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Bernoulli Trial

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1 1.बरनौली परीक्षण (Bernoulli Trial),बरनौली परीक्षण और द्विपद बंटन (Bernoulli Trials and Binomial Distribution):

1.बरनौली परीक्षण (Bernoulli Trial),बरनौली परीक्षण और द्विपद बंटन (Bernoulli Trials and Binomial Distribution):

बरनौली परीक्षण (Bernoulli Trial): अनेक प्रयोगों की प्रकृति द्विपरिणामी होती है।उदाहरणार्थ उछाला गया सिक्का एक ‘चित’ या एक ‘पट’ दर्शाता है,किसी प्रश्न का उत्तर ‘हां’ या ‘नहीं’ हो सकता है,एक अंडे से बच्चा ‘निकल चुका है’ या ‘नहीं निकला है’, एक निर्णय ‘हाँ’ या ‘नहीं’ आदि।इस प्रकार की स्थितियों में ऐसा प्रचलन है कि प्राप्त परिणामों में से एक को ‘सफलता’ और दूसरे को ‘असफलता’ कहा जाता है।उदाहरण के लिए,एक सिक्के को उछालने पर ‘चित’ आने को सफलता माना जाए तो ‘पट’ आने को असफलता कहा जाएगा।
प्रत्येक बार जब हम एक सिक्का उछालते हैं या एक पासा उछालते हैं या कोई अन्य प्रयोग करते हैं,तब हम इसे एक परीक्षण (Trial) कहते हैं।यदि एक सिक्का मान लीजिए,चार बार उछाला जाए तो परीक्षणों की संख्या 4 होगी और इनमें से प्रत्येक के परिणाम तथ्यतः दो होंगे अर्थात् सफलता या असफलता।किसी एक परीक्षण का परिणाम किसी दूसरे परीक्षण के परिणाम से स्वतंत्र होता है।इस प्रकार के स्वतंत्र परीक्षण,जिनके केवल दो परिणाम होते हैं जो प्राय: ‘सफलता’ या ‘असफलता’ कहलाते हैं,बरनौली परीक्षण (Bernoulli Trial) कहलाते हैं।
n-बरनौली परीक्षणों में r सफलताओं की प्रायिकता:
P(X=r)=nCrprqnr;r=0,1,2,3,,nP(X=r)={}^{n}C_{r} p^{r} q^{n-r}; r=0,1,2,3, \ldots, n तथा q=1-p
n-बरनौली परीक्षाणों में सफलताओं की संख्या X का बंटन निम्न प्रकार से लिखा जा सकता है:

X P(X)
0 nC0p0qn0=nC0qn{}^{n}C_{0}p^{0} q^{n-0}={}^{n}C_{0}q^{n}
1 nC1p1qn1{}^{n}C_{1}p^{1} q^{n-1}
2 nC2p2qn2{}^{n}C_{2}p^{2} q^{n-2}
….. ………..
r nCrprqnr{}^{n}C_{r}p^{r} q^{n-r}
…… ………….
n nCnpnqnn=nCnpn{}^{n}C_{n}p^{n} q^{n-n}={}^{n}C_{n}p^{n}

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2.बरनौली परीक्षण के साधित उदाहरण (Bernoulli Trial Solved Examples):

Example:1.एक बहु-विकल्पीय परीक्षा में 5 प्रश्न हैं जिनमें प्रत्येक के तीन संभावित उत्तर हैं जिनमें से एक सही उत्तर है इसकी क्या प्रायिकता है कि एक विद्यार्थी केवल अनुमान लगाकर चार या अधिक प्रश्नों के सही उत्तर देगा?
Solution:एक प्रश्न के तीन संभावित उत्तर में से एक सही है अतः अनुमान लगाकर सही उत्तर देने की प्रायिकता

p=13\frac{1}{3}
अनुमान लगाकर गलत उत्तर देने की प्रायिकता

q=1-p=113=231-\frac{1}{3}=\frac{2}{3}
अतः P(अनुमान लगाकर चार या अधिक प्रश्नों के सही उत्तर देना)

P(X4)=P(X=4)+P(X=5)=5C4(13)4(23)54+5C5(13)5(23)55=5(13)4(23)1+(13)5=(13)5(10+1)P(X4)=11243P(X \geq 4) \\ =P(X=4)+P(X=5) \\ ={}^{5}C_{4}\left(\frac{1}{3}\right)^{4}\left(\frac{2}{3}\right)^{5-4}+{}^{5}C_{5} \left(\frac{1}{3}\right)^{5}\left(\frac{2}{3}\right)^{5-5}\\ =5 \left(\frac{1}{3}\right)^{4} \cdot\left(\frac{2}{3}\right)^{1}+ \left(\frac{1}{3}\right)^{5} \\ =\left(\frac{1}{3}\right)^{5}(10+1) \\ \Rightarrow P(X \geq 4)=\frac{11}{243}
Example:2.एक सत्य-असत्य प्रकार के 20 प्रश्नों वाली परीक्षा में माना एक विद्यार्थी एक न्याय्य सिक्के को उछालकर प्रत्येक प्रश्न का उत्तर निर्धारित करता है।यदि पासे पर चित प्रकट हो तो वह प्रश्न का उत्तर ‘सत्य’ देता है और यदि पट प्रकट हो तो ‘असत्य’ लिखता है।प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि वह कम से कम 12 प्रश्नों का सही उत्तर देता है।
Solution:सिक्का उछालने पर चित आने की प्रायिकता p=12\frac{1}{2}
सिक्का उछालने पर पट आने की प्रायिकता q=1-p=112=121-\frac{1}{2}=\frac{1}{2}
P(12 प्रश्नों के उत्तर सत्य हैं)=P(X12)P(X \geq 12)
=P(X=12)+P(X=13)+P(X=14)+P(X=15)+P(X=16)+P(X=17)+P(X=18)+P(X=19)+P(X=20)

=20C12(12)12(12)2012+20C13(12)13(12)2013+20C14(12)14(12)2014+20C15(12)15(12)2015+20C16(22)16(12)2016+20C17(12)17(22)2017+20C18(12)18(72)2018+20C19(12)19(72)2019+20C20(12)20(72)2020=20C12(12)20+20C13(12)20+20C14(12)20+20C15(12)20+20C16(12)20++20C20(12)20P(X12)=20C12+20C13+20C14+20C16++20C20220{}^{20}C_{12} \left(\frac{1}{2}\right)^{12}\left(\frac{1}{2}\right)^{20-12}+{}^{20}C_{13} \left(\frac{1}{2}\right)^{13}\left(\frac{1}{2}\right)^{20-13}+{}^{20}C_{14}\left(\frac{1}{2}\right)^{14}\left(\frac{1}{2}\right)^{20-14}+{}^{20}C_{15}\left(\frac{1}{2}\right)^{15}\left(\frac{1}{2}\right)^{20-15}+{}^{20}C_{16} \left(\frac{2}{2}\right)^{16}\left(\frac{1}{2}\right)^{20-16}+{}^{20}C_{17} \left(\frac{1}{2}\right)^{17}\left(\frac{2}{2}\right)^{20-17}+{}^{20}C_{18}\left(\frac{1}{2}\right)^{18}\left(\frac{7}{2}\right)^{20-18}+{}^{20}C_{19}\left(\frac{1}{2}\right)^{19}\left(\frac{7}{2}\right)^{20-19}+{}^{20}C_{20}\left(\frac{1}{2}\right)^{20}\left(\frac{7}{2}\right)^{20-20}\\={}^{20}C_{12}\left(\frac{1}{2}\right)^{20}+{}^{20}C_{13} \left(\frac{1}{2}\right)^{20}+{}^{20}C_{14} \left(\frac{1}{2}\right)^{20}+{}^{20}C_{15} \left(\frac{1}{2}\right)^{20}+{}^{20}C_{16} \left(\frac{1}{2}\right)^{20}+\ldots+{}^{20}C_{20} \left(\frac{1}{2}\right)^{20} \\ \Rightarrow P(X \geq 12)=\frac{{}^{20}C_{12}+{}^{20}C_{13}+{}^{20}C_{14}+{}^{20}C_{16}+\ldots+{}^{20}C_{20}}{2^{20}}
Example:3.एक थैले में 10 गेंदे हैं जिनमें से प्रत्येक पर 0 से 9 तक के अंकों में से एक अंक लिखा है।यदि थैले से 4 गेंद निकालकर पुनः वापस रखते हुए निकाली जाती है तो इसकी क्या प्रायिकता है कि उनमें से किसी भी गेंद पर अंक 0 नहीं लिखा हो?
Solution:थैले में 10 गेंदों पर 0 से 9 तक के अंक लिखे हैं।
0 अंक लिखी हुई गेंद की प्रायिकता p=110\frac{1}{10}
गेंद पर 0 न लिखे होने की प्रायिकता q=1-p=1110=9101-\frac{1}{10}=\frac{9}{10}
अतः 4 गेंद उत्तरोत्तर प्रतिस्थापन के निकाली जाती है उनमें किसी पर 0 न लिखे होने की प्रायिकता=(910)4\left(\frac{9}{10}\right)^{4}
Example:4.52 ताश के पत्तों की एक भली-भाँति फेंटी गई गड्डी में से 5 पत्ते उत्तरोत्तर प्रतिस्थापन सहित निकाले जाते हैं।इसकी क्या प्रायिकता है कि
(i)सभी 5 पत्ते हुकुम के हों?
(ii)केवल 3 पत्ते हुकुम के हों?
(iii)एक भी पत्ता हुकुम का नहीं हो?
Solution:52 ताश के पत्तों में 13 हुकुम के पत्ते हैं।अतः हुकुम का पत्ता निकाले जाने की प्रायिकता

p=1352=14\frac{13}{52}=\frac{1}{4}
एक हुकुम का पत्ता न निकाले जाने की प्रायिकता q=1-p=114=341-\frac{1}{4}=\frac{3}{4}
(i)P(सभी 5 पत्ते हुकुम के हों)

=(14)5=11024\left(\frac{1}{4}\right)^{5}=\frac{1}{1024}
(ii)P(केवल 3 पत्ते हुकुम के हों)

=5C3(14)3(34)53=5!2!3!×(14)3×(34)2=5×4×3!2×1×3!×(14)5×9=90×11024=45512{}^{5}C_{3}\left(\frac{1}{4}\right)^{3}\left(\frac{3}{4}\right)^{5-3} \\ =\frac{5 !}{2 ! 3 !} \times\left(\frac{1}{4}\right)^{3} \times\left(\frac{3}{4}\right)^{2} \\ =\frac{5 \times 4 \times 3 !}{2 \times 1 \times 3 !} \times\left(\frac{1}{4}\right)^{5} \times 9 \\ =90 \times \frac{1}{1024} \\ =\frac{45}{512}
(iii)एक भी पत्ता हुकुम का न हो?

P( एक भी पत्ता हुकुम का नहीं हो)=(34)5\left(\frac{3}{4}\right)^{5}
Example:5.माना चर X का बंटन द्विपद बंटन है सिद्ध कीजिए कि X=3 अधिकतम प्रायिकता वाला परिणाम है?
Solution:P(X=0)=6C0(12)0(12)60P(X=0)=(12)6=164P(X=1)=6C1(12)1(12)61=6×164=664P(X=1)=664P(X=2)=6C2(12)2(12)62P(X=2)=15×164=1564P(X=2)=1564P(X=3)=6C3(12)3(12)63=20×164=2064P(X=3)=2064P(X=4)=6C4(12)4(12)64=15×164=1564P(X=4)=1564P(X=5)=6C5(12)5(12)65=6×(12)6=664P(X=5)=664P(X=6)=6C6×(12)6×(12)66P(X=6)=(12)6P(X=6)=164{}^{6}C_{0}\left(\frac{1}{2}\right)^{0}\left(\frac{1}{2}\right)^{6-0}\\ \Rightarrow P(X=0)= \left(\frac{1}{2}\right)^{6}=\frac{1}{64}\\ P(X=1)={}^{6}C_{1} \left(\frac{1}{2}\right)^{1}\left(\frac{1}{2}\right)^{6-1}\\ =6 \times \frac{1}{64}=\frac{6}{64} \\ \Rightarrow P(X=1)=\frac{6}{64} \\ P(X=2)={}^{6}C_{2} \left(\frac{1}{2}\right)^{2} \left(\frac{1}{2}\right)^{6-2} \\ \Rightarrow P(X=2) =15 \times \frac{1}{64}=\frac{15}{64} \\ \Rightarrow P(X=2) =\frac{15}{64} \\ P(X=3) ={}^{6}C_{3} \left(\frac{1}{2}\right)^{3}\left(\frac{1}{2}\right)^{6-3} \\=20 \times \frac{1}{64}=\frac{20}{64}\\ \Rightarrow P(X=3)=\frac{20}{64} \\ P(X=4)={}^{6}C_{4} \left(\frac{1}{2}\right)^{4}\left(\frac{1}{2}\right)^{6-4} \\ =15 \times \frac{1}{64}=\frac{15}{64} \\ \Rightarrow P(X=4)=\frac{15}{64} \\ P(X=5)={}^{6}C_{5} \left(\frac{1}{2}\right)^{5} \left(\frac{1}{2}\right)^{6-5} \\ =6 \times\left(\frac{1}{2}\right)^{6}=\frac{6}{64} \\ \Rightarrow P(X=5) =\frac{6}{64} \\ P(X=6) ={}^{6}C_{6} \times\left(\frac{1}{2}\right)^{6} \times \left(\frac{1}{2}\right)^{6-6} \\ \Rightarrow P(X=6)= \left(\frac{1}{2}\right)^{6} \\ \Rightarrow P(X=6)=\frac{1}{64}
स्पष्ट है कि P(X=3)=2064\frac{20}{64} अधिकतम प्रायिकता वाला परिणाम है।
Example:6.पासों के एक जोड़े को 4 बार उछाला जाता है।यदि पासों पर प्राप्त अंकों का द्विक होना सफलता मानी जाए तो 2 सफलताओं की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
Solution:पासों के एक युग्म को फेंकने पर प्रतिदर्श समष्टि की संख्या=62=366^{2}=36
एक जोड़े पासे पर द्विकों की संख्या={(1,1),(2,2),(3,3),(4,4),(5,5),(6,6)}
अतः एक जोड़े पासे की फेंक में द्विकों की संख्या=6
पासों पर द्विक प्राप्त होने की प्रायिकता p=636=16\frac{6}{36}=\frac{1}{6}
पासों पर द्विक प्राप्त न होने की प्रायिकता q=1pq=116=561-p \\ \Rightarrow q=1-\frac{1}{6}=\frac{5}{6}
पासे के जोड़े को 4 बार फेंका गया है अतः n=4 तथा r=2
2 सफलताओं की प्रायिकता =nCrprqnr=4C2(16)2(56)42=4×31×2×136×2536=25216{}^{n}C_{r} p^{r} q^{n-r} \\ ={}^{4}C_{2}\left(\frac{1}{6}\right)^{2}\left(\frac{5}{6}\right)^{4-2} \\ =\frac{4 \times 3}{1 \times 2} \times \frac{1}{36} \times \frac{25}{36} \\ =\frac{25}{216}

Example:7.1 से 11 तक के पूर्णांकों में से यादृच्छया दो पूर्णांकों को चुना गया है।दोनों पूर्णांकों के विषम होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए यदि यह ज्ञात है कि दोनों पूर्णांकों का योग सम है।
Solution:1 से 11 तक के पूर्णांकों में से 2 पूर्णांकों के चयन के तरीके
=11C2=11×102×1=50n(S)=50{}^{11} C_{2} \\ =\frac{11 \times 10}{2 \times 1}=50 \\n(S)=50
दो पूर्णांकों के विषम होने की घटना जिनका योग सम है={(1,3),(1,5),(1,7),(1,9),(1,11),(11,1),(9,1),(7,1),(5,1),(3,1),(3,5),(3,7),(3,9),(3,11),(5,3),(7,3),(9,3),(11,3),(5,7),(5,9),(5,11),(7,5),(9,5),(11,5),(7,9),(7,11),(9,7),(11,7),(9,11),(11,9)}
n(E)=30
P(दो पूर्णांकों के विषम होना जिनका योग सम है)=3050=35\frac{30}{50}=\frac{3}{5}
Example:8.एक आणविक संरचना के दो सहायक निकाय A तथा B है।पूर्ववर्ती निरीक्षण द्वारा निम्न प्रायिकताएँ ज्ञात हैं:
P(A का असफल होना)=0.2
P(केवल B का असफल होना)=0.15
P(A तथा B का असफल होना)=0.15
ज्ञात कीजिए।
(i)A के असफल होने की प्रायिकता जबकि B असफल हो चुका हो।
(ii)केवल A के असफल होने की प्रायिकता
Solution:दिया है P(Aˉ)=0.2P(AˉBˉ)=P(AˉBˉ)=0.15P(\bar{A})=0.2 \\ \Rightarrow P(\bar{A} \bar{B})=P(\bar{A} \cap \bar{B})=0.15
P(अकेला Bˉ\bar{B})=P(Bˉ)P(AˉBˉ)0.15=P(Bˉ)0.15P(Bˉ)=0.15+0.15P(Bˉ)=0.30P(\bar{B})-P(\bar{A} \cap \bar{B}) \\ \Rightarrow 0.15=P(\bar{B})-0.15 \\ \Rightarrow P(\bar{B})=0.15+0.15 \\ \Rightarrow P(\bar{B})=0.30

(i) P(AˉBˉ)=P(AˉBˉ)P(Bˉ)=0.150.30(AˉBˉ)=12P\left ( \frac{\bar{A}}{\bar{B}} \right )=\frac{P(\bar{A} \cap \bar{B})}{P(\bar{B})} \\=\frac{0.15}{0.30} \\ \Rightarrow \left(\frac{\bar{A}}{\bar{B}}\right)=\frac{1}{2}
(ii)P(अकेला A असफल)=P(अकेला)

=P(Aˉ)P(AˉBˉ)=0.200.15=0.05P(\bar{A})-P\left(\bar{A} \cap \bar{B}\right) \\=0.20-0.15 \\=0.05
Example:9.माना A तथा B दो स्वतन्त्र घटनाएँ है।इन दोनों घटनाओं के एक साथ घटित होने की प्रायिकता 18 \frac{1}{8} तथा दोनों घटनाओं के घटित नहीं होने की प्रायिकता 38\frac{3}{8} है।P(A) तथा P(B) ज्ञात कीजिए।
Solution:A व B स्वतन्त्र घटनाएँ है।अतः

P(AB)=P(A)P(B)=18(1)P(A B)=P(A) \cdot P(B)=\frac{1}{8} \cdots(1)
अतः Aˉ\bar{A}Bˉ\bar{B} स्वतन्त्र घटनाएँ है।

P(AˉBˉ)=P(Aˉ)P(Bˉ)(2)38=[1P(A)][1P(B)]38=1P(B)P(A)+P(A)P(B)38=1[P(B)P(A)]+18]4238=1[P(B)P(A)]+1838=98[P(A)P(B)]P(A)+P(B)=9838P(A)+P(B)=68P(B)=34P(A)(3)P(\bar{A} \bar{B})=P(\bar{A}) \cdot P(\bar{B}) \cdots(2) \\ \Rightarrow \frac{3}{8}=[1-P(A)][1-P(B)] \\ \Rightarrow \frac{3}{8}=1-P(B)-P(A)+P(A) P(B) \\ \Rightarrow \left.\frac{3}{8}=1-[P(B) P(A)]+\frac{1}{8}\right]{42} \\ \Rightarrow \frac{3}{8}=1-[P(B) P(A)]+\frac{1}{8} \\ \Rightarrow \frac{3}{8}=\frac{9}{8}-[P(A) P(B)] \\ \Rightarrow P(A)+P(B)=\frac{9}{8}-\frac{3}{8} \\ \Rightarrow P(A)+P(B)=\frac{6}{8} \\ \Rightarrow P(B)=\frac{3}{4}-P(A) \cdots(3)
P(B) का मान (1) में रखने पर:

P(A)[34P(A)]=1834P(A)[P(A)]2=186P(A)8[P(A)]2=18[P(A)]26P(A)+1=08[P(A)]24P(A)2P(A)+1=04P(A)[2P(A)1]1[2P(A)1]=0[2P(A)1][4P(A)1]=0P(A)=12,14P(A)\left[\frac{3}{4}-P(A)\right]=\frac{1}{8} \\ \Rightarrow \frac{3}{4} P(A)-[P(A)]^{2}=\frac{1}{8} \\ \Rightarrow 6 P(A)-8[P(A)]^{2}=1 \\ \Rightarrow 8[P(A)]^{2}-6 P(A)+1=0 \\ \Rightarrow 8[P(A)]^{2}-4 P(A)-2 P(A)+1=0 \\ \Rightarrow 4 P(A)[2 P(A)-1]-1[2 P(A)-1]=0 \\ \Rightarrow[2 P(A)-1][4 P(A)-1]=0 \\ \Rightarrow P(A)=\frac{1}{2}, \frac{1}{4}
जब P(A)=12\frac{1}{2} तो समीकरण (3) से:  

P(B)=3412=14\frac{3}{4}-\frac{1}{2}=\frac{1}{4}
जब  P(A)=14\frac{1}{4} तो पुनः समीकरण (3) से:

P(B)=3414=24=12\frac{3}{4}-\frac{1}{4}=\frac{2}{4}=\frac{1}{2}

अतः P(A)=12,P(B)=14\frac{1}{2}, P(B)=\frac{1}{4} या P(A)=14,P(B)=12P(A)=\frac{1}{4}, P(B)=\frac{1}{2}
Example:10.अनिल 60% स्थितियों में सत्य कहता है तथा आनंद 90% स्थितियों में सत्य कहता है।किसी कथन पर उनके एक दूसरे के विरोधाभासी होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
Solution:अनिल के सत्य कहने की प्रायिकता

P(A)=60100=610=35,P(Aˉ)=1610=410=25\frac{60}{100}=\frac{6}{10}=\frac{3}{5}, P(\bar{A})=1-\frac{6}{10}=\frac{4}{10}=\frac{2}{5}
आनंद के सत्य कहने की प्रायिकता

P(B)=90100P(B)=910,P(Bˉ)=1910=110P(B)=\frac{90}{100} \\ \Rightarrow P(B)=\frac{9}{10}, P(\bar{B})=1-\frac{9}{10}=\frac{1}{10}
दोनों के कथन के विरोधाभासी होने की प्रायिकता

P(AˉB)+P(ABˉ)=P(Aˉ)P(B)+P(A)P(Bˉ)=25×910+35×110=1850+350=2150P(AˉB)+P(ABˉ)=0.42P(\bar{A} B)+P(A \bar{B}) \\ =P(\bar{A}) P(B)+P(A) \cdot P(\bar{B}) \\=\frac{2}{5} \times \frac{9}{10}+\frac{3}{5} \times \frac{1}{10} \\=\frac{18}{50}+\frac{3}{50} \\ =\frac{21}{50} \\ \Rightarrow P(\bar{A} B) +P(A \bar{B})=0.42
उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा बरनौली परीक्षण (Bernoulli Trial),बरनौली परीक्षण और द्विपद बंटन (Bernoulli Trials and Binomial Distribution) को समझ सकते हैं।

3.बरनौली परीक्षण के सवाल (Bernoulli Trial Questions):

(1.)एक व्यक्ति के लक्ष्य भेदन की प्रायिकता 14\frac{1}{4} है।वह कम से कम कितनी बार गोली चलाए कि लक्ष्य की कम से कम एक बार भेदने की प्रायिकता 23\frac{2}{3} से अधिक हो।
(2.)एक व्यक्ति के एक कदम आगे चलने की प्रायिकता 0.4 तथा एक कदम पीछे हटने की प्रायिकता 0.4 है।इस बात की क्या प्रायिकता है कि ग्यारह कदमों के पश्चात् वह व्यक्ति शुरुआती बिन्दु से एक कदम दूर है?
उत्तर (Answers):(1.)व्यक्ति को कम से कम 4 गोली चलानी होगी।

(2)11C5(0.4)5(0.6)6+11C6(0.4)6(0.6)5=462(0.24)5{}^{11} C_{5} (0.4)^{5} (0.6)^{6}+{}^{11} C_{6} (0.4)^{6} (0.6)^{5}=462 (0.24)^{5}
उपर्युक्त सवालों को हल करने पर बरनौली परीक्षण (Bernoulli Trial),बरनौली परीक्षण और द्विपद बंटन (Bernoulli Trials and Binomial Distribution) को समझ सकते हैं।

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4.बरनौली परीक्षण (Bernoulli Trial),बरनौली परीक्षण और द्विपद बंटन (Bernoulli Trials and Binomial Distribution) से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.पासे पर आधारित खेल के प्रायिकता के पहले अवसर के बारे में बताएँ।(Tell us about the first opportunity of probability of a game based on dice):

उत्तर:एक पासे पर आधारित खेल में प्रायिकता (अवसर) के माप का पहला संदर्भ दाँते के देवी प्रहसन पर एक व्याख्या में मिलता है।जेरनीमोंकाॅरडन (1501-1576) ने जुए के खेल पर एक विस्तृत निबंध जिसका नाम ‘लिबर डे लूडो अलकाए’ लिखा था जो उनके मृत्योपरांत 1663 में प्रकाशित हुआ था।इस निबंध में उन्होंने दो पासों को उछालने पर प्रत्येक घटना के अनुकूल परिणामों की संख्या के बारे में बताया है।गैलीलियो (1564-1642) ने तीन पासों के एक खेल में संयोग के माप के संबंध में आकस्मिक टिप्पणी की है। गैलीलियो ने विश्लेषण किया था कि जब तीन पासों को उछाला जाता है तो प्रकट संख्याओं के योग को दस होने के अनुकूल परिणामों की संख्या योग 9 के अनुकूल परिणामों की संख्या से अधिक है।

प्रश्न:2.प्रायिकता के विज्ञान के उद्गम का प्रामाणिक उल्लेख करें।(Make an authentic mention of the origin of science of probability):

उत्तर:(उपर्युक्त) इस प्रारंभिक योगदान के अतिरिक्त यह सामान्यत: माना जाता है कि प्रायिकता के विज्ञान का प्रामाणिक उद्गम सत्रहवीं शताब्दी के दो महान गणितज्ञों पाॅस्कल (1623-1662) और पीअरे द् फर्मा (1601-1665) के मध्य पत्र व्यवहार से हुआ है।एक फ्रांसीसी जुआरी शेवेलियर डे मेरे ने सैद्धांतिक तर्क और जुए में एकत्रित प्रेक्षणों में अंतर्विरोध की व्याख्या के लिए पाॅस्कल से पूछा। इस प्रश्न के हल के लिए 1654 के इर्द-गिर्द पाॅस्कल और फर्मा के बीच हुए पत्र व्यवहार की श्रृंखला में प्रायिकता के विज्ञान की प्रथम नींव रखी गई। पाॅस्कल ने समस्या को बीजगणितीय रूप में हल किया जबकि फर्मा ने संचय की विधियों का उपयोग किया।

प्रश्न:3.प्रायिकता के बारे में वैज्ञानिक ह्यजेन द्वारा तथा अन्य के अनुसंधान के बारे में वर्णन करो।(Describe the probability of research by scientists and others):

उत्तर:महान् हालैंड निवासी वैज्ञानिक ह्यजेन (1629-1695) को पाॅस्कल और फर्मा के मध्य हुए पत्र व्यवहार के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने प्रायिकता की प्रथम पुस्तक ‘डे रेशियोसिनिस इन लूडो अलाय’ को प्रकाशित किया जिसमें संयोग के खेल में प्रायिकता पर बहुत सारी रोचक लेकिन कठिन समस्याओं के हल प्रस्तुत किए।प्रायिकता सिद्धांत पर अगला महान कार्य जैकब बरनौली (1654-1705) ने एक पुस्तक ‘आर्स कंजेकटेंडी’ के रूप में किया जो उनके मृत्योपरांत उनके भतीजे निकोलस बरनौली ने 1773 में प्रकाशित की थी।उन्हें एक महत्त्वपूर्ण प्रायिकता बंटन ‘द्विपद बंटन’ की खोज का श्रेय भी जाता है।प्रायिकता पर अगला आकर्षक कार्य ‘अब्राहम डे मोवियर’ (1667-1754) की पुस्तक ‘द डाॅक्ट्रिन आफ चांस’ में विद्यमान है जिसे 1718 में प्रकाशित किया गया था।थाॅमस बेज (1702-1761) ने उनके नाम पर प्रसिद्ध प्रमेय ‘बेज प्रमेय’ को व्युत्पन्न करने के लिए सप्रतिबंध प्रायिकता का उपयोग किया। प्रसिद्ध खगोलशास्त्री ‘पियरे साइमन डे लाॅपलास (1749-1894)ने भी प्रायिकता सिद्धांत पर कार्य किया और 1812 में एक पुस्तक ‘थ्योरी एनाॅलिटिक डेस प्रोबेबिलिटिज’ प्रकाशित की।इसके बाद रूसी गणितज्ञों शेबीशेव (1821-1894),माॅरकोव (1856-1922),ए. लियापोनोव (1821-1918) और ए.एन. काॅल्मोग्रोव (1903-1987) ने प्रायिकता सिद्धांत पर सार्थक योगदान दिया।काॅल्मोग्रोव ने प्रायिकता का समुच्चय फलन के रूप में सूत्रपात किया।जिसे 1933 में प्रकाशित पुस्तक ‘प्रायिकता का आधारभूत सिद्धांत’ में प्रायिकता के अभिगृहीतीय दृष्टिकोण के नाम से जाना जाता है।
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा बरनौली परीक्षण (Bernoulli Trial),बरनौली परीक्षण और द्विपद बंटन (Bernoulli Trials and Binomial Distribution) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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Bernoulli Trial

बरनौली परीक्षण (Bernoulli Trial)

Bernoulli Trial

बरनौली परीक्षण (Bernoulli Trial): अनेक प्रयोगों की प्रकृति द्विपरिणामी होती है।उदाहरणार्थ उछाला
गया सिक्का एक ‘चित’ या एक ‘पट’ दर्शाता है,किसी प्रश्न का उत्तर ‘हां’ या ‘नहीं’ हो सकता है

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