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Reply Controversial Issue in Interview

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1 1.साक्षात्कार में विवादपूर्ण मुद्दों का जवाब दें (Reply Controversial Issue in Interview),साक्षात्कार की तैयारी हेतु महत्त्वपूर्ण सुझाव (Important Tips for Interview Preparation):

1.साक्षात्कार में विवादपूर्ण मुद्दों का जवाब दें (Reply Controversial Issue in Interview),साक्षात्कार की तैयारी हेतु महत्त्वपूर्ण सुझाव (Important Tips for Interview Preparation):

  • साक्षात्कार में विवादपूर्ण मुद्दों का जवाब दें (Reply Controversial Issue in Interview),इस तरह से कि इंटरव्यूअर संतुष्ट हो सकें।साक्षात्कार में वेशभूषा,बालों,जूते वगैरह से बाहरी व्यक्तित्व,आस-पास के परिवेश,राज्य,देश,दुनिया के प्रति कितने सजग हैं तथा आपके विचार अथवा दृष्टिकोण कैसा है,इन तीनों का परीक्षण किया जाता है।इसमें सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण विचार अथवा दृष्टिकोण है जिसमें देखा जाता है कि आप किसी मुद्दे या परिस्थिति के प्रति कैसा दृष्टिकोण रखते हैं या प्रतिक्रिया करते हैं।
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2.विवादपूर्ण मुद्दों पर संतुलित जवाब दें (Give balanced answers to controversial issues):

  • साक्षात्कार अथवा व्यक्तित्व परीक्षण करते समय इंटरव्यू बोर्ड की यह मंशा होती है कि उम्मीदवार से कुछ ऐसे विवादपूर्ण मुद्दों के बारे में बातचीत की जाए जिससे वस्तुस्थिति की उसे किस सीमा तक जानकारी है इस बात का पता लगाया जा सके।उम्मीदवार को यदि संबंधित विषय की अच्छी जानकारी है तो वह अपने तर्कों के द्वारा मंडल के सदस्यों को यह प्रतीति करा सकता है कि उसने प्रश्न को भलीभाँति समझकर अपना उत्तर दिया है तथा उसे संदर्भ का पूरा-पूरा ज्ञान है।बोर्ड के सदस्य कभी-कभी तो अपने तर्कों एवं पूरक प्रश्नों से उम्मीदवार को निरुत्तर करने अथवा किंचित सोच-विचार करने के लिए भी बाध्य कर सकते हैं।यह स्थिति शोचनीय हो सकती है यदि उम्मीदवार को संदर्भगत तथा विषयगत तथ्यों की ठीक प्रकार से जानकारी नहीं होती।
  • बोर्ड के सभी सदस्यों में मतैक्य होना सुनिश्चित नहीं है।ऐसी स्थिति में यह भी संभव हो सकता है कि उम्मीदवार द्वारा व्यक्त विचार किसी सदस्य को सही लग रहे हों तथा कोई सदस्य उसको पसंद नहीं कर रहा हो।ऐसी स्थिति में प्रश्न करने वाला व्यक्ति स्वयं ही तर्क-वितर्क करके अन्य सदस्यों को भी प्रकारांतर से यह दिखाने का प्रयास करता है कि उम्मीदवार का ज्ञान बहु-आयामी तथा तथ्यपूर्ण है।इस प्रयास का अच्छा प्रभाव पड़ता है और अंततोगत्वा उम्मीदवार को घाटा नहीं उठाना पड़ता।
  • बोर्ड के सदस्य प्रायः तटस्थ होते हैं,यह बात पहले भी स्पष्ट की जा चुकी है।फिर भी वे एक उत्तरदायित्वपूर्ण पद के उम्मीदवार से यह तो आशा कर ही सकते हैं कि जिस बात को प्रचारित किया गया है तथा जो वास्तविकता है उसके मध्य भेद को समझते हुए उम्मीदवार को वास्तविक स्थिति का बोध है अथवा नहीं।अखबारों तथा पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित शीर्षस्थ समाचारों के आधार पर मत निर्धारण कर लेना कोई बुद्धिमानी नहीं होती मनुष्य को अपनी बुद्धि तथा विवेक से भी काम लेना चाहिए।इस बुद्धि तथा विवेक का पता तभी ठीक प्रकार से चल पाता है जब तर्क-वितर्क करके अथवा पूरक प्रश्न पूछ कर उम्मीदवार के ज्ञान की थाह ले ली जाती है।
  • इस दौरान यदि उम्मीदवार अपने आप को अनुषंगी प्रश्नों का उत्तर देने में अक्षम पाता है तो उचित यही होगा कि वह इस बात को स्वीकार कर ले कि उसे वस्तुस्थिति का सम्यक ज्ञान नहीं है।अनर्गल अथवा असंगत उत्तर देने की अपेक्षा अपनी कमी को स्वीकार कर लेना कहीं अधिक श्रेष्ठ है।वस्तुस्थिति की सम्यक जानकारी होने पर संतुलित उत्तर अथवा अपना निर्णय अवश्य देना चाहिए।

3.विवादास्पद मुद्दों के कुछ उदाहरण (Some examples of controversial issues):

  • भारत अनेक समस्याओं से घिरा हुआ देश है जैसे असम और बांग्लादेश में घुसपैठियों को बाहर निकालने का प्रश्न है।पाकिस्तान की आक्रामक मनःस्थिति तथा विदेशों से उसे प्राप्त शस्त्रों के एकत्रीकरण से उत्पन्न शांति को खतरा,पंजाब की समस्या और अकाली नेताओं की पृथकतावादी विचारधारा से देश की अखण्डता का संकट,पंजाब के अलगाववादियों को कनाडा सरकार का संरक्षण,कश्मीर में अलगाववादियों द्वारा सिर उठाना,आतंकवाद को पाकिस्तान का समर्थन,मध्य भारत में नक्सली उग्रवाद,पूर्वोत्तर राज्यों में विभिन्न कबालियों में आपसी खूनी संघर्ष,रूस-यूक्रेन युद्ध,इजराइल-हमास में गाजापट्टी को लेकर संघर्ष,बढ़ती हुई जनसंख्या की समस्या तथा एक धर्म विशेष के अनुयायियों द्वारा परिवार नियोजन कार्यक्रम में कोई रुचि न लेना।भाषाई विवाद,बढ़ती हुई गरीबी की समस्या आदि।इसके अलावा न जाने कितनी ऐसी समस्याएं और भी हैं जिनका सही एवं कारगर हल खोजना सीधा काम नहीं है।
  • भारत बहुधर्मी,बहुभाषा-भाषी तथा अनेक संस्कृतियों का गंगा-यमुनी देश है।यहां पर वही विचारधारा पुष्पित और पल्लवित हो सकती है जो समन्वयवादी हो।तोड़-फोड़ तथा अलगाववादी नीतियों का प्रतिफल हमें सदियों भोगना पड़ा है।यही वजह है कि आज प्रत्येक भारतीय केंद्र को सशक्त और दमदार देखना चाहता है।हाल के चुनावों में एक दल विशेष को मिली विजय का भी यह एक प्रमुख कारण है।आज के सुबुद्ध नागरिक को अलगाववादी नीति रास नहीं आ रही है।यदि बोर्ड में किसी सदस्य द्वारा इन समस्याओं से किसी एक के भी बारे में प्रश्न किया जाता है तो उम्मीदवार के लिए बताना आवश्यक हो जाता है कि वह मूल समस्याओं को ही नहीं जानता वरन उसके कारणों से भी अवगत है।इसके अलावा उसके लिए यह भी जरूरी हो जाता है कि वह यह भी बताए कि अमुक समस्या का समाधान करने के लिए वह कौन-कौन से ऐसे पग उठाना चाहेगा जिनके द्वारा उसका सही हल संभव बन सकेगा।
  • समस्याएं कहीं भी हों,कैसी हों तथा उनके कारण कुछ भी हों-आवश्यकता इस बात की होती है कि उनका समाधान विवेकपूर्ण होना चाहिए।निजी या प्रशासनिक सेवा के उम्मीदवार से यह अपेक्षा की जाती है कि वह उन समस्याओं को जानने का प्रयास करे तथा उनको हल करने के लिए जो उपाय सुझाए वे तर्कपूर्ण तथा साधार हों।कल्पनाजीवी व्यक्ति प्रतियोगिता परीक्षाओं तथा प्रशासनिक सेवाओं में बहुत कम सफल हो पाते हैं। व्यावहारिक तथा शीघ्र निर्णय लेने वाले व्यक्ति इन सेवाओं के लिए अधिक उपयोगी माने जाते हैं।अतएव प्रत्येक उम्मीदवार के लिए उचित होता है कि वह अपने आपको देश-विदेशों की गतिविधियों से अवगत रखें। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रकार के घटना चक्रों के प्रति जागरूक रहने वाले सुधी लोग अच्छे उम्मीदवारों की श्रेणी में आते हैं।

4.प्रत्येक देश एक दूसरे पर निर्भर (Each country is dependent on each other):

  • वर्तमान युग में कोई भी देश अपने आप में जीवित नहीं रह सकता।सभी देश आपस में कहीं ना कहीं जुड़े अवश्य हैं।वैज्ञानिक प्रगति तथा आवश्यकताओं की विविधता इतनी अधिक हो चुकी है कि बरबस प्रत्येक देश को सहायता के लिए दूसरे देश की ओर देखना पड़ता है।भारत यदि अरब देशों से तेल अथवा पेट्रोलियम मंगाता है तो बदले में मशीनें,खाद्य सामग्री तथा तकनीकी सहायता और ज्ञान देता भी तो है।इसी प्रकार रूस,अमेरिका,फ्रांस,पोलैंड आदि देशों के साथ भी उसके व्यापारिक,राजनीतिक संबंध हैं।इन सबके बारे में उम्मीदवार को अवश्य जानकारी होनी चाहिए।
  • राजनैतिक तथा व्यापारिक संबंधों के अलावा कई देशों के साथ भावनात्मक अथवा सांस्कृतिक संबंध भी हो सकते हैं।बर्मा,श्रीलंका,जापान,थाईलैंड आदि के साथ भारत के संबंधों में जो प्रगाढ़ता है उसका एक कारण प्राचीन सांस्कृतिक समानता भी है।यदि ऐसे प्रश्न उम्मीदवार से किए जाते हैं जिनमें संस्कृति के योगदान का मूल्यांकन करना होता है तो उम्मीदवार के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह विभिन्न संस्कृतियों के उतार-चढ़ाव को भारतीय परिप्रेक्ष्य में देखकर सही अकाट्य तर्क देकर उत्तर दे जिससे यह पता चल सके कि भारतीय संस्कृति के साथ-साथ वह देश विदेश में विद्यमान उसके विविध स्वरूपों से भलीभाँति परिचित है।भारतीय समस्याओं के अतिरिक्त कुछ ऐसी अंतरराष्ट्रीय स्तर की भी हो सकती हैं।बहुचर्चित तथा वर्तमान समस्याओं से संबंधित प्रश्न भी प्रायः इंटरव्यू में पूछ लिए जाते हैं।मान लीजिए कि रूस और अफगान समस्या के बारे में आपसे प्रश्न पूछा जाता है।इस प्रश्न का सटीक उत्तर आप तभी दे सकेंगे जब आपको रूस,अफगानिस्तान,यूक्रेन,इजराइल,हमास,गाजापट्टी की सही स्थिति का ज्ञान होगा और आप इन सभी पेचीदगियों से वाकिफ होंगे जिनके कारण आज ये देश चर्चा का विषय बन गए हैं।यूक्रेन-रूस के युद्ध के विषय या इजरायल-ईरान-अमेरिका युद्ध के विषय में प्रश्न पूछे जाने पर आप सही उत्तर तभी दे सकते हैं जब आपको सारी समस्या की पृष्ठभूमि ज्ञात होगी।
  • कश्मीर को ही लीजिए हर प्रकार से इस राज्य का भारत में विलय हो चुका है फिर भी पाकिस्तान वहाँ आतंकवादियों को संरक्षण देकर,आतंकवाद फैलाता है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर वहां जनमत संग्रह की बात कह कर कश्मीर को समस्याग्रस्त राज्य सिद्ध करने का दुराग्रह करता है।निष्पक्ष राज्य यह विचार कर सकते हैं कि जिस देश की अपनी समस्याएं (बलूचिस्तान,पीओके में स्वतन्त्रता की मांग) आदि सुधारे नहीं सुधर रही है वह भला कश्मीर में निष्पक्ष चुनाव कराने की दुहाई कैसे दे सकता है?
  • तात्पर्य यह है कि इंटरव्यू के समय उम्मीदवार को जागरूक तथा विवेकशील रहना चाहिए।दिए गए उत्तर यदि संक्षिप्त,तथ्यपरक और प्रभावशाली होंगे तो बोर्ड पर उनका अनुकूल प्रभाव पड़ेगा और सदस्यगण जान सकेंगे कि उम्मीदवार अध्ययनशील है और उसको वस्तुस्थिति का अद्यतन और अच्छा ज्ञान है।

5.साक्षात्कार में संभावित प्रश्न (Possible Questions in the Interview):

  • साक्षात्कार में आपसे बायो-डाटा,सामान्य ज्ञान,अद्यतन राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय घटनाओं,सामाजिक,आर्थिक व राजनीतिक मुद्दों,विज्ञान एवं तकनीक के नए आयाम और आपके शैक्षणिक व इच्छित विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं।
    एक निश्चित प्रकार के प्रश्न जिसमें पूरी प्रक्रिया का वर्णन करना पड़े भी पूछे जा सकते हैं।इसके लिए आपको अपने पूर्वानुमान से प्रश्न सोचकर उसका उत्तर तैयार कर लेना चाहिए।
  • आपसे और आपकी इच्छा से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं जिससे कि आपके व्यक्तित्व का परीक्षण हो सके।
    परिकल्पनात्मक (Hypothetical) प्रश्नों की भी तैयारी कर लेनी चाहिए।मसलन यदि आप उत्तर प्रदेश का राज्यपाल होते तो क्या करते या यदि आपको देश का प्रधानमंत्री बना दिया जाए तो सर्वप्रथम आप क्या करेंगे इत्यादि।
    यदि संभव हो सके तो बोर्ड के चेयरमैन एवं सदस्यों की जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए,जिससे साक्षात्कार के प्रश्नों को दिशा एवं प्रश्नों का पूर्वानुमान किया जा सके।
  • राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जानकारी के अलावा उसे राज्य की भी पूर्ण जानकारी हासिल करनी चाहिए जिस राज्य में आप रहते हैं।अपने राज्य के इतिहास,भूगोल,संस्कृति विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त उपलब्धियों की जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए।
    पहले से ही कुछ अपेक्षित प्रश्नों की तैयारी कर लेनी चाहिए जैसे आप इंजीनियर,सीए या प्रशासनिक अधिकारी क्यों बनना चाहते हैं? यदि आपका चयन न हो तो आप क्या करेंगे? इत्यादि।
  • अपने स्नातक एवं स्नातकोत्तर पढ़ाई के विषयों या बीई/बीटेक के विषयों एवं लिखित मुख्य परीक्षा के इच्छित विषयों की पूरी जानकारी रखें।अपेक्षित प्रश्नों को बनाकर उसके उत्तर तैयार कर लें।
  • यदि आप पहले से ही कहीं कार्यरत हैं तो आपको अपने काम की प्रकृति एवं संगठन संबंधी प्रश्नों के उत्तर तैयार कर लेने चाहिए।आप इस नौकरी को क्यों छोड़ना चाहते हैं? जैसे प्रश्नों का प्रभावी उत्तर सोच लेना चाहिए।
  • अपने देश का जागरूक एवं शिक्षित नागरिक होने के नाते आपको देश व समाज के प्रति अपने अधिकार एवं कर्त्तव्यों की जानकारी होनी चाहिए।आपसे देश की नीतियों की जानकारी तथा उसे और प्रभावी बनाने के सुझावों संबंधी जवाब की अपेक्षा की जाती है।

6.साक्षात्कार तकनीक (Interview Techniques):

  • साक्षात्कार में अभ्यर्थी को चुनौती नहीं दी जाती है।बोर्ड के सभी सदस्य मित्रवत व्यवहार रखते हैं तथा ऐसा माहौल बनाते हैं जैसे कोई औपचारिक बातचीत चल रही हो।उसी वार्तालाप के दौरान आपका व्यक्तित्व परीक्षण हो जाता है।
  • साक्षात्कार केवल ज्ञान की परीक्षा नहीं है बल्कि पूरे व्यक्तित्व का परीक्षण है।मगर ज्ञान से विश्वास और व्यक्तित्व का विकास होता है जो अल्पावधि में नहीं विकसित होता है।अतः अभी से ही साक्षात्कार की तैयारी में जुट जाएं।
  • साक्षात्कार बोर्ड आपके व्यवहार,मनोवृत्ति,पहल करने के अंदाज,दृष्टिकोण (approach) जीवन के प्रति आपके विचार,अति संवेदनशील मुद्दों पर आपकी प्रतिक्रिया के प्रति इच्छुक रहता है न कि आपके और आपके किताबी ज्ञान के प्रति।बोर्ड आपके आचार-विचार से ही आपकी योग्यता परख लेता है।
  • आपकी प्रतिक्रिया,शौक,प्रश्नोत्तर देने में लगा समय,आशावादी अभिव्यक्ति,नेतृत्व के गुण,विश्लेषण करने की क्षमता,तर्क संगत कथनों से आपके विभिन्न पहलुओं को परखा जाता है।
  • साक्षात्कार बोर्ड वैसे युवाओं की तलाश करता है जो तीक्ष्ण बुद्धि वाला हो,टीम को संगठित करने में सक्षम हो,विभिन्न तरह के लोगों को एकीकृत कर सके,समाज के प्रति जवाबदेह हो,लोगों को अभिप्रेरित (motivate) करने की क्षमता रखता हो तथा सही दिशा और सही समय में लोगों को प्रभावित कर सकता हो।अभ्यर्थी को अपने व्यवहार व विचार से इस तरह की अपेक्षित क्षमता होने का एहसास दिलाने की पूरी कोशिश करनी चाहिए।
  • याद रखें साक्षात्कार महज एक प्रश्न एवं उत्तर का एक सत्र मात्र नहीं है।साक्षात्कार में आपको अपनी सुयोग्य पात्रता सिद्ध करनी होती है,कि आप ही संबंधित संगठन का उत्तरदायित्व के निर्वहन की लगाम सफलतापूर्वक थामने के काबिल हैं।इसके लिए आप में व्यक्ति एवं पदार्थों की परख सकने की भी क्षमता होनी चाहिए।

7.अभ्यर्थी जो पहली बार साक्षात्कार दे रहे हैं (Candidates who are appearing for the first time):

  • आपको घबराने की कतई आवश्यकता नहीं है।आप सामान्य एवं सहज बने रहने का प्रयास करें।साथ ही सभी अभ्यर्थियों के लिए जो सामान्य सुझाव बताए गए हैं,उसे आत्मसात करने का प्रयास करें ताकि आपमें पर्याप्त आत्मविश्वास पैदा हो सके।
    आपको अधिक से अधिक कृत्रिम साक्षात्कार तथा सार्थक सामूहिक वाद-विवाद करते रहना चाहिए ताकि आपकी बोलने की एवं भाषागत अशुद्धियों की समस्या दूर हो जाए।इससे आपके साक्षात्कार कक्ष में अपने विचारों के प्रस्तुतीकरण में सहायता मिलेगी।अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो साक्षात्कार कक्ष के अंदर आप विचारों को भलीभाँति स्पष्ट नहीं कर पाएंगे।
  • अगर थोड़ी-सी भी परेशानी का अनुभव करें तो आपको किसी अच्छे कोचिंग संस्थान का भी सहारा लेना चाहिए।इससे आपके सोचने का ढंग बदल जाएगा और किसी भी विषयवस्तु पर आपका दृष्टिकोण संतुलित एवं व्यापक प्रकृति का हो जाएगा।कोचिंग संस्थान में आपका छद्म साक्षात्कार लिया जाएगा,जिससे आप भयमुक्त हो जाएंगे तथा साक्षात्कार कक्ष के अंदर आपकी घबराहट दूर हो जाएगी।
  • आप कक्ष के अंदर की स्थिति से बेफिक्र होकर अपनी तैयारी को अभिव्यक्त करें तथा आप अपने मन में यह बात सोच लें कि आप अपने घर-परिवार से बाहर के कुछ अपरिचित बुजुर्गों से बातचीत कर रहे हैं।बोर्ड के सदस्य आपके पूर्ण व्यक्तित्व को परखना चाहेंगे ना कि उनकी नीयत आपको परेशान करने की रहेगी।साक्षात्कार कक्ष के अंदर सदस्यों का व्यवहार अत्यंत ही सहयोगी प्रवृत्ति का रहेगा।वे कभी भी आपसे क्रॉस प्रश्नों को नहीं पूछेंगे।अगर आप वहां असहज दिखने लगेंगे तो वे आपको सहज बनाने में यथाशक्ति मदद करेंगे।

8.जो व्यक्ति पहले साक्षात्कार दे चुके हैं (Candidates who have previously appeared for interviews):

  • पिछले साक्षात्कार के प्राप्तांक एवं आपके द्वारा प्रदर्शित व्यक्तित्व की आप स्वयं तुलना करें और गंभीर विश्लेषण  करके यह पता लगाने का प्रयास करें कि आप कहां-कहां और किस स्तर तक सुधार कर सकते हैं।
    आपको पिछले साक्षात्कार में जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा था,उसे दूर करने का यथाशक्ति प्रयास करें।ऐसा करने से कुछ बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।
  • आप भी अपने मित्रों एवं परिचितों के साथ सामूहिक वाद-विवाद एवं कृत्रिम साक्षात्कार करते रहे ताकि आपके बोलने का अभ्यास बना रहे और आपकी भाषागत अशुद्धियाँ दूर हो जाएं।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में साक्षात्कार में विवादपूर्ण मुद्दों का जवाब दें (Reply Controversial Issue in Interview),साक्षात्कार की तैयारी हेतु महत्त्वपूर्ण सुझाव (Important Tips for Interview Preparation) के बारे में बताया गया है।

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9.अभ्यर्थी का इंटरव्यूअर को उत्तर (हास्य-व्यंग्य) (Candidate’s Answer to Interviewer) (Humour-Satire):

  • इंटरव्यूअर (अभ्यर्थी से):सबसे अधिक कमाई का सोर्स क्या है,मेरा मतलब कौन सा प्रोफेशन है जो सोने के अंडे देती है।
  • अभ्यर्थी:इंटरव्यू,प्रतियोगिता परीक्षा,प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले कोचिंग सेंटर्स सोने के अंडे ही क्या वहाँ तो रूपयों-पैसे की बरसात होती है।

10.साक्षात्कार में विवादपूर्ण मुद्दों का जवाब दें (Frequently Asked Questions Related to Reply Controversial Issue in Interview),साक्षात्कार की तैयारी हेतु महत्त्वपूर्ण सुझाव (Important Tips for Interview Preparation) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.प्रेरक कारक तत्त्व के तहत अभ्यर्थी की क्या जांच की जाती है? (How is the candidate examined under the motivating factor?):

उत्तर:संबंधित नौकरी के प्रति व्यक्ति के रुझान एवं मनोभाव की जांच की जाती है।इसके तहत प्रभावशाली पहल (vigorous initiative) करना,आपकी जरूरत के साथ-साथ सुरक्षा,अधिकार,सत्ता,अन्वेषण,संपूर्णता एवं आगे बढ़ने की इच्छा को परखा जाता है।

प्रश्न:2.स्वतंत्र साक्षात्कार में क्या पूछा जाता है? (What is asked in an independent interview?):

उत्तर:इस प्रकार के साक्षात्कार में बहुत ही साधारण से प्रश्न पूछे जाते हैं और प्रत्याशी को अपना जवाब देने के लिए पूरा समय दिया जाता है।इस तरह के साक्षात्कार में किसी भी प्रश्नों के क्रम या टिप्पणी पूर्व-निर्देशित नहीं होते हैं।प्रायः प्रत्याशी को अपने आपके विषय में या विभिन्न सामाजिक,आर्थिक,राजनीतिक,सांस्कृतिक विषयों पर अपने विचार अभिव्यक्त करने की पूरी स्वतंत्रता दी जाती है।फिर उसी आधार पर उसका वास्तविक व्यक्तित्व परीक्षण कर उसकी योग्यता के बारे में निर्णय लिया जाता है।इसमें उसके गुणों एवं कमजोरी का आकलन भी किया जाता है।

प्रश्न:3.पैनल अथवा बोर्ड साक्षात्कार क्या होता है? (What is a panel or board interview?):

उत्तर:इस प्रकार के साक्षात्कार में कई साक्षात्कार्यकर्ता होते हैं जो बारी-बारी से प्रश्न पूछते हैं।वे क्रमवार आपका बिना किसी क्रम के प्रश्न पूछते हैं।वे क्रमवार अथवा बिना किसी क्रम के प्रश्न कर सकते हैं।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा साक्षात्कार में विवादपूर्ण मुद्दों का जवाब दें (Reply Controversial Issue in Interview),साक्षात्कार की तैयारी हेतु महत्त्वपूर्ण सुझाव (Important Tips for Interview Preparation) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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