चाहते हैं उनके लिए भी फरवरी से परीक्षा लेने की एनटीए ने घोषणा कर दी है।नववर्ष पर इसी प्रकार के विद्यार्थी तथा अन्य विद्यार्थी और जाॅब करने वाले अध्ययन करने या परीक्षा को क्रैक करने के लिए कोई न कोई संकल्प लेते हैं।
  • इसके अलावा जो पूर्व से जाॅब कर रहे हैं वे चाहेंगे कि नए वर्ष में उनकी पदोन्नति हो जाए,वेतन वृद्धि हो जाए,कुछ नई नौकरी,नए जॉब की तलाश करने का संकल्प लेते हैं।व्यवसाय करने वाले अपने व्यवसाय को बढ़ाना चाहते हैं,कुछ युवा व्यवसाय या स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं।कुछ लोग अपना नया मकान बनाना चाहते हैं।यानी किसी विद्यार्थी का कुछ नया,तरक्की करने का इरादा होता है तो उसी प्रकार किसी न किसी व्यक्ति का नये साल पर कुछ अलग-अलग संकल्प करके उसको पूरा करना चाहते हैं।
  • नववर्ष के आगमन पर अधिकांश विद्यार्थी तथा लोग कुछ ना कुछ संकल्प लेते हैं।ये संकल्प खुद में सुधार करने और कुछ अच्छा करने से जुड़े होते हैं।जो संकल्प नहीं लेते हैं,उनके मन में भी नए साल को लेकर आशाएं होती हैं और वे पूरे वर्ष के दौरान जिंदगी को बदलते हुए देखना चाहते हैं।
  • वस्तुतः कुछ विद्यार्थी,युवा और लोग संकल्प लेते हैं उन्हें जोर-शोर से शुरू भी कर देते हैं लेकिन कुछ दिन बाद वैसा होता नहीं है।बहुत कम विद्यार्थी तथा लोग ही अपने संकल्पों व इच्छाओं को पूरी कर पाते हैं।शेष को तो पता ही नहीं चल पाता कि पिछले वर्षों की तरह ये 365 दिन कैसे निकल गए और फिर एक नया वर्ष आ गया! मतलब साफ है कि अपने संकल्पों और इच्छाओं की शुरुआत करने के बावजूद अधिकांश का जीवन फिर से पुराने ढर्रे पर लौट आता है।
  • जो संकल्प नहीं करते हैं,दिल में कोई इच्छाएँ नहीं संजोते हैं उनको तो पता ही नहीं चलता है कि नया वर्ष के मायने क्या हैं,नया वर्ष क्या कुछ कर गुजरने के लिए आया है,नया वर्ष जीवन में मील का पत्थर कैसे साबित हो सकता है।वे दैनिक,नित्य कर्मों को करते रहते हैं।उनके लिए हर वर्ष ऐसे ही गुजर जाता है,कुछ भी नया करने के बारे में वे विचार तक नहीं करते हैं।
  • तीसरे वर्ग ऐसे विद्यार्थियों एवं लोगों का भी होता है जिनके लिए हर दिन,हर पल,हर क्षण नया होता है।वे हर दिन कुछ न कुछ नया सीखते हैं और अपनी उन्नति में दिनोदिन चार चांद लगा देते हैं।ऐसे लोग तथा विद्यार्थी हमेशा सजग,सतर्क और सावधान रहते हैं,जागरूक रहते हैं।लेकिन ऐसे विद्यार्थी और लोग विरले ही होते हैं,लेकिन होते जरूर हैं।

3.संकल्पों के विफल होने के कारण (Reasons for failure of resolutions):

  • बहुत से विद्यार्थी तथा लोग दूसरों के देखा-देखी संकल्प लेते हैं,इच्छाएँ करते हैं।नए वर्ष को दूसरों के देखा-देखी हर्षोल्लास से मनाते हैं।लेकिन 1 जनवरी के दूसरे दिन ही उनको पता ही नहीं होता है कि उन्होंने नववर्ष पर क्या कुछ करने की मन में ठानी थी।कहते हैं की नकल में भी अक्ल की जरूरत होती है,नकल में जब अक्ल शामिल नहीं होती तो वह अन्धानुकरण होता है और अंधानुकरण करना गलत है।ऐसे विद्यार्थियों और लोगों के संकल्प कागज की नाव सिद्ध होते हैं।जैसे कागज की नाव को पानी में डालते ही गल जाती है उसी प्रकार देखा-देखी संकल्प लेने वाली विद्यार्थियों और लोगों के संकल्प हवा हो जाते हैं,फुस्स हो जाते हैं।
  • इसी प्रकार बहुत से विद्यार्थी,लोग और युवा आनन-फानन में संकल्प लेते हैं।यानी जो भी संकल्प लेते हैं उन पर पहले पर्याप्त चिंतन-मनन नहीं करते हैं।यानी उन संकल्पों की जमीनी हकीकत का पता नहीं लगाते हैं।ठोस चिंतन-मनन के अभाव में लिए गए ऐसे संकल्पों को प्रारंभ करते हैं और कुछ समय बाद जब आशानुकूल परिणाम नहीं दिखता है तो वे मैदान छोड़ देते हैं और भाग खड़े होते हैं।ऐसे विद्यार्थी और लोग संकल्पों के पूरा न होने के लिए अपने आपको जिम्मेदार नहीं मानते हैं बल्कि परिस्थितियों को,दूसरों को जिम्मेदार ठहराते हैं।
  • कुछ विद्यार्थी तथा लोग अपनी योग्यताओं,क्षमताओं के बारे में नहीं जानते हैं।यानी उन्हें यह पता ही नहीं होता है कि उनमें कौनसी मौलिक प्रतिभा है,जिसको तराशा,निखारा और उभारा जा सकता है।जब विद्यार्थी और लोग अपने आपके बारे में जानते ही नहीं तो नववर्ष के मौके पर अति उत्साह में आकर वे ज्यादा बड़ा लक्ष्य तय कर लेते हैं और फिर जल्दी ही निराश हो जाते हैं।उदाहरणार्थ यदि विद्यार्थी की आदत रोजाना एक घंटा पढ़ने की है और यदि उसने 10-12 घंटे रोजाना पढ़ने का लक्ष्य बना लिया तो उसे कैसे पूरा कर पाएंगे? जो अतिप्रतिभाशिली हैं उनकी बात अलग है,वे तो कुछ भी नहीं करते हैं और कुछ करने की ठान लेते हैं तो उसे पूरा करके ही दम लेते हैं परन्तु ऐसे विद्यार्थी और लोग विरले ही होते हैं।उनके लिए कोई लक्ष्य बहुत बड़ा नहीं होता है।ये अति प्रतिभाशाली विद्यार्थी और लोग संकल्प के धनी होते हैं।
  • कुछ विद्यार्थी तथा लोग इसलिए भी अपने संकल्पों को पूरा नहीं कर पाते हैं क्योंकि वे एक साथ कई लक्ष्य तय कर लेते हैं।जैसे कोई विद्यार्थी 7:00 बजे जगने की जगह प्रातः 4:00 बजे जल्दी उठने,दो घंटे रोजाना पढ़ने की जगह 10 घंटे रोजाना पढ़ने,विद्यालय में पढ़ने के लिए जाने के साथ-साथ कोचिंग ज्वाइन करने,व्यायाम की शुरुआत करने,ध्यान-योग की शुरुआत करने,नैतिक-धार्मिक-आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़ने आदि अनेक लक्ष्य एक साथ तय कर लेता है।ज्योंही संकल्प लेकर शुरुआत करने के बारे में शुरू करने की सोचते हैं तो यह निर्णय ही नहीं ले पाते कि कौनसा लक्ष्य सबसे जरूरी है और किस पर पहले काम शुरू करना चाहिए।
  • ऊपर विफलता के जो कारण बताए गए हैं इनके अलावा और भी कुछ भी कारण हो सकते हैं।हमने मुख्य रूप से विफलता के वे ही कारण बताएं हैं जो अक्सर देखने में आते हैं।यो कई प्रतिभाशाली कुछेक ऐसे भी उदाहरण देखने में आते हैं कि परिस्थितियों के सामने उनकी प्रतिभा घुटने टेकने के लिए विवश हो जाती है।यानी नियति (भगवान) को कुछ और ही मंजूर होता है।ऐसे प्रतिभाशाली कठोर संघर्ष भी करते हैं परंतु अंततः उनकी प्रतिभा सड़-गल जाती है।

4.आपको क्या करना चाहिए? (What you should do?):

  • नववर्ष पर लिए जाने वाले शुभ संकल्प विफल नहीं होंगे यदि आप पूर्व में ही उनके बारे में चिंतन-मनन करके अपनी योग्यता व परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कार्य शुरू करेंगे।
  • दिसंबर माह में ही अच्छी तरह चिंतन-मनन करें कि आपके जीवन का लक्ष्य क्या है,आप जीवन में क्या-क्या करना चाहते हैं,आपमें मौलिक प्रतिभा क्या है,संकल्प प्रतिभा से मेल खाते हुए हैं या नहीं।जो-जो भी इच्छाएं,संकल्प हों उन्हें एक डायरी या कागज पर नोट कर लें।यह विचार न करें की सूची बहुत लंबी चौड़ी हो गई है।15 या 30 जितनी भी इच्छाएँ हों उनके बारे में चिंता करने की बिलकुल जरुरत नहीं है।
  • अब उन इच्छाओं पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए इच्छाओं को चिन्हित करें जो आवश्यक है और जिनको अभी पूरा करने की खास जरूरत नहीं है उन्हें काट दीजिए।आप देखेंगे की सूची बहुत छोटी हो गई है।आपको ऐसी चार-पांच इच्छाओं को छाँट लेना चाहिए।
  • अब उन इच्छाओं पर 15 दिन तक अमल करना शुरू कर दें (सीमित मात्रा में)।जैसे आप नववर्ष में 2 घंटे की जगह 8 घंटे रोजाना पढ़ना चाहते हैं तो रोजाना 2 घंटे से बढ़ाकर 3 घंटे पढ़ना शुरू कर दें।सुबह 7:00 बजे के बजाय प्रातः 4:00 बजे उठना चाहते हैं तो रात को 10:00 बजे सो जाएं और 6:00 बजे उठना प्रारंभ करें।यदि आप 15 दिन तक व्यवस्थित रूप से,नियमित रूप से,रोजाना पाँच-छह इच्छाओं पर काम नहीं कर पाते हैं,आपको दिनचर्या में दिक्कतें आने लगती है तो उनमें से दो को छोड़ दें।
  • 15 दिन बाद अगले सप्ताह तीन-चार इच्छाओं पर ऊपर बताई गई स्टेप के अनुसार काम करना शुरू करें।अब भी समस्या महसूस हो तो उन इच्छाओं में से प्राथमिकता तय करते हुए दो इच्छाओं को छोड़ दें और दो पर ही अगले एक सप्ताह तक रोज 50% काम करें।यानी आप 4:00 बजे उठना चाहते हैं तो 5:00 बजे उठना शुरू करें।
  • इस सप्ताह आप अपनी दो इच्छाओं पर काम करते हुए मूल्यांकन करें कि आपको नववर्ष पर दो इच्छाओं पर काम शुरू करना है या एक इच्छा को ही पूरा करना है।इस सप्ताह आपको अपनी इच्छाओं पर 75% काम करना चाहिए।यह कार्य आपको दिसंबर माह में पूरा कर लेना चाहिए ताकि आपको पता लग सके की नववर्ष 2025 में किसी भी संकल्प को पूरा करना आसान होगा या नहीं।दरअसल एक साथ नीचे से 10 मंजिल की एक साथ छलांग लगाने के बजाय सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ने से लक्ष्य पर चलना आसान भी होता है और पूरा करना भी संभव होता है।
  • बहुत अधिक संकल्पों को पूरा कर न पाने के बजाय थोड़े,कुछ या एक-दो संकल्पों को पूरा करना,उन पर ठोस कदम उठाना ज्यादा बेहतर और परिणाम जनक होता है।धीरे-धीरे एक-एक कदम बढ़ाते हुए चलने से मीलों का सफर तय करना आसान होता है।अब यदि आप तुरत-फुरत किसी काम को करना चाहते हैं तो उसमें हमारी आदतें,हमारा स्वभाव,हमारे पुराने संस्कार आड़े आते हैं जो वर्षों से जड़ जमाए हुए हैं।वैसे भी कहा गया है कि जल्दबाजी में किया गया कोई भी कार्य का परिणाम गलत होता है।
  • अतः हड़बड़ाहट,आनन-फानन,जल्दबाजी में कोई भी कदम उठाने के बजाय विचारपूर्वक ठोस कदम उठाते हुए किसी भी लक्ष्य पर चल पड़ना अच्छा,कल्याणकारी,मंगलमय और शुभ परिणाम देने वाला होता है।

5.नववर्ष 2025 में ऐसे बातें पूरी होगी (Such things will be fulfilled in the new year):

  • दिसंबर माह में आपके लिए नववर्ष 2025 में पूरे किए जाने वाले संकल्पों का ट्रेनिंग माह है।इस एक माह में ट्रेनिंग से ही आपको पता चल जाएगा कि आप संकल्पों को कैसे,किस तरह और कितनी इच्छाओं को पूरी कर सकते हैं।अपनी सारी इच्छाओं को जान,समझकर धीरे-धीरे प्राथमिकताएं तय करते जाते हैं यानी आपकी दुविधा,भ्रम,संशय और संदेह दूर हो जाते हैं।यानी आप द्वारा आगामी वर्ष में किए जाने वाले कामों की पिक्चर पूरी तरह स्पष्ट हो जाती है।जैसे छोटे से शीशे में हमारा अक्स बिल्कुल साफ दिखाई दे जाता है लेकिन इस शीशे पर धूल,मिट्टी,कचरा जमा हो तो अक्स स्पष्ट दिखाई नहीं देगा।इसी प्रकार विवेकपूर्वक विचार करते हुए संकल्प,धैर्य और एक माह के सतत अभ्यास से तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी।
  • केवल चिंतन-मनन करने से ही तय किए गए संकल्प पूरे होने में संशय रहता है।क्योंकि केवल विवेक किसी काम को पूरा होने की गारंटी नहीं देता।परंतु संकल्प के साथ धैर्य,सतत अभ्यास भी हो तो काम पूरा हो जाता है।एक तरह से यह समझ लीजिए कि धैर्य,संकल्प शक्ति और सतत अभ्यास विवेक के बल हैं।
  • आपको नववर्ष में जो कुछ करना है उसका एक माह तक अभ्यास करने से आप उसके अभ्यस्त हो जाते हैं।आपको यह ठीक तरह से मालूम हो जाता है कि आप क्या कुछ कर सकते हैं? नववर्ष शुरू होते ही उस पर शत-प्रतिशत अमल करना शुरू कर सकते हैं।
  • एक माह में इतना थोड़ा प्रयत्न तो हो ही जाता है कि उस थोड़े से प्रयत्न से ही मालूम हो जाता है कि उसे पूरे वर्ष तक साधा जा सकता है या नहीं।अतः आपका आत्म-विश्वास बढ़ता है और उसके पीछे एक ठोस आधार,ठोस कदम उठाया हुआ होता है।जैसे चावल पकने पर एक चावल को देखने से ही पता चल जाता है कि चावल पके हैं या नहीं।
  • उस तरह आप वर्ष में भले ही एक या दो संकल्प लें,पर उसे पूरा कर पाएंगे।जैसा कि आपको बताया जा चुका है कि एक-एक कदम से मंजिल तय होती है।इसी प्रकार एक-एक,दो-दो संकल्प से ही जीवन का कायाकल्प हो जाता है,जीवन को सही दिशा की तरफ मोड़ा जा सकता है,जीवन को परिवर्तित किया जा सकता है।आप उपर्युक्त दी गई गाइडलाइंस पर एक बार चलकर देखिए तो सही,आपको मालूम पड़ जाएगा कि ये निर्देश कितने प्रभावकारी,व्यावहारिक और अमल किये जा सकने योग्य हैं।हमारी विफलता के लिए भी हम खुद जिम्मेदार होते हैं और सफलता के लिए भी काफी कुछ हम ही जिम्मेदार होते हैं।विद्यार्थियों के लिए नववर्ष 2025 इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि वर्ष 2024-25 की शैक्षिक परीक्षाएं (कॉलेज,विद्यालय,विश्वविद्यालय),प्रवेश परीक्षाएं प्रारंभ होने वाली हैं इसलिए दिसंबर से जुट जाइए।दिसंबर में अर्द्धवार्षिक परीक्षा एवं जनवरी-फरवरी में प्रीबोर्ड एग्जाम भी हैं।आपको अपना मूल्यांकन का पता भी चल जाएगा और कमियों को जान-समझकर उन्हें दूर भी कर पाएंगे।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में नववर्ष 2025 सर्वश्रेष्ठ कैसे हो सकता है? (How Can New Year 2025 Be Best?),छात्र-छात्राओं के लिए नववर्ष 2025 श्रेष्ठ कैसे हो सकता है? (How Can New Year 2025 Be Best for Students?) के बारे में बताया गया है।

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6.छात्र की अंतिम इच्छा (हास्य-व्यंग्य) (Student’s Last Wish) (Humour-Satire):

  • अर्द्धवार्षिक परीक्षा का परिणाम आते ही गणित शिक्षक ने छात्र से कहा:अब मैं तुम्हारे लिए ज्यादा कुछ नहीं कर पाऊंगा।अब तुम यह बता दीजिए कि तुम्हारी अंतिम इच्छा क्या है?
  • छात्र:सर प्लीज,मुझे किसी अच्छे गणित शिक्षक का पता बता दें।

7.नववर्ष 2025 सर्वश्रेष्ठ कैसे हो सकता है? (Frequently Asked Questions Related to How Can New Year 2025 Be Best?),छात्र-छात्राओं के लिए नववर्ष 2025 श्रेष्ठ कैसे हो सकता है? (How Can New Year 2025 Be Best for Students?) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.असफलता कब मिलती है? (When does failure occur?):

उत्तर:असफलता तब नहीं मिलती है जब असफल होने के कारणों को दूर करके पुनः प्रयास करने में जुट जाते हैं।असफलता तब मिलती है जब आप असफल होने के बाद पुनः प्रयास करने के लिए नहीं जुटते हैं,पुनः खड़े नहीं होते हैं।

प्रश्न:2.नववर्ष का क्या महत्त्व है? (What is the significance of the New Year?):

उत्तर:महत्त्व तो हर पल,हर क्षण,हर मिनट,हर दिन का है।यानी समय बहुत कीमती और अमूल्य है।समय को बेवजह,बेकार के कामों में खोने से उस समय को किसी भी कीमत पर हासिल नहीं किया जा सकता है।जीवन में अन्य चीज खोने पर उन्हें पुनः प्राप्त किया जा सकता है परंतु जीवन का एक क्षण भी किसी भी कीमत पर पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता है अतः नववर्ष का अपने आपमें महत्त्व है।

प्रश्न:3.क्या नववर्ष पर कार्य का शुभारम्भ करना ठीक है? (Is it okay to start work on New Year’s?):

उत्तर:यों तो किसी भी दिन शुभारंभ करना उचित ही है परन्तु किसी गफलत,लापरवाही,आलस्यवश,आदत,कुसंस्कारों के कारण किसी शुभ कार्य को करने में आगा-पीछा कर रहे हैं तो नववर्ष के माध्यम से अगर शुभ कार्य करें,संकल्प करें तो हमारे लिए शुभ,हितकारी ही है।दरअसल उत्सव व पर्वों के बहाने हम उमंग,जोश से भर जाते हैं।अतः जोश व होश के साथ नववर्ष पर किसी कार्य को शुरू करना इस लिहाज से ठीक ही है।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा नववर्ष 2025 सर्वश्रेष्ठ कैसे हो सकता है? (How Can New Year 2025 Be Best?),छात्र-छात्राओं के लिए नववर्ष 2025 श्रेष्ठ कैसे हो सकता है? (How Can New Year 2025 Be Best for Students?) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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