6 Spell for Students to Do in Holidays
1.छात्र-छात्राओं के लिए छुट्टियों में क्या करें के 6 मंत्र (6 Spell for Students to Do in Holidays),छुट्टियों में क्या करें की 6 टाॅप टिप्स (6 Top Tips for What to Do on Holidays):
- छात्र-छात्राओं के लिए छुट्टियों में क्या करें के 6 मंत्र (6 Spell for Students to Do in Holidays) के आधार पर आप अपनी छुट्टियों का सदुपयोग करने के बारे में जान सकेंगे।अक्सर हम छुट्टियों को यों ही इधर-उधर अनुपयोगी कार्यों में व्यतीत कर देते हैं।
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2.छुट्टियां किन छात्र-छात्राओं को मिलती है? (Which students get holidays?):
- सत्रारम्भ से लेकर मार्च-अप्रैल तक माता-पिता व शिक्षकों के दबाव से या स्वेच्छा से एक ही लक्ष्य रहता है की पढ़कर किसी भी तरह अच्छे से अच्छे अंक प्राप्त किए जाएं।कुछ छात्र-छात्राएं शैक्षिक परीक्षाओं से मुक्त हो जाते हैं तो प्रवेश परीक्षा में जुट जाते हैं।यह प्रवेश परीक्षा नीट,जेईई-मेन या अच्छे यूनिवर्सिटी में प्रवेश परीक्षा आदि हो सकती हैं।अतः उन्हें तो छुट्टियों से कोई लेना-देना रहता ही नहीं है क्योंकि छुट्टियों में वे प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे होते हैं।
- परंतु बहुत से छात्र-छात्राओं के पास बोर्ड या कॉलेज की परीक्षा देने के बाद छुट्टियां होती हैं।वर्ष भर तैयारी करने के फेर में वे अपनी अतिरिक्त स्किल्स को नहीं तराश पाते,कोई हाॅबी होती है तो उसको समय नहीं दे पाते,कुछ व्यावहारिक तौर-तरीके या कोर्स करना चाहते हैं तो नहीं कर पाते हैं।जैसे किसी छात्र-छात्रा की डांस में रुचि है या भजन गायन अथवा कंप्यूटर सीखना चाहता है तो वह सीख नहीं पाता है।हालांकि नहीं सीखने का कारण वह यही समझता है कि उसे वर्षभर परीक्षा की तैयारी करने के कारण समय नहीं दे पाता है।इस तर्क में वास्तव में कोई दम नहीं है।
- यदि छात्र-छात्रा समय प्रबंधन की योजना बनाकर सत्रारम्भ से ही सख्ती से उसका पालन करे तो उसे अध्ययन के दौरान भी कुछ न कुछ समय मिल सकता है तथा अपनी हाॅबी या अन्य रुचियों को तराशने के लिए कुछ न कुछ समय दे सकता है।परंतु छात्र-छात्रा पढ़ाई के दौरान कुछ ना कुछ समय लीकेज करता है,व्यर्थ में बर्बाद करता रहता है और उसे इसका पता ही नहीं रहता है कि वह समय बर्बाद कर रहा है।समय प्रबंधन और योजना अथवा टाइम टेबल बनाकर कार्य करे तो अपने समय का बेहतरीन उपयोग तो कर ही सकता है बल्कि अपनी रुचियों को तराश सकता है।
- अब वर्षभर तो उसने परीक्षा के बहाने व्यतीत कर दिया परन्तु अब छुट्टियों का समय तो अपनी रुचियों को तराशने,निखारने अथवा कोई भी कोर्स करने में व्यतीत कर सकता है।छुट्टियों का इसे बेहतरीन और कोई उपयोग नहीं हो सकता है।ये छुट्टियां भी दो-तीन महीने की मिलती है।कुछ छात्र-छात्राएं परीक्षा देते ही अगले सत्र की तैयारी प्रारंभ कर देते हैं।जैसे नवीं कक्षा के छात्र-छात्राएं दसवीं की तथा 11वीं के छात्र-छात्राएं 12वीं कक्षा की तैयारी प्रारंभ कर देते हैं।क्योंकि इनका परीक्षा परिणाम विद्यालय में ही तैयार होता है और परीक्षा देते ही 15-20 दिन में परीक्षा परिणाम सुना दिया जाता है तथा अगले सत्र की पढ़ाई,नोट्स बनाना आदि प्रारंभ कर देते हैं।ऐसे छात्र-छात्राओं का लक्ष्य पहले से ही तय है अतः वे छात्र-छात्राएं अपने समय का सदुपयोग कर रहे हैं उनसे तो हमें कुछ नहीं कहना है।हम तो उन छात्र-छात्राओं की बात कर रहे हैं जो परीक्षा दे चुके हैं,रिजल्ट की प्रतीक्षा में और छुट्टियां व्यतीत करने के बारे में विचार कर रहे हैं।
3.छात्र-छात्राएं छुट्टियों का उपयोग करें (Students should use the holidays):
- छात्र-छात्राएँ जो छुट्टियों को व्यर्थ में ही नष्ट कर रहे हैं उन्हें छुट्टियों का उपयोग करना चाहिए।ऐसे छात्र-छात्राएं कंप्यूटर प्रोग्राम सीख सकते हैं।कोई कंप्यूटर लैंग्वेज बेसिक,पाइथन,जावा,जावास्क्रिप्ट,एचटीएमएल,c++ या अन्य कोई भी कंप्यूटर भाषा सीख सकते हैं।इसके आधार पर आप वेब डिजाइनिंग या एप डेवलपिंग का ऑनलाइन या ऑफलाइन कोर्स कर सकते हैं।बोर्ड या कॉलेज की डिग्री मिलते ही आपके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो जाता है।परंतु आप डिग्री लेते समय या अध्ययन के दौरान अर्थात छुट्टियों में कोई ना कोई स्किल सीखते रहते हैं तो आपके सामने रोजगार का संकट पैदा नहीं होगा।
- कंटेंट राइटिंग सीखकर आप कंटेंट राइटर बन सकते हैं। अथवा जिस क्षेत्र में आपकी रुचि है उस क्षेत्र में यूट्यूब चैनल बनाकर वीडियो अपलोड कर सकते हैं।यूट्यूबर बनने के लिए या ब्लॉगर बनने के लिए ज्यादा कुछ धन की जरूरत नहीं है।केवल मोबाइल फोन और इंटरनेट डाटा की आवश्यकता होती है जो अमूमन हर किसी छात्र-छात्रा के पास मिल जाता है।
- कोई भी कोर्स किसी वेबसाइट या यूट्यूब पर वीडियो फ्री में देखकर सीख सकते हैं।हालांकि कुछ पेड (paid) कोर्सेज भी होते हैं परंतु यदि आपके पास पेड (paid) कोर्सेज के लिए धन नहीं है तो इन्हें आप फ्री में भी सीख सकते हैं।कई वेबसाइट्स तथा यूट्यूब पर बहुत से चैनल फ्री में भी कोर्सेज सीखाते हैं ।जो छात्र-छात्राएं समर्थ हैं और कोर्सेज का भुगतान कर सकते हैं तो उन्हें पेड (paid) कोर्सेज करना चाहिए।
- आप यदि यूट्यूबर बनना चाहते हैं तो आपको पहले अपने रुचि का क्षेत्र जैसे शिक्षा,ब्लॉगिंग,टेक्नोलॉजी आदि में से चुनना होगा।जिस क्षेत्र में रुचि है उसके लिए वीडियो एडिटिंग के वीडियो यूट्यूब पर देखकर सीख लें।थंबनेल कैसे बनाते हैं,कीवर्ड का चयन कैसे करते हैं आदि से संबंधित नॉलेज प्राप्त करें।वीडियो एडिटिंग के लिए काइने मास्टर या पावर डायरेक्टर ऐप आदि से कैसे एडिटिंग करते हैं।टैग्स क्या हैं? यूट्यूब चैनल को कस्टमाइज कैसे करते हैं? यूट्यूब चैनल का नाम कैसे रखें आदि बातों की जानकारी प्राप्त करें और वीडियो अपलोड करना शुरू कर दें।आप पार्टटाइम जॉब के रूप में इसे कर सकते हैं।शिक्षा पूरी होने पर इसे फुल टाइम जॉब के रूप में भी अपना सकते हैं।शुरू में आपको सोशल साइट्स इंस्टाग्राम,ट्विटर तथा फेसबुक व लिंकडइन आदि पर शेयर करना होगा ताकि आपकी रीच लोगों तक पहुँच सके।वीडियो के लिए एक अच्छा मोबाइल फोन और इंटरनेट डाटा चाहिए।नियमित रूप से वीडियो अपलोड करते रहें।पॉपुलर होने में समय लगता है अतः धैर्य रखें।
- डांस,भजन,संगीत,मोनो एक्टिंग आदि में आपकी रुचि है तो इनसे संबंधित ऑफलाइन या ऑनलाइन अथवा दोनों माध्यम से कोर्सेज कर सकते हैं।आपका समय बहुत कीमती है अतः इसे व्यर्थ में गपशप में,मौज मस्ती या इधर-उधर यों ही बर्बाद करने के लिए नहीं है।सीखने के लिए शुरू में आपको संघर्ष करना पड़ेगा लेकिन आप यदि डटे रहे तो कुछ ना कुछ सीखेंगे ही।यह संभव है कि आपको एकाएक महारत हासिल ना हों,अतः दूसरों को देखकर हतोत्साहित ना हों।हर छात्र-छात्रा की योग्यता,क्षमता,रुचियाँ अलग-अलग होती हैं।इसलिए किसी को जल्दी सफलता मिल रही है तो उससे तुलना करके निराश ना हों,हाँ उससे आगे बढ़ने की तकनीक सीख सकते हैं,आप क्यों सफल नहीं हो पा रहे हैं,उसके कारणों को जानकर दूर कर सकते हैं,इस प्रकार आप अपनी छुट्टियों का सदुपयोग करें।
4.छात्र-छात्राएं छुट्टियों में क्या करते हैं? (What do students do during the holidays?):
- अक्सर छात्र-छात्राएं पढ़ाई व अध्ययन करने को बोरियत समझते हैं तो परीक्षा की तैयारी करते हुए,वर्षभर के दौरान अध्ययन करते-करते तनावग्रस्त हो जाते हैं।फलतः वे समझते हैं कि छुट्टियां मौज-मस्ती के लिए ही आती हैं,तनाव सिर से गायब करने के लिए आती हैं,मनोरंजन करने के लिए आती हैं।इस प्रकार वे अपने कीमती समय को व्यर्थ ही नष्ट करते रहते हैं।प्रतिवर्ष दशहरा,दीपावली,शीतकालीन व ग्रीष्मकालीन छुट्टियाँ आती हैं परन्तु वे उनको व्यर्थ में ही बर्बाद कर देते हैं।जो समय उन्हें अपना भविष्य निर्माण के लिए मिला है उसे वे ऐशोआराम व सुख-सुविधाओं का मौज मजा लेने में गुजार देते हैं।
- घंटों अपने फ्रेंड्स या गर्लफ्रेंड से सोशल मीडिया पर व्यर्थ की चैटिंग करते रहेंगे या वीडियो कॉल अथवा फोन पर बातें करते रहेंगे।जबसे इंटरनेट डाटा कंपनियों में प्रतिस्पर्धा चालू हुई है तब से उन्हें इंटरनेट डाटा मिलता है उसका भरपूर यूज करते हैं।इस प्रकार चैटिंग,वीडियो कॉल,फोन करने आदि में उनका पूरा दिन व्यतीत हो जाता है और वे समझते हैं कि उसने अपने दिन का बेहतरीन इस्तेमाल किया है।यह गलतफहमी है और इस गलतफहमी का पता इसलिए नहीं चलता है क्योंकि अभी माता-पिता की कमाई पर गुजारा चल रहा है।इसलिए उन्हें दुनियादारी का,पैसे कमाने और खर्च करने की वास्तविकता का मालूम नहीं है।
- डिग्री हासिल होते ही और जीवन क्षेत्र में उतरने पर उन्हें एहसास होता है क्योंकि पढ़ाई करते समय तो पढ़ाई के खर्चे,मोबाइल के खर्चों के लिए मां-बाप से कुछ ना कुछ तिकड़म भिड़ाकर हासिल करते रहे हैं।लेकिन डिग्री समाप्त होते ही,पढ़ाई समाप्त होते ही घरवालों से मांगने का कोई जरिया नहीं रहता है,यदि मांगते हैं तो घर वाले स्पष्ट कहते हैं कि कमाओ और अपने खर्चे चलाओ।तब उन्हें अपनी असलियत का पता चलता है।जिस समय में कुछ हुनर सीख सकते थे,कुछ स्किल सीख सकते थे उस समय को तो यों ही मौज मजा करने में गुजार दिया।ऐसी स्थिति में दो ही रास्ते बचते हैं।पहला कठिन संघर्ष करके जाॅब की तकनीक सीखी जाए या गलत रास्ता अपनाकर,चोरी करके,लूटपाट करके या अन्य अनैतिक तरीके अपनाकर अपने शौक पूरे करें।
- अधिकांश युवक-युवतियाँ इसीलिए गलत रास्तों पर भटक जाते हैं क्योंकि गलत राह चुनकर,लोगों को चूसने,चोरी करने,लूटपाट करने में संघर्षों का सामना नहीं करना पड़ता,यह रास्ता सरल नजर आता है,हालांकि यह उनकी गलतफहमी है।शुरू-शुरू में उन्हें गलत कामों में भले ही सफलता मिल जाए परन्तु जिस दिन कानून की गिरफ्त में आ जाते हैं,तब जेल की हवा खानी पड़ती है।इसके बाद उनकी यह आदत छूट नहीं पाती है क्योंकि गलत रास्ते की दलदल में फंसना सरल है,उससे निकलना बहुत मुश्किल है।लेकिन जो छात्र-छात्राएं सही रास्ते पर डटे रहते हैं,उन्हें अनेक संघर्षों का सामना करना पड़ता है,जलालत,अपमान सहन करना पड़ता है लेकिन एक न एक दिन उन्हें सफलता मिलती ही है।अच्छे कार्य में समय जरूर लगता है लेकिन उसका परिणाम अच्छा ही होता है।आप सोचें यदि अध्ययन के दौरान किसी जाॅब या स्किल को सीख लिया होता तो इतना कठिन संघर्ष नहीं करना पड़ता।
5.छुट्टियों का उपयोग करने का निष्कर्ष (Conclusion to using holidays):
- उपर्युक्त विवरण का अर्थ यह नहीं है कि विद्यार्थी को डिग्री पर डिग्री हासिल करते रहना चाहिए,एक नहीं बहुत-सी स्किल सीखनी चाहिए।जो अतिप्रतिभाशाली तथा बहुमुखी प्रतिभा के धनी छात्र-छात्राएं हैं उनकी बात अलग है।परंतु एक सामान्य छात्र-छात्रा के लिए एक हाॅबी या रुचि को सीखने में ही मुश्किल हो जाता है तो अनेक स्किल्स सीखना अपने आपको धोखा देना है,अपनी योग्यता का सही उपयोग नहीं है।अतः डिग्री के अलावा किसी रुचि के क्षेत्र में ही अपनी हाॅबी को तराशना चाहिए,उससे संबंधित कोर्सेज ही करना चाहिए।
- दरअसल छात्र-छात्राओं के भटकने का एक कारण यह भी है कि उनको सही मार्गदर्शन नहीं मिलता है,इसलिए वे चाहे जिस क्षेत्र में चल पड़ते हैं।किसी विद्वान का भाषण सुनते हैं तो विद्वान बनने का चस्का लग जाता है।किसी संगीतज्ञ का संगीत सुनते हैं तो संगीतज्ञ बनने का प्रयास करने लगते हैं।किसी नेता का भाषण सुनते हैं तो उन्हें नेता बनने का नशा चढ़ जाता है।हर क्षेत्र में कोई ना कोई टॉप पर रहता है।ये टॉप हस्तियां छात्र-छात्राओं को आकर्षित करती है।अतः किसी भी क्षेत्र के महान् व्यक्तित्व को देखकर वही क्षेत्र चुन लेना नासमझी है।अपनी मौलिक प्रतिभा को पहचानें,यदि आप पहचान नहीं कर सकते हैं तो किसी भी योग्य गुरु से,मार्गदर्शक से पूछें।अपने माता-पिता,मित्रों और शिक्षकों से परामर्श लें और तब निर्णय करें कि आपमें क्या प्रतिभा छुपी हुई है जिसे तराशने पर आप उस क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं।
- दरअसल तप और साधना के अभाव में हम स्वयं अपनी प्रतिभा को पहचान नहीं पाते हैं।तप और साधना करने से जी चुराते हैं और फिर दूसरों से पूछते रहते हैं कि मुझे क्या करना चाहिए,मेरे अंदर कौनसी प्रतिभा छिपी हुई है?
- आजादी के पिछले पिचहत्तर सालों तथा पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से हमारे देश में ऐसी विचारधारा विकसित हुई है जिससे तप और साधना के बजाय ऐशोआराम व सुख-सुविधाओं का भोग किया जाए।मितव्ययता,सादा जीवन,उच्च विचार,तप,साधना जैसे शब्द हमारे शब्दकोष से निकाल दिए गए हैं।
- हमारे नवयुवक व नवयुवकों को उद्यमी,पुरुषार्थी बनने में सही प्रकार से धन को कमाने में प्रोत्साहित करना होगा।यह तभी हो पाएगा जब छात्र-छात्राओं के माता-पिता,शिक्षक वर्ग,व्यवसायी वर्ग इस बात को समझेगा और उन्हें सही मार्गदर्शन प्राप्त होगा।
- नियम-संयम,तप-साधना आदि को जीवन में न अपनाने का सहयोगी कारण और भी है वह है हमारी सुविधाभोगी मनोवृत्ति।हर छात्र-छात्रा सुविधाएँ चाहता है और जहां तप-साधना,नियम-संयम का पालन आवश्यक है,जहाँ सुविधा का उपयोग नहीं करना चाहिए वहां भी सुविधा का उपयोग करना चाहता है।दिन-ब-दिन सुविधाभोगी मनोवृत्ति बढ़ती जा रही है।सुविधा का वास्तविक अर्थ होना चाहिए सु यानी अच्छा और विधा यानी ढंग अर्थात् अच्छा ढंग या सही ढंग।अब किसी काम को सुविधापूर्वक करने का अर्थ होना चाहिए काम को अच्छे और सही ढंग से करना।इस तरह किसी काम को अच्छे व सही ढंग से करें तो इसे सुविधापूर्वक करना कहा जाना चाहिए लेकिन सुविधा का उपयोग इस अर्थ में नहीं लिया जाता बल्कि सुविधा शब्द का अर्थ मनमर्जी के मुताबिक आराम के साथ सुखपूर्वक कोई काम को करना माना जाता है।
- उपर्युक्त आर्टिकल में छात्र-छात्राओं के लिए छुट्टियों में क्या करें के 6 मंत्र (6 Spell for Students to Do in Holidays),छुट्टियों में क्या करें की 6 टाॅप टिप्स (6 Top Tips for What to Do on Holidays) के बारे में बताया गया है।
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6.हाॅबी क्लासेज में गया था (हास्य-व्यंग्य) (Went to Hobby Classes) (Humour-Satire):
- एक दिन एक छात्र घर आने में लेट हो गया तो पिताजी ने पूछा,’अब तक कहां थे तुम?
- छात्र ने कहा:हाॅबी क्लासेस गया था।
- पिताजी ने छात्र के सामने 10 छात्रों को फोन लगाया।चार ने कहा,हाँ अंकल,मेरे साथ हाॅबी क्लास गया था।तीन ने कहा,बस अभी-अभी हाॅबी क्लास से निकला ही हैं।दो ने कहा कि हां हाॅबी क्लासेज में ही बैठे हैं।लेकिन छात्र की मुसीबत तब और बढ़ गई जब एक ने तो हद ही कर दी और बोला,हाँ पापा बोलो क्या हुआ?
7.छात्र-छात्राओं के लिए छुट्टियों में क्या करें के 6 मंत्र (Frequently Asked Questions Related to 6 Spell for Students to Do in Holidays),छुट्टियों में क्या करें की 6 टाॅप टिप्स (6 Top Tips for What to Do on Holidays) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.आजकल के युवकों की क्या स्थिति है? (What is the situation of today’s youth?):
उत्तर:एम.ए. कर रहे हैं,एलएलबी करने की सोच रहे हैं।कंप्यूटर क्लासेज जॉइन करने का भी मूड है।उनसे पूछो कि कोई काम धंधा क्यों नहीं करते तो बोलते हैं कि मेरे लायक कोई काम मिल ही नहीं रहा है।यह हाल है आजकल के युवकों का जो सोचते हैं तो बहुत हैं पर व्यावहारिक रूप से करते कुछ नहीं।
प्रश्न:2.सबसे बड़ा अवगुण क्या है? (What is the biggest demerit?):
उत्तर:अपने समय का दुरुपयोग करना,गलत कार्यों में करना,अनीति,अधर्म पर चलना सबसे बड़ा अवगुण है और समय का सदुपयोग करना,अच्छे कार्यों में करना,भविष्य को सँवारने में करना,नीति और धर्म के पालन में करना सबसे बड़ा सद्गुण है।
प्रश्न:3.अपने दोषों को दूर कैसे करें? (How to overcome your faults?):
उत्तर:अच्छे कार्यों का बार-बार अभ्यास करें।ऐसा कोई दोष नहीं है जिसे बार-बार उचित अभ्यास से दूर न किया जा सकता हो।मानसिक दुर्गुणों को दूर करने का उपाय है विद्या का अभ्यास करना,अध्ययन करना।
- उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा छात्र-छात्राओं के लिए छुट्टियों में क्या करें के 6 मंत्र (6 Spell for Students to Do in Holidays),छुट्टियों में क्या करें की 6 टाॅप टिप्स (6 Top Tips for What to Do on Holidays) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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Satyam
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