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How to Crack Competitive Exams in 2025?

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1.2025 में कॉम्पिटेटिव एक्जाम कैसे क्रैक करें? (How to Crack Competitive Exams in 2025?),कम्पीटिशन एग्जाम क्रैक कैसे करें? (How to Crack Competition Exams?):

  • 2025 में कॉम्पिटेटिव एक्जाम कैसे क्रैक करें? (How to Crack Competitive Exams in 2025?) के आधार पर आप विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं।यों काम्पिटीशन की तैयारी के लिए साइट पर लेख पोस्ट किए हुए हैं,उनसे भी आपको परीक्षा की तैयारी करने में मदद मिल सकती है।
  • आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के आर्टिकल को शेयर करें।यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार आए हैं तो वेबसाइट को फॉलो करें और ईमेल सब्सक्रिप्शन को भी फॉलो करें।जिससे नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन आपको मिल सके।यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए।आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं।इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

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2.अनुशासित अध्ययन जरूरी (Disciplined study is necessary):

  • अनुशासित अध्ययन से तात्पर्य है कि सिलेबस के अनुसार तैयारी करें,ज्ञान के लिए नहीं।ज्ञान अर्जित करना चाहते हैं तो उसके लिए अलग से समय दें क्योंकि ज्ञान अर्जित करने के चक्कर में सिलेबस छूट जाता है,लक्ष्य पर से ध्यान हट जाता है।हालांकि,सिलेबस की तैयारी करते हुए भी अभ्यर्थी कुछ ना कुछ ज्ञान अर्जित करता ही है।सिलेबस के सभी बिंदुओं को समझकर आत्मसात करें,याद करें।
  • सिलेबस को पढ़ने या पूरा करने के लिए टाइम टेबल बनाएं और उसका सख्ती से पालन करें।
    टाइम टेबल में कितने समय अध्ययन करना है,कितने समय नोट्स बनाना है,कितने समय याद करना है,कितने समय और कब पुनरावृत्ति करनी है आदि बातों का उल्लेख करें।बेहतर है कि देर रात तक न पढ़कर सुबह जल्दी पढ़ने का अभ्यास करें क्योंकि दिन में या रात में डिस्ट्रेक्शन होता है और दिमाग भी थका हुआ रहता है जबकि सुबह दिमाग तरोताजा रहता है।
  • लक्ष्य तथा टाइमटेबल या प्लानिंग ही पर्याप्त नहीं है जब तक आप उस पर अमल नहीं करते हैं।लक्ष्य,टाइमटेबल अपनी क्षमता,योग्यता और रुचि के अनुसार ही बनाएं।आपकी आदत रोजाना 8 घंटे पढ़ने की है और टाइम टेबल 15 घंटे का बना लिया तो उसको फॉलो करना मुश्किल होता है।हालांकि जो प्रतिभाशाली,अतिप्रतिभाशाली अभ्यर्थी होते हैं,उनकी बात अलग है।वे एक बार जो लक्ष्य तय कर लेते हैं तो उसको पूरा करने की इतनी तड़प और लगन होती है कि बड़ा से बड़ा लक्ष्य भी उनके सामने बौना हो जाता है। साधारण अभ्यर्थी या कमजोर छात्र-छात्रा को पहले छोटे-छोटे लक्ष्य तय करके पूरा करना चाहिए।

3.अपने आप पर विश्वास रखें (Believe in yourself):

  • हर अभ्यर्थी का सोचना यही है कि अपने आप पर विश्वास रखते हैं तभी तो प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लेते हैं।परंतु अपने आप पर विश्वास दृढ़ तब होता है और बढ़ता है जब अभ्यर्थी की सिलेबस की तैयारी पर मजबूत पकड़ होती है।सिलेबस पर मजबूत पकड़ व तैयारी के लिए अध्ययन करना,किए गए अध्ययन की पुनरावृत्ति,अभ्यास करना,मॉक टेस्ट देना और मूल्यांकन करना आदि से अपने आप पर विश्वास बढ़ता है।अतः  रोजाना कुछ समय तथा वीकली एक दिन पुनरावृत्ति के लिए अवश्य रखें जिससे पढ़ा हुआ याद रहे और उस पर मजबूत पकड़ बन सके।
  • यदि ऑब्जेक्टिव टाइप परीक्षा है तो अधिक से अधिक ऑब्जेक्टिव टाइप सवालों व प्रश्नों को हल करें और उनको छोटे-छोटे पॉइंट्स में लिखकर नोट्स तैयार करें।ऑब्जेक्टिव प्रश्नों को समय के अनुसार हल करने का अभ्यास करें और उनको हल करने की गति बढ़ाएं। अक्सर विद्यार्थी ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्नों को हल करते समय मौखिक ही हल करते रहते हैं।परंतु उन्हें नोट्स बनाकर (संक्षिप्त में) लिखने का अभ्यास भी करना चाहिए।लिखने से अध्ययन किया हुआ अधिक स्थायी रहता है और याद रहता है।
  • अपने आप पर विश्वास तब भी बढ़ता है जब आप नकारात्मक सोचने से बचेंगे और सकारात्मक विचार या चिंतन-मनन करेंगे।आपकी तैयारी कितनी ही अच्छी हो लेकिन नकारात्मकता हमारी ऊर्जा को,हमारी एकाग्रता को,हमारे ज्ञान को खंड-खंड कर देती है और अच्छी तैयारी पर पानी फिर जाता है।

4.प्रॉब्लम्स सीट्स हल करें (Solve problem sheets):

  • यदि आप कोचिंग संस्थान में जाते हैं तो वहां तो प्रॉब्लम्स सीट्स आपको हल करवाते हैं।परंतु यदि आप सेल्फ स्टडी करते हैं तो आपको कुछ समय अध्ययन या हर टॉपिक का अध्ययन करने के बाद उसकी प्रॉब्लम्स सीट्स भी हल करनी चाहिए।केवल पढ़ते रहना ही परंपरागत तरीका है,इससे हमारा मूल्यांकन नहीं होता है।
  • करंट अफेयर्स के लिए रोजाना की खबरों के लिए किसी स्तरीय अखबार या ऑनलाइन न्यूज़ चैनल या उनके एप्स पर न्यूज़ अवश्य पढ़ें।महत्त्वपूर्ण बिंदुओं को जैसे किस विभाग का कौन अध्यक्ष या चेयरमैन है,किस विभाग का कौनसा मंत्री है,राज्यपाल कौन है,मुख्यमंत्री कौन है,प्रधानमंत्री,राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति कौन है,मुख्य चुनाव आयुक्त,मुख्य न्यायाधीश कौन है आदि को नोट कर लें।मुख्य-मुख्य खबरों की थीम व दिनांक लिख लें।
  • यदि प्रतियोगिता परीक्षा में निबन्धात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं तो रोजाना लेख (आर्टिकल) लिखने का भी (एक-दो घंटे) अभ्यास करना चाहिए।लेख लिखने के बाद उसकी जांच करें,कौन से पॉइंट्स छूट गए हैं,लेख लिखने की गुणवत्ता कैसी है? जो कमी हो उसमें सुधार करें।नए-नए शब्दों के लिए डिक्शनरी का अध्ययन करें,लोकोक्ति और मुहावरों का भी प्रयोग करना सीखें।लेख लिखने के बारे में कई आर्टिकल साइट पर पोस्ट किए हुए हैं,उन्हें पढ़कर भी आप जान सकते हैं कि लेख लिखने के लिए किस खूबी का किस तरह विकास करें।
  • यह महत्त्वपूर्ण नहीं है कि आप बहुत समय (अधिक घंटे) अध्ययन करें,महत्त्वपूर्ण यह है कि जितने समय पढ़ें उसमें गुणवत्तापूर्ण अध्ययन करें और पूर्ण एकाग्रता के साथ अध्ययन करें ताकि विषयवस्तु को आत्मसात कर सकें,याद रख सकें।माॅक टेस्ट देते हुए,मॉडल पेपर्स हल करते समय,समय की गति बढ़ाएं और उत्तर की गुणवत्ता बढ़ाएं।

5.अध्ययन की तैयारी कैसे करें? (How to prepare for the study?):

  • अक्सर सभी प्राइवेट व निजी क्षेत्र की प्रतियोगिता परीक्षाओं में गणित,अंक गणित,आंकिक सवाल पूछे जाते हैं।रीजनिंग और जनरल इंटेलिजेंस विषय पर मजबूत पकड़ तभी हो सकती है जबकि आपकी गणित पर पकड़ मजबूत हो।यहाँ गणित से तात्पर्य अंकगणित,जोड़,गुणा,भाग,बाकी,भिन्नों के जोड़,बाकी,गुणा,भाग आदि से है।सामान्यतया नॉन-मैथमेटिक्स वाले छात्र-छात्राएँ इनको हल करने में भी कठिनाई महसूस करते हैं।
  • अतः अंकगणित के संख्या पद्धति,वर्ग एवं वर्गमूल,घन एवं घनमूल,घातांक एवं करणी,एलसीएम एवं एचसीएफ,भिन्न,सरलीकरण,प्रतिशतता,लाभ और हानि,बट्टा,साधारण एवं चक्रवृद्धि ब्याज,औसत,साझेदारी,आयु सम्बन्धी प्रश्न,मिश्रण,कार्य और समय,क्षेत्रफल एवं परिमाप,आयतन तथा पृष्ठीय क्षेत्रफल,समीकरण आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।अतः इनकी तैयारी के लिए कुछ ट्रिक्स का सहारा लें परंतु ट्रिक्स पर निर्भर न रहे,क्योंकि इतनी अधिक ट्रिक्स को याद रखना मुश्किल होता है।BODMAS का नियम याद रखें,स्वयं का मेथड सॉल्व करने का तरीका विकसित करें,कम स्टेप्स में सॉल्व करें,मानसिक रूप से हल करने का अभ्यास करें,सूत्रों को याद करें,पहाड़े,वर्ग एवं घन को कंठस्थ करें।इस प्रकार आप आंकिक अभियोग्यता व रीजनिंग पर मजबूत पकड़ बना सकते हैं।
  • जनरल अवेयरनेस के लिए लगभग पिछले एक साल के घटनाक्रम से सवाल पूछे जाते हैं।इसके लिए प्रतियोगिता दर्पण मासिक व प्रतियोगिता दर्पण वार्षिकांक,सामान्य अध्ययन (लेखक शंकर घोष) इलाहाबाद पब्लिकेशन आदि से तैयारी करें।रीजनिंग और अंकगणित के लिए इस वेबसाइट से तैयारी कर सकते हैं।हिंदी और अंग्रेजी के लिए भी कोई स्तरीय पुस्तक पढ़े।अंग्रेजी के लिए एन के अग्रवाल की पुस्तक भी पढ़ सकते हैं।नेगेटिव मार्किंग से बचने के लिए मॉक टेस्ट,मॉडल पेपर्स,अनसॉल्वड पेपर्स को सॉल्व करें।

6.गत वर्षो के प्रश्न-पत्र हल करें (Solve Previous Years Question Papers):

  • प्रतियोगिता परीक्षाएं जाॅब प्राप्त करने की एक मुख्य कड़ी बन चुकी है।हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि जिसके पास डिग्री नहीं है,जो परीक्षा नहीं दे सकता है वह जाॅब प्राप्त नहीं कर सकता है।आजकल ऑनलाइन ऐसे कई प्लेटफार्म हैं जहां आप इन सबके बिना भी जाॅब प्राप्त कर सकते हैं।जैसे आप वीडियो एडिटिंग कर सकते हैं,कंटेंट लिख सकते हैं,एप डेवलपिंग आदि अनेक माध्यम हैं,परंतु उनके लिए स्किल का होना जरूरी है।स्किल भी आप विभिन्न वेबसाइट्स पर या यूट्यूब पर वीडियो देखकर सीख सकते हैं।
  • परीक्षा की तैयारी के लिए कठिन परिश्रम ही पर्याप्त नहीं है बल्कि सटीक रणनीति और स्मार्ट वर्क भी जरूरी है।किसी भी परीक्षा के पैटर्न को समझने के लिए उस परीक्षा के गत वर्षों के प्रश्नपत्रों को सॉल्व करें।पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों को हल करते समय परीक्षा जैसी परिस्थिति बनाकर यानी तय समय,शांत वातावरण में हल करने की कोशिश करें।दरअसल वस्तुनिष्ठ प्रश्न-पत्र वाली प्रतियोगिता परीक्षाओं में समय की कमी खलती है,विशेषकर अंकगणित तथा मेंटल एबिलिटी वाले प्रश्नों को हल करने में।अतः अभ्यास,पुनरावृत्ति और मॉक टेस्ट से हल करने की गति बढ़ा सकते हैं।इसके अलावा शॉर्ट में सवालों को हल करके,मानसिक रूप से अभ्यास करके भी समय की गति को बढ़ा सकते हैं।
  • विभिन्न फाॅर्मूले याद रखने,पहाड़े याद रखने,वर्ग व घन याद करके और कुछ शार्ट ट्रिक्स से भी समय की गति बढ़ जाती है यानी कम समय में सवालों को हल कर सकते हैं।करंट अफेयर्स व जनरल नॉलेज को कम समय में हल करके आंकिक प्रश्नों को अधिक समय देकर भी आप प्रश्न-पत्र को तय समय में हल कर सकते हैं।आप विषयों पर मजबूत पकड़ से भी इस समस्या से निजात पा सकते हैं।
  • पुराने प्रश्न-पत्रों को हल करते समय गलत उत्तरों की समीक्षा करें,कौनसे टॉपिक वाले सवाल या प्रश्न गलत होते हैं उनकी फिर से तैयारी करें।विश्वसनीय वेबसाइट्स या वीडियो चैनल तथा स्तरीय पुस्तकों से ही तैयारी करें ताकि सही उत्तर दिए जा सकें।कई बार गलत वेबसाइट्स या वीडियो अथवा स्तरहीन पुस्तकों से तैयारी करने पर गलत उत्तर दे बैठते हैं।मूल्यांकन करके सुधार करते रहें।

7.असफलता से सबक लें (Learn from failure):

  • ऐसे भाग्यशाली अभ्यर्थी बहुत ही कम होते हैं जिन्हें एक ही चांस में सफलता मिल जाती है।अधिकांश अभ्यर्थियों को दो या दो से अधिक चांस में सफलता के दर्शन होते हैं।अतः ऐसी स्थिति में कुछ अभ्यर्थी हतोत्साहित हो जाते हैं। इसके लिए उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।पद बहुत सीमित होते हैं और कैंडीडेट्स बहुत अधिक होते हैं अतः सभी का चयन नहीं हो सकता है।अपने आपको प्रेरित करते रहें,अपनी योग्यता बढ़ाएं,सुधार करते रहें यदि फिर भी सफलता प्राप्त नहीं होती है तो अपना टारगेट फ्लैक्सिबल रखें।दुनिया में अनेक क्षेत्र हैं जॉब करने के लिए अतः अपने आप को दोषी न मान कर दिशा बदल लेने में कोई हर्ज नहीं है,यह याद रखें पेड़ अपने पत्ते बदलते हैं जड़े नहीं।
  • आशावादी रहें और सकारात्मक दृष्टिकोण रखें।अपनी क्षमताओं पर,अपने आप पर विश्वास रखें,धैर्य रखें और अपने लक्ष्य की समीक्षा कीजिए।यदि रणनीति बदलाव की आवश्यकता हो तो अवश्य करें।अपने आप में इंप्रूवमेंट करें।सबसे जरूरी है लक्ष्य पर नजर गड़ाकर रखना और निरंतर कठिन परिश्रम स्मार्ट तैयारी के साथ करना।सफलता एकाएक नहीं मिल जाती है,इसके मिलने में कई व्यवधान,अड़चनें आती हैं और हम समझ नहीं पाते हैं फलतः सफलता हमसे छिटक जाती है।आपका हौसला बढ़ाने वाले लोगों से जुड़िए तथा जो व्यक्ति आपके करियर में पहले से ही आ चुके हैं,उनके अनुभव जानिए,उनसे जुड़िए और उनके सुझावों को अपनी रणनीति में शामिल करें।अपनी योग्यता और स्किल को बढ़ाने पर ध्यान दें।

8.कॉम्पिटेटिव एक्जाम का निष्कर्ष (Conclusion of the Competitive Exam):

  • किसी भी परीक्षा की तैयारी में यह ध्यान रखें कि उसकी तैयारी,रिवीजन,मॉक टेस्ट आदि समय से पूर्व ही कर ली जाए।अंतिम समय में दिन-रात स्टडी करने से तनावग्रस्त हो जाते हैं और एकाग्रता भंग होती है।लगातार स्टडी से चिंता,तनाव हावी हो जाता है और संतुलित नींद नहीं आती है।बिना रणनीति के लगातार परंपरागत तरीके से अध्ययन करने से सिलेबस को पूरा कवर नहीं कर पाते हैं।हमें पता ही नहीं चलता है कि कितनी तैयारी करनी है,कितनी तैयारी हो चुकी है और हमारी परफॉर्मेंस कैसी है।
  • संतुलित समय तक नींद लेना जरूरी है अन्यथा आपने जो याद किया है उसे भी भूल जाएंगे और आपका प्रश्न पत्र बिगड़ सकता है अर्थात् आपकी परफॉर्मेंस का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है।मॉक टेस्ट,मॉडल पेपर्स और पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों को हल न करने से अपने आपका मूल्यांकन नहीं कर पाएंगे और फिर सुधार भी नहीं कर सकेंगे साथ ही पिछले प्रश्न-पत्र का पैटर्न भी नहीं समझ पाएंगे तो वैसी तैयारी नहीं करेंगे।फलस्वरूप जिस विषयवस्तु की तैयारी नहीं करनी है उसकी तैयारी कर लेंगे और जिसकी तैयारी करनी है वह विषयवस्तु छूट जाएगी।तय समय सीमा में प्रश्न-पत्र को हल नहीं कर पाएंगे क्योंकि इसके लिए आपने पूर्व तैयारी की ही नहीं है।टाइम मैनेजमेंट रखने से आपको पता चल जाएगा की किस सेक्शन को अधिक समय देना है और किस सेक्शन को कम समय देना है।किसी एक सेक्शन को जरूरत से ज्यादा समय देने का प्रतिकूल प्रभाव दूसरे सेक्शन पर पड़ेगा।दूसरे सेक्शन के प्रश्नों को जल्दबाजी,हड़बड़ी में हल करेंगे जिससे गलतियां होने के चांसेज बढ़ जाएंगे और नेगेटिव मार्किंग से आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।सवाल जल्दबाजी में गलत करने का नुकसान भी होता है भले ही नेगेटिव मार्किंग ना हो।
  • वस्तुनिष्ठ सवालों और प्रश्नों को मौखिक ही हल करते रहते हैं और लिखने की प्रैक्टिस बिल्कुल नहीं करते हैं।अंतिम समय में जरूरी बातों को दुहराने के लिए हमारे पास कोई लिखित सामग्री नहीं होती है।अतः यह न समझे कि निबन्धात्मक प्रश्नों के उत्तर लिखने के लिए ही लेखन का अभ्यास करना जरूरी है बल्कि नोट्स का,लिखित सामग्री का वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर देने में भी अपना महत्त्व है।
  • यह ध्यान रखें कि शैक्षणिक परीक्षाओं और प्रतियोगिता परीक्षाओं में मूलभूत अंतर होता है।कॉलेज-विश्वविद्यालय आदि शिक्षा स्थली है,जबकि जाॅब प्राप्त करने का स्थान कर्मस्थली है।शिक्षास्थली में छात्र-छात्राओं में अल्हड़ता,निर्भीकता,मौलिकता के गुण विद्यमान होते हैं जबकि जाॅब प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी को इन सब गुणों को छोड़कर गंभीर प्रकृति का हो जाना चाहिए।जाॅब प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थी को इन सब गुणों को छोड़कर गम्भीर प्रकृति का हो जाना चाहिए।जाॅब प्राप्त करने के लिए एक कर्मयोगी बनना पड़ता है।कर्मयोगी के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ता है,तपकर निखरना पड़ता है।यदि हम शिक्षास्थली में परीक्षा देने वाली मानसिकता ही अपनाएं रहेंगे तो जाॅब मिलना तो मुश्किल हो ही जाएगा साथ ही जीवन जीने के लाले पड़ जाएंगे।अतः शिक्षास्थली की कार्यप्रणाली को छोड़कर एक सच्चा कर्मयोगी बनेंगे तभी आपको जॉब मिल पाएगा,तभी सफलता मिल पाएगी।
  • यदि आपको जाॅब या नौकरी नहीं मिलती है,स्टार्टअप खड़ा करना भी आपके वश में नहीं है तो फिर फ्रीलांसर बनने के लिए भी आपमें स्किल होनी चाहिए।आज परंपरागत उद्योग,व्यवसाय,जाॅब प्राप्त करने के तौर-तरीके बदल चुके हैं।यहां तक कि यदि आपने कठिन परिश्रम और योग्यता के बल पर जाॅब प्राप्त कर भी लिया और बाद में अपनी योग्यता में अपग्रेड नहीं किया,अपने आप को अपडेट नहीं किया तो पदोन्नति के सपने,सपने ही रह जाएंगे,हो सकता है आपको कंपनी या विभाग से छँटनी करके बाहर निकाल दिया जाए।आपका विकल्प पहले से ही तैयार है,आपके जॉब को,पद को प्राप्त करने के लिए बहुत से लोगों की नजर लगी हुई है।अतः यह न सोचें कि मेरा कोअई विकल्प नहीं है,मेरे जितना ज्ञान अन्य को नहीं हो सकता,यह अहंकार आपको ले डूब सकता है।अतः जाॅब प्राप्त करने के लिए तो पापड़ बेलने पड़ते हैं,एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता है।साथ ही जॉब में बने रहने के लिए भी नई-नई बातें,अपनी स्किल से संबंधित नई-नई बातें सीखती रहनी पड़ेगी तभी आधुनिक प्रतिस्पर्धा के युग में आप टिके रह सकते हैं।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में 2025 में कॉम्पिटेटिव एक्जाम कैसे क्रैक करें? (How to Crack Competitive Exams in 2025?),कम्पीटिशन एग्जाम क्रैक कैसे करें? (How to Crack Competition Exams?) के बारे में बताया गया है।

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9.कॉम्पिटेटिव परीक्षा बंद हो जाए तो (हास्य-व्यंग्य) (Competitive Exam Should be Stopped) (Humour-Satire):

  • सोनू:अगर जॉब के लिए कॉम्पिटेटिव एक्जाम बंद हो जाए तो क्या होगा?
  • मोनू:यह तो सीधी सी गणित है जाॅब प्राप्त करने के लिए मोल-भाव,भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार बढ़ जाएगा।

10.2025 में कॉम्पिटेटिव एक्जाम कैसे क्रैक करें? (Frequently Asked Questions Related to How to Crack Competitive Exams in 2025?),कम्पीटिशन एग्जाम क्रैक कैसे करें? (How to Crack Competition Exams?) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.एग्जाम की तैयारी में क्या ध्यान रखें? (What to keep in mind while preparing for the exam?):

उत्तर:कठिन टॉपिक्स को समय दें,लंबे नोट्स न बनाएं,ऐसे नोट्स बनाएं जिनकी परीक्षा के समय पुनरावृत्ति कर सकें साथ ही कोई मुख्य बात छूटनी भी नहीं चाहिए।यदि नेगेटिव मार्किंग है तो प्रश्नों को अनुमान के आधार पर हल करने से बचें।मॉक टेस्ट,मॉडल पेपर,प्रैक्टिस सैट को हल करके अपना मूल्यांकन करके सुधार करते रहें।

प्रश्न:2.प्रतियोगी परीक्षा के मूल मंत्र क्या हैं? (What are the basic mantras of competitive exams?):

उत्तर:अध्ययन करने का शॉर्टकट मेथड न अपनाएं।दृढ़ संकल्प,पूरे जोश और होश के साथ तैयारी करें।टाइम मैनेजमेंट का सख्ती से पालन करने का अभ्यास करें।छोटी-छोटी गलतियों को भी नजरअंदाज नहीं करें और आवश्यक हो तो रणनीति में बदलाव करें।

प्रश्न:3.तेजी से परीक्षा की तैयारी कैसे करें? (How to prepare for the exam fast?):

उत्तर:स्वयं के नोट्स बनाएं,एक बार में एक ही काम करें (मल्टीटास्किंग ना करें),अपने आपको अपडेट एवं अपग्रेड करते रहें।सीखने की ललक और जिज्ञासा रखें। अध्ययन के दौरान बीच-बीच में ब्रेक भी लेते रहें। संतुलित नींद लें।ध्यान-योग का रोजाना अभ्यास करें।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा 2025 में कॉम्पिटेटिव एक्जाम कैसे क्रैक करें? (How to Crack Competitive Exams in 2025?),कम्पीटिशन एग्जाम क्रैक कैसे करें? (How to Crack Competition Exams?) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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