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7 Best Jobbing Techniques for Freshers

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1.फ्रैशर्स के लिए जॉब करने की 7 बेहतरीन तकनीक (7 Best Jobbing Techniques for Freshers),फ्रेशर्स के लिए स्मार्ट वर्क करने की 7 बेहतरीन तकनीक (7 Best Techniques for Freshers to Work Smart):

  • फ्रैशर्स के लिए जॉब करने की 7 बेहतरीन तकनीक (7 Best Jobbing Techniques for Freshers) से आप जान सकेंगे कि फ्रेशर्स कैसे जॉब की तकनीक अपनाते हैं और किस तरह से उन्नति के लिए तकनीक अपनानी चाहिए?
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2.शिक्षा संस्थानों से निकले युवावर्ग (Young people from educational institutions):

  • वर्तमान समय में विद्यालय एवं महाविद्यालय से निकला अधिकांश युवावर्ग भटका हुआ है।विद्यालयों से निकले इन युवाओं के सामने अपने लक्ष्य की कोई स्पष्ट तस्वीर नहीं होती।विद्यालय से महाविद्यालय में जाने का मतलब अधिकांश युवा डिग्री प्राप्त करना तथा मस्ती मारना समझते हैं।विद्यालय की अनुशासनबद्ध जिंदगी से महाविद्यालय/कॉलेज का निरंकुश आजादी का माहौल उन्हें अपनी ओर आकर्षित करता है।डिग्री प्राप्त कर जब ये युवा रोजगार की तलाश में निकलते हैं,तब उनके सपनों का महल तकनीकी योग्यता के अभाव में बेरोजगारी के थपेड़ों से टूट कर बिखर जाता है।स्नातक डिग्री हासिल कर आई०ए०एस०/आर०ए०एस० या अन्य सेवाओं की दौड़ में युवा अन्य लाखों प्रत्याशियों के समान लग तो जाता है,लेकिन बार-बार असफलता हाथ आने पर वह इधर-उधर हाथ-पैर मारता है।कैरियर निर्माण की उसकी योजनाएं एवं सपने ध्वस्त हो जाते हैं और वह कहीं भी कैसी भी नौकरी प्राप्त करने के लिए छटपटाता है।
  • असल में स्नातक ने चाहे विज्ञान/वाणिज्य/मानविकी विषयों में से किसी भी विषय से डिग्री क्यों न प्राप्त की हो,रोजगार के अवसर सभी के लिए न के बराबर हैं।इसका एकमात्र कारण युवाओं का अर्थव्यवस्था की मांगों के अनुरूप प्रशिक्षित ना होना है।ऐसी स्थिति में युवावर्ग हेतु साधारण स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के साथ ही कोई ना कोई स्किल,व्यावसायिक अथवा तकनीकी योग्यता पाठ्यक्रम करना श्रेयस्कर है,जिससे उसे रोजगार मिले।अनेक व्यावसायिक ऑनलाइन व ऑफलाइन पाठ्यक्रम लोकप्रिय हो रहे हैं।जैसे कन्टेंट राइटर,वेब डेवलपिंग,वेब डिजाइनिंग,लाइब्रेरी साइंस,ट्रैवलिंग आदि अनेक क्षेत्रों में करियर के नए-नए अवसर विकसित होते जा रहे हैं।इनकी लोकप्रियता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।आजकल जिस तरह बेरोजगारी का आलम पूरे देश में छाया हुआ है उससे हर तरफ अराजकता बढ़ती जा रही है तथा देश के युवावर्ग की शक्ति रचनात्मक कार्यों के बजाय विध्वंसक गतिविधियों साइबर क्राइम,लूटपाट,डकैती,अपहरण,बैंक डकैती,एटीएम डकैती आदि की तरफ ज्यादा संलग्न हैं।इस पर हमारे नीति-निर्माताओं,देश के प्रमुख नेताओं,प्रबुद्ध वर्ग को गंभीरतापूर्वक विचार करने की आवश्यकता है।
  • ऑनलाइन व्यवसाय तथा विभिन्न कंपनी में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और दिनोंदिन इसका महत्त्व बढ़ता जा रहा है।इन क्षेत्र में अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप में लाखों लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है।भारत में ऑनलाइन जॉब तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आगमन की वजह से रोजगार के अवसर बढ़ते जा रहे हैं।परंतु इन क्षेत्रों में योग उम्मीदवारों की कमी है अर्थात् युवाओं में स्किल का अभाव है जिससे वे जाॅब पाने से वंचित रह जाते हैं।
  • यदि आपमें स्किल है,कोई तकनीकी डिप्लोमा या तकनीकी डिग्री प्राप्त कर ली तब भी आपको रोजगार के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा।यानी स्किल के साथ यदि आपको वर्क एक्सपीरियंस है तभी आपको जॉब मिल पाएगा।यदि आपके पास स्किल और कुछ अनुभव है तथा आपने किसी कंपनी में जॉब प्राप्त कर लिया है तो अपने आप को स्थापित करने,पदोन्नति के लिए आपको करियर में मजबूत पकड़ हासिल करनी होगी,इस आर्टिकल में फ्रेशर्स कैसे अपनी जगह बनाएं,इसके बारे में बताया गया है।

3.करियर के प्रति सजगता (Career Awareness):

  • आधुनिक काल में युवा पीढ़ी के समक्ष सबसे बड़ा प्रश्न करियर को सुदृढ़ बनाने के प्रति होता है।सबों के बीच कड़ा संघर्ष रहता है क्योंकि जाॅब पाने के लिए परीक्षाओं में सफल होना आवश्यक होता है।
  • अपने सुंदर कैरियर के प्रति युवा पीढ़ी को खुद सजग रहते हुए परीक्षाओं की तैयारी करनी चाहिए।उन्हें अपनी रुचि,क्षमता तथा योग्यता के अनुसार ही विभिन्न क्षेत्र के करियर में एक को चुनना चाहिए ताकि उनका प्रथम प्रयास ही उन्हें सफलता की बुलंदियों पर ले जा सके।इसके अतिरिक्त अभिभावकों को भी अपने बच्चों की रुचि,क्षमता के अनुसार ही शिक्षा दिलवानी श्रेयस्कर है।
  • अभिभावक का हमेशा यह प्रयास रहना चाहिए कि उनके बच्चे अनावश्यक कुंठाओं का शिकार न बनें।अभिभावक का सहयोग बच्चों के लिए भविष्य में सुनहरे कैरियर बनने में संबल प्रदान करता है।स्नातक करने के पश्चात छात्र-छात्राओं को रुचिनुसार परीक्षा की तैयारी में जुट जाना चाहिए क्योंकि यह सर्वविदित है कि निरंतर अथक प्रयास के फलस्वरूप उनका भविष्य अवश्य सुखमय बन सकता है।अर्थात् प्राथमिक कक्षाओं से लेकर उच्च शिक्षा तक अभिभावकों एवम् करियर के प्रति सजग नवीन पीढ़ियों को संघर्षरत एवं अध्ययनरत होना होगा,ऐसी स्थिति में ही उज्ज्वल भविष्य की कल्पना की जा सकती है।

4.फ्रेशर्स के लिए स्वविवेक और आत्मनिर्णय का महत्त्व (The Importance of Self-Discretion and Self-Determination for Freshers):

  • शिक्षण संस्थानों से जुड़े युवकों की मानसिकता तथा नौकरी कर रहे युवकों की मानसिकता में काफी फर्क होता है।शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों में अल्हड़ता,निर्भीकता,मौलिकता के गुण विद्यमान रहते हैं जबकि नौकरी कर रहे युवक इन सारे गुणों को कब का छोड़कर गंभीर प्रकृति के हो जाते हैं।दोनों के सोचने में फर्क है,क्योंकि दोनों के कार्यक्षेत्र अलग-अलग होते हैं। एक शिक्षा स्थली और दूसरा कार्यस्थली से जुड़ा होता है।इसलिए दोनों के स्वभाव में भी अंतर होता है।
  • वर्तमान समय में जाॅब प्राप्त करके स्वविवेक और आत्मनिर्णय द्वारा अपने कैरियर की नींव किस प्रकार डालें,यह विचारणीय तथ्य है।अक्सर यह देखा जाता है कि मध्य श्रेणी वाले भी कैरियर बनाने के रास्ते में उच्च श्रेणी वालों को भी पीछे छोड़ देते हैं।सर्वप्रथम यह ध्यान देने योग्य बातें हैं कि व्यक्ति के लिए जाॅब का प्रथम दिन अत्यंत महत्त्वपूर्ण होता है।अतः साक्षात्कार में पास होने के बाद वरीयता सूची व पदोन्नति का ख्याल रखते हुए नियुक्त होकर कार्य करना शुरू कर देना चाहिए।अन्यथा एक दिन की भी लापरवाही से वरीयता क्रम में फर्क पड़ सकता है।जाॅब के प्रथम दिन भड़कीले वस्त्र न पहनें बल्कि सामान्य कपड़े ही धारण करना चाहिए ताकि आपका व्यक्तित्व का प्रभाव दूसरों पर पड़े।
  • कार्यालय में अधिकारी तथा कर्मचारी के मध्य का रिश्ता छात्र और शिक्षक के जैसा होता है।अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारी को एक प्रतिद्वन्द्वी के रूप में देखता है।हर नये कर्मचारी को कार्यालय में पुराने कर्मचारियों की अपेक्षा अधिक काम करना पड़ता है।यह प्राचीन परंपरा है,इससे हर नए कर्मचारी को अवगत होना पड़ता है।हर नए कर्मचारियों को मेहनत के बल पर अपने अधिकारी तथा सहयोगियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहिए,जिनसे स्वतः उनका सहयोग प्राप्त हो जाएगा।जाॅब के कुछ महीनों के अंदर ही अपने कुशल व्यवहार से सभी का मन जीतना आपके करियर में महत्त्वपूर्ण कदम माना जाएगा।इन समयों में कम-से-कम छुट्टी,शालीनता,अपने पद के अनुकूल पहनावा तथा व्यक्तिगत तौर पर कार्यालय में फोन पर विशेष बातचीत आदि पर विशेष ध्यान देना चाहिए अन्यथा आपके द्वारा महीनों के अंदर बनाई हुई साख व मेहनत पर पानी फिर सकता है।
  • अतः इस मूल मंत्र ‘सुनना सबों की मगर करना स्वविवेक और आत्मनिर्णय के अनुसार ही’ को हमेशा ध्यान रखें।कार्यालय के अधीन संगठनों की राजनीति को सुनना-समझना जरूर चाहिए परंतु संगठनों की राजनीति से दूर रहकर ही आपके सफल करियर की सुंदर नींव पड़ सकती है क्योंकि ऐसी राजनीति स्वार्थ से भरी होती है।

5.अपडेट रहें (Stay updated):

  • यहाँ अपडेट से तात्पर्य केवल टेक्नोलॉजी के ज्ञान से ही मतलब नहीं है बल्कि चारित्रिक गुणों को अपडेट करने से भी है।अपने जाॅब से संबंधी टेक्नोलॉजी का ज्ञान होने के साथ-साथ कंप्यूटर का ज्ञान,कंप्यूटर से कार्य करने की स्किल,कंप्यूटर लैंग्वेज का ज्ञान और जाॅब से संबंधी होने वाले नए-नए परिवर्तनों से अपने आप को अपडेट व अपग्रेड करते रहें।
  • इनके सबके साथ-साथ अन्य गुण भी होने चाहिए।मसलन एम्प्लाॅई की कुशलता,सतर्कता,मेहनत,चतुराई,आकर्षक व्यक्तित्व,प्रबंधन एवं जाॅब क्षमता के गुणों के आधार पर ही उसकी पदोन्नति में सहायक सिद्ध होते हैं।
  • विनम्रता,सहयोग की भावना,टीम वर्क भावना,कार्य के प्रति तत्परता आदि गुण उसके करियर को एक नया आयाम प्रदान करते हैं।फुटकर रूप से तो ये गुण आपमें हो सकते हैं परंतु इन गुणों को साधारण स्तर से ऊपर विकसित करते हैं तभी आप कंपनी के निदेशक या बाॅस की नजर में आते हैं।
  • उदाहरणार्थ इनमें से विनम्रता का गुण ले लीजिए।एंप्लॉई के कैरियर लाइफ में विनम्रता का अत्यधिक महत्त्व है।किसी भी बात को विनम्र और मीठे स्वर में कहने वाला हर किसी के दिल में जगह बना लेता है।वह सबका प्रिय बन जाता है।जबकि,छोटी से बात भी कड़वे या रूखे स्वर में कहने वाला एम्प्लाॅई परहेज की चीज बन जाता है।उससे अन्य एम्प्लाॅईज भरसक बचने की कोशिश करते हैं।एक को तो एम्प्लाॅईज तथा बाॅस व सीनियर्स मीठे गुड़ की भांति ग्रहण करते हैं जबकि दूसरे को कड़वे नीम की तरह थूक देते हैं।इस बारे में एक लोक कहावत प्रचलित है कि ‘भले ही गुड़ न दें,पर गुड़ जैसी बात तो कहें।’
  • इन सभी बातों से परिचित होने के बावजूद कुछ एम्प्लॉइज यदि कड़वा बोलते हैं,तो इसके पीछे जरूर कोई कारण होता है लेकिन कड़वा बोलने के पीछे सबसे बड़ा कारण उस एम्प्लाॅई का अहंकार होता है।ऐसे एम्प्लाॅई प्रायः इस गलतफहमी के शिकार होते हैं कि धन-धान्य,पद-प्रतिष्ठा,विद्वता या बुद्धि में उनसे बढ़कर कोई नहीं है।जब एम्प्लाॅई में इस तरह का अहंकार घर कर लेता है,तो ऐसे में वह सभी को अपने से निकृष्ट समझने लगता है।ऐसी स्थिति में ही दूसरों के प्रति उसका व्यवहार बदल जाता है।उसके स्वर में रूखापन आ जाता है।
  • आजकल प्रायः यह देखने में आता है कि आरक्षण खिड़कियों पर,बैंकों में या अन्य कार्यालयों,कंपनी की ब्रांचों में बैठे एम्प्लाॅई या बाॅस ग्राहकों या लोगों से सीधे मुंह बात नहीं करते,बल्कि उन्हें आतंकित करने वाले स्वर में झिड़क देते हैं।हालांकि,ऐसा करके वे अपने कर्त्तव्य से मुंह मोड़ते हैं।उन्हें इस व्यवहार का अहसास तब होता है,जब वे किसी और कंपनी के कार्यालय,विभाग में जाते हैं और उनसे भी वैसा ही व्यवहार होता है जैसा कि अपने यहां वे स्वयं करते रहे हैं।ऐसे में यदि उनमें जरा सी भी समझदारी होती है,तो वे अपना व्यवहार सुधार लेते हैं,अन्यथा वे पहले की तरह ही बने रहते हैं।ऐसी स्थिति में न केवल कस्टूमर हैरान-परेशान होते हैं,बल्कि ऑफिस का कार्य भी प्रभावित होता है।
  • कुछ एम्प्लाॅईज यह दावा करते हैं कि वे खरी बात कहते हैं,क्योंकि वे निश्छल और स्पष्टवादी हैं।लेकिन,ऐसा दावा करना भी मिथ्यादम्भ ही है,जो वास्तविकता के अज्ञान से उत्पन्न होता है।दरअसल,जब तक मन में कटुता या ईर्ष्या नहीं होगी,तब तक कटु या अप्रिय वाणी सामने आ नहीं सकती।वाणी हमारे मन की सोच को ही प्रतिनिधित्व देती है।यदि हमारा मन निर्मल-निष्कपट है तो निःसंदेह हमारी वाणी भी निर्मल रहेगी।हालांकि,इसके अपवाद भी हो सकते हैं।
  • यदि एम्प्लॉइज के जीवन का गहराई से विश्लेषण किया जाए तो यह सत्य सामने आता है कि अप्रिय बात बोलने वाले या अप्रिय व्यवहार करने वाले एम्प्लॉइज को हर संभव प्रयास करने के बावजूद जाॅब या व्यवसाय में नुकसान उठाना पड़ता है।दूसरी तरफ प्रिय बोलने और सदाचरण करने वाला एम्प्लाॅई कम परिश्रम और कम संसाधनों के बावजूद कहीं अधिक सफलता अर्जित करता है।लोक व्यवहार का यह सामान्य तकाजा है कि अप्रिय बोलने की अपेक्षा चुप रह जाना ही श्रेयस्कर है।
  • इसलिए नए एंप्लॉई को यदि अपनी उन्नति करना है और सफल होना है तो अपनी वाणी को नियंत्रित करें।हर एंप्लॉई को कभी ना कभी खुद भी कस्टमर बनना पड़ता है,जब उसे दूसरों से सहयोग लेने के लिए विवश होना पड़ता है।ऐसे में अहंकारी एम्प्लाॅई का अहंकार उसके लिए काफी महंगा साबित होता है,जब कोई उसके साथ सहयोग करने को राजी नहीं होता।विनम्रता तथा मीठी वाणी बोलने का मतलब चाटुकारिता या खुशामद करना कतई नहीं होता।वाणी का सही उपयोग तभी है जब उसमें मिठास घोली जाए।इसी तरह अन्य गुणों के बारे में समझें।

6.फ्रेशर्स ऐसा करने से बचें (Freshers avoid doing this):

  • फ्रैशर्स को अपने अन्दर बहुत अधिक काम करते हुए ऐसी गलतफहमी नहीं रखनी चाहिए कि वे बहुत टैलेन्टेड हैं।ऐसी सोच नया सीखने,आगे बढ़ने से रोकती है।हर फ्रेशर एम्प्लाॅई को अधिक जॉब करना ही पड़ता है तभी वह जाॅब की बारीकियों को सीख सकता है और अनुभव अर्जित कर सकता है।
  • यदि आप वाकई हार्ड वर्क कर रहे हैं तो एम्प्लाॅई को अपने सीनियर्स की नजर में लाना चाहिए ताकि कंपनी के अधिकारियों की नजर में यह बात आ सके।केवल चुपचाप आप हार्ड वर्क करते रहें और बताएंगे नहीं तो उसका फायदा नहीं मिल सकेगा लेकिन अपने हार्ड वर्क का ढिंढोरा न पीटते रहे,बल्कि उचित अवसर पर बताएं। फ्रेशर्स के पास अनुभव की कमी होती है अतः उन्हें छोटी-छोटी बातों के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है।दूसरों पर अत्यधिक निर्भर रहना गलत है।अपने जाॅब से संबंधित समस्याओं को पहले स्वयं सुलझाने का प्रयास करें,मनन-चिंतन करें कि इसे किस तरह निपटाया जा सकता है।आवश्यक होने पर ही दूसरों से सहयोग लें।इस तरह की आदत से आप अपना काम खुद निपटाने में सक्षम हो सकेंगे।
  • अपने जाॅब से संबंधित पुस्तकें पढ़े,यूट्यूब वीडियो देखें,वेबसाइट्स पर आर्टिकल पढ़ें।इस तरह स्वयं कोशिश करके समस्याओं को निपटाएंगे तो दूसरों पर निर्भरता कम होती जाएगी,आपमें परिपक्वता आती जाएगी।धैर्य और हौसला रखें,चिंता नहीं चिंतन करें धीरे-धीरे आप अनुभव अर्जित करते जाएंगे और आगे बढ़ते जाएंगे।
  • यदि प्रयास करने पर भी आपको अपनी योग्यता के अनुसार जाॅब नहीं मिल पा रहा है तो छोटे स्तर से प्रयास प्रारंभ करें,साथ ही अपनी योग्यता के अनुसार जाॅब प्राप्त करने के लिए कोशिश करते रहें।कई बार एम्प्लाॅई जो जॉब मिल जाता है उसी से संतुष्ट हो जाते हैं और अपनी योग्यता के अनुसार जाॅब की तलाश नहीं करते हैं,यह आदत आपको आगे बढ़ने से रोकती है।
  • फ्रेशर्स के लिए हर चीज,हर बात को प्रेक्टिकल करके देखना पड़ता है।प्रैक्टिकल करके देखने में काम गलत भी हो सकता है।ऐसी स्थिति में फ्रेशर्स रिस्क लेने से डरते हैं,कुछ नया या अलग हटकर करने से डरते हैं।यदि रिस्क लेने से पहले सोच लिया जाए और उसका विकल्प भी तलाश कर लें तो रिस्क लेने में डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि उसका विकल्प आपके पास है।आप सीखने की ललक रखेंगे,रिस्क लेंगे तभी सीख पाएंगे और करियर में अपनी तरक्की के रास्ते खोल सकते हैं।अपनी स्किल बढ़ाएं,योग्यता बढ़ाएं,अनुभव अर्जित करें,अपने चारित्रिक गुणों को विकसित करें केवल सामान्य स्तर तक ही उक्त सभी को बढ़ाकर संतुष्ट न हो जाएं बल्कि इन सब में असाधारण स्तर तक विकसित करें,विकसित करते रहें और आगे बढ़ते रहें।अनुभव का उम्र से संबंध नहीं है।एक युवा एम्प्लाॅई एक बुजुर्ग (उम्र में) एम्प्लाॅई से भी अधिक अनुभव वर्जित कर सकता है।यह आपके सीखने पर,संघर्ष करने की क्षमता पर निर्भर करता है।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में फ्रैशर्स के लिए जॉब करने की 7 बेहतरीन तकनीक (7 Best Jobbing Techniques for Freshers),फ्रेशर्स के लिए स्मार्ट वर्क करने की 7 बेहतरीन तकनीक (7 Best Techniques for Freshers to Work Smart) के बारे में बताया गया है।

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7.आई एम वर्किंग (हास्य-व्यंग्य) (I am Working) (Humour-Satire):

  • सीनियर (फ्रेशर एम्प्लाॅई से):नए-नए हो,चलो मैं तुम्हें कुछ सीखता हूं।अच्छा,’आई एम वर्किंग’ इसका मतलब क्या होता है?
  • फ्रेशर एम्प्लाॅई:मैं काम कर रहा हूं।
  • सीनियर:नहीं,मैं काम नहीं करने दूंगा,पहले इसका मतलब बताओ।

8.फ्रैशर्स के लिए जॉब करने की 7 बेहतरीन तकनीक (Frequently Asked Questions Related to 7 Best Jobbing Techniques for Freshers),फ्रेशर्स के लिए स्मार्ट वर्क करने की 7 बेहतरीन तकनीक (7 Best Techniques for Freshers to Work Smart) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.इंटरप्रेटर का क्या अर्थ है? (What does interpreter mean?):

उत्तर:दुभाषिए को अंग्रेजी में इंटरप्रेटर कहते हैं।अच्छे दुभाषिए के लिए विदेशी भाषा पर अच्छी पकड़ होना जरूरी है।दुभाषिये के क्षेत्र में उत्कृष्ट करियर बनाने के लिए आधिकारिक भाषा का ज्ञान तथा अंग्रेजी भाषा की अच्छी जानकारी होना जरूरी है।दुभाषिया मुख्यतः दो व्यक्तियों के बीच वार्तालाप का मध्यस्थ बनता है।

प्रश्न:2.टास्क को मैनेजर से साझा करना क्यों जरूरी है? (Why is it important to share the task with the manager?):

उत्तर:मैनेजर को अपनी कड़ी मेहनत के बारे में बताना जरूरी इसलिए है कि मैनेजर समझ पाएगा कि आपमें जाॅब को करने की कितना क्षमता है तथा दूसरा आपकी परफॉर्मेंस रिपोर्ट में मेंशन किया जाएगा तो आपकी तरक्की बढ़ने के चांसेस बढ़ जाएंगे।

प्रश्न:3.फ्रेशर एम्प्लाॅई को क्या ध्यान रखना जरूरी है? (What is the most important thing for a fresher employee to keep in mind?):

उत्तर:फ्रेशर एंप्लॉई को अपने जॉब पर ध्यान केंद्रित रखना चाहिए,हार्ड वर्क करना चाहिए,सीखने की ललक रखें तथा फालतू गपशप व इधर-उधर की बातें न करें।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा फ्रैशर्स के लिए जॉब करने की 7 बेहतरीन तकनीक (7 Best Jobbing Techniques for Freshers),फ्रेशर्स के लिए स्मार्ट वर्क करने की 7 बेहतरीन तकनीक (7 Best Techniques for Freshers to Work Smart) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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