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9 Techniques of Board Exam Preparation

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1.बोर्ड परीक्षा की तैयारी की 9 तकनीक (9 Techniques of Board Exam Preparation),बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक कैसे हासिल करें? (How to Score Good Marks in Board Exam?):

  • बोर्ड परीक्षा की तैयारी की 9 तकनीक (9 Techniques of Board Exam Preparation) के आधार पर आप जान सकेंगे कि किस रणनीति के तहत बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे अंक हासिल कर सकेंगे? बोर्ड एग्जाम आपके करियर की दिशा तय करती है।आप यह तय कर पाते हैं कि उन्हें करियर में किस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए,कौन-सा ऐच्छिक विषय का चुनाव करना चाहिए जिससे जीवन में उन्नति कर सकें।
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2.प्रश्न को सही पढ़ें और लिखें (Read and write the question correctly):

  • कई बार छात्र-छात्राएं पढ़ते समय प्रश्न या सवाल गलत उतार लेते हैं और बार-बार कोशिश करने पर भी प्रश्न या सवाल का सही उत्तर नहीं आ पाता है।प्रश्न या सवाल को आधा-अधूरा पढ़ने पर रटा-रटाया उत्तर लिखने की जल्दी में उसे पढ़ नहीं पाते हैं।उदाहरणार्थ प्रश्न है भौतिक और रासायनिक अभिक्रिया को समझाइए।आप पूरा प्रश्न पढ़े बगैर केवल भौतिक और रासायनिक अभिक्रिया पढ़कर समझ लेते हैं कि इनमें अंतर स्पष्ट करना है अथवा अंतर पूछ रहा हो तो उसकी परिभाषा देकर समझ लेते हैं कि उन्होंने सही उत्तर लिखा है।
  • अतः प्रश्न को जल्दबाजी या हड़बड़ाहट में तथा  आधा-अधूरा न पढ़े।पूरा प्रश्न या सवाल पढ़े और समझें कि उसमें क्या पूछा जा रहा है और उसके बाद उसकी संक्षिप्त थीम मन ही मन बना लें और तब उसे लिखें।प्रश्न को ध्यान से पढ़ें और जितना उत्तर चाहा गया है उतना ही लिखे अर्थात् शब्द सीमा का पालन करें।इसका अभ्यास पाक्षिक,मासिक व रैंकिंग टेस्ट के द्वारा करें ताकि बोर्ड परीक्षा या अर्द्धवार्षिक परीक्षा में सही और सटीक उत्तर लिख सकें।बहुत विस्तार से लिखने पर अच्छे अंक प्राप्त नहीं होते हैं बल्कि प्रश्न का उत्तर टू द पॉइंट लिखें,इससे आपके समय की भी बचत होगी और आप अच्छे अंक प्राप्त कर सकेंगे।

3.साफ-सुथरा लिखें (Write neatly):

  • कई बार छात्र-छात्राओं का उत्तर सही होता है लेकिन उनकी लिखावट इतनी रद्दी और बेकार होती है कि परीक्षक तो क्या समझेंगे,लिखने के बाद स्वयं छात्र-छात्राओं को ही समझ में नहीं आता है।लिखावट अच्छी हो इसके लिए लंबे अभ्यास की जरूरत होती है।बोर्ड परीक्षा तक आते-आते उनकी लिखने की जो आदत पड़ चुकी है,वे वैसा ही लिखते हैं।अतः अभी से साफ-सुथरी और सुंदर लिखावट का अभ्यास करें।यदि आपकी लिखावट अच्छी नहीं है तो हाथ रोक कर लिखें ताकि जो लिखा है उसे परीक्षक समझ सके।
  • अभी बोर्ड परीक्षा में समय है अतः लिखावट को थोड़ा-बहुत सुधारा जा सकता है।आपने कितना ही बढ़िया उत्तर लिखा हो परंतु जब परीक्षक के समझ में ही नहीं आएगा तो आपको वह अंक कैसे और कितने देगा? पेपर को समय पर करने के लिए गति बढ़ानी पड़ती है,आप कहेंगे कि जल्दी में लिखने पर लेखन बढ़िया नहीं हो सकता है।परंतु यदि आप हल्के पेन या फाउंटेन पेन से लिखेंगे तो उत्तर देने की गति भी बढ़ेगी और लिखावट भी ठीक लिख सकेंगे,कम से कम ऐसी तो लिखी जा सकती है जो परीक्षक के समझ में आ जाए।
  • थ्योरेटिकल पेपर है तो उत्तर को अनुच्छेदों (पैराग्राफ) में लिखे,इससे उत्तर को जाँचने में परीक्षक को सुविधा रहती है।साथ ही यह भी ध्यान रखें कि एक पैराग्राफ की विषयवस्तु दूसरे पैराग्राफ से तालमेल रखने वाली,एकदूसरे पैराग्राफ में तारतम्यता होनी चाहिए।
  • उत्तर लिखने के तरीके (लेख) में हमने विस्तृत रूप से बताया है कि उत्तर किस ढंग से लिखा जाए ताकि अधिक अंक प्राप्त किए जा सके।आप कितना जानते हैं,आपको कितना ज्ञान है यह उतना मायने नहीं रखता है जितना मायना इस बात का है कि आप उसको किस ढंग से लिखते हैं।आप अपने उत्तर के द्वारा परीक्षक को प्रभावित कर सकते हैं या नहीं,समझा सकते हैं या नहीं।

4.परीक्षा की पूर्ण तैयारी करें (Prepare for the exam to the fullest):

  • अभी आपके पास समय है,अभी भी आप चाहें तो नोट्स तैयार कर सकते हैं और अपनी तैयारी को पूर्णता तक पहुंचा सकते हैं,सिलेबस को कवर कर सकते हैं।लेकिन यदि आपने इसमें लापरवाही की,समय-प्रबंधन नहीं किया,चयनित अध्ययन करने लग गए तो अच्छे अंक प्राप्त करना संदिग्ध हो जाएगा।समय-प्रबंधन पर हमने कई लेख लिखे हैं,इसके अलावा अब एक और लेख समय-प्रबंधन पर लिखा गया है,जो खासकर विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर लिखा गया है।इसे पढ़कर भी आप समय-प्रबंधन की कला सीख सकते हैं।
  • यदि आप अपने समय का प्रबंधन करने में कुशल नहीं है तो यकीन मानिए आप कितने भी मेधावी और प्रतिभावान हो,आपकी प्रतिभा और मेधा का सही उपयोग नहीं हो पाएगा,इसलिए समय-प्रबंधन की कला सीखें।आप अपनी परीक्षा की तैयारी को पूर्णता तक तभी पहुंचा सकते हैं जब आप समय-प्रबंधन करना सीखेंगे।
  • शिक्षा संस्थानों में जो भी रैंकिंग टेस्ट या अन्य टेस्ट लिए जाते हैं उनमें अपनी कमजोरी को पहचाने और सुधार करते रहें।यदि आप सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं तो भी घबराने या चिंता करने की बिलकुल जरुरत नहीं है आप स्वयं मॉडल पेपर,माॅक टेस्ट देकर अपनी कमजोरियों का पता लगा सकते हैं और समय रहते उन्हें दूर कर सकते हैं।
  • सोशल मीडिया पर सर्फिंग करने से बचे,ऑनलाइन टूल्स,वेबसाइट्स,वीडियो आदि का तभी उपयोग करें जबकि वह आपके कोर्स से,पढ़ाई से संबंधित है अन्यथा अनावश्यक समय बर्बाद होगा और आप परेशान हो जाएंगे कि आपका कोर्स तो पूरा हुआ ही नहीं है।हमारा मन पर नियंत्रण नहीं होगा तो यह (मन) हमें बेलगाम घोड़े की तरह इधर-उधर दौड़ाता रहेगा।हमें पता ही नहीं चलेगा कि हमारा इतना समय कैसे,कब खत्म हो गया।समय गुजरने के बाद पश्चाताप करने से कोई लाभ नहीं है।

5.परीक्षा के प्रारूप के अनुसार तैयारी करें (Prepare according to the format of the exam):

  • एक बार कोर्स पूरा करने के बाद परीक्षा के प्रारूप के अनुसार प्रश्नों व सवालों को हल करें।परीक्षा के प्रारूप में एमसीक्यू (MCQ) टाइप प्रश्न,रिक्त स्थानों की पूर्ति वाले प्रश्न,लघुत्तरात्मक प्रश्न और निबन्धात्मक प्रश्न या सवाल आते हैं।कोर्स पूरा होने और नोट्स तैयार होने के बाद इसी प्रारूप के अनुसार तैयारी करें।अक्सर विद्यार्थी विवरणात्मक रूप से थ्योरी को पढ़ते रहते हैं जिससे परीक्षा में उन्हें उक्त प्रकार के प्रश्नों को हल करने में परेशानी का अनुभव करना पड़ता है।
  • नोट्स इसलिए तैयार किए जाते हैं ताकि सिलेबस का रिवीजन नोट्स के द्वारा किया जा सके।साथ ही आप मॉक टेस्ट देते हैं,मॉडल पेपर्स हल करते हैं तो जहां पर कठिनाई महसूस होती है,उस कठिन टॉपिक की थ्योरी नोट्स के जरिए पढ़ सकें,समझ सकें और याद कर सकें।इस प्रकार टेस्ट,मॉडल पेपर्स और नोट्स के जरिए आप परीक्षा के प्रारूप वाले प्रश्न-पत्र को निर्धारित समय में हल करने का अभ्यास कर सकते हैं।
  • यदि किसी टॉपिक से संबंधित किसी भी तरह की परेशानी का अनुभव करते हैं,बार-बार प्रयास करने पर भी उसका समाधान नहीं हो पा रहा है,समझ में नहीं आ रहा है तो अपने मित्रों,सहपाठियों,शिक्षकों से पूछने में बिल्कुल भी संकोच न करें।जो-जो परेशानी अनुभव करते हैं,उसे नोट कर लें।मसलन आपको प्राचल,स्वेच्छ चर आदि का अर्थ पता नहीं है तो उन्हें नोट कर लें और उनका अर्थ पूछे।कोई टॉपिक या डेरिवेशन समझ में नहीं आ रहा है तो स्वयं पढ़कर जाएं और फिर पूछे।जहां कहीं पर संशय हो उनको स्पष्ट कर लेना जरूरी है,इस समय आपके पास समय है,परीक्षा के निकट हड़बड़ाहट में कोई समझाता है तो भी समझ में नहीं आता है।

6.कठिन टॉपिक को ज्यादा समय दें (Give more time to difficult topics):

  • कठिन विषय या कठिन टॉपिक को अधिक समय देकर तैयार करें।अक्सर विद्यार्थी को कठिन विषय समझ में नहीं आता है तो सरल विषयों की तैयारी तो अच्छी तरह कर लेते हैं और कठिन विषय छूट जाता है।परीक्षा में उनके पास होने के लाले पड़ जाते हैं,इससे तनाव पैदा होता है और तनाव से अन्य विषयों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है,आप इन्हें भी भूलने लगते हैं।इसका अर्थ यह भी नहीं है कि सरल विषय या सरल टॉपिक को समय न दें।
  • हर विषय को समय दें और कठिन विषय को अधिक समय देकर तैयार करें।एक बार पढ़ने से समझ में नहीं आता है तो बार-बार रिवीजन करें और मॉक टेस्ट दें। जितनी बार आप रिवीजन करें,उतना ही वह कठिन टॉपिक समझ में आता जाएगा।दरअसल शुरू से ही हम कुछ टॉपिक की अनदेखी करते रहते हैं और बोर्ड परीक्षा में आकर बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
  • मसलन कोई विद्यार्थी विज्ञान को शुरू से नहीं पढ़ता है या कम पढ़ता है तो नवी कक्षा तक तो बिना ब्रेक के आपको उत्तीर्ण कर दिया जाता है।बोर्ड में दसवीं और 12वीं में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।होना तो यह चाहिए कि शुरू से ही सभी विषयों को बराबर वेटेज देकर पढ़ें और तैयारी करें ताकि बोर्ड की परीक्षा में कमजोरी महसूस ना हो।परंतु अब तक ध्यान नहीं दिया है तो अब बोर्ड की परीक्षा में ऐसे टॉपिक या विषय को तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।कड़ी मेहनत करने से घबराए नहीं,बल्कि साहस,धैर्य के साथ,आत्मविश्वास के साथ उसे तैयार करें।

7.चित्र भी बनाएं (Also create a figure):

  • गणित,विज्ञान जैसे विषयों में चित्र भी बनाएं।नोट्स बनाते समय भी यथा आवश्यक चित्र बनाएं।कई बार प्रश्न में भी चित्र बनाने के लिए कहा जाता है।परंतु यदि ऐसा कहा भी नहीं गया है तो भी यदि किसी प्रश्न या सवाल में चित्र बनाना जरूरी हो तो बनाना चाहिए।चित्र बनाने से आपके उत्तर प्रभावी जान पड़ते हैं,परीक्षक विशेष रूप से प्रभावित होता है।अतः अभी से चित्र बनाने की चेष्टा करें।
  • यदि कहीं पर सारणी बनानी हो तो सारणी भी बनानी चाहिए।चित्र,रेखाचित्र,सारणी,मॉडल,चार्ट,ग्राफ वगैराह का एक विशिष्ट प्रभाव पड़ता है,प्रश्न का उत्तर जीवंत नजर आने लगता है।चित्र के द्वारा आप अपने उत्तर को ठीक तरह से समझा पाते हैं।उत्तर की एक-एक चीज सजीव हो उठती है।बिना चित्र के उत्तर निर्जीव-सा जान पड़ता है।लेकिन इसका यह भी मतलब नहीं है कि जहां चित्र जरूरी नहीं है वहाँ भी अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए चित्र को ठूँस दें।प्रश्न का उत्तर देते समय यदि हैडिंग,शीर्षक,उपशीर्षक भी लिखें तो उत्तर रोचक लगने लगता है।परीक्षक ऐसे प्रश्न के उत्तर को रुचिपूर्वक पढ़ता है।

8.कक्षा में पढ़ते समय झिझके नहीं (Don’t hesitate when studying in class):

  • कई विद्यार्थी शिक्षक से या अपने मित्रों से कोई प्रश्न या समस्या को पूछने से झिझकते हैं।वे ऐसा सोचते हैं कि इतना सरल सवाल या प्रश्न पूछने से उसकी हंसी उड़ाई जाएगी।याद रखें यदि आप कक्षा में एक बार हंसी के पात्र बन जाते हैं तो आपका जीवन चमक उठेगा।यदि आप पूछने में झिझकेंगे,समस्या का समाधान नहीं प्राप्त करेंगे तो पूरे जीवन भर आप हंसी के पात्र बन जाएंगे।दूसरों के द्वारा की गई आलोचना,हंसी उड़ाना,फब्तियाँ कसने को सुनने के बजाय बहरे बन जाइए।आपकी जो भी प्रॉब्लम्स है,जहां भी आप कठिनाई महसूस करते हैं,उसे पूछिए।एक बार पूछने से समझ में नहीं आता है तो दुबारा पूछिए और ध्यान देकर सुने,समझें।अपने अंदर अंतर्निहित योग्यता,गुणों को उभारने का यही तो मौका है और इस मौके का भी आप फायदा नहीं उठाएंगे तो आपकी प्रतिभा सोई पड़ी रह जाएगी।
  • अपनी प्रतिभा को विकसित न करने के लिए और कोई जिम्मेदार नहीं है बल्कि आप स्वयं है।यदि शिक्षक या आपका सहपाठी कोई प्रश्न या सवाल पूछता है तो झिझके नहीं,जो भी टूटा-फूटा आपको उत्तर आता है,वही दीजिए।धीरे-धीरे आपका डर खत्म हो जाएगा।आपमें आत्मविश्वास पैदा होगा अन्यथा आप एक दब्बू,डरपोक किस्म के बन जाएंगे।शुरू-शुरू में संकोच,झिझक होती है,लेकिन धीरे-धीरे बोलने,पूछने,समझने से यह झिझक खत्म हो जाएगी।आपका व्यक्तित्व निखरेगा,चरित्र उज्जवल बनेगा। आपकी विषय पर पकड़ मजबूत होती जाएगी।आपकी किसी भी विषय में कमजोरी धीरे-धीरे खत्म होती जाएगी।बहुत से विद्यार्थी झिझक के कारण ही पिछड़ते चले जाते है।आप आगे बढ़ते जाएंगे और आपके अंदर आत्मविश्वास की वृद्धि होती जाएगी।आप सक्रिय और सजग होंगे।किसी भी प्रश्न का जवाब देने में आत्मविश्वास और सक्रियता तथा सजगता की बहुत बड़ी भूमिका होती है।एक बार शुरुआत करने की जरूरत है फिर आगे बढ़ते जाएंगे।

9.सकारात्मक सोच रखें (Keep a positive mindset):

  • मन में नकारात्मकता को प्रश्रय न दें।नकारात्मकता हमारी मेहनत पर पानी फेर देती है।जितनी मेहनत करते हैं,जितना कुछ याद करते हैं उन सबको मटियामेट कर देती है।सकारात्मकता से हम आगे बढ़ते हैं,हमारी ऊर्जा एकजुट रहती है और एकजुट ऊर्जा से हम अध्ययन को बेहतरीन तरीके से कर पाते हैं।परीक्षा में कठिन प्रश्न-पत्र भी आ गया हो तो घबराना नहीं चाहिए।सकारात्मकता और आत्मविश्वास के द्वारा एक-एक सवाल को हल करते हुए आगे बढ़ते जाते हैं तो धीरे-धीरे आप देखेंगे कि अधिकांश प्रश्नों या सवालों को हल कर लेते हैं।जबकि कठिन प्रश्न-पत्र में नकारात्मकता हमारी ऐसी हालत कर देती है कि जो कुछ याद है उसे भी भूल जाते हैं।
  • अतः परीक्षा के समय ही नहीं बल्कि अभी से सकारात्मक सोच के साथ अध्ययन करें।आपके कठिन टॉपिक,कठिन विषय भी धीरे-धीरे हल होने लगेंगे। अर्धवार्षिक,प्रीबोर्ड,रैंकिंग टेस्ट को भी बोर्ड परीक्षा की तरह मान कर देना चाहिए ताकि आपको अपनी सही परफॉर्मेंस का पता चल सके।अपनी ताकत और कमजोरी का पता चल सके।एक-एक कदम चलते हुए हम आगे बढ़ते हैं तो मंजिल को प्राप्त कर लेते हैं।यदि तेरह पाठ हों और आपने पांच पाठ तैयार कर लिए हों तो नकारात्मक विद्यार्थी सोचता है कि अभी आठ पाठ याद करने और रह गए,मैं इनको कैसे याद कर पाऊंगा।जबकि सकारात्मक सोच वाला विद्यार्थी देखता है कि पांच पाठ तैयार कर लिए हैं,जिस प्रकार पांच पाठ याद किये हैं उसी तरह अन्य पाठ भी मैं याद कर लूंगा।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में बोर्ड परीक्षा की तैयारी की 9 तकनीक (9 Techniques of Board Exam Preparation),बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक कैसे हासिल करें? (How to Score Good Marks in Board Exam?) के बारे में बताया गया है।

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10.बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक हासिल (हास्य-व्यंग्य) (Score Well in Board Exam) (Humour-Satire):

  • पुलिस इंस्पेक्टर (रोहन से):तुमने इतने विद्यार्थियों के बीच और परीक्षक के होते हुए सारे के सारे प्रश्नों के उत्तरों की नकल कैसे कर ली।
  • रोहनःमैंने नकल नहीं की,बल्कि परीक्षक महोदय खुद मुझे सारे प्रश्नों के उत्तरों की नकल की पर्ची देकर चले गए,मैं क्या करता है,मुझे मजबूर होकर नकल करनी पड़ी।इंस्पेक्टर साहब वरना मेरा नकल करने का बिल्कुल इरादा नहीं था।

11.बोर्ड परीक्षा की तैयारी की 9 तकनीक (Frequently Asked Questions Related to 9 Techniques of Board Exam Preparation),बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक कैसे हासिल करें? (How to Score Good Marks in Board Exam?) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नः

प्रश्न:1.क्या मित्र के साथ पढ़ना उचित है? (Is it worth reading with a friend?):

उत्तर:मित्र के साथ पढ़ना तभी उचित है जबकि वह भी पढ़ने के प्रति जागरूक हो।आपस में डिस्कस करने से अनेक समस्याओं,गुत्थियों का समाधान हो जाता है।लेकिन यदि मित्र बातूनी हो,पढ़ाई के प्रति गंभीर नहीं हो तो ग्रुप स्टडी जी का जंजाल बन जाती है।

प्रश्न:2.समस्याओं को मित्र के साथ कैसे हल करें? (How to solve problems with a friend?):

उत्तर:किसी भी टॉपिक या प्रश्नावली को पूरा पढ़ें और उसमें जो भी समस्या हो,उसे नोट कर लें,इसके बाद उन बिंदुओं पर डिस्कस करें।

प्रश्न:3.परीक्षा के लिए और क्या ध्यान रखें? (What else to keep in mind to prepare for the exam?):

उत्तर:उत्साह बनाएं रखें,हतोत्साहित न हों,रुचिपूर्वक और पूरी निष्ठा तथा समर्पण के साथ परीक्षा की तैयारी के लिए अभी से जुट जाएं।हार न माने,आगे बढ़ते रहें,रास्ता खुद-ब-खुद तैयार होता जाएगा।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा बोर्ड परीक्षा की तैयारी की 9 तकनीक (9 Techniques of Board Exam Preparation),बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक कैसे हासिल करें? (How to Score Good Marks in Board Exam?) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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