Menu

Empower Mind with Positive Thoughts

Contents hide

1.सकारात्मक विचारों से मन को समर्थ बनाएं (Empower Mind with Positive Thoughts),सकारात्मक विचारों से मन को समर्थ कैसे बनाएँ (How to Empower Mind with Positive Ideas):

  • सकारात्मक विचारों से मन को समर्थ बनाएं (Empower Mind with Positive Thoughts) क्योंकि नकारात्मकता,नकारात्मक विचारों से मन की ऊर्जा विखंडित हो जाती है और हम आसान से आसान कार्य को करने में असमर्थ रहते हैं।सकारात्मक विचारों से मन की ऊर्जा एकजुट बनी रहती है जिससे हम किसी भी कार्य को कुशलता से कर सकते हैं।
  • आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के आर्टिकल को शेयर करें।यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार आए हैं तो वेबसाइट को फॉलो करें और ईमेल सब्सक्रिप्शन को भी फॉलो करें।जिससे नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन आपको मिल सके।यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए।आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं।इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

Also Read This Article:Recognize Power of Subconscious Mind

2.अवचेतन मन से अद्भुत कार्य (Amazing work from the subconscious mind):

  • मनुष्य जीवन को सुखी,समृद्ध एवं सफल बनाने के लिए अथक श्रम करता है और इस प्रक्रिया में उसका औजार होता है उसका चेतन मन,जो अपनी विचार व संकल्पशक्ति द्वारा त्वरित उपलब्धियों में विश्वास करता है,किंतु इसकी शक्ति एवं क्षमता की सीमाएं हैं।मनोवैज्ञानिकों के अनुसार मनुष्य यदि चेतन मन के साथ अवचेतन मन का भी सहयोग ले तो वांछित सफलता अधिक त्वरित,समग्र व सरल रूप से उपलब्ध होगी।चेतन मन और बुद्धि के बाह्य प्रयास जहां एक सीमा तक ही अभीष्ट कार्य को सिद्ध करने में सफल हो पाते हैं,वहीं अवचेतन मन की बात दूसरी है।यह समस्त शक्ति का आधार है।
  • एक मनोविद् के अनुसार,इसके अनुसार अद्भुत उत्पादक शक्ति भरी हुई है,जिसके द्वारा कुछ भी कार्य असम्भव नहीं।यह अल्लादीन के जादुई चिराग के समान है,जिसको घिसते ही जादुई जिन्न प्रकट होता है और मनोवांछित इच्छाओं को पूरा करता है।इसमें विश्वासपूर्ण जिन भी विचारों एवं भावों को संप्रेषित किया जाता है,यह उसी के अनुरूप अपनी असीम शक्ति के साथ उनको फलित करने में जुट जाता है और एक अदृश्य किंतु समर्थ सेवक की भाँति मालिक की आज्ञा का पालन करता है।इस तरह यदि हम इसका उपयोग करना सीख जाएँ तो हम शारीरिक नीरोगिता,मानसिक संतुलन से लेकर व्यावसायिक सफलता एवं आत्मलाभ तक के सभी क्षेत्रों में उपलब्धियों के नए आयामों को जोड़ सकते हैं।
  • हमारे शरीर में अवचेतन मन ही शक्ति का मूल आधार है।इसी के द्वारा शरीर के आंतरिक अंग-अवयवों का संचालन हो रहा है।शरीर में रक्त-परिभ्रमण,फेफड़ों की सक्रियता,पाचन क्रिया,हृदय का आकुंचन-प्रकुंचन आदि सभी कार्य अवचेतन मन के द्वारा ही गतिशील हैं।अवचेतन मन गहन भावनाओं द्वारा पुष्ट संकेतों से प्रभावित होता है और उन्हीं के अनुरूप शरीर पर अद्भुत प्रभाव डालता है।
  • एक विद्यार्थी को परीक्षा में नकल करते हुए पकड़ा गया,उसे न्यायालय द्वारा सजा तो नहीं दी गई पर उसे प्रयोगों से गुजरना पड़ा।उसकी आंखों पर पट्टी बांधकर तख्ते पर लिटा दिया गया और उसे सजेशन दिया गया कि तुम्हें हमेशा के लिए परीक्षा से बहिष्कृत किया जाएगा।अब तुम बिल्कुल भी न पढ़ सकोगे।जीवन में तुम कभी सफल नहीं हो सकते हो।तुम्हारे बारे में समाचार-पत्रों में खबर छप गई है और अब तुम्हें कहीं जॉब मिलने वाला नहीं है।वह भ्रम का शिकार हो गया और लेटे-लेटे ही पागलों जैसी हरकतें करने लगा।मुंह से अंड-बंड बकने लगा,उसे बिल्कुल होश नहीं रहा और अधमरा हो गया तथा हाथ-पैर पटकने लगा।मुंह से झाग निकलने लगे।तब उसे वास्तविकता बताकर बचा लिया गया और उसे सकारात्मक सजेशन दिया गया जिससे वह होश में आ गया।उसको सकारात्मक सजेशन देकर मुश्किल से पागल होने से बचाया गया।

3.हमारा शरीर अवचेतन मन से शासित होता है (Our body is governed by the subconscious mind):

  • इस तरह उदाहरण से स्पष्ट होता है कि हमारे भावों एवं विश्वासों का शरीर पर कितना अद्भुत प्रभाव पड़ता है।ये अवचेतन मन द्वारा यथावत ग्रहण किए जाते हैं और तुरंत अपना प्रभाव दिखाते हैं।इसे छाया का भूत और रस्सी का सांप बनते देर नहीं लगती।यह तो आज्ञाकारी सेवक की भाँति चेतन मन के सबल निर्देशों का अनुकरण करता है।
  • एक अय्याशी छात्र था।हमेशा उसके ख्यालों में सेक्सी विचारों का ताना-बाना चलता रहता था।एक बार उसे लगा,मानो कोई कह रहा है,अंतर्मन से एक आवाज उठी की अय्याशी करना बुरा है।छात्र जीवन तो विद्या अर्जित करने के लिए मिला है,अय्याशी जीवन से तो उसका जीवन नर्क तुल्य हो गया है,यह तो घृणित कार्य है।इससे अनेक बुराइयां फैलती हैं।मैं कल से जरा भी किसी छात्रा से अनैतिक संबंध नहीं रखूंगा।अय्याशी और सेक्स से अब मेरा कोई संबंध नहीं है।मैं तो निर्विकार और निष्कलंक व्यक्ति हूं,फिर छात्र जीवन में अय्याशी और सेक्सी जैसे निकम्मे और निरुपयोगी कार्य से मेरा कोई संबंध नहीं हो सकता।वह अपने अवचेतन मन को ऐसे संकेत देखकर सो गया।जब प्रातः उठा तो उसके दिमाग में अश्लील,सेक्स जैसे विचार उत्पन्न ही नहीं हुए बल्कि उसने नहा-धोकर भगवान की पूजा अर्चना की।तब उसकी यह बुरी आदत छूट गई।अब वह अवचेतन मन पर संकेतों की पड़ने वाली अद्भुत शक्ति पर विश्वास करने लगा।
  • आज यह एक वैज्ञानिक सत्य है कि यदि अवचेतन मन में यह विश्वास पैदा हो कि रोग अच्छा हो रहा है तो निश्चय ही रोग ठीक हो जाएगा।इस आधार पर आजकल बहुत से देश में चिकित्सा कार्य एवं अनुसंधान चल रहे हैं और बहुत से रोगी इससे आशातीत लाभ ले रहे हैं।फ्रांस में विख्यात मनोवैज्ञानिक एमिल कूए ने इस संदर्भ में गंभीर शोध कार्य किया है व उनका यह दृढ़ विश्वास है की ऐसी कोई समस्या नहीं,कोई रोग नहीं,जो इस पद्धति से ठीक न हो सके।
  • अवचेतन मन आश्चर्यजनक ढंग से कार्य को अंजाम कैसे देता है? एक मनीषी का मानना है कि अवचेतन मन अनंत मन के संपर्क में रहता है,जो कि असीम ज्ञान,असीम शक्ति और असीम आनंद का भांडागार है।अवचेतन मन द्वारा हम उस अनंत मन से अभीष्ट शक्ति,ज्ञान एवं तत्त्व को प्राप्त करते हैं।अवचेतन मन कोरे विचारों या छिछली कल्पनाओं से प्रभावित नहीं होता।यह गहन विश्वास द्वारा आवेशित विचारों,भावों एवं संकल्पों को ही ग्रहण करता है और जिस विश्वास को हम इसमें स्थापित करते हैं,उसी के अनुरूप यह अभीष्ट फल देने लगता है और जीवन तथा व्यक्तित्व के स्वरूप को गढ़ता है।
  • एक मनोवैज्ञानिक के अनुसार हमारा जीवन प्रमुखतया अवचेतन मन द्वारा शासित होता है और सबसे महत्त्वपूर्ण चीज इसमें सकारात्मक विचारों को भरना है।यह हम अनवरत सकारात्मक भाव एवं चिंतन द्वारा कर सकते हैं।यह एक स्थापित मनोवैज्ञानिक सत्य है कि अवचेतन मन में भेजा गया विचार स्वतः ही फलित होता है।अतः अपनी सफलता के लिए स्वयं से कहें, ‘मुझे स्वयं पर व इस कार्य पर पूर्ण विश्वास है,जो मैं कर रहा हूं।मैं अपना श्रेष्ठतम प्रयास कर रहा हूं,अतः मैं सफल होकर रहूंगा।ब्रह्मांड की अनंत शक्ति मेरे साथ है,अतः मुझे किसी भी चीज से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है।’ इस तरह के सकारात्मक भाव,विचारों एवं संकल्पों को दिन में कई बार दोहराते हुए अवचेतन मन की शक्ति को सक्रिय कर सकते हैं।
  • प्रख्यात मनोवैज्ञानिक नेपोलियन हिल के शब्दों में,”अपने अवचेतन मन में सकारात्मक निर्देशों का निरंतर प्रेषण ही एकमात्र वह पद्धति है,जिसके द्वारा अंतर्मन में आत्मश्रद्धा एवं विश्वास को सचेतन रूप से विकसित किया जा सकता है और अवचेतन मन में अनवरत रूप से संप्रेषित विचारों को स्वीकृत किया जा सकता है।संकल्प क्रिया रूप में परिणत होता है तथा अभीष्ट फल देता है।

4.अवचेतन मन कैसे कार्य करता है? (How does the subconscious mind function?):

  • समस्याओं के समाधान में अवचेतन मन कैसे काम करता है? इस संदर्भ में मनोवैज्ञानिकों के अनुसार,’इनक्यूबेशन’ अर्थात् परिपाक अवस्था एक महत्त्वपूर्ण तथ्य है।यह चेतन मन द्वारा समस्या के समाधान में किए गए अथक प्रयास के बाद इसे अवचेतन मन के हवाले छोड़ देना है।इसे विश्रांतिकाल भी कह सकते हैं,जब चेतन मन समस्या के प्रति निश्चिंत  होकर अन्य कार्यों को करता है और अवचेतन मन के गुह्य क्षेत्र में समस्या का समाधान रहस्यमय ढंग से चलता रहता है और उचित समय पर समाधान उभरकर चेतन मन की सतह पर एक प्रेरणा या स्फुरणा के रूप में उभरता है।वैज्ञानिक आविष्कारों,कलात्मक कृतियों,साहित्यिक रचनाओं एवं मानव की अन्य श्रेष्ठतम उपलब्धियों के मूल में यही रहस्य निहित रहा है।
  • पुष्ट संकेतों का संप्रेषण सबसे फलदायी ढंग से शरीर व मन की अर्द्ध चेतनावस्था में होता है,इसलिए या तो प्रातः उठते समय जब पूरी नींद टूटती है या रात को लेटते समय जब दोनों आंखें बंद होने लगती हैं,इसके लिए सबसे बेहतर समय है।इस समय हम व्यक्तित्व का जो भी पक्ष गढ़ना चाहते हैं या जीवन में जो भी अभीष्ट की प्राप्ति चाहते हैं,उसके अनुरूप अवचेतन मन के साथ भावपूर्ण अंतर्संवाद के अभ्यास द्वारा उसे साकार कर सकते हैं।
  • इसकी सफलता के लिए नियमित रूप से किया गया अध्यवसायपूर्ण प्रयास अनिवार्य है।बार-बार और एक दिन भी नागा किए बिना अवचेतन मन को पुष्ट संकेतों से भरते रहना आवश्यक है।प्रत्येक दिन प्रातः एवं रात्रि के अतिरिक्त दिनभर में मन-ही-मन यदा-कदा उनकी आवृत्ति करते रहना चाहिए।
  • विश्वास इस प्रशिक्षण का प्राण है विश्वास जितना दृढ़ होगा,प्रयास उतना ही फलदायी होगा।अविश्वास इसका महान शत्रु है।क्योंकि अवचेतन मन एक आज्ञाकारी सेवक की भाँति नकारात्मक भावों को भी उतनी ही शक्ति के साथ क्रियान्वित करता है,अतः अवांछनीय निर्देश के परिणाम घातक ही होंगे,यह सुनिश्चित है।विश्वास को अभीष्ट सिद्धि का आधा फल मान सकते हैं।जिसकी जैसी भावना होती है,उसकी सिद्धि भी वैसी ही होती है।यह एक सामान्य तथ्य है कि जो जैसा सोचता है,वह वैसा ही बन जाता है।जो स्वयं को पापी-पापी सोचता है,वह पापी ही बन जाता है और अपने को महात्मा सोचते-सोचते वह महात्मा बन जाता है।जितनी बार हम स्वयं को दुर्बल,दुष्ट या बुरा सोचने की भावना मन में लाएंगे,उतनी ही बार हम अपनी प्रगति के रास्ते में कांटे बोते जाते हैं।
  • इस तरह अवचेतन मन हमारे हाथ में एक महान उपकरण है,जिसकी शक्ति,समर्थता एवं आज्ञाकारिता का समुचित सदुपयोग करते हुए हम जीवन में अभीष्ट वरदानों की सृष्टि कर सकते हैं।यह तो कंप्यूटर की तरह है,जिसमें हम जैसा प्रोग्राम (input) भरेंगे,वैसा ही वह हमें परिणाम (output) प्रस्तुत करेगा।हमारा जीवन स्वस्थ एवं सुखी हो,इसके लिए आवश्यक है कि हम स्वस्थ एवं स्वच्छ विचार-भावों को ही इसमें सम्प्रेषित करें।हमारा जीवन सफलता एवं शांति से परिपूर्ण बने,इसके लिए अभीष्ट है कि हम श्रेष्ठतम,उदारत्तम एवं दिव्य विचारों से अपने अवचेतन को परिपुष्ट करें और इस तरह जीवन का सर्वांग सुंदर रूप से गठन करते हुए अपने चरम लक्ष्य की ओर बढ़ें।

5.अवचेतन मन से आप चाहे जो पा सकते हैं (You can get whatever you want with the subconscious mind):

  • अपने अवचेतन मन की छुपी हुई शक्ति के साथ संपर्क साधकर और उसके उद्भव से आप अपने जीवन में ज्यादा संपत्ति,स्वास्थ्य,प्रसन्नता और आनंद ला सकते हैं।
  • आपको इस शक्ति को हासिल करने की आवश्यकता नहीं है,यह आपके पास पहले से ही मौजूद है,लेकिन आप इसका उपयोग करना सीखना चाहते हैं;आप इसे समझना चाहते हैं,जिससे आप इसका उपयोग अपने जीवन के सभी पहलुओं पर कर सकें।
    जब आप अवचेतन मन के संचालन की सरल तकनीक और प्रक्रियाओं का पालन करेंगे तो आप जरूरी ज्ञान और समझ पा सकेंगे।एक नया प्रकाश आपको प्रोत्साहित करेगा और आप एक नई शक्ति उत्पन्न कर सकेंगे,जो आपकी अपनी आशाओं एवं आपके सभी सपनों को साकार कर सकेगी।आप अपने जीवन को और बड़ा,भव्य,समृद्ध और पहले से शानदार बनाने का निश्चय करें।
  • आपके अवचेतन की गहराई में अनंत बुद्धिमत्ता,अनंत शांति और हर वस्तु जो आपके लिए जरूरी है,उसकी असीमित आपूर्ति मौजूद है और वे विकास और अभिव्यक्ति का इंतजार कर रही है।
  • आपके अवचेतन मन में निहित अनंत ज्ञान हर क्षण और हर जगह आपकी हर जरूरत का समाधान निकलेगा,जो आप जानना चाहते हैं,बशर्ते आप उसे खुले मन से स्वीकारें और ग्रहण करें।आप नए विचार और कल्पना पा सकते हैं,जिनकी वजह से आप नई खोज,नए आविष्कार ला सकते हैं या लेख लिख सकते हैं।यही नहीं,बल्कि आपके अवचेतन मन का अनंत ज्ञान आपको मौलिक प्रकृति का अद्भुत ज्ञान दे सकता है।यह आपके जीवन में सही अभिव्यक्ति और सही जगह दिखा सकता है।
  • अपने अवचेतन मन के चातुर्य के द्वारा आप आदर्श साथी को आकर्षित कर सकते हैं,साथ ही अपनी हार्दिक सहयोगी अथवा पार्टनर पा सकते हैं।यह आपके घर के लिए सही खरीददार उपलब्ध करा सकता है और आपकी जरूरत के हिसाब से समुचित धन दे सकता है,साथ ही आपकी हार्दिक इच्छा पूरी करने के लिए आर्थिक स्वतंत्रता भी दे सकता है।
  • आपको अपने अंदर के विचारों,भावों,शक्ति,प्रकाश,प्रेम और सुंदरता को इस दुनिया में खोजने का अधिकार है।अदृश्य होते हुए भी इसकी शक्ति विशाल है।अपने अवचेतन मन के अंदर आप हर मुश्किलों का हल पाएंगे और इसकी वजह भी,क्योंकि आप अपनी छुपी हुई शक्तियों को बाहर निकालकर उन शक्तियों पर वास्तविक अधिकार और ज्ञान प्राप्त करते हैं,जिनसे आप पूर्ण रूप से सुरक्षा,प्रसन्नता और प्रभुत्व पाकर आगे बढ़ सकें।आप अवचेतन मन की शक्ति को लोगों को पंगु अवस्था से उठाकर संपूर्ण शक्तिवान और एक बार फिर से मजबूत बनाते हुए देख सकते हैं और उन्हें पूरी दुनिया में खुशी,तंदुरुस्ती और खुशनुमा भावों का अनुभव करने के लिए आजाद होते हुए देख सकते हैं।आपके अवचेतन मन में चमत्कारिक उपचार करने की शक्ति है,जो परेशान मन और टूटे दिलों को ठीक कर सकती है।यह जेल रूपी मन के द्वार खोलकर आपको आजाद कर सकती है और आपके सभी प्रकार के सांसारिक और भौतिक बंधनों से मुक्त कर सकती है।
  • आपको यह नहीं सोचना चाहिए की गणित,भौतिक शास्त्र एवं रसायन शास्त्र का सिद्धांत आपके अवचेतन मन के सिद्धांत से अलग है।
  • जैसे पदार्थ गर्म करने पर फैलते हैं।यह कहीं भी,किसी भी समय एवं हर परिस्थिति में सत्य है।आप एक स्टील के टुकड़े को गर्म करें,यह फैलेगा-चाहे यह स्टील चीन,इंग्लैंड अथवा भारत का हो।यह एक सार्वभौमिक सत्य है कि पदार्थ गर्म किए जाने पर फैलते हैं।यह भी एक विश्वव्यापी सत्य है कि आप अपने अवचेतन मन से जिस चीज की छाप छोड़ते हैं,वह अंतरिक्ष के पटल पर एक परिस्थिति,अनुभव और एक घटना की तरह दिखती है।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में सकारात्मक विचारों से मन को समर्थ बनाएं (Empower Mind with Positive Thoughts),सकारात्मक विचारों से मन को समर्थ कैसे बनाएँ (How to Empower Mind with Positive Ideas) के बारे में बताया गया है।

Also Read This Article:5 Tips to Tame Mind to Achieve Success

6.होशियार छात्र जितने अंक प्राप्त करना (हास्य-व्यंग्य) (Scoring as Many Points as Smartest Student) (Humour-Satire):

  • शंकर:शिवा,तू होशियार छात्र के बराबर अंक नहीं प्राप्त कर सकता।
  • शिवा:लेकिन होशियार छात्र भी मुझसे अधिक अंक नहीं ला सकता।
  • शंकर:ऐसा हो ही नहीं सकता।
  • शिवा:क्यों नहीं हो सकता,मैं होशियार छात्र के प्रश्नों के उत्तर की नकल जो कर लूंगा।

7.सकारात्मक विचारों से मन को समर्थ बनाएं (Frequently Asked Questions Related to Empower Mind with Positive Thoughts),सकारात्मक विचारों से मन को समर्थ कैसे बनाएँ (How to Empower Mind with Positive Ideas) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.मन का नियम क्या है? (What is the law of the mind?):

उत्तर:मन का नियम विश्वास का नियम है।इसका तात्पर्य है कि जिस प्रकार आपका मन काम करता है,उस पर आपका अटूट विश्वास होना चाहिए।आपके मन का विश्वास ही आपके मन का विचार है।इसके अलावा कुछ नहीं।

प्रश्न:2.परिणाम किसकी वजह से मिलता है? (What causes the result?):

उत्तर:आपके सभी अनुभव,घटनाएं,परिस्थितियाँ और क्रियाएं अवचेतन मन की प्रतिक्रियाओं के स्वरूप हैं।याद रखें,यह वस्तु नहीं है जिस पर आपका विश्वास है,वरन आपके मन पर आपका विश्वास है जिसकी वजह से परिणाम मिलता है।

प्रश्न:3.आगे बढ़ने का मंत्र क्या है? (What is the mantra of moving forward?)

उत्तर:झूठे विश्वासों,विचारों,अंधविश्वासों और मानव जाति की आशंकाओं पर विश्वास करना छोड़ दें।शाश्वत सत्य और जीवन के सत्य पर विश्वास करना आरंभ करें,जो कभी नहीं बदलते हैं,तभी आप आगे,ऊपर और भगवान की ओर बढ़ेंगे।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा सकारात्मक विचारों से मन को समर्थ बनाएं (Empower Mind with Positive Thoughts),सकारात्मक विचारों से मन को समर्थ कैसे बनाएँ (How to Empower Mind with Positive Ideas) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
No. Social Media Url
1. Facebook click here
2. you tube click here
3. Instagram click here
4. Linkedin click here
5. Facebook Page click here
6. Twitter click here
7. Twitter click here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *