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Equivalence Class in Discrete Maths

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1.विविक्त गणित में तुल्यता वर्ग (Equivalence Class in Discrete Maths),संवरक तथा क्रम सम्बन्ध (Closures and Order Relation):

विविक्त गणित में तुल्यता वर्ग (Equivalence Class in Discrete Maths) के इस आर्टिकल में तुल्यता वर्ग,संवरक,क्रम सम्बन्ध आदि के बारे में अध्ययन करके समझने का प्रयास करेंगे।
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2.तुल्यता वर्ग (Equivalence Class):

माना R,अरिक्त समुच्चय A पर कोई तुल्यता सम्बन्ध है तथा a,समुच्चय A का कोई स्वेच्छ अवयव है।माना [a],समुच्चय A के उन सभी अवयवों का समुच्चय है जो सम्बन्ध R के अन्तर्गत a से सम्बन्धित हैं,अर्थात् [a]=\{x \in A=(x, a) \in R\}
समुच्चय [a] को A में अवयव a का तुल्यता वर्ग कहते हैं तथा प्रायः R[a] अथवा से भी व्यक्त करते हैं।
इस प्रकार समुच्चय A के प्रत्येक अवयव a के संगत एक तुल्यता वर्ग [a] की रचना की जा सकती है।A का,अवयवों के सम्बन्ध R के अन्तर्गत,तुल्यता वर्गों का संग्रह (collection) \frac{A}{R} के द्वारा निरूपित होता है।अतः
\frac{A}{R}=\{[a]: a \in A\}
उपर्युक्त समुच्चय “R के द्वारा A का विभाग समुच्चय” (Quotient set of A by R) कहते हैं।
प्रमेय (Theorem):1.माना R अरिक्त समुच्चय A पर कोई तुल्यता सम्बन्ध है,तब
(i)प्रत्येक a \in A के लिए a \in [a] ,
(ii)[a]=[b] यदि और केवल यदि (a, b) \in R ,
(iii)या तो [a] \cap[b]=\phi अथवा [a]=[b] ; a, b \in A
(Let R be an equivalence relation on a non empty set A.Then
(i) a \in [a] for each a \in A
(ii)[a]=[b] if and only if (a, b) \in R
(iii)either [a] \cap[b]=\phi or  [a]=[b] ; a, b \in A
उपपत्ति (Proof):माना R,अरिक्त समुच्चय A पर एक तुल्यता सम्बन्ध है।
(i)चूँकि R एक तुल्यता सम्बन्ध है इसलिए R स्वतुल्य है।अतः प्रत्येक a \in A के लिए (a, a) \in R अर्थात् a \in [a] (तुल्यता वर्ग की परिभाषा से)
(ii)माना (a, b) \in R, a, b \in A तथा माना x \in [a]
\Rightarrow (x, a) \in R (तुल्यता वर्ग की परिभाषा से)
परन्तु R संक्रामक है
अतः (x, a) \in R तथा (a, b) \in R \Rightarrow(x, b) \in R  \\ \Rightarrow x \in [b] \\ \therefore [a] \subseteq[b] \cdots(1)
पुनः (a, b) \in R \Rightarrow(b, a) \in R [R सममित है]
अब माना कि y \in [b]
तब y \in[b] \Rightarrow (y, b) \in R
पुनः (y, b) \in R तथा (b, a) \in R \Rightarrow(y, a) \in R [ \because R संक्रामक है]
\Rightarrow y \in [a] \\ \therefore [b] \subseteq [a] \cdots(2)
(1) तथा (2) सेः
(a, b) \in R \Rightarrow [a]=[b] \cdots(A)
विलोमतः माना [a]=[b] तब चूँकि a \in [a]
इसलिए a \in[b] \quad[\because[a]=[b]]
\Rightarrow(a, b) \in R [तुल्यता वर्ग की परिभाषा से]
अतएव [a]=[b] \Rightarrow(a, b) \in R \ldots(B)
(A) तथा (B) सेः
(a, b) \in R यदि और केवल यदि [a]=[b]
(iii)माना [a] \cap [b] \neq \phi ; a, b \in A
तब एक अवयव x \in A इस प्रकार विद्यमान है कि
x \in [a] \cap[b] \\ \Rightarrow x \in [a] तथा x \in [b] \\ \Rightarrow(x, a) \in R तथा (x, b) \in R
परन्तु R सममित है,
इसलिए (x, a) \in R \Rightarrow (a, x) \in R
अब (a, x) \in R तथा (x, b) \in R \Rightarrow (a, b) \in R [ \because R संक्रामक है।]
\Rightarrow [a]=[b]  [प्रमेय के परिणाम (ii) से]
अतएव [a] \cap[b] \neq \phi \Rightarrow [a]=[b]
प्रमेय (Theorem):2.अरिक्त समुच्चय A पर परिभाषित प्रत्येक तुल्यता सम्बन्ध R,A को परस्पर असंयुक्त तुल्यता वर्गों में विभाजित करता है।
विलोमतःसमुच्चय A का प्रत्येक विभाजन,A पर एक तुल्यता सम्बन्ध परिभाषित करता है।
(An equivalence relation R on a nonempty set A partions A into mutually disjoint equivalence classes. Conversely,every partition of the set A determines an equivalence relation on A.)
उपपत्ति (Proof):माना R,अरिक्त समुच्चय A पर एक तुल्यता सम्बन्ध है।माना a,समुच्चय A का कोई स्वेच्छ अवयव है।तब a \in [a] अर्थात् A=\underset{a \in A}{\bigcup}[a]
पुनः हम जानते हैं कि कोई भी दो तुल्यता वर्ग या तो असंयुक्त होते हैं या परस्पर समान।अतः समुच्चय A को तुल्यता सम्बन्ध R द्वारा परस्पर असंयुक्त तुल्यता वर्गों के संघ के रूप में विभाजित किया जा सकता है
अब हम A पर एक सम्बन्ध R निम्न प्रकार से परिभाषित करते हैं:
“प्रत्येक उपसमुच्चय के अवयव परस्पर सम्बन्ध R से सम्बन्धित है और किन्हीं दो भिन्न उपसमुच्चय के अवयव परस्पर सम्बन्धित नहीं है”
तब, (i)यदि a,A का कोई स्वेच्छ अवयव है,तो a,A के किसी उपसमुच्चय A_{j} में अवश्य है तथा चूँकि एक ही उपसमुच्चय के कोई भी दो अवयव परस्पर सम्बन्धित हैं।अतः a R a \forall a \in A
अर्थात् R स्वतुल्य है।
(ii)माना a R b
तब a R b \Rightarrow a तथा b किसी एक उपसमुच्चय में है।
\Rightarrow b तथा a किसी एक उपसमुच्चय में हैं
\Rightarrow b R a
अतः R सममित है।
(iii)माना aRb तथा bRa
तब aRb तथा bRc \Rightarrow a और b किसी एक उपसमुच्चय में हैं।चूँकि कोई दो उपसमुच्चय परस्पर असंयुक्त हैं अतः a तथा c एक ही उपसमुच्चय में हैं
\Rightarrow aRc
अतः R संक्रामक भी है।
अतएव R,A पर एक तुल्यता सम्बन्ध है

उपर्युक्त थ्योरी के द्वारा विविक्त गणित में तुल्यता वर्ग (Equivalence Class in Discrete Maths),संवरक तथा क्रम सम्बन्ध (Closures and Order Relation) को समझ सकते हैं।

3.संवरक (Closures):

माना R,अरिक्त समुच्चय A पर कोई सम्बन्ध है।यह सम्भव है कि सम्बन्ध R,कुछ सम्बनपरक गुणों (relational properties) से वंचित हो,e.g.,स्वतुल्यता (Reflexivity),सममितता (symmetry) या संक्रामकता (transitivity)।यदि R किसी विशेष गुण (paricular property) से वंचित है,तब हम समुच्चय R में कुछ ऐसे सम्बन्धित क्रमित युग्मों का अन्तर्विष्ट कर सकते हैं जिससे कि नया परिणामी सम्बन्ध R_1 उस विशेष गुण से पूर्ण हो जाये।इस प्रकार से प्राप्त लघुत्तम सम्बन्ध (smallest relation) R_1 को प्रश्नात्मक विशेष गुण के सापेक्ष,सम्बन्ध R का संवरक (closure) कहते हैं।
(1.)स्वतुल्य संवरक (Reflexive Closure):
माना R अरिक्त समुच्चय A पर कोई सम्बन्ध है जो कि स्वतुल्य (reflexive) नहीं है।यह तभी सम्भव है जब तत्समक सम्बन्ध I_A के कुछ क्रमित युग्म (या सभी) R में विद्यमान नहीं है।
अतः R_1=R \cup I_A एक ऐसा लघुत्तम स्वतुल्य सम्बन्ध है जिसमें सम्बन्ध R अन्तर्विष्ट है।अतएव सम्बन्ध R का स्वतुल्य संवरक R \cup I_A है।इसे हम स्वतुल्य (R) [Reflexive (R)] से प्रकट करते हैं।
(2.)सममित संवरक (Symmetric Closure):
माना R,अरिक्त समुच्चय A पर कोई सम्बन्ध है जो कि सममित नहीं है।इसका तात्पर्य यह है कि समुच्चय R में कुछ ऐसे क्रमित युग्म (a,b) उपस्थित हैं कि (b, a) \notin R परन्तु चूँकि (a, b) \in R \Rightarrow (b, a) \in R^{-1} ,अतः यदि R^{-1} के सभी क्रमित युग्मों को R में अन्तर्विष्ट कर दे तो इस प्रकार प्राप्त लघुतम नवीन सम्बन्ध R \cup R^{-1} समुच्चय A पर सममित है तथा R को अन्तर्विष्ट करता है।इस सम्बन्ध R \cup R^{-1} को सम्बन्ध R का सममित संवरक (Symmetric Closure) कहते हैं तथा सममित (R) [Symmetric (R)] से निरूपित करते हैं।
(3.)संक्रामक संवरक (Transitive Closure):
माना R अरिक्त समुच्चय A पर परिभाषित कोई सम्बन्ध है।हम जानते हैं कि,
R^n=R o R o \ldots o R (n बार)
समुच्चय R \cup R^2 \cup R^3 \ldots, \text{i.e.} , \overset{\infty}{\underset{n=1}{\bigcup}} R^n को सम्बन्ध R का संक्रामक संवरक (Transitive Closure) कहते हैं तथा इसे संक्रामक (R) [Transitive (R)] से निरूपित करते हैं।
अतः संक्रामक (R)=\overset{\infty}{\underset{n=1}{\bigcup}} R^n यदि A एक परिमित समुच्चय है जिसमें m अवयव हैं तब
संक्रामक (R)=R \cup R^2 \cup \ldots U R^m

उपर्युक्त थ्योरी के द्वारा विविक्त गणित में तुल्यता वर्ग (Equivalence Class in Discrete Maths),संवरक तथा क्रम सम्बन्ध (Closures and Order Relation) को समझ सकते हैं।

4.क्रम सम्बन्ध (Order Relation):

(1.)आंशिक क्रम सम्बन्ध (Partial Order Relation):
अरिक्त समुच्चय A पर परिभाषित कोई सम्बन्ध R एक “आंशिक क्रम सम्बन्ध” कहलाता है यदि यह स्वतुल्य,प्रतिसममित तथा संक्रामक है।
(2.)अंशतः क्रमित समुच्चय (Partially Ordered Set):
माना R,अरिक्त समुच्चय A पर एक आंशिक क्रम सम्बन्ध है।तब संरचना (A,R) को अंशतः क्रमित समुच्चय (Partially Ordered Set) या पोसैट (Poset) कहते हैं।इसे हम (A, \leq) से भी निरूपित करते हैं।
टिप्पणी (Remark):किसी पोसैट (A, \leq) में a \leq b का अर्थ (a, b) \in R से होता है।यदि a तथा b किसी पोसैट (A, \leq) के अवयव हैं तो यह आवश्यक नहीं कि a \leq b या  b \leq a उदाहरण के लिए समुच्चय {1,2} तथा {4,3},पोसैट (p(z), \subseteq) के अवयव हैं समुच्चय {1,2},समुच्चय {4,3} से सम्बन्धित नहीं है।
(3.)सम्पूर्ण क्रम सम्बन्ध (Total Order Relation):
पोसैट (A, \leq) के कोई दो अवयव a तथा b तुलनीय (comparable) कहलाते हैं यदि a \leq b या b \leq a (अर्थात् यदि (a, b) \in R या (b, a) \in R) यदि a \nleq b या b \nleq a तो a और b परस्पर अतुलनीय (Incomparable) कहलाते हैं।
यदि किसी पोसैट (A, \leq) के प्रत्येक दो अवयव तुलनीय हैं तो A पर परिभाषित सम्बन्ध सम्पूर्ण क्रम सम्बन्ध (Total Order Relation) कहलाता है।इसे हम रैखिक क्रम सम्बन्ध (Linear Order Relation) भी कहते हैं।
यदि किसी पोसैट (A, \leq) में A पर परिभाषित सम्बन्ध R सम्पूर्ण क्रम सम्बन्ध है तब पोसैट (A, \leq) “सम्पूर्ण क्रमित समुच्चय” (Totally Ordered Set) कहलाता है।सम्पूर्ण क्रमित समुच्चय को प्रायः “श्रृंखला” (chain) भी कहते हैं।पोसैट (R, \leq) सम्पूर्ण क्रमित समुच्चय है जबकि (P(z), \leq) सम्पूर्ण क्रमित समुच्चय नहीं है।
(4.)आंशिक क्रम सम्बन्ध का द्वैती (Dual of the Partial Order Relation):
माना R,अरिक्त समुच्चय A पर एक आंशिक क्रम सम्बन्ध है।तब प्रतिलोम सम्बन्ध R^{-1} भी A पर एक आंशिक क्रम सम्बन्ध है।चूँकि R स्वतुल्य,प्रतिसममित तथा संक्रामक है,अतः I_A \subseteq R ; R \cap R^{-1} \subseteq I_A तथा R^2 \subseteq R अब इनके प्रतिलोम लेने पर,हम प्राप्त करते हैं:
I_A=I_A^{-1} \subseteq R^{-1} ;(R \cap R^{-1})^{-1} \subseteq I_A^{-1}, \text{i.e}, R^{-1} \cap R \subseteq I_A
तथा \left(R^2\right)^{-1} \subseteq R^{-1} ; \text{i.e.} \cdot(R^{-1})^2 \subseteq R^{-1}
अतः R^{-1} स्वतुल्य,प्रतिसममित तथा संक्रामक है
अर्थात् R^{-1} एक आंशिक क्रम सम्बन्ध है।
इस प्रकार यदि (A,R) कोई पोसैट है,तब \left(A, R^{-1}\right) भी एक पोसैट है। \left(A, R^{-1}\right) को (A,R) का द्वैती (dual) कहते हैं।पोसैट (A, \leq) का द्वैती (A, \geq) द्वारा निरूपित किया जाता है।
प्रमेय (Theorem):3.यदि \left(A, R_1\right) तथा \left(B, R_2\right) कोई दो पोसैट हैं तब \left(A \times B, R_3\right) भी एक पोसैट है जहाँ (a, b) R_3(a^{\prime}, b^{\prime}) यदि और केवल यदि
a R_1 a^{\prime} तथा b R_2 b^{\prime} ;(a, b),\left(a^{\prime}, b^{\prime}\right) \in A \times B
(If \left(A, R_1\right) and \left(B, R_2\right) are any two posets,then \left(A \times B, R_3\right) is also a poset where (a, b) R_3(a^{\prime}, b^{\prime}) if a R_1 a^{\prime} and b R_2 b^{\prime} ;(a, b),\left(a^{\prime}, b^{\prime}\right) \in A \times B only if and)
उपपत्ति (Proof):माना (a, b) \in A \times B चूँकि a R_1 a तथा  b R_2 b इसलिए
(a, b) R_3 (a, b)
अतः R_3, A \times B पर स्वतुल्य है।
पुनः माना कि
(a, b) R_3\left(a^{\prime}, b^{\prime}\right) तथा \left(a^{\prime}, b^{\prime}\right) R_3(a, b) ;(a, b), \left(a^{\prime}, b^{\prime}\right) \in A \times B
तब, (a, b) R_3 \left(a^{\prime}, b^{\prime}\right) \Rightarrow a R_1 a^{\prime} तथा b R_2 b^{\prime}
और \left(a^{\prime}, b^{\prime}\right) R_3(a, b) \Rightarrow a^{\prime} R_1 a तथा b^{\prime} R_2 b
परन्तु R_1 तथा R_2 प्रतिसममित है।
अतः a R_1 a^{\prime} तथा a^{\prime} R_1 a \Rightarrow a=a^{\prime}
और b R_2 b^{\prime} तथा b^{\prime} R_2 b \Rightarrow b=b^{\prime} \\ \Rightarrow (a, b)=\left(a^{\prime}, b^{\prime}\right) \Rightarrow R_3 प्रतिसममित है।
अब मानाकि (a, b) R_3\left(a^{\prime}, b^{\prime}\right) तथा \left(a^{\prime}, b^{\prime}\right) R_3 \left(a^{\prime \prime} b^{\prime \prime}\right); (a, b),\left(a^{\prime}, b^{\prime}\right), \left(a^{\prime \prime}, b^{\prime \prime}\right) \in A \times B
तब, a R_1 a^{\prime} और a^{\prime} R_1 a^{\prime \prime} तथा b R_2 b^{\prime} और b^{\prime} R_2 b^{\prime \prime}
चूँकि R_1 तथा R_2 संक्रामक हैं
\therefore a R_1 a^{\prime} और a^{\prime} R_1 a^{\prime \prime} \Rightarrow a R_1 a^{\prime \prime}
तथा b R_2 b^{\prime} और b^{\prime} R_2 b^{\prime \prime} \Rightarrow b R_2 b^{\prime \prime} \\ \therefore (a, b) R_3\left(a^{\prime \prime}, b^{\prime \prime}\right)
अतः (a, b) R_3\left(a^{\prime}, b^{\prime}\right) तथा \left(a^{\prime}, b^{\prime}\right) R_3\left(a^{\prime \prime}, b^{\prime \prime}\right) \\ \Rightarrow(a, b) R_3\left(a^{\prime \prime}, b^{\prime \prime}\right) \Rightarrow R_3, A \times B संक्रामक है।
अतएव R_3, A \times B पर आंशिक क्रम सम्बन्ध है।परिणामस्वरूप (R_3, A \times B) एक पोसैट है।

उपर्युक्त थ्योरी के द्वारा विविक्त गणित में तुल्यता वर्ग (Equivalence Class in Discrete Maths),संवरक तथा क्रम सम्बन्ध (Closures and Order Relation) को समझ सकते हैं।

5.आंशिक क्रमित समुच्चयों के चरम अवयव (Extremal Elements of Partially Ordered Sets):

माना (A , \leq) कोई आंशिक क्रमित समुच्चय है।यदि कोई अवयव b \in A इस प्रकार है कि b \leq A (अर्थात् bRa) \forall a \in A ,तब b, आंशिक क्रम सम्बन्ध \leq के सापेक्ष समुच्चय A का न्यूनतम अवयव (Least Element) कहलाता है।इसी प्रकार यदि कोई अवयव b \in A इस प्रकार है कि a \leq b (अर्थात् a R b) \forall a \in A, तब b,आंशिक क्रम सम्बन्ध \leq के सापेक्ष समुच्चय A का महत्तम अवयव (greatest element) कहलाता है।
उपर्युक्त से स्पष्ट है कि यदि (A, \leq) कोई पोसैट है जिसका द्वैती पोसैट (A, \geq) है,तब कोई अवयव a \in A (A, \leq) का महत्तम (न्यूनतम) अवयव है यदि और केवल यदि यह a \in A (A, \geq) का न्यूनतम (महत्तम) अवयव है।
टिप्पणी:(1.)यह स्पष्ट है कि पोसैट a \in A (A, \leq) का महत्तम अवयव (या न्यूनतय अवयव) सदैव अद्वितीय होता है।(यदि विद्यमान है)
(2.)आवश्यक नहीं है कि पोसैट में महत्तम अवयव या न्यूनतम अवयव विद्यमान है।
(3.)पोसैट के महत्तम अवयव का न्यूनतम अवयव को प्रायः क्रमशः 1 तथा 0 से निरूपित करते हैं।
(1.)उच्चिष्ठ तथा अल्पिष्ठ अवयव (Maximal and Minimal Elements):
माना a \in A (A, \leq) कोई पोसैट है।अवयव a \in A ,पोसैट का उच्चिष्ठ अवयव (maximal element) कहलाता है यदि कोई भी अवयव b \in A इस प्रकार नहीं है कि a < b अर्थात् a \leq b परन्तु a \neq b दूसरे शब्दों में,सभी b \in A के लिए या तो b \leq a अथवा a तथा b अतुलनीय हों।इसी प्रकार अवयव a \in A पोसैट का अल्पिष्ठ अवयव (minimal element) कहलाता है यदि कोई भी अवयव b \in A इस प्रकार नहीं है कि a < A दूसरे शब्दों में,सभी b \in A के लिए या तो a \leq b अथवा a तथा b अतुलनीय है।
(2.)ऊपरि तथा निम्न परिबन्ध (Upper and Lower Bounds):
माना (A, \leq) कोई आंशिक क्रमित समुच्चय है तथा B,A का एक उपसमुच्चय है।तब कोई अवयव a \in A उपसमुच्चय B का एक ऊपरि परिबन्ध (upper bound) कहलाता है यदि b \leq a \forall b \in B इसी प्रकार अवयव a \in A ,B का एक निम्न परिबन्ध (lower bound) कहलाता है यदि a \leq b \forall b \in B
(3.)उच्चक तथा निम्नक (Least Upper Bound and Greatest Lower Bound):
माना (A, \leq) कोई आंशिक क्रमित समुच्चय है तथा B,A का एक उपसमुच्चय है।तब कोई अवयव a \in A,B का उच्चक (Least Upper Bound or l.u.b. or Spremum) कहलाता है यदि
(i)A,B का एक उपरि परिबन्ध तथा
(ii)यदि x,B का कोई ऊपरि परिबन्ध है तो a \leq x .इसी प्रकार अवयव a \in A ,समुच्चय B का निम्नक (greatest lower bound or g.l.b. or Infimum) कहलाता है यदि
(i)a,B का एक निम्न परिबन्ध है तथा
(ii) यदि x,B का कोई निम्न परिबन्ध है तो x \leq a
टिप्पणी (Remark):यदि (A, \leq) एक पोसैट है तथा B \subseteq A ,तब पोसैट (A, \leq) में B का उच्चक (निम्नक) तथा द्वैती पोसैट (A, \geq) में B का निम्नक (उच्चक) एक ही होता है।
उपर्युक्त थ्योरी के द्वारा विविक्त गणित में तुल्यता वर्ग (Equivalence Class in Discrete Maths),संवरक तथा क्रम सम्बन्ध (Closures and Order Relation) को समझ सकते हैं।

Also Read This Article:- Function in Discrete Mathematics

6.विविक्त गणित में तुल्यता वर्ग (Frequently Asked Questions Related to Equivalence Class in Discrete Maths),संवरक तथा क्रम सम्बन्ध (Closures and Order Relation) से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.समुच्चय का विभाजन को स्पष्ट करो। (Clarify the Partition of a Set):

उत्तर:माना A कोई अरिक्त समुच्चय है।तब A के विभाजन (partition of A) से यहाँ तात्पर्य है कि समुच्चय A को ऐसे परस्पर असंयुक्त उपसमुच्चयों (mutually disjoint sub-set) में विभाजित किया जाए,जिनका संघ (union) A है।

प्रश्न:2.गुणन आंशिक क्रम सम्बन्ध पर टिप्पणी लिखो। (Write a Comment on Product Partial Order Relation):

उत्तर:A×B पर परिभाषित आंशिक क्रम सम्बन्ध R_3 को “गुणन आंशिक क्रम सम्बन्ध” (product partial order relation) कहते हैं।

प्रश्न:3.हैस आरेख क्या है? (What is Hasse Diagram?):

उत्तर:माना A एक परिमित समुच्चय है तथा “\leq” A पर कोई आंशिक क्रम सम्बन्ध है।चूँकि “\leq” स्वतुल्य है अतः “\leq” के दिष्ट ग्राफ में प्रत्येक शीर्ष (Vertex) पर एक पाश (loop) होगा।
दिष्ट ग्राफ से ऐसे पाशों (loops) को निष्कासित किया जा सकता है।
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा विविक्त गणित में तुल्यता वर्ग (Equivalence Class in Discrete Maths),संवरक तथा क्रम सम्बन्ध (Closures and Order Relation) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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