1.त्रिविमीय निर्देशांक में द्विघात के समीकरण का समानयन (Reduction of Equation of 2nd Degree 3D),त्रिविमीय निर्देशांक में द्विघात के व्यापक समीकरण का समानयन (Reduction of General Equation of Second Degree in 3D):
त्रिविमीय निर्देशांक में द्विघात के समीकरण का समानयन (Reduction of Equation of 2nd Degree 3D) हेतु द्विघाती व्यापक समीकरण निम्न समीकरण द्वारा प्रकट किया जाता है:
F(x,y,z)=ax2+by2+cz2+2fyz+2gzx+2hxy+2ux+2vy+2wz+d=0≡f(x,y,z)+2ux+2vy+2wz+d=0⋯(1) जहाँ f(x,y,z)=ax2+by2+cz2+2fyz+2gzx+2hxy समघात (Homogeneous) द्विघाती व्यंजक है। एक महत्त्वपूर्ण सारणिक तथा उसकी विशेषताएं (An Important Determinant and its Properties): सारणिक D=∣∣ahghbfgfc∣∣ जिसका मान D=abc+2fgh−af2−bg2−ch2 होता है,द्विघाती समीकरण के समानयन में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।इसलिए इसकी कुछ विशेषताओं पर विचार करना आवश्यक है। सारणिक D में a,b,c,f,g,h के सहखण्ड (Cofactors) क्रमशः A,B, C, F, G, H से प्रदर्शित किये जाते हैं।अतः
A=∂a∂D=bc−f2,B=∂b∂D=ca−g2,C=∂c∂D=ab−h2F=21∂f∂D=gh−af;G=21∂g∂D=hg−bg,H=21∂h∂D=fg−ch⋯(3) तथा BC−F2=aD,CA−G2=bD,AB−H2=cD,GH−AF=fD,HF−BG=gD,FG−CH=hD⋯(4) GH-AF=fD, HF-BG=gD,FG-CH=hD…. (4) साथ ही सारणिक के गुणधर्म से: Aa+Hh+Gg=D Hh+Bb+Ff=D Gg+Ff+Cc=D… (5) तथा Ha+Bh+Fg=0,Ga+Fh+Cg=0 Gh+Fb+Cf=0,Ah+Hb+Gf=0 Ag+Hf+Gc=0,Hg+Bf+Fc=0… (6) (i) यदि D=0 तो (4) से:
BC=F2,CA=G2,AB=H2 GH=AF, HF=BG, FG=CH…. (7) इससे प्रदर्शित होता है कि A, B, C के चिन्ह एक समान हैं। (ii) यदि D=0 तथा A=0 हो तो (7) से:
GH=0,G2=0,H2=0⇒G=H=0⋯(8) (iii) यदि D=0 तथा A=B=0 तो (7) से: F=G=H=0… (9) परन्तु C आवश्यक नहीं है कि शून्य हो। (iv) यदि D=0 तथा H=0 तो (7) से: AB=0,AF=0,BG=0,FG=0 अत: या तो A=0=G या B=0=F… (10) (v) यदि D=0 तथा A+B+C=0 तो (7) से: निष्कर्ष निकलता है कि A=B=C=0 तथा F=G=H=0…(11) टिप्पणी:इन सम्बन्धों को याद रखने में सारणिक D के स्वरूप का बहुत अधिक महत्त्व है। मुख्य समतल एवं दिशाएं (Principal plane and Principal Directions): परिभाषा (Definition):एक व्यासीय समतल जिन जीवाओं को समद्विभाजित करता है, यदि उन पर लम्ब हो तो उस व्यासीय समतल को मुख्य समतल कहते हैं तथा उन संगत जीवाओं की दिक्अनुपात l, m, n को मुख्य दिशाएँ कहते हैं। शांकवज F(x,y,z)=0 के मुख्य समतल ज्ञात करना। (To find the principal planes of the conicoid F(x,y,z)=0) हम जानते कि रेखा
lx=my=nz…(1) के समान्तर जीवाओं को समद्विभाजित करनेवाले व्यासीय समतल का समीकरण होता है: x(al+hm+gn)+y(hl+bm+fn)+z(gl+fm+cn)+ul+vm+wn=0…(2) समतल (2) शांकवज का मुख्य समतल होगा यदि रेखा (1) समतल (2) के लम्बवत है जिसके लिए आवश्यक प्रतिबन्ध है: lal+hm+gn=mhm+bm+fn=ngh+fm+cn=λ (माना)…(3) ⇒2l∂l∂f=2m∂m∂f=2n∂n∂f=λ
अत: (a−λ)l+hm+gn=0hl+(b−λ)m+fn=0gl+fm+(c−λ)n=0⎭⎬⎫…(4) l,m,n को विलुप्त करने पर:
∣∣a−λhghb−λfgfc−λ∣∣=0⋯(5) या λ3−λ2(a+b+c)+λ(A+B+C)−D=0⋯(6) जहाँ D=∣∣ahghbfgfc∣∣ तथा A,B,C सारणिक D में a,b,c के सहखण्ड (Cofactors) हैं। त्रिघाती समीकरण (6) को विविक्तिकर त्रिघाती (Discriminating Cubic) कहते हैं। इससे के तीन मूल प्राप्त होते हैं जिन्हें अभिलक्षण मूल (Characteristic roots) कहते हैं। ये मूल आवश्यक नहीं है कि भिन्न-भिन्न हो।इनके संगत λ मान से समीकरणों (4) के कोई दो समीकरण हल करने से कम से कम एक मुख्य दिक्अनुपात l,m,n अवश्य प्राप्त होगा: समतल का समीकरण होगा:
λ⋅(lx+my+nz)+ul+vm+wn=0⋯(7) इससे यह स्पष्ट है कि λ=0 तथा ul+vm+wn=0 तो ऐसी दशा में यद्यपि मुख्य दिक्अनुपात विद्यमान होंगे परन्तु मुख्य व्यासीय समतल मूलबिन्दु से अनन्त दूरी पर होगा। प्रमेय (Theorem):1.विविक्तिकर त्रिघाती के दो सुस्पष्ट मूलों के संगत मुख्य दिशाएँ परस्पर लम्ब होती हैं। (The principal directections corresponding to two distinct roots of the discriminating cubic are at right angles to each other.) उपपत्ति (Proof):माना कि विविक्तिकर त्रिघाती
λ3−λ2(a+b+c)+λ(A+B+C)−D=0⋯(1) के दो मूल λ1λ2(λ1=λ2) हैं। माना कि उनके संगत मूख्य दिक्अनुपात क्रमशः l1,m1,n1 तथा l2,m2,n2 हैं। इसलिए
al1+hm1+gn1=λ1l1hl1+bm1+fn1=λ1m1gl1+fm1+cn1=λ1n1⎭⎬⎫⋯(2) तथा al2+hm2+gn2=λ2l2hl2+bm2+fn2=λ2m2gl2+fm2+cn2=λ2n2⎭⎬⎫⋯(3) (2) से प्रदर्शित समीकरणों को क्रमशः l2,m2,n2 से गुणा करके जोड़ने पर निम्न प्राप्त होता है:
Σalll2+Σf(m1n2+m2n1)=λ2Σl1l2⋯(4) इसी प्रकार (3) से प्रदर्शित समीकरणों को l1,m1,n1 से गुणा करके जोड़ने पर निम्न प्राप्त होता है:
Σalll2+Σf(m1n2+m2n1)=λ2Σl1l2⋯(5) समीकरण (4) व (5) से: λ1Σl1l2=λ2Σl1l2⇒(λ1−λ2)Σl1l2=0⇒Σl1l2=0 चूँकि λ1=λ2⇒l1l2+m1m2+n1n2=0⋯(6) अत: दोनों दिशाएं परस्पर लम्ब हैं: विविक्तिकर त्रिघाती के मूलों के शून्य होने के प्रतिबन्ध : (Conditions for zero roots of the discriminating cubic are zero): यदि त्रिघाती
λ3−λ2(a+b+c)+λ(A+B+C)−D=0⋯(1) के तीनों मूल शून्य हैं तो आवश्यक प्रतिबन्ध होंगे a+b+c=0,A+B+C=0,D=0…(2) ऐसी दशा में हम पाते हैं कि A=B=C=0,F=G=H=0… (3) अत: bc=f2,ca=g2;ab=h2⋯(4) अर्थात् a,b और c के चिन्ह एक समान होंगे। चूँकि a+b+c=0,इसलिए यह आवश्यक है कि f=0,g=0,h=0… (6) ऐसी दशा में द्विघाती व्यापक समीकरण F(x,y,z)=0 का स्वरूप होगा: 2ux+2vy+2wz+d=0… (7) (ii) जबकि विविक्तिकर त्रिघाती के दो मूल शून्य हो (When two roots of discriminating are zero): यदि त्रिघाती
λ3−λ2(a+b+c)+λ(A+B+C)−D=0 के दो मूल शून्य हों तो आवश्यक प्रतिबन्ध होंगे: D=0 तथा A+B+C=0 इस दिशा में हम प्राप्त करते हैं कि A=B=C=0,F=G=H=0 अर्थात् bc=f2,ca=g2,ab=h2 तथा gh=af, hf=bg,fg=ch इनका उपयोग करने पर हम देखते हैं कि
f(x,y,z)≡ax2+by2+cz2+2fyz+2gzx+2hxy=(ax+by+cz)2 अत: द्विघाती समीकरण F(x,y,z)=0 में समघात व्यंजक f(x,y,z) पूर्ण वर्ग का रूप धारण करेगा। (iii) जबकि विविक्तिकर त्रिघाती का एक मूल शून्य हो (When one root of the discriminating cubic is zero): यदि त्रिघाती
λ3−λ2(a+b+c)+λ(A+B+C)−D=0 का एक मूल शून्य है तो आवश्यक प्रतिबन्ध होगा: D=0 इस दशा में यह प्रदर्शित होता है कि A,B,C के चिन्ह समान होंगे और इसलिए
A+B+C=0⇒ A,B,C सभी शून्य होंगे। इस स्थिति में मुख्य दिक्अनुपात निम्न समीकरणों से प्राप्त होंगे: al+bm+gn=0 hl+bm+fn=0 gl+fm+cn=0 इनमें पहले दो समीकरणों से:
hf−bgl=gh−afm=ab−h2n अर्थात् Gl=Fm=Cn चूँकि D=0 इसलिए G2=AC तथा F2=BC अत: Al=Bm=Cn चूँकि A,B,C सभी शून्य नहीं है इन सभी सभी समीकरणों से नियत दिशाएं मिलती है।इस दशा में मुख्य समतल का समीकरण से:
Ax+By+Cz+0uA+VB+wC=0 जो कि मूलबिन्दु से अनन्त दूरी पर है यदि
uA+VB+wC=0 यदि uA+VB+wC=0 तो मुख्य समतल,सरल रेखा
Ax=By=Cz पर लम्ब कोई भी समतल हो सकता है। आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के आर्टिकल को शेयर करें।यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार आए हैं तो वेबसाइट को फॉलो करें और ईमेल सब्सक्रिप्शन को भी फॉलो करें।जिससे नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन आपको मिल सके । यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए । आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं।इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
2.त्रिविमीय निर्देशांक में द्विघात के समीकरण का समानयन के साधित उदाहरण (Reduction of Equation of 2nd Degree 3D Solved Examples):
निम्नलिखित शांकवज की मुख्य दिशाएँ एवं मुख्य तल ज्ञात कीजिए: (Find the principal directions and principal planes of the following conicoid): Example:1.2x2+20y2+18z2+12yz+12xy+22x+6y−2z−2=0 Solution: 2x2+20y2+18z2+12yz+12xy+22x+6y−2z−2=0 द्विघाती व्यापक समीकरण
F(x,y,z)=ax2+by2+cz2+2fyz+2gzx+2hxy+2ux+2vy+2wz से तुलना करने पर: a=2,b=20,c=18,f=−6,g=0,h=6,u=11,v=3,w=−1,d=−2D=abc+2fgh−af2−bg2−ch2=2×20×18+2×6×0×6−2×(−6)2−20×(0)2−18×(6)2=720+0−72−0−648⇒D=0A=bc−f2=20×18−(−6)2=360−36⇒A=324⇒B=ca−g2=18×2−02=36⇒C=ab−h2=2×20−(6)2=4 विविक्तिकर त्रिघाती:
λ3−λ2(a+b+c)+λ(A+B+C)−D=0⇒λ3−λ2(2+20+18)+λ(324+36+4)−0=0⇒λ3−λ2(40)+λ(364)=0⇒λ3−40λ2+364λ=0⇒λ(λ2−40λ+364)=0⇒λ[λ2−26λ−14λ+364]=0⇒λ[λ(λ−26)−14(λ−26)]=0⇒λ(λ−14)(λ−26)=0⇒λ=0,14,26 (i) λ=0 के संगत मुख्य दिशाएँ l1,m1,n1
(a−λ)l+hm+gn=0hl+(b−λ)m+fn=0gl+fm+(c−λ)n=0⎭⎬⎫⋯(1) प्रथम दो:
2l1+6m1+0n1=06l1+20m1−6n1=0−36−0l1=0+12m1=40−36n1⇒−9l1=3m1=1n1 इसलिए λ=0 के संगत मुख्य दिशा की दिक्कोज्याएँ हैं।
919,91−3,91−1 इसके संगत मुख्य तल का समीकरण जो
λ(lx+my+nz)+(ul+vm+wm)=0⋯(2) से प्राप्त होता होगा:
⇒0(9x−3y−3z)+(11×9+3×−3−1×−1)=0⇒9x−3y−3z+081=0⇒3x−y−z+027=0 उपर्युक्त समीकरण मूलबिन्दु से अनन्त दूरी पर एक समतल पर प्रदर्शित करता है। (ii) λ=14 के संगत मुख्य दिशाएँ के लिए l2,m2,n2 (1)से:
(2−14)l2+6m2+0⋅n2=0⇒−12l2+6m2+0⋅n2=0⇒−2l2+m2+0⋅n2=0⋯(3)⇒l2+6m2−6n2=0⇒l2+m2−n2=0⋯(4) (3) व (4) से:
+1−0l2=0−2m2−2−1n21l2=2m2=3n2λ=14 के संगत मुख्य दिशा की दिक्कोज्याएँ 141,142,143 होंगी तथा मुख्य समतल का समीकरण होगा: (2) से:
14(x+2y+3z)+(11×1+3×2−1×3)=0⇒14x+28y+42z+14=0⇒x+2y+3z+1=0 (iii) λ=26 के संगत मुख्य दिशा की दिक्कोज्याएँ l3,m3,n3 के लिए (1) से:
−24l3+6m3+0n3=0⇒−4l3+m3+0n3=0⋯(5)6l3−6m3−6n3=0⇒l3−m3−m3=0⋯(6) (5) व (6) से:
−1+0l3=0−4m3=4−1n3⇒1l1=4m3=−3n3 λ=26 के संगत मुख्य दिशा की दिक्कोज्याएँ 261,264,26−3 होंगी तथा मुख्य समतल का समीकरण होगा: (2) से:
26(x+4y−3z)+(11×1+3×4−1x−3)=⇒x+4y−3z+1=0 Example:2. 3x2−y2−z2+6yz−6x+6y−2z−2=0 Solution:3 x2−y2−z2+6yz−6x+6y−2z−2=0 द्विघाती व्यापक समीकरण
F(x,y,z)≡ax2+by2+cz2+2fyz+2gzx+2hxy+2ux+2vy+2wz+d=0 से तुलना करने पर: a=3,b=−1,c=−1,f=−3,g=0,h=0,u=−3,v=3,w=−1,d=−2D=abc+2fgh−af2−bg2−ch2=3×−1×−1+2×−3×0×0−3×(3)2−(−1)(0)2−(−1)(0)2=3−27⇒D=−24A=bc−f2=(−1)(−1)−(3)2=−8B=Ca−g2=(−1)(3)−0=−3C=ab−h2=3(−1)−0=−3 विविक्तिकर त्रिघाती:
λ3−λ2(a+b+c)+λ(A+B+C)=0=0⇒λ3−λ2(3−1−1)+λ(−8−3−3)+24=0⇒λ3−λ2−14λ+24=0⇒λ3−2λ2+λ2−2λ−12λ+24=0⇒λ2(λ−2)+λ(λ−2)−12(λ−2)=0⇒(λ−2)(λ2+λ−12)=0⇒(λ−2)(λ2+4λ−3λ−12)=0⇒(λ−2)[λ(λ+4)−3(λ+4)]=0⇒(λ−2)(λ−3)(λ+4)=0⇒λ=2,3,−4 (i) λ=2 के संगत मुख्य दिशाएँ l1,m1,n1
(a−λ)l+hm+gn=0hl+(b−λ)m+fn=0gl+fm+(c−λ)n=0⎭⎬⎫⋯(1) प्रथम दो:
l1+0⋅m1+0.n1=00⋅l1−3m1+3n1=00+0l1=0−3m1=−3−0n10l1=−1m1=−1n1 इसलिए λ=2 के संगत मुख्य दिशा की दिक्कोज्याएँ 0,21,+21 हैं। इसके संगत मुख्य तल का समीकरण होगा:
λ(lx+my+nz)+(ul+vm+wn)=02(0x+y+z)+(3×0+3(1)−1×1)=0⇒y+z+1=0 (ii)λ=3 के संगत मुख्य दिशाएँ के लिए l2,m2,n2 (1)से:
0⋅l2+0⋅m2+0⋅n2=00⋅l2+4m2+3n2=00.l2+3m2−4n2=0 अन्तिम दो से:
16−9l2=0m2=0n2 λ=3 के संगत मुख्य दिशा की दिक्कोज्याएँ 1,0,0 होंगी तथा मुख्य समतल का समीकरण होगा: (2) से:
3(1⋅x+0⋅y+0⋅z)+(−3⋅1+3⋅0−1⋅0)=0⇒3x−3=0⇒x=1 (iii) λ=−4 के संगत मुख्य दिशा की दिक्कोज्याएँ के लिए l3,m3,n3 (1) से:
7l3+0⋅m2+0⋅n3=00⋅l3+3m2+3n3=0l3=0m3=21n3⇒0l3=1m3=−1n3 λ=−4 के संगत मुख्य दिशा की दिक्कोज्याएँ 0,21,−21 होंगी तथा मुख्य समतल का समीकरण होगा: (2) से:
Example:3. 3x2+5y2+3z2−2yz+2zx−2xy+2z=0 Solution: 3x2+5y2+3z2−2yz+2zx−2xy+2z=0 द्विघाती व्यापक समीकरण
F(x,y,z)≡ax2+by2+cz2+2fyz+2gzx+2hxy+2ux+2vy+2wz+d=0 से तुलना करने पर: a=3,b=5,c=3,f=−1,g=1,h=−1,u=0,v=0,w=1,d=0D=abc+2fgh−af2−bg2−ch2=3×5×3+2×−1×1×−1−3(−1)2−5(1)2−3(−1)2=45+2−3−5−3D=36A=bc−f2=5×3−(−1)2=A=14B=Ca−g2=3×3−(1)2=8C=ab−h2=3×5−(−1)2=14 विविक्तिकर त्रिघाती:
λ3−λ2(a+b+c)+λ(A+B+C)−D=0⇒λ3−λ2(3+5+3)+λ(14+8+14)−36=0⇒λ3−11λ2+36λ−36=0⇒λ3−2λ2−9λ2+18λ+18λ−36=0⇒λ2(λ−2)−9λ(λ−2)+18(λ−2)=0⇒(λ−2)(λ2−9λ+18)=0⇒(λ−2)[λ2−6λ−3λ+18]=0⇒(λ−2)[λ(λ−6)−3(λ−6)]=0⇒(λ−2)(λ−3)(λ−6)=0⇒λ=2,3,6 (i) λ=2 के संगत मुख्य दिशाएँ l1,m1,n1
(a−λ)l+hm+gn=0hl+(b−λ)m+fn=0gl+fm+(c−λ)n=0⎭⎬⎫ प्रथम दो:
l1−m1+n1=0−l1+3m1−n1=01−3l1=−1+1m1=3−1n1⇒2l1=0m1=−1n1 इसलिए λ=2 के संगत मुख्य दिशा की दिक्कोज्याएँ 21,0,−21 हैं तथा इसके संगत मुख्य समतल का समीकरण होगा:
λ(lx+my+nz)+(ul+vm+wn)=0⇒2(1⋅x+0⋅y−1⋅z)+(0⋅1+0⋅0+1⋅−1)=0⋯(2)⇒2x−2z=1 (ii) λ=3 के संगत मुख्य दिशाएँ के लिए l2,m2,n2 (1)से:
0.l2−m2+n2=0−l2+2m2−n2=01−2l2=−1+0m2=0−1n2⇒1l2=1m2=1n2 λ=3 के संगत मुख्य दिशा की दिक्कोज्याएँ 31,31,31 होंगी तथा मुख्य समतल का समीकरण होगा:
(2) से: 3(x+y+z)+(0⋅1+0⋅1+1⋅1)=03x+3y+3z+1=0 (iii) λ=6 के संगत मुख्य दिशा की दिक्कोज्याएँ के लिए (1) से: −3l3−m3+n3=0−l3−m3−n3=01+1l3=−1−3m3=3−1n3=0⇒1l3=−2m3=1n3 λ=6 के संगत मुख्य दिशा की दिक्कोज्याएँ 61,−62,61 होंगी तथा मुख्य समतल का समीकरण होगा: (2) से: 6(x−2y+z)+(0.1+0(−2)+1.1)=0⇒6x−12y+6z+1=0 Example:4. 4x2−y2−z2+2yz−8x−4y+8z=0 Solution: 4x2−y2−z2+2yz−8x−4y+8z=0 द्विघाती व्यापक समीकरण
f(x,y,z)=ax2+by2+cz2+2fyz+2gzx+2hxy+2ux+2vy+2wz+d=0 से तुलना करने पर: a=4,b=−1,c=−1,f=1,g=0,h=0,u=−4,v=−2,w=4,d=0D=abc+2fgh−af2−bg2−ch2=4(−1)(−1)+2×1×0×0−4(1)2−(−1)(0)2−(−1)(0)2=4−4⇒D=0A=bc−f2=(−1)(−1)−(1)2=0B=ca−g2=(−1)(4)−02=−4C=ab−h2=4(−1)−02=−4 विविक्तिकर त्रिघाती:
λ3−λ2(a+b+c)+λ(A+B+C)−D=0⇒λ3−λ2(4−1−1)+λ(0−4−4)−0=0⇒λ3−2λ2−8λ=0⇒λ(λ2−2λ−8)=0⇒λ[λ2−4λ+2λ−8]=0⇒λ[λ(λ−4)+2(λ−4)]=0⇒λ(λ−4)(λ+2)=0⇒λ=0,4,−2 (i) λ=0 के संगत मुख्य दिशाएँ
(a−λ)l+hm+gn=0hl+(b−λ)m+fn=0gl+fm+(c−λ)n=0⎭⎬⎫⋯(1) प्रथम दो:
4l1+0⋅m1+0⋅n1=00⋅l1−m1+n1=00+0l1=0−4m1=−4−0n10l1=1m1=1n1 इसलिए के संगत मुख्य दिशा की दिक्कोज्याएँ 0,21,21 हैं तथा इसके संगत मुख्य तल का समीकरण होगा:
λ(lx+my+nz)+(ul+vm+wn)=0⋯(1)(y+z)+(−4⋅0−2⋅1+4⋅1)=0⇒y+z+02=0 उपर्युक्त समीकरण मूलबिन्दु से अनन्त दूरी पर एक समतल पर प्रदर्शित करता है। (ii) λ=4 के संगत मुख्य दिशाएँ के लिए l2,m2,n2 (1)से:
0⋅l2+0⋅m2+0⋅n2=00⋅l2−5m2+n2=00⋅l2+m2−5n2=0 अन्तिम दो से:
=25−1l2=0m2=0n2⇒1l2=0m2=0n2λ=4 के संगत मुख्य दिशा की दिक्कोज्याएँ होंगी तथा मुख्य समतल का समीकरण होगा: (2) से: 4(1⋅x+0⋅y+0⋅z)+(−4⋅1−2⋅0+4⋅0)=0⇒x=1 (iii)λ=−2 के संगत मुख्य दिशा की दिक्कोज्याएँ के लिए l3,m3,n3 (1) से: 6l3+0⋅m3+0⋅n3=00⋅l3+m3+n3=0 (5) व (6) से:
0l3=0−6m3=6−0n3⇒0l3=1m3=−1n3λ=−2 के संगत मुख्य दिशा की दिक्कोज्याएँ 0,21,−21 होंगी तथा मुख्य समतल का समीकरण होगा: (2) से:
−2(0⋅x+1⋅y−1⋅z)+(−4⋅0−2⋅1+4×−1)=0⇒−2(y−z)−6=0⇒y−z+3=0 उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा त्रिविमीय निर्देशांक में द्विघात के समीकरण का समानयन (Reduction of Equation of 2nd Degree 3D),त्रिविमीय निर्देशांक में द्विघात के व्यापक समीकरण का समानयन (Reduction of General Equation of Second Degree in 3D) को समझ सकते हैं।
3.त्रिविमीय निर्देशांक में द्विघात के समीकरण का समानयन (Reduction of Equation of 2nd Degree 3D),त्रिविमीय निर्देशांक में द्विघात के व्यापक समीकरण का समानयन (Reduction of General Equation of Second Degree in 3D) के सम्बन्ध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.एक सरल रेखा और शांकवज का प्रतिच्छेदन ज्ञात करो। (Find the intersection of a straight line and a conicoid):
उत्तर:मानलो बिन्दु A(α,β,γ) से जाने वाली सरल रेखा का समीकरण है : lx−α=my−β=nz−γ=r (माना) तथा शांकवज का समीकरण है : F(x, y, z)=0 दी हुई सरल रेखा पर, चर के प्रयोग से, किसी बिन्दु के निर्देशांक होंगे (α+lr,β+mr,γ+nr) यदि यह बिन्दु दिये हुए पृष्ठ पर स्थित है, तो r का होगा : F(α+lr,β+mr,γ+nr)=0r2(al2+bm2+cn2+2fmn+2gnl+2hlm)+2rl(aα+hβ+gγ+u)+m(hα+bβ+fγ+v)+n(gα+fβ+cγ+w)+F(α,β,γ)=0 या r2f(l,m,n)+r{l∂α∂F+m∂β∂F+n∂γ∂F}+F(α,β,γ)=0 यह समीकरण r में द्विघाती है, अतः r के दो मान प्रास होंगे । इसलिये रेखा दिये पृष्ठ से दो बिन्दुओं में प्रतिच्छेदित करेगी । यदि P और Q (माना) प्रतिच्छेदन बिन्दु हैं तथा l, m, n सरल रेखा की दिक्कोज्याएँ हों, तो r के मान AP और AQ होंगे ।
प्रश्न:2.शांकवज के स्पर्श तल का समीकरण ज्ञात करो।(Find the equation of the tangent plane of the conicoid):
उत्तर:बिन्दु (α,β,γ) शांकवज पर स्थित है, इसलिये F(α,β,γ)=0….(1) (α,β,γ) से जाने वाली किसी सरल रेखा के समीकरण होंगे lx−α=my−β=nz−x=r (माना) ….(2) यह दिये हुए शांकवज को दो बिन्दुओं में प्रतिच्छेदित करेगी, जहाँ r के मान r2f(l,m,n)+r{l∂α∂F+m∂β∂F+n∂γ∂F}=0⋯(3) से प्रास होंगे । r का एक मान स्वतः ही शून्य है, इसलिये प्रतिच्छेदन बिन्दुओं में से एक बिन्दु (α,β,γ) ही है । सरल रेखा (2) शांकवज (1) की स्पर्श रेखा होगी यदि r का दूसरा मान भी शून्य हो, जिसके लिए आवश्यक प्रतिबन्ध है : l∂α∂F+m∂β∂F+n∂γ∂F=0⋯(4) यदि हम (2) और (4) में से l, m, n विलुप्त कर दें तो हमको बिन्दु (α,β,γ) से खींची गई स्पर्श रेखाओं का रेखापथ ज्ञात होगा, जो कि बिन्दु (α,β,γ) पर शांकवज का स्पर्श तल कहलाता है। अत: अभीष्ट स्पर्श तल का समीकरण होगा (x−α)∂α∂F+(y−β)∂β∂F+(z−γ)∂γ∂F=0⋯(5) इसमें ∂α∂F इत्यादि के मान रखने पर x(aα+hβ+gγ+u)+y(hα+bβ+fγ+v)+z(gα+fβ+cγ+w)+uα+vβ+wγ+d=0… (6) याx∂α∂F+y∂β∂F+z∂γ∂F+t∂t∂F=0⋯(7) जहाँ t, F(x, y, z) को समघात बनाने के लिए लिया गया नया चर है, जिसे अवकलन के पश्चात् इकाई मान लेते हैं । अतः F(x,y,z,t)≡f(x,y,z)+2uxt+2vyt+2wzt+dt2 उपप्रमेय : बिन्दु (α,β,γ) पर अभिलंब के समीकरण होंगे ∂α∂Fx−α=∂β∂Fy−β=∂γ∂Fz−γ
प्रश्न:3.समतल का शांकवज का स्पर्श तल होने का प्रतिबन्ध ज्ञात करो।(Find the condition that the plane is the tangent plane of the conicoid):
उत्तर:माना कि समतल l x+m y+n z+p=0 शांकवज F(x, y, z)=0 को बिन्दु (α,β,γ) पर स्पर्श करता है । सूत्रानुसार (α,β,γ) पर शांकवज के स्पर्श तल का समीकरण होता है x(aα+hβ+gγ+u)+y(hα+bβ+fγ+v)+z(gα+fβ+cγ+w)+uα+vβ+wγ+d=0 चूंकि समीकरण (1) और (3) एक ही समतल को प्रदर्शित करते हैं, इसलिये ये समरूप होंगे । अतः laα+hβ+gγ+u=mhα+bβ+fγ+v=ngα+fβ+cγ+w=puα+vβ+wγ+d=λ(माना)aα+hβ+gγ+u−lλ=0hα+bβ+fγ+v−mλ=0gα+fβ+cγ+w−nλ=0 uα+vβ+wγ+d−pλ=0 चूँकि बिन्दु (α,β,γ) दिये हुये समतल पर है, इसलिये lα+mβ+nγ+p=0 उपर्युक्त समीकरणों में से α,β,γ,1 और −λ विलुप्त करने पर ∣∣ahgulhbfvmgfcwnuvwdplmnp0∣∣=0 जो कि अभीष्ट प्रतिबन्ध है । उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा त्रिविमीय निर्देशांक में द्विघात के समीकरण का समानयन (Reduction of Equation of 2nd Degree 3D),त्रिविमीय निर्देशांक में द्विघात के व्यापक समीकरण का समानयन (Reduction of General Equation of Second Degree in 3D) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
त्रिविमीय निर्देशांक में द्विघात के समीकरण का समानयन (Reduction of Equation of 2nd Degree 3D) हेतु द्विघाती व्यापक समीकरण निम्न समीकरण द्वारा प्रकट किया जाता है:
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I am owner of Mathematics Satyam website.I am satya narain kumawat from manoharpur district-jaipur (Rajasthan) India pin code-303104.My qualification -B.SC. B.ed. I have read about m.sc. books,psychology,philosophy,spiritual, vedic,religious,yoga,health and different many knowledgeable books.I have about 15 years teaching experience upto M.sc. ,M.com.,English and science.
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