Menu

4 Tips for Youth to Look Beautiful

Contents hide

1.युवाओं के लिए सुंदर दिखने की 4 टिप्स (4 Tips for Youth to Look Beautiful),व्यक्तित्व विकास के लिए सुन्दर कैसे दिखें? (How to Look Beautiful for Personality Development?):

  • युवाओं के लिए सुंदर दिखने की 4 टिप्स (4 Tips for Youth to Look Beautiful) के आधार पर आप जानेंगे कि वास्तव में सुंदर कैसे दिखा जा सकता है? क्या शारीरिक सुंदरता को ही सुंदर होने का मापदंड मान लिया जाए या इसके अलावा भी सुंदर दिखने में शामिल है।
  • वस्तुतः आज के प्रतियोगिता के युग में छात्र-छात्राओं,अभ्यर्थियों को जाॅब या नौकरी प्राप्त करने के लिए इंटरव्यू से गुजरना होता है।
    अतः यदि आप वाकई में सुंदर हैं तो आपके व्यक्तित्व में चार चांद लग जाएंगे।तो आइए जानते हैं कि सुंदरता के क्या मायने हैं,सुंदर कैसे दिखे,सुंदरता में क्या-क्या शामिल हैं।
  • आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के आर्टिकल को शेयर करें।यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार आए हैं तो वेबसाइट को फॉलो करें और ईमेल सब्सक्रिप्शन को भी फॉलो करें।जिससे नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन आपको मिल सके।यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए।आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं।इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

Also Read This Article:Introduction to The beauty of mathematics is not obvious but we can make it so

2.सुंदरता का क्या मायने है? (What does beauty mean?):

  • आकर्षण का सीधा संबंध सुंदरता से होता है।जब हम कोई सुंदर सा फूल या और कोई भी वस्तु जो सुंदर हो,देखते हैं तो हमारा ध्यान बरबस ही उस ओर आकर्षित हो जाता है।बस या ट्रेन में सफर करते या राह चलते प्रायः हर पुरुष को कभी-कभी ऐसी लड़की या स्त्री दिख जाती है जो विलक्षण सौन्दर्य की स्वामिनी होती है और तब पुरुष के मन में अनायास ही यह ख्याल आ जाता है कि….. ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा…… जैसे खिलता गुलाब’ या इसी तरह के अन्य ख्याल।मनुष्य का सहज स्वभाव कहिए कि वह सुंदरता से ही प्रभावित होता है,असुंदरता से नहीं।ढूंढने से शायद ही ऐसे लोग मिलें जो कुरूप से प्यार करते हों।
  • लेकिन सवाल है कि आखिर सुंदर कहते किसे हैं? क्या जो ऊपर से सुंदर दिखे उसे? नहीं।यह जरूरी नहीं कि जो ऊपर से सुंदर दिखे,वह भीतर से भी सुंदर हो।आज के आधुनिक युग में सौंदर्य प्रसाधनों का प्रयोग कर कुरूप भी सुंदर दिखते हैं।कौन चाहता है कि वह सुंदर न दिखे या उसका व्यक्तित्व प्रभावशाली ना हो? सुंदर दिखने के लिए व्यक्ति हर संभव प्रयास करता है।वह चाहता है कि घर और बाहर सभी उसकी सुंदरता की,उसके व्यक्तित्व की तारीफ करें।लोग जब किसी को प्रशंसा की दृष्टि से देखते हैं या किसी की प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से तारीफ करते हैं तो वह व्यक्ति फूला नहीं समाता है।
  • आज सुंदर या आकर्षक दिखने की कोशिश में कृत्रिम साधनों का प्रयोग बढ़ता ही जा रहा है।लेकिन इस तरह के उपाय क्षणिक लाभ ही पहुंचाते हैं।दरअसल अपनी सुंदरता और अपने व्यक्तित्व से वास्तविक प्रभाव उत्पन्न करने और दूसरों पर स्थायी प्रभाव डालने के लिए व्यक्ति को अपने भीतर ही सहज कर नैसर्गिक गुणों का विकास करना चाहिए।
  • कुछ लोग बेहद सुंदर और स्मार्ट तो होते हैं,लेकिन उनके बात करने,चलने,उठने-बैठने,खाने-पीने का असभ्य ढंग उनकी सारी सुंदरता पर पानी फेर देता है।सामने वाला प्रथम दृष्टया उसकी शारीरिक सुंदरता से प्रभावित होकर जब उसके निकट आता है,तब उसे असलियत का ज्ञान होता है और उस तथाकथित सुंदरता से घृणा सी हो जाती है।सही मायने में सुंदर वही होता है,जिसके भीतर समाज को प्रभावित करने वाले सभी गुण होते हैं।एक सामान्य शक्ल-सूरत का व्यक्ति भी अपने अंदर इन गुणों का विकास कर सबकी प्रशंसा का पात्र बन सकता है।
  • लेकिन एक उत्सुकता सभी के अंदर इस बात को लेकर होगी कि आखिर इन गुणों का विकास कैसे किया जाए? इस दिशा में हम आपकी कुछ सहायता इस आलेख द्वारा कर रहे हैं,बाकी आपके ऊपर है कि आप अपने को निखारने में स्वयं अपनी कितनी मदद करते हैं?

3.सुन्दरता में समाहित किन गुणों का विकास करें? (What qualities should you develop in beauty?):

  • व्यक्ति की पहली पहचान उसकी पोशाक और उसकी बोली से होती है।गंदे अस्त-व्यस्त,मैले-कुचले कपड़ों,बढ़ी हुई दाढ़ी-मूँछ में व्यक्ति सर्वत्र उपेक्षा का शिकार बनता है।लेकिन स्वच्छ शरीर पर अच्छी तरह साफ किए हुए कपड़े,छोटे बाल तथा हजामत किया हुआ व्यक्ति सभी समाजों में स्वीकार्य होता है।कुछ लोगों की यह धारणा होती है कि बढ़ी हुई दाढ़ी,पान की पीक,बेतरतीब कपड़े आदि ही बुद्धिजीवी की पहचान होते हैं,लेकिन यह सरासर गलत है।दूसरों को रास्ता सुजाने वाला बुद्धिजीवी यदि उक्त वेश में रहता है तो उसकी विद्वता में कहीं ना कहीं खोट जरूर है।
  • हां,यह और बात है कि कुछ जुनूनी बुद्धिजीवियों को पढ़ने या अपने काम से इतनी फुर्सत ही नहीं मिल पाती कि वह अपने शरीर के रख-रखाव पर ध्यान दे सकें।वैसे ऐसे शख्स को अपने व्यक्तित्व से किसी को प्रभावित करने की परवाह भी नहीं होती।लेकिन आज की सामाजिक संरचना और व्यवसायगत जरूरतों के माहौल में उस तरह के बुद्धिजीवी इक्के-दुक्के ही हो सकते हैं।व्यक्ति यदि किसी के सम्मुख विनम्र,तर्कपूर्ण प्रभावशाली ढंग से अपनी बात रखता है तो सामने वाला उससे अवश्य प्रभावित होता है।बैसिर-पैर की और झूठी बात करके कुछ समय के लिए सामने वाले को गुमराह किया जा सकता है,लेकिन एक समय बाद जब पोल खुल जाती है तो फिर झूठा व्यक्ति मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहता।कुछ लोग पैसे,पद या किसी अन्य कारण से इतने अहम् वाले हो जाते हैं कि वे किसी से सीधे मुंह बात तक नहीं करते,और यदि करते भी हैं तो अपने आगे किसी को कुछ समझते ही नहीं।यह झूठी शान व्यक्ति के प्रभाव में न केवल कमी लाती है,बल्कि उसे समाज से भी दूर करती है।
  • विश्व में जितने भी सफल और महान व्यक्ति हुए हैं,वे प्रायः सभी मृदुभाषी थे।इसलिए कठोर या अशिष्ट ढंग  से बोलने की बजाय शिष्ट और मृदु वाणी बोलकर ही अपनी वाणी में प्रभाव उत्पन्न किया जा सकता है।क्रोध भी व्यक्तित्व की सुंदरता को काफी हद तक कम करता है।बात-बात में क्रोध करना और क्रोध में ऊलजुलूल बात करना शोभा नहीं देता।क्रोध से किसी भी समस्या का निदान भी नहीं होता।क्रोध से बचना और धैर्य के साथ परिस्थितियों का सामना करना अंततः व्यक्तित्व में ही चार चांद लगाता है।
  • शिष्ट आचरण यानी शिष्टाचार भी प्रभावशाली व्यक्तित्व का अंग होता है।इसके लिए यह फर्क करना जरूरी होता है कि कौन छोटा है और कौन बड़ा।दूसरे का पर्याप्त सम्मान करके उसकी नजर में अपने को ऊपर उठाया जा सकता है।शिष्टाचार में उचित संबोधन भी शामिल होता है।जब किसी बुजुर्ग,पद या रिश्ते में बड़े से बात कर रहे हों तो ‘तुम’ कह कर कभी नहीं बात करनी चाहिए,उन्हें हमेशा ‘आप’ कहकर ही संबोधित करना चाहिए।बड़े जो कुछ कहें,उन्हें धैर्य के साथ सुनना और उस पर अमल करना चाहिए।उनसे बहस करना अशिष्टता कहलाता है।

4.सुंदर दिखने के लिए बनावटीपन से दूर रहें (Stay away from artificiality to look beautiful):

  • बातचीत करते समय मुख को उच्चारण के अनुसार ही खोलना चाहिए,अनावश्यक रूप से मुख का छोटा या बड़ा करना या टेढ़ा करके बात करना तथाकथित आधुनिक फैशन का उदाहरण तो हो सकता है,पर शिष्टता का नहीं।आज केवल टीवी और सिनेमा के प्रभाव में अनावश्यक उछल-कूद को युवा पीढ़ी तेजी से अपनाकर अपनी संस्कृति व संस्कारों से पदच्युत हो रही है।तरह-तरह की स्टाइल मारकर दूसरों को अपनी तरफ आकर्षित किया जा सकता है,लेकिन जरूरी नहीं कि इस आकर्षण में प्रशंसा भाव भी हो।उठने-बैठने और चलने-फिरने का अंदाज भी यह बताता है कि आप कितने परिपक्व,परिष्कृत और शिष्ट हैं।
  • अगर आप बिना किसी बनावट या असामान्यता के सहज ढंग से इन गतिविधियों को संचालित करते हैं,तो यह तय है कि आपका व्यक्तित्व प्रभावशाली ही होगा।कुछ उठते-बैठते या खड़े होकर बात करते समय भी स्थिर न रहकर हिलते रहते हैं,नाक-कान या कहीं और अनावश्यक रूप से खुजलाते रहते हैं,जो धीरे-धीरे उनकी आदत में शुमार हो जाता है।लेकिन ऐसी आदतें व्यक्ति की छवि को ही खराब करती हैं,उसके प्रति अच्छी धारणा कतई नहीं उत्पन्न हो पाती।
  • कुछ लोगों के खाने-पीने का ढंग भी बड़ा अजीबोगरीब होता है।खाने-पीने की चीज सामने देखकर दूसरे लोगों की परवाह किए बिना वे उस पर टूट पड़ते हैं और उन खाद्य पदार्थों को इस तरह मुंह में ठूंसने लगते हैं जैसे कि उन्होंने कुछ खाया ही नहीं हो।यह नितांत असमाजिक व पशुवत तरीका है।हर व्यक्ति अपने पेट के मुताबिक ही भोजन करता है।ऐसे पेटू लोग कम ही होते हैं जो यह सोचकर खाद्य पदार्थ भकोसते हैं कि जो सामने है उसे जितना हो सके खा लो,पता नहीं यह फिर मिलेगा या नहीं या फिर ऐसा ना हो कि उसका पेट भरने या मन भर खाने से दूसरे लोग उसे हजम कर जाएं।खाना परोसते और खाते समय शिष्टता और मर्यादा का पूरा ध्यान रखना चाहिए और पहले दूसरे से आग्रह करना चाहिए।
  • अच्छे और सुंदर व्यक्तित्व का मालिक बनने के लिए उक्त बिन्दुओं के अलावा कुछ और भी बातें हैं,जिन पर अमल करना चाहिए।नियमित रूप से व्यायाम और योगासन करने से शरीर और निखर जाता है।समय पर जगना,सोना,भोजन,गरिष्ठ भोजन से परहेज,चिंता और तनाव से मुक्ति आदि भी व्यक्तित्व को सुंदर बनाने में सहायक हो सकते हैं।चिंता या तनाव की झलक चेहरे पर साफ प्रकट हो जाती है,जिससे चेहरा मुरझाया सा लगता है।काम नियत समय पर और नियमित तरीके से किये जाएं तो कोई कारण नहीं की व्यक्ति को उनका लाभ न मिले।ऊपर जिन बातों पर विचार किया गया है,यदि उन पर अमल व्यावहारिक जीवन में भी किया जाए तो निश्चित ही व्यक्ति सही मायने में भीतर और बाहर दोनों तरफ से सुंदर हो सकता है।यह बात अपने दिलों-दिमाग से पूरी तरह निकाल दें कि व्यक्तित्व में प्रभाव उत्पन्न करने के लिए सुंदर शरीर का स्वामी होना आवश्यक होता है।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में युवाओं के लिए सुंदर दिखने की 4 टिप्स (4 Tips for Youth to Look Beautiful),व्यक्तित्व विकास के लिए सुन्दर कैसे दिखें? (How to Look Beautiful for Personality Development?) के बारे में बताया गया है।

Also Read This Article:Mathematics is as beautiful as art

5.गणित व नोटबुक की हालत (हास्य-व्यंग्य) (Mathematics Book and Notebook) (Humour-Satire):

  • प्रवीण कोचिंग में फटी हुई,गंदी गणित पुस्तक और नोटबुक लेकर आता है।
  • गणित शिक्षक:घर जाओ और अपनी गणित पुस्तक और नोटबुक बदलकर आओ।
  • प्रवीण:कोई फायदा नहीं,घर में भी दूसरी गणित पुस्तक और नोटबुक की यही हालत है।हमारे आसपास बंदर बहुत हैं जो इन पुस्तकों को फाड़ देते हैं और इनको गन्दी कर देते हैं।कोई भी वस्तु सही सलामत नहीं हैं।

6.युवाओं के लिए सुंदर दिखने की 4 टिप्स (4 Tips for Youth to Look Beautiful),व्यक्तित्व विकास के लिए सुन्दर कैसे दिखें? (How to Look Beautiful for Personality Development?) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.सौंदर्य की परिभाषा दीजिए। (Define beauty):

उत्तर:सौंदर्य वह चीज है जिसकी परिभाषा नहीं हो सकती,व्याख्या या निरूपण नहीं हो सकता,जो युवावर्ग की सृजनात्मकता को आनंद का स्रोत बना देता है और जो नैतिक अच्छाई से जुदा वस्तु है।

प्रश्न:2.देह का अभियान क्यों नहीं करना चाहिए? (Why should we not be proud of the body?):

उत्तर:शरीर क्षणभंगुर है।इसे रोग,बुढ़ापा और मृत्यु रूपी शत्रुओं ने बुरी तरह घेर रखा है।शरीर मिट्टी के कच्चे घड़े के समान क्षणभंगुर है।इस शरीर को कितना ही सजाये,सँवारें पर एक न एक दिन मृत्यु रूपी पाश के फंदे में यह फंस ही जाता है।इसे मृत्यु के बाद जला दिया जाता है।अतः अपने आंतरिक गुणों के विकास की तरफ ध्यान देना चाहिए।आंतरिक गुणों के आधार पर ही शरीर व शरीर की सुंदरता शोभा देती है।आंतरिक गुणों के विकास के बिना उसका असली सौंदर्य नहीं निखरता है।इसका अर्थ यह नहीं है कि शरीर को साफ-सुथरा तथा स्वच्छ एवं स्वस्थ नहीं रखना चाहिए।

प्रश्न:3.आंतरिक गुणों में सबसे प्रमुख कौनसा है? (Which is the most important of the inner qualities?):

उत्तर:ज्ञान शक्ति है।ज्ञान से मनुष्य उन्नत होता है।ज्ञान से मनुष्य आंतरिक दोषों से मुक्त हो जाता है।व्यक्ति तथा छात्र-छात्राओं में सभी गुण ज्ञान (विवेक) से विकसित होते हैं,जैसे सोने में जड़ा हुआ रत्न अत्यंत सुंदर दिखाई देता है।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा युवाओं के लिए सुंदर दिखने की 4 टिप्स (4 Tips for Youth to Look Beautiful),व्यक्तित्व विकास के लिए सुन्दर कैसे दिखें? (How to Look Beautiful for Personality Development?) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
No. Social Media Url
1. Facebook click here
2. you tube click here
3. Instagram click here
4. Linkedin click here
5. Facebook Page click here
6. Twitter click here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *