चक्रीय क्रमचय (Cyclic Permutations),पक्षान्तरण (Transposition) को समझने के लिए पहले इनको परिभाषा के द्वारा समझते हैं। चक्रीय क्रमचय की परिभाषा (Definition of Cyclic Permutations)-माना कि S={x1,x2,x3,.....xn} एक परिमित समुच्चय है तो यदि f इस समुच्चय का ऐसा क्रमचय है कि
f(xi)=xi+1,i=1,2,3,...k−1,k≤nf(xk)=x1 तथा f(xj)=xj,j=1,2,3,...k तो f(xi),k लम्बाई का एक चक्र या चक्रीय कम्रचय कहलाता है।इस चक्रीय कम्रचय f को निम्न प्रकार प्रकट या व्यक्त करते हैं:
f=(x1,x2,x3,.....xk) इसके प्रत्येक अवयव का f-प्रतिबिम्ब उसके आगेवाला अवयव है तथा अन्तिम अवयव का f-प्रतिबिम्ब प्रथम अवयव है।
(1.)चक्र या चक्रीय क्रमचयों के अवयवों का चक्रीय क्रम रखते हुए उसे कई प्रकार से लिखा जा सकता है जैसे (1 2 5 7)=(2 5 7 1)=(5 7 2 1)=(7 1 2 5)
(2.)दो चक्रीय कम्रचयों का गुणनफल सम्बन्धित क्रमचय लिखकर क्रमचय गुणन विधि से ज्ञात किया जाता है।
(3.)तत्समक क्रमचय एक लम्बाई का चक्रीय क्रमचय है।इसको समुच्चय के किसी भी अवयव से व्यक्त किया जा सकता है।
(4.)चक्र का प्रतिलोम (Inverse of a cycle)- परिभाषा (Definition):किसी चक्र या चक्रीय क्रमचय f के अवयवों को उल्टे क्रम में लिखने पर जो चक्र प्राप्त होता है वह f का प्रतिलोम चक्र या चक्रीय क्रमचय कहलाता है जिसे f−1 लिखते हैं। उदाहरणार्थ यदि f=(1 4 5 6) तो f−1=(1654)
(5.) चक्र की कोटि (Order of a cycle)- परिभाषा (Definition):यदि f एक n लम्बाई का चक्र है तो, यहां n न्यूनतम धनात्मक पूर्णांक है इसलिए n को चक्र की कोटि (Order) कहते हैं। उदाहरणार्थ यदि f=(1 4 5 6) तो f=(14455661223377)f2=(14455661223377)(14455661223377)f2=(14455661223377)(61144556223377)⇒f2=(64154651223377)f3=(64154651223377)(14455661223377)⇒f3=(64154651223377)(56611445223377)⇒f3=(54651641223377)f4=(54651641223377)(14455661223377)⇒f4=(54651641223377)(45566114223377)⇒f4=(44556611223377)=I इससे स्पष्ट होता है कि किसी चक्र की कोटि उसकी लम्बाई के समान होती है।
(6.)पक्षान्तरण का अर्थ (Meaning of Transposition)- कोई भी चक्रीय क्रमचय जिसकी लम्बाई 2 हो वह पक्षान्तरण (Transposition) कहलाता है।
(7.) असंयुक्त चक्र (Disjoint Cycles)- परिभाषा (Definition):यदि Pn के दो क्रमचयf,g ऐसे हों कि
f(x)=x⇒g(x)=xf(x)=x⇒g(x)=x∀x∈s तो f तथा g असंयुक्त चक्र कहलाते हैं यदि उनको एक पंक्ति संकेतों में व्यक्त करने पर कोई भी अवयव उभयनिष्ठ नहीं हो। उदाहरणार्थ:- S5 में f=(1 3 5) तथा g=(2 4) असंयुक्त चक्र है जबकि f=(1 3 5),g=(2 3 4) असंयुक्त चक्र नहीं है क्योंकि 3,f तथा g के संकेतों में उभयनिष्ठ है।
प्रमेय (Theorem)1. r लम्बाई के चक्र की कोटि r होती है।(The order of a cycle of length r is r.) उपपत्ति (Proof): माना
f={x1,x2,x3,.....xr} एक r लम्बाई का चक्र है। इसलिए
f(x1)=x2f2(x1)=f(x2)=x3f3(x1)=f(x3)=x4,......fr−1(x1)=xr तथा fr(x1)=x1 इसी प्रकार fr(x2)=x2,fr(x3)=x3........ अतः fr(x1)=xi,i=1,2,3,4....r.....(1) यदि x∈/{x1,x2,x3,.....xr} परन्तु x,f के परिसर का सदस्य है तो
f(x)=x⇒fr(x)=x...(2)
अतः (1) और (2) से- fr(x)=x,∀x∈f का परिसर इसलिए fr=I यहां r वह निम्नतम धनपूर्णांक इस प्रकार है कि
fr=I अतः f की कोटि r है जो कि चक्र की लम्बाई के बराबर है।
प्रमेय (Theorem) 2.दो असंयुक्त चक्रों का गुणन क्रम-विनिमेय होता है।(The composition or product of two disjoint cycles is commutative.) माना कि f तथा g दो असंयुक्त चक्र हैं तो असंयुक्त चक्र की परिभाषा से किसी अवयव x के लिए
f(x)=x⇒g(x)=x⇒fg(x)=f(x) और
g(x)=x⇒f(x)=x⇒gf(x)=g[f(x)]=f(x)fg(x)=gf(x) इसी प्रकार हम सिद्ध कर सकते हैं कि जब f(x)=x,g(x)=x तो fg(x)=gf(x) या fg=gf
प्रमेय (Theorem) 3.प्रमेय क्रमचय को असंयुक्त चक्रों के गुणनफल द्वारा प्रकट किया जा सकता है।(Every permutation can be expressed as a composite of disjoint cycles.) उपपत्ति (Proof): इस प्रमेय की हम गणितीय आगमन विधि (Method of Mathematical Induction) द्वारा सिद्ध करेंगे।माना कि एक समुच्चय S है तथा इसमें n अवयव हैं।यदि n=1 तब प्रमेय स्पष्ट है। अब माना कि यह प्रमेय m<n के लिए सत्य है तो हम यह सिद्ध करेंगे कि यह प्रमेय m=n के लिए भी सत्य है।माना कि f:→S→S तथा f∈Pn तब पूर्णांक (Integer) k और S के अलग-अलग अवयव x1,x2,x3,.....xk ऐसे होंगे कि
f(x1)=x2,f(x2)=x3,f(x3)=x4.....f(xk−1)=xk,f(xk)=x1 इससे स्पष्ट है कि (x1,x2,x3,.....xk) एक k लम्बाई का चक्र है। अब एक ऐसा समुच्चय T लें कि
T=S−(x1,x2,x3,.....xk) तो g:T→T समुच्चय T का एक क्रमचय है और
f=(x1,x2,x3,.....xk)og अब क्योंकि g एक n से कम अवयवों वाले समुच्चय पर क्रमचय है इसलिए आगमन विधि द्वारा
g=α1,α2....αr जहां α1,α2....αr चक्रीय क्रमचय हैं। अतः
f=(x1,x2,x3,.....xk)α1,α2....αr अर्थात् f को असंयुक्त चक्रों के गुणनफल द्वारा प्रकट किया जा सकता है।
(8.)क्रमचय की कोटि (Order of a permutation)- परिभाषा (Definition):यदि f एक परिमित समुच्चय S का एक क्रमचय है तथा fn=I , जहां n न्यूनतम धनात्मक पूर्णांक है तो n को क्रमचय f की कोटि कहते हैं। प्रमेय 3 की सहायता से यह सिद्ध किया जा सकता है कि किसी क्रमचय की कोटि उन सभी असंयुक्त चक्रों की लम्बाइयों का ल.स.प. (L.C.M.) होता है जिनके गुणनफल द्वारा उन क्रमचयों को व्यक्त किया जा सकता है। यदि f एक परिमित समुच्चय S का क्रमचय है तो O(f)=f के असंयुक्त चक्रों की लम्बाइयों का ल.स.प.। प्रमेय (Theorem) 4.प्रत्येक क्रमचय को पक्षान्तरणों के गुणनफल के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। (Every permutation can be expressed as a composite of transpositions.) उपपत्ति (Proof): सर्वप्रथम हम यह सिद्ध करेंगे कि प्रत्येक चक्र को पक्षान्तरणों को गुणनफल के रूप में व्यक्त कर सकते हैं।इसके लिए माना कि x1,x2,x3,.....xm एक m लम्बाई का चक्र है।यह स्पष्ट है कि
(x1,x2,.....xm)=(x1xm)(x1xm−1)......(x1x3)(x1x2) अतः प्रत्येक चक्र को पक्षान्तरणों (Transpositions) के गुणनफल के रूप में प्रकट कर सकते हैं।हम प्रमेय 3 में सिद्ध कर चुके हैं कि प्रत्येक क्रमचय को असंयुक्त चक्रों के गुणनफल के रूप में व्यक्त कर सकते हैं। अतः उपर्युक्त से स्पष्ट है कि प्रत्येक क्रमचय को पक्षान्तरणों (Transpositions) के गुणनफल द्वारा प्रकट किया जा सकता है।
(9.)सम तथा विषम क्रमचय (Even and odd permutation)- परिभाषा (Definition):एक क्रमचय कोई पक्षान्तरणों (Transpositions) की संख्या सम(विषम) हो तो उस क्रमचय को सम (विषम) क्रमचय कहते हैं। (i)एक पक्षान्तरण (Transposition) सदैव विषम क्रमचय होता है। (ii)तत्समक क्रमचय एक सम क्रमचय होता है। (iii)दो समक्रमचयों का संयुक्त क्रमचय एक समक्रमचय होता है। (iv)दो विषम क्रमचयों का संयुक्त क्रमचय एक सम क्रमचय होता है। (v)एक सम तथा दूसरे विषम क्रमचयों का संयुक्त क्रमचय एक विषम क्रमचय होता है। प्रमेय (Theorem) 5. n कोटि (अंशांक) के सभी सम क्रमचयों का समुच्चय An एक समूह (ग्रुप) है जिसका समूहांक (ग्रुपांक) 21n! है। (The set An of all even permutations of degree n is a group of order 21n!) उपपत्ति (Proof):हम जानते हैं कि दो सम क्रमचयों का गुणनफल एक सम क्रमचय होता है, अतः समुच्चय गुणन संक्रिया के लिए संवृत्त है।अब हम समुच्चय An में समूह अभिगृहीतों (Group axioms) परीक्षण करेंगे। (i)साहचर्यता (Associativity):फलनों का गुणन सहचारी होता है तथा क्रमचय एक फलन है अतः यह संक्रिया समुच्चय An में भी सहचारी होगी। (ii) तत्समक का अस्तित्व (Identity):क्योंकि तत्समक क्रमचय एक सम क्रमचय होता है, अतः सम क्रमचयों के समुच्चय An में भी एक तत्समक क्रमचय है। (iii)प्रतिलोम का अस्तित्व (Existence of Inverse):चूंकि प्रत्येक सम क्रमचय का प्रतिलोम क्रमचय एक सम क्रमचय होता है, अतः समुच्चय An का प्रत्येक अवयव प्रतिलोमी होता है तथा प्रत्येक अवयव का प्रतिलोम में विद्यमान है। अतः समुच्चय An क्रमचय गुणन के लिए एक समूह (ग्रुप) है। समूह का समूहांक ज्ञात करना: माना कि समुच्चय Snमेंe1,e2,e3,.......,em सम क्रमचय हैं तथा विषम क्रमचय o1,o2,o3,........,orहै।तब
Sn={(e1,e2,e3,.......,em)(o1,o2,o3,........,or)} अब यह माना कि α कोई पक्षान्तरण (Transposition) है।क्योंकि पक्षान्तरण (Transposition) एक विषम क्रमचय है इसलिए αe1,αe2,αe3,.......,αem विषम क्रमचय है तथा αo1,αo2,αo3,........,αor सम क्रमचय है साथ ही यह सब Sn के अवयव हैं। परन्तु एक सम क्रमचय कभी भी विषम क्रमचय नहीं हो सकता है, अतः αei=αoj जहां eiकोई भी एक सम क्रमचय है तथा oj कोई भी एक विषम क्रमचय है। साथ ही αe1,αe2,αe3,.......,αem में से कोई दो क्रमचय समान नहीं है क्योंकि αei=αej⇒ei=ej [काटने के नियम से (By cancellation Laws)] क्रमचयों का समुच्चय एक समूह (ग्रुप) है। इसी प्रकार αoi=αojयदि i=j अब αe1,αe2,αe3,.......,αem प्रत्येक विषय क्रमचय है परन्तु कुल क्रमचयों की संख्या r (माना) है इसलिए
m≤r....(1) इसी प्रकार αo1,αo2,αo3,........,αor प्रत्येक सम क्रमचय है परन्तु कुल सम क्रमचयों की संख्या m (माना) है इसलिए
r≤m....(2) अतः (1) व (2) से- m=r कब m+r=n! तथा m=r
m=r=2n! अतः An सम क्रमचयों के समुच्चय का समुच्चयांक है। फलत: ,An सम क्रमचयों का समुच्चय एक समूह (ग्रुप) है तथा इसका समूहांक (ग्रुपांक) 2n! है। An को n कोटि (अंशांक) का एकान्तर ग्रुप (समूह) (alternating group) कहते हैं।
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2.चक्रीय क्रमचय के उदाहरण (Cyclic Permutations Examples)-
निम्नलिखित क्रमचयों को असंयुक्त चक्रों के गुणन में लिखिए।इस प्रकार या अन्य प्रकार से क्रमचय की कोटि ज्ञात कीजिए।यह भी बताइए कि यह सम या विषम क्रमचय है तथा इसकी कोटि भी ज्ञात कीजिए। (Express the following permutations as a product of disjoint cycles.Hence or otherwise find the order of the permutation.Also state whether it is an even or odd permutation and a find its order also.)
A=(1 3 4 )(2 5) जो कि असंयुक्त चक्रों के गुणनफल के रूप में है। पुनः A को पक्षान्तरणों (Transpositions) के रूप में व्यक्त करने पर- A=(1 4) (1 3) (2 5) =3 (विषम) पक्षान्तरणों का गुणनफल अब A की कोटि के लिए O(A)=O(1 3 4) तथा O(2 5) के ल.स.प. =3 तथा 2 का ल.स.प. O(A)=6
उपर्युक्त उदाहरण के द्वारा चक्रीय क्रमचय (Cyclic Permutations),पक्षान्तरण (Transposition) को समझा जा सकता है।
=(1 2 3 5) जो कि असंयुक्त चक्रों के रूप में है। पुनः A को पक्षान्तरणों (Transpositions) के गुणनफल के रूप में व्यक्त करने पर A=(1 2) (1 3) (1 4) (2 1) (2 4) (1 5) (1 3) =7 (विषम) पक्षान्तरणों (Transpositions) का गुणनफल अब A की कोटि के लिए O(A)=O(1 4 3 2), O(2 4 1) तथा O(1 3 5) का ल.स.प. =4,3,3 का ल.स.प. =12
उपर्युक्त उदाहरण के द्वारा चक्रीय क्रमचय (Cyclic Permutations),पक्षान्तरण (Transposition) को समझा जा सकता है। निम्न क्रमचयों को पक्षान्तरणों के गुणनफल के रूप में व्यक्त कीजिए:(Express each of the following to permutations as the product of transpositions:)
Example-4. (1 2 3 4 5),5 संकेतों पर (on five symbols). Solution– (1 2 3 4 5) =(1 5) (1 4) (1 3) (1 2) =4 (सम) पक्षान्तरणों (Transpositions) का गुणनफल है।
उपर्युक्त उदाहरण के द्वारा चक्रीय क्रमचय (Cyclic Permutations),पक्षान्तरण (Transposition) को समझा जा सकता है।
Example-7.ज्ञात कीजिए कि निम्न क्रमचय सम है या विषम:(Find,whether the following permutation is even or odd:)
(122534435661778998) Solution-A=(122534435661778998)=(1256)(34)(7)(89)=(1256)(34)(89)=(16)(15)(12)(34)(89) =5 (विषम) पक्षान्तरणों (Transpositions) का गुणनफल जो कि विषम है।
Example-8.यदि (If) a=(132231),b=(112332) तो समीकरण ax=b का S3 में हल ज्ञात कीजिए (Then solve the equation ax=b in S3). Solution–ax=ba=(132231),b=(112332)⇒a−1=(312213)x=a−1b⇒x=(312213)(112332)=(312213)(233211)=(213213)⇒x=(132)
Example-9.ρ−1σρ को ज्ञात कीजिए जबकि (Find ρ−1σρ ,when)
σ=(1354)(268)(97);ρ=(8976)(541)(23) इसकी कोटि ज्ञात कीजिए (Find its order). Solution–ρ=(8976)(541)(23)ρ=(899776685441152332)ρ−1=(987967864514513223)σ=(1354)(268)(97)σ=(133554412668829779)σρ=(133554412668829779)(899776685441152332)=(133554412668829779)(412315543276688997)=(432514513678628799)ρ−1σρ=(987967864514513223)(432514513678628799)=(987967864514513223)(998736781451254362)=(988937761554214263)=(1542)(376)(89) ρ−1σρ की कोटि के लिए O(ρ−1σρ)=O(1542)O(376)तथाO(89) का ल.स.प. =4,3,2का ल.स.प.
=12 उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा चक्रीय क्रमचय (Cyclic Permutations),पक्षान्तरण (Transposition) को समझा जा सकता है।
3.चक्रीय क्रमचय की समस्याएं (Cyclic Permutations Problems)-
(1.)यदि σ=(135) तथा ρ=(2467) सममित समूह S7 के दो अवयव हों तो गुणन तथा सममित समूह के दो अवयव हों तो गुणन σoρ तथा ρoσ प्राप्त कीजिए तथा बताइए कि क्रमचय तथा असंयुक्त है या नहीं।σ तथा ρ की कोटि भी ज्ञात कीजिए और σ−1 तथा ρ−1 को चक्र के रूप में ज्ञात कीजिए। (If σ=(135) and ρ=(2467) are two elements of Symmetric group S7;then find the product of σoρ and ρoσ and state whether permutation and are dusjoint or not.Also give the order of σ and ρ and find σ−1 and ρ−1 in the form of cycles.)
(2.)सिद्ध कीजिए कि समुच्चय {a,b,c} के सम क्रमचयों का समुच्चय A3 ={(a),(ABC),(acb)} क्रमचय गुणन के लिए परिमित अबेलियन समूह है। (Prove that the set A3 of three permutations {(a),(ABC),(acb)} on three symbols a,b,c forms a finite group w.r. to the permutation multiplication.)
(3.)सिद्ध कीजिए कि समुच्चय {a,b,c,d} के क्रमचय (a),(ab)(cd),(ab),(cd) क्रमचय गुणन के लिए एक परिमित समूह बनाते हैं।(Show that permutations {(a),(ab)(cd),(ab),(cd)} on the set {a,b,c,d} form a finite group with respect to permutation multiplication.) उपर्युक्त सवालों को हल करने पर चक्रीय क्रमचय (Cyclic Permutations),पक्षान्तरण (Transposition) को ओर ठीक से समझा जा सकता है।
4.एक क्रमचय में एक चक्र क्या है? (What is a cycle in a permutation?)-
क्रमचय चक्र एक क्रमचय का उपसमूह है जिसके अवयव एक दूसरे के साथ साझा करते हैं।कम्यूटेट द्वारा क्रमचय चक्रों को “ऑर्बिट्स” कहा जाता है।उदाहरण के लिए, क्रमचय समूह में, (143) एक 3-चक्र है और (2) 1-चक्र है। गणित में, और विशेष रूप से समूह सिद्धांत में, एक चक्रीय क्रमचय (या चक्र) कुछ सेट X के अवयवों का क्रमचय है जो एक चक्रीय फैशन में एक दूसरे के लिए कुछ सबसेट के अवयवों को मैप करता है, जबकि फिक्सिंग (जो है , खुद के लिए मैपिंग) X के अन्य सभी तत्व।
5.आप चक्रीय रूप में क्रमचय कैसे लिखते हैं? (How do you write a permutation in cyclic form?)-
चक्र संकेतन में, प्रत्येक चक्र में अवयवों को कोष्ठक के अंदर रखा जाता है, ताकि σ(j) तुरंत j का अनुकरण करता है,j चक्र के अंतिम सूचीबद्ध अवयव के रूप में रखा जाए, तो σ(j) पहला अवयव है।क्रमचय [1234567835247816] चक्र संकेतन में (1,3,2,5,7) (4) (6,8) है।लंबाई एक के चक्र निश्चित बिंदु हैं।उन्हें अक्सर चक्र संकेतन से हटा दिया जाता है।परिणाम मेंको (1,3,2,5,7) (6,8) के रूप में भी लिखा जा सकता है। n का एक अवयव a1 निश्चित बिंदुओं के साथ, a2 चक्रों की लंबाई 2,…, लंबाई n का चक्र, जहां n = a1+2a2+3a3+.....+nan, को चक्र प्रकार (a1,a2,…) कहा जाता है एक)। चक्र प्रकार (a1,a2,…) के साथ n के अवयवो संख्या द्वारा दी गई है।
6.आप क्रमचय द्वारा चक्रों को कैसे गुणा करते हैं? (How do you multiply cycles by permutations?)-
इस तरह के क्रमचय के लिए मैं जिस विधि का उपयोग करता हूं, वह प्रत्येक चक्र को मैपिंग के एक सेट के रूप में सोचना है।(आपके उदाहरण में) 1 से 3, 3 से 5, 5 से 2, और 2 से 1. मैप्स। इसके अलावा, याद रखें कि ab का अर्थ है “b लागू करें, फिर a लागू करें।”इसलिए, यहां, हम यह देखना चाहते हैं कि प्रत्येक संख्या 1-6 में कहां है। 1 से शुरू करें: b फ़िक्सेस 1 (इसे अपने आप में मैप करता है) और 1 से 3 तक मैप्स। इसलिए हम ab = (13 … लिखना शुरू कर सकते हैं अब 3: b फिक्स 3, और 3 से 5 के मैप्स को एक 5 में डालें: ab = (135 …) अब 5: b नक्शे 5 से 6 और एक फिक्सेस 6, तो ab = (1356 … अब 6: b मैप्स 6 से 2 और मैप्स 2 से 1, तो ab = (13561 … = (1356)। ध्यान दें कि ab अब a और b दोनों को ठीक करता है 4, लेकिन ab वास्तव में भी 2 को ठीक करता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि b मैप्स 2 से 5, और मैप्स 5 राइट टू 2 हैं। उम्मीद है कि आप अन्य गुणनफलों की जांच के लिए इस पद्धति का उपयोग कर सकते हैं।
7.चक्रीय क्रमचय की संख्या (Number of cyclic permutations)-
असंयुक्त कक्षाओं में प्रत्येक क्रमचय को सूक्ष्मता से कई अवयवों पर चक्रित किया जा सकता है।एक क्रमचय के चक्रीय भाग चक्र होते हैं, इस प्रकार दूसरा उदाहरण 3-चक्र और 1-चक्र (या निश्चित बिंदु) से बना होता है और तीसरा दो 2-चक्र से बना होता है, और निरूपित (1, 3) (2,4)।
हर क्रमचय एक चक्र है।प्रत्येक क्रमचय को असंयुक्त चक्र के एक गुणनफल में व्यक्त किया जा सकता है। यदि किसी क्रमचय को सम संख्या के पक्षान्तरणों और विषम संख्या के पक्षान्तरणों परिवर्तन के रूप में व्यक्त किया जा सकता है, तो यह क्रमचय भी सम या विषम के रूप में निर्दिष्ट नहीं किया जा सकता है।
About my self
I am owner of Mathematics Satyam website.I am satya narain kumawat from manoharpur district-jaipur (Rajasthan) India pin code-303104.My qualification -B.SC. B.ed. I have read about m.sc. books,psychology,philosophy,spiritual, vedic,religious,yoga,health and different many knowledgeable books.I have about 15 years teaching experience upto M.sc. ,M.com.,English and science.
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