6 Strategies for Success in CUET-UG
1.सीयूईटी-यूजी में सफलता की 6 रणनीतियाँ (6 Strategies for Success in CUET-UG),काॅमन यूनिवर्सिटी एन्ट्रेन्स एग्जाम में सफलता के मंत्र 2025 (Common University Entrance Exam Success Spells 2025):
- सीयूईटी-यूजी में सफलता की 6 रणनीतियों (6 Strategies for Success in CUET-UG) के आधार पर आप जान सकेंगे कि परीक्षा के दौरान दिमागी संतुलन कैसे बनाएं,परीक्षा के दौरान कैसे तैयारी करें तथा किन-किन बातों का ध्यान रखें?
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2.सीयूईटी क्या है? (What is CUET?):
- सीयूईटी का फुलफॉर्म है काॅमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम।इस परीक्षा का आयोजन मई माह में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) करती है।यह परीक्षा देश की टॉप यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन में दाखिले के लिए ली जाती है।परीक्षा ऑनलाइन मोड में आयोजित की जाती है।जिन छात्र-छात्राओं का सपना टॉप यूनिवर्सिटीज में दाखिला लेने का होता है वे अपनी तैयारी को पीक पॉइंट पर पहुंचा चुके होंगे।
- यह एक जनरल एप्टीट्यूड टेस्ट है।पेपर तीन सेक्शन में बँटा हुआ होता है।प्रत्येक सेक्शन के लिए 60 मिनट अर्थात कुल 3 घंटे का पेपर होता है।पहला सेक्शन जो लैंग्वेज पेपर है इसमें लैंग्वेज से संबंधित क्वेश्चन पूछे जाएंगे,दूसरा सेक्शन जो ऑप्शनल सब्जेक्ट आपने चुना है उससे संबंधित क्वेश्चन पूछे जाएंगे और तीसरा सेक्शन जनरल टेस्ट का है।जनरल टेस्ट में सामान्य ज्ञान (करंट अफेयर्स) और रिजनिंग (तार्किक) क्षमता से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।
- परीक्षा प्रारंभ होने वाली है या प्रारंभ हो चुकी होगी जब आप यह आर्टिकल पढ़ रहे होंगे।परीक्षा की तैयारी हेतु यों तो कई लेख वेबसाइट पर मिल जाएंगे परंतु सीयूईटी के लिए ही यह लेख खास तौर से लिखा जा रहा है।
- यों स्टूडेंट भरपूर तैयारी करते हैं लेकिन संपूर्ण तैयारी करने वाले तथा आधी-अधूरी तैयारी करने वाले के मन में भी कुछ ना कुछ कन्फ्यूजन रहता है।कन्फ्यूजन के कारण छात्र-छात्राओं की जो तैयारी होती है वे बातें भी भूलने लगते हैं।क्योंकि संशय हमारी तैयारी को पलीता लगा देता है।गीता में भी कहा है कि संशयात्मा विनश्यति और श्रद्धावान को ही ज्ञान प्राप्त होता है।
- अतः अपने मन से अब परीक्षा के दौरान कोई भी संशय न रखें,अपने आप पर भरोसा रखें।आत्मविश्वास के साथ धैर्य और साहस रखें।अपने आप पर भरोसा रखने से तात्पर्य है कि अपनी तैयारी पर पूर्ण भरोसा रखें।और अपने आप को व्यस्त रखें,परीक्षा के दिनों में भी विश्राम अवश्य करें,पर्याप्त नींद लें ताकि तनाव हावी ना हो।दरअसल करंट अफेयर्स,रीजनिंग आदि की 12वीं कक्षा तक परीक्षा की दृष्टि से तैयारी नहीं होती है।टॉप कॉलेज और यूनिवर्सिटी सीमित हैं और कैंडिडेट बहुत अधिक होते हैं अतः परीक्षा में प्रतिस्पर्धा होने के कारण थोड़ा-बहुत तनाव होना स्वभाविक है।परन्तु यह तनाव यदि आपको परीक्षा की तैयारी के लिए प्रेरित करता है तब तो ठीक है अन्यथा नकारात्मक तनाव से हमें जो कुछ याद है वह भी याद नहीं रहता है।
- यह याद रखें की टॉप यूनिवर्सिटी में दाखिला न होने से आपके सारे रास्ते बंद नहीं हो जाएंगे।अनेक रास्ते और विकल्प हैं जिनके जरिए आप अपना भविष्य बना सकते हैं।अतः परीक्षा को पूर्ण मनोबल व एकाग्रता के साथ अपनी पूरी तैयारी के साथ दें।अंतिम समय में मॉक टेस्ट (Mock Test) से परीक्षा की तैयारी और संक्षिप्त नोट्स का रिवीजन ही करें।
3.मानसिक संतुलन बनाए रखें (Maintain mental balance):
- कई छात्र-छात्राएं फोन पर लंबी-लंबी बातें करते रहते हैं, चलते समय भी फोन करते रहेंगे या मैसेज टाइप करते हैं जैसे परीक्षा उनके लिए महत्त्वपूर्ण नहीं है बल्कि फोन पर लंबी-लंबी बातें करना या अन्य इसी तरह की गतिविधि करना ज्यादा जरूरी है।इस तरह की हरकतों से मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है।गर्मी का समय है अतः स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियाँ भी खड़ी हो सकती है।अतः रोजाना ध्यान व योग करें जिससे मन शांत रहेगा,तनाव हावी नहीं होगा।ध्यान व योग करने से मन भटकता नहीं है,शांत रहता है,दिमाग संतुलन में रहता है।समय-समय पर पानी पीते रहें जिससे शरीर हाइड्रेट रहेगा साथ ही हैवी डाइट (पचने में भारी भोजन),जंक फूड,फास्ट फूड,तले-भुने,कॉफी,चाय आदि लेने से बचें,इनसे स्वास्थ्य गड़बड़ा सकता है और परीक्षा के दौरान जी मिचलाना,खट्टी डकारें आना,एसिडिटी,उल्टी,दस्त जैसी समस्याएं खड़ी हो सकती है।
- भोजन सात्विक,सादा,हल्का लें और भूख से कम भोजन करें।इससे शारीरिक संतुलन बना रहेगा।शारीरिक संतुलन बिगड़ने का प्रभाव मन पर भी पड़ता है।इसी प्रकार मानसिक संतुलन बनाए रखें।मन में भय,आशंका,निराशा और नकारात्मक चिंतन-मनन करने से बचें।सोच सदा ही सकारात्मक रखें।सकारात्मक सोच,आत्मविश्वास,कठिन परिश्रम,मन की एकाग्रता,सही रणनीति,जुनून ही आपको परीक्षा में नैया पार लगाएगा।
- मॉक टेस्ट के दौरान जो गलतियां सामने आएं उनमें सुधार करें।आत्म-विश्लेषण करते रहें।रोजाना कुछ ना कुछ इंप्रूवमेंट नजर आना चाहिए।दूसरा व्यक्ति हमें हमारी गलतियाँ बताता है तो हमारे अहम को चोट लगती है और हमारे अंदर हीन भावना विकसित हो सकती है।परंतु स्वयं के द्वारा अपना विश्लेषण करने से यह समस्या नहीं आती है।हालांकि स्वयं के द्वारा ऑब्जेक्टिव आत्म-विश्लेषण करना कठिन अवश्य है क्योंकि हमारे कई पूर्वाग्रह,मान्यताएं और धारणाएं बाधक बन जाती है।परंतु बार-बार अभ्यास करने से आप वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन करने के अभ्यस्त हो जाएंगे।
- परीक्षा में आपका प्रदर्शन आपकी तैयारी के साथ-साथ इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपमें कितना आत्मविश्वास है,अपनी तैयारी पर पूरा भरोसा है या नहीं।
- अंतिम समय में केवल मॉक टेस्ट और शार्ट पॉइंट वाइज नोट्स का ही अध्ययन करें।बार-बार अभ्यास और रिवीजन करें इससे आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। करंट अफेयर्स में आपकी बोर्ड की पुस्तकों से भी मदद मिल जाएगी।केवल रीजनिंग वाले प्रश्नों में आपको परेशानी महसूस हो सकती है उसके लिए आपने अब तक तैयारी कर ली होगी।
- परीक्षा के दिन व परीक्षा के दौरान नई बातों को पढ़ने से बचें इससे आपके अंदर यह भय पैदा हो सकता है कि मुझे अमुक चीज तो याद ही नहीं है वैसे भी ठीक परीक्षा के समय याद किया हुआ याद नहीं रहता अतः नई बातों को याद करना अपने समय को बर्बाद करना है।
- परीक्षा के दौरान,परीक्षा हाल में सबसे जरूरी बात है अपना मानसिक संतुलन न खोना,इसके लिए पूर्व से आपने अभ्यास कर लिया होगा वैसे भी मानसिक संतुलन खोने से नुकसान होने के अलावा फायदा कुछ भी नहीं है।
4.परीक्षा में सफलता के लिए दृढ़ संकल्प और जुनून (Determination and passion for success in exams):
- किसी भी विद्यार्थी या व्यक्ति की कामनाएं पूरी नहीं होती है परंतु संकल्प पूरे अवश्य होते हैं।अब यह समझने लें कि कामनाओं और संकल्प में क्या फर्क होता है।संकल्प में निश्चित लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कठिन परिश्रम और स्मार्ट वर्क करने की लगन होती है,जुनून होता है,उसमें फल प्राप्ति के लिए उतावलापन नहीं होता है,उसका निश्चय होता है।उतावली में विद्यार्थी समय अधिक लगने पर धैर्य खो बैठता है।जैसे आपने सोचा कि मुझे अमुक टाॅपिक इतने समय में याद करना है और उतने समय में याद नहीं हुआ अथवा आपने सोचा कि मुझे प्रश्न-पत्र के इतने सवाल के अमुक समय में उत्तर देने है परंतु आप नहीं दे पाए तो ऐसी स्थिति में आप धैर्य खो बैठेंगे।फलस्वरूप जितने प्रश्नों के आप उत्तर दे सकते थे उतने के भी नहीं दे पाएंगे।
- प्रश्न-पत्र के प्रश्नों को हल करने उनसे जूझते रहने का भी साहस नहीं होता है।जबकि संकल्प शक्ति में दृढ़ इच्छाशक्ति और भावना शक्ति दोनों ही जुड़ी होती है।उसकी रूपरेखा विचारपूर्वक बनाई जाती है और उसे उपलब्ध करने के लिए जिन साधनों और सहयोग की अपेक्षा है,उनकी भी समय रहते व्यवस्था जुटा ली गई होती है।प्रश्न-पत्र को हल करने की सुनियोजित रणनीति होती है,किंतु मनोकामना तो एक प्रकार का भावावेश है। उसके पीछे न दूरदर्शी विवेकशीलता का समावेश होता है और न समुचित तैयारी वाली परिकल्पना एवं साधन-संपन्नता।
- आप यह सोच लें कि कोई भी ऐसी परीक्षा नहीं है जो चुटकी बजाते ही तुरत-फुरत दे दी जाए और शत-प्रतिशत उसमें सफलता मिल जाए।किसी भी प्रतियोगिता,प्रवेश परीक्षा या शैक्षिक परीक्षा में प्रतिस्पर्धा में उतरना ही पड़ता है और अपनी परीक्षा की तैयारी को पूर्ण दमखम के साथ करना पड़ता है।कठिनाइयां विचलित करने लगे और देर लगने पर उतावलापन दिखाएं तो परीक्षा में उत्तीर्ण होना संदिग्ध हो जाता है। कामनाएं उबलते दूध के समतुल्य खाली बर्तन को भी भरा दिखा देती है और कुछ ही समय में बैठ भी जाती है,किंतु संकल्प तो शब्दभेदी बाण की तरह है,जो निशाना (लक्ष्य) बेधकर ही रहता है।अतः केवल कामनाएँ ही न करते रहें,कामनाओं पर लगाम लगाएँ और अपने संकल्पों की पूर्ति करें।
- अपनी क्षमता के अनुसार संकल्प करें।यदि क्षमता कम है तो बड़े-बड़े संकल्प करने की जरूरत नहीं है क्योंकि क्षमता कम है,परीक्षा की तैयारी कम है और संकल्प बड़े हैं तो पूरे नहीं हो सकेंगे।संकल्प पूरे नहीं होने पर मनोबल कमजोर होता है अतः पहले छोटे-छोटे संकल्प (अपनी क्षमता के अनुसार) करें और उन्हें पूरे करते रहें।बड़े संकल्प को पूरा करने के लिए अपनी क्षमता और योग्यता भी बढ़ानी होगी।इससे आपका आत्म-विश्वास बढ़ेगा और फिर बड़े संकल्प पूरे करने की सामर्थ्य,योग्यता और आत्मविश्वास बढ़ जाए तो उन्हें पूरे करने का पूरा प्रयास करें,अपनी संपूर्ण शक्ति,सामर्थ्य,तन्मयता से उसे पूरा करने के लिए जुट जाएं।
- इस प्रकार आप सीयूईटी ही नहीं कोई भी परीक्षा,कोई भी लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं और इस प्रकार अपने संकल्पों और इरादों को पूरा कर सकते हैं।एक बार इस तरह कदम उठाकर देखें तो सही।
5.सफलता के सूत्र (Success Formulas):
- विषय पर मजबूत पकड़ आपकी सफलता सुनिश्चित करेगी।अब परीक्षा के दौरान पुस्तकें पढ़ना बिल्कुल बंद कर देना चाहिए।जो पढ़ा है उसी का बार-बार रिवीजन करना चाहिए।यह रिवीजन आप द्वारा बनाए गए शॉर्ट नोट्स का हो सकता है अथवा मॉक टेस्ट के द्वारा बार-बार अपना मूल्यांकन करके सुधार करते रहना है।मॉक टेस्ट दें और जहां भी कमजोरी हो उससे संबंधित नोट्स पढ़े,फिर से मॉक टेस्ट दें,इस प्रकार बार-बार अभ्यास करें।
- परीक्षा के दौरान जो प्रश्न आपको ठीक से आते हैं उन सवालों को पहले हल करें।कोई टॉपिक छूट गया हो या समझ में ना आया हो तो अब किसी भी प्रकार की कोशिश करना ठीक नहीं है।जो टॉपिक ठीक से समझ में आ गए उन्हें ही बार-बार अभ्यास करें।
- यदि नोट्स मोबाइल या कंप्यूटर में सेव किए हुए हैं तो मोबाइल व कंप्यूटर को चालू करके सीधे न पढ़े क्योंकि इससे आंखों पर दबाव पड़ता है,मस्तिष्क में तनाव उत्पन्न होता है,व्यवधान होता है अतः प्रिंट निकाल कर ही पढ़े।
- नियमित रूप से अध्ययन करते रहें और अपने आप पर संयम रखें।एग्जाम के दौरान नकारात्मक विचारों और घबराहट से बचना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे मानसिक संतुलन गड़बड़ा सकता है और आप दबाव में आ सकते हैं।अपना सर्वश्रेष्ठ देने की पूरी कोशिश करें,एग्जाम को हल्के में ना लें।एग्जाम को ही सब कुछ न मानें बल्कि यह समझें कि जीवन यात्रा का यह भी एक पड़ाव है।अपने आप की तुलना दूसरों से न करें।संसार का प्रत्येक मनुष्य अद्वितीय है,हर व्यक्ति में खूबी व कमजोरी होती है।आप आप हैं,आप दूसरे जैसे नहीं बन सकते हैं।
- परीक्षा में प्रश्न-पत्र हल करते समय कोई गलती हो जाए तो घबराएं नहीं।एग्जाम में गलतियां होना स्वभाविक है।गलतियों से सीखना और आगे बढ़ने का मंत्र ध्यान रखें।नियमित रूप से ध्यान व योग करें इससे मानसिक संतुलन बना रहेगा।हर सेक्शन को पर्याप्त समय दें ताकि तीनों सेक्शन को निर्धारित समय में हल कर सकें।इससे घबराहट व तनाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।
- प्रश्न-पत्र को तय समय में हल करने के लिए समय प्रबंधन करना जरूरी होता है।समय प्रबंधन करना तभी आएगा जबकि आपने मॉक टेस्ट निर्धारित समय के अनुसार दिया हो अथवा मॉडल पेपर्स को निर्धारित समय में करने का अभ्यास किया हो।
मोबाइल फोन,गैजेट्स,कंप्यूटर आदि के प्रयोग से (अनावश्यक प्रयोग से) स्टूडेंट्स बाहरी विकर्षणों से प्रभावित रहते हैं जिससे वे अपनी पढ़ाई के साथ न्याय नहीं कर पाते हैं और असफल हो जाते हैं।अतः अब तक करते रहे हैं तो परीक्षा के दौरान इनका यूज ना करें,अति आवश्यक स्थिति में ही यूज करें। - माता-पिता को छात्र-छात्रा के आहार-विहार का ध्यान रखने के साथ-साथ सुदृढ़ और मानसिक रूप से उत्साहवर्धक वातावरण बनाने में मदद करनी चाहिए,जहां छात्र बिना किसी बाधा के अध्ययन कर सकें।छात्र-छात्राओं को अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित करें,उन पर दाब-दबाव न डालें,उन्हें स्वाभाविक रूप से तैयारी करने दें।
- छात्र-छात्रा को चाहिए कि परीक्षा को एक अवसर के रूप में देखें,इसकी तैयारी हँसी,खुशी और आनंद लेते हुए करें और दें।
सारांशःपरीक्षा का समय है अतः आपने समय रहते तैयारी कर ली होगी,परीक्षा प्रश्न-पत्र को हल करने की रणनीति बना ली होगी,प्रश्न-पत्र को हल करने की प्राथमिकता तय कर ली होगी,अपने आपको किस प्रकार सक्रिय रखना है उसकी रणनीति व तैयारी कर ली होगी।हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। - उपर्युक्त आर्टिकल में सीयूईटी-यूजी में सफलता की 6 रणनीतियाँ (6 Strategies for Success in CUET-UG),काॅमन यूनिवर्सिटी एन्ट्रेन्स एग्जाम में सफलता के मंत्र 2025 (Common University Entrance Exam Success Spells 2025) के बारे में बताया गया है।
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6.परीक्षा में क्या होता है? (हास्य-व्यंग्य) (What Happens in Exam?) (Humour-Satire):
- एक छात्र (दूसरे छात्र से):अच्छा बताओ परीक्षा में सबसे ज्यादा क्या अनहोनी घटना होती है,हमारे साथ।
- दूसरा छात्र (पहले छात्र से):हमारे दिमाग का दही बन जाता है,पूरा तेल निकाल लिया जाता है,तब छोड़ते हैं।
7.सीयूईटी-यूजी में सफलता की 6 रणनीतियाँ (Frequently Asked Questions Related to 6 Strategies for Success in CUET-UG),काॅमन यूनिवर्सिटी एन्ट्रेन्स एग्जाम में सफलता के मंत्र 2025 (Common University Entrance Exam Success Spells 2025) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.परीक्षा के दौरान सक्रिय कैसे रहें? (How to stay active during exams?):
उत्तर:अपनी क्षमता के अनुसार तैयारी करें,तनाव हावी हो तो कुछ समय भजन,संगीत सुनें।कुछ इस तरह की एक्टिविटी करें जिससे आप अपने आप को तरोताजा महसूस कर सकें।
प्रश्न:2.क्या नोट्स पढ़ना पर्याप्त है? (Is reading notes enough?):
उत्तर:परीक्षा के दौरान तो शॉर्ट नोट्स और मॉक टेस्ट ही पर्याप्त हैं।परीक्षा से पूर्व आपने पुस्तकें पढ़ ली होंगी,यूट्यूब पर वीडियो,ऑनलाइन कोर्सेज,वेबसाइट की मदद लेकर तैयारी कर ली होगी।
प्रश्न:3.मॉक टेस्ट से क्या लाभ होगा? (What are the benefits of mock tests?):
उत्तर:मॉक टेस्ट परीक्षा जैसा एनवायरनमेंट तैयार करके देना चाहिए जिससे आपको पता लगेगा कि आप तय समय में प्रश्न-पत्र को हल कर पाएंगे या नहीं।उसके आधार पर मूल्यांकन करें और सुधार करें।पिछले प्रश्न पत्रों को हल करके विश्लेषण करें कि तीन घंटे में प्रश्न-पत्र को आप हल कर पाते हैं या नहीं।तीन घंटे में हल करने की प्रेक्टिस करें।
- उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा सीयूईटी-यूजी में सफलता की 6 रणनीतियाँ (6 Strategies for Success in CUET-UG),काॅमन यूनिवर्सिटी एन्ट्रेन्स एग्जाम में सफलता के मंत्र 2025 (Common University Entrance Exam Success Spells 2025) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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Satyam
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